तरुण का बाजा बज गया
याड़ी अपना सज गया
ना ना करते धंस गया
शादी के फेर में फंस गया
दोस्त अपना है वकील
कहते जिसे अड़ंगा कील
घोड़ी कल चढ़ गया यार
घर ले आया अपना प्यार
महफ़िल भी जमी थी ख़ूब
नाच नाच डीजे पर कूद
हाथ पैर सब खूब चलाये
हम स्वराजी शादी में छाए
मनोज भाई हाईलाइट थे
अनशेवड डिलाइट थे
नाच नाच हुडदंग मचाये
मना करत वोडका चढ़ाये
यार अपने मनमौजी हैं
स्वराजी सब फ़ौजी हैं
सजे धजे दूल्हा बन आए
जलवे सबने खूब दिखाए
दिल से दुआ करते हैं यार
हर दिन तेरा हो त्यौहार
मिले ताउम्र सभी का प्यार
'निर्जन' कहता जी खुल के यार
--- तुषार राज रस्तोगी ---

 
 











