जैसे भी निकले पर,धड़ल्ले से निकले
हम इश्क़ के ख़ादिम ज़रा बल्ले से निकले
रंगीन शब्दों के गुब्बारे, मेरे गल्ले से निकले
जो बनते थे अपने को गज़ब झल्ले से निकले
अब के जो चढ़ा है रंग, बनके छल्ले से निकले
जिन्होंने ये पोता है रंग लल्ले से निकले
होली के रंग, भंग, तरंग पल्ले से निकले
लाल रंग पींको का भर गल्लों से निकले
जम के रंग लगाओ कोई बच के ना निकले
होली है होली मनाओ धूम मचाओ...
बहुत बहुत शुभकामनायें
जम के रंग लगाओ कोई बच के ना निकले :)
जवाब देंहटाएंहोली है होली मनाओ धूम मचाओ...
होली की बहुत बहुत शुभकामनायें ....
Happy holi...बहुत सुन्दर।।
जवाब देंहटाएंपधारें कैसे खेलूं तुम बिन होली पिया...
होली का ये हुल्लड़ भी सराहनीय है। होली की शुभकामनाएं वर्षभर बरसती रहें आप और आपके परिवारीजनों, मित्रजनों पर।
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