ज़िन्दगी से एक मुलाक़ात
बढ़ी गुफ्तगू की सौगात
कैसे सुबह से शाम हो गई
दिल की बातें आम हो गईं
जादू झप्पी से हुआ आगाज़
कितना सुन्दर रहा रिवाज़
शब्दों को भी पकड़ जकड़
दिए उलाहने अगर मगर
सवालात कुछ आम हुए
मियां मुफ्त सरनाम हुए
कुछ तस्वीरें कुछ तकरीरें
मिल बांटी हाथों की लकीरें
थोड़ी खुशियाँ थोड़े ग़म
सांझे किये कर आँखें नम
फिर आगे ये गज़र चली
कुदरत संग ये जा मिली
नदी, फूल, तितली के रंग
साथ खिले बातों के संग
गपियाने के जब दौर चले
जाने किस किस ओर चले
विचार, सुन्दरता, आकर्षण
अनावरण, भावना, विकर्षण
कर जीवंत आत्मा का मंथन
क्या खूब किया था विश्लेषण
हृदय द्वार जब खोल दिये
अस्तित्व शब्दों में बोल दिये
उन अपनेपन की बातों ने
जीवन में नवरस घोल दिए
द्रुतवाह अग्नि का खेल हुआ
बौद्धिक क्षमता का मेल हुआ
एक पड़ाव फिर ऐसा आया
पकवानों को सम्मुख पाया
शौक़ भोजन व्यंजन का
हृदय क्षुधा संबद्ध दर्शाया
हंसी ठीठोली खूब रहीं
कवितायेँ भी खूब कहीं
धारावाहिक, फिल्में, गाने
चर्चा इन पर ख़ास हुई
माज़ी से चुनकर लम्हात
शरीक हुए अब जज़्बात
वाह वाही भी खूब कही
ऐसे ही सारी शाम बही
वक़्त बिछड़ने का आया
दिल अपना मुंह को लाया
लम्हा काश ये थम जाता
जीवन यूँ ही चल पाता
कब होता है ऐसा यार
जाना लाज़मी उस पार
हाथ छुड़ा निमिष का
मिलने का वादा कर
निश्चल मन हुए जुदा
बिछडन के लम्हे पर
दागा गया कड़ा गोला
सवाल था बड़ा भोला
दिन पूरा कैसा गुज़रा ?
शब्दों में बतलाओ
भावनाओं को दर्शाओ
हमने कहा बतलायेंगे
हम भी कुछ जतलायेंगे
गौर थोडा फरमाएंगे
तब ही कुछ दिखलायेंगे
लो कहा दिनभर का सार
अब तुम करते रहो विचार
ज़िन्दगी से एक मुलाक़ात
दिन बना मेरा यह खास....
Bahut Sunder
जवाब देंहटाएंशुभप्रभात :))
जवाब देंहटाएंडायरी की धरोहर आन्नदित कर मन को भाई
गंभीरता चंचलता की सलोनी रंग बिखरी लगी
जिंदगी से मुलाकात की इन्द्रधनुषी छटा छाई
शुभकामनायें !!
अच्छी रचना है
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर
बढ़िया है ।
जवाब देंहटाएंखूबसूरत है जिंदगी से मुलाकात !
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति |
जवाब देंहटाएंआभार आदरणीय-
बहुत सुन्दर दिल से लिखी हुई दिल तक पहुँचती हुई रचना ....जिंदगी से मुलाकात मुझे तो ये शीर्षक ही मन को बहुत भा गया ..ऐसा लगा कविता पढ़ के जैसे अभी नदी पहाड़ बाग़ बगीचे ..खान पान ..बारिश का आनंद ..सब यही मिल गया हो ....बहुत भावपूर्ण लेखन ..ईश्वर ऐसे ही तुमपे अपना आशीर्वाद बनाये रखे और जिंदगी यु ही हंसती खिलखिलाती रहे :-)
जवाब देंहटाएंशुक्रिया वंदना
जवाब देंहटाएंwaah badhiya laga jindgi se mulakat ka kissa .....
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जवाब देंहटाएंजिंदगी से मुलाकात ,एक दिन का हिसाब -बहुत अच्छा
latest postउड़ान
teeno kist eksath"अहम् का गुलाम "
बहुत खूब तुषार बाबू ... खूब छा रहे हो आजकल ... जय हो !
जवाब देंहटाएंआज की ब्लॉग बुलेटिन आम आदमी का अंतिम भोज - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंकलकल छलछल बहती प्रवाहमयी सुंदर शब्द-सरिता...
जवाब देंहटाएंरचना में सराहनीय प्रवाह है.
जवाब देंहटाएंशब्दों का सामंजस्य अनूठा है.
ऐसी रचना प्रस्तुत करने के लिए श्रद्धावान.
bahut sundar..
जवाब देंहटाएंवाह सुन्दर पोस्ट.........अच्छा लगा आपके ब्लॉग पर आकर।
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना
जवाब देंहटाएंयह मुलाकातबहुत हसीं है. सुंदर लेखन.
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति..
जवाब देंहटाएंZindagi se kareebi mulakat hai.....
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