मंगलवार, मार्च 12, 2013

शाद-ए-हबल्ब

फवाद-ए-फुर्सत की दुआ तू है 
अबसार-ए-मसरूर फरोग तू है  
देख तुझे दीदार-ए-दुनिया हासिल है 
शाइ तू जो दिलों जहाँ गाफ़िल है  
ख़ामोशी बयां करती अफ़साने है
लफ़्ज़ों में शामिल शोख नजराने हैं
जाकिर शोखियाँ तेरी तनहा रातों में 
क़माल जादू मयस्सर तेरे हाथों में 
घुंचालब कहते आलि-आलिम बातें 
याद है तुझसे आक़िबत वस्ल  
बहकी दिलकश मदहोश सियाह रातें 
उम्मीद-ए-फ़र्दा फ़कत तू है मेरी 
शाद-ए-हबल्ब तू ही है बस 
अब बज़्म-ए-यार में....

फवाद-ए-फुर्सत - स्वस्थ होते दिल / रिकवरिंग  हार्ट / recovering heart
अबसार - आँखें / आईज / eyes
मसरूर - आनन्दित / चीयर्फुल / cheerful
फरोग - रौशनी / लाइट / light
शाइ - गुम / लॉस्ट / lost
अफ़साने - किस्से / स्टोरीज / stories
शोख - शरारती / मिसचीविअस / mischevious
जाकिर - ख्याल करना / रेमेम्बेरिंग / remembering
शोखियाँ - शरारतें /  प्रैंक्स / pranks
मयस्सर -  मौजूद / अवेलेबल / available
घुंचालब - कली जैसे होठ / बड लिप्स / lips like bud  
आलि - अवर्णनीय / सबलाइम / sublime
आलिम - समझदार / इंटेलीजेंट / intelligent
आक़िबत - अंतिम / फाइनल / final
वस्ल - मुलाकातें / मीटिंग्स / meetings 
उम्मीद - आशा / एक्स्पेक्ट / expect 
फ़र्दा -  कल / टुमौरो / tomorrow
शाद - छाया / शैडो / shadow
हबल्ब - दोस्त / फ्रेंड / friend
बज़्म-ए-यार - दोस्तों के महफ़िल / ग्रुप ऑफ़ फ्रेंड्स / group of friends

16 टिप्‍पणियां:

  1. .बहुत सुन्दर भावनात्मक प्रस्तुति आभार तवलीन सिंह की रोटी बंद होने वाली है .महिलाओं के लिए एक नयी सौगात WOMAN ABOUT MAN

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  2. सुभानाल्लाह :)
    तजुर्बा दिख रहा .....
    मोअल्लिम की काबिलियत से नावाकिफ थी .....
    ख़ुदा हाफिज़ !!

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  3. अरबी फारसी के नए शब्दों से तार्रुफ़ करने के लिए शुक्रिया तुषार जी...

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  4. बहुत ही सुन्दर भावात्मक प्रस्तुती.

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  5. वाह बहुत सुंदर रचना----
    kathin hai bhai ji

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  6. sabse pehle itni sundar rachna ke liye badhai dun usse pehle dher saara shukriya iske word meaning likhne ke lye kyuki warna mai kabhi nahi samjh paati aapne kya likha hai...fir shabd ke arth se rachna padhi samjhi to pata chala ki beshkeemti tohfa aapne urdu aur paarsi lifafe mei lapet kar hum tak pahunchaya hai bahut bahut badhai :-)
    मेरी नई कविता Os ki boond: झांकते लोग...

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  7. वाह क्या खूब शायरी है ....कुछ नये लफ्जों से भी मुलाक़ात हुई ...आपका बहुत-बहुत शुक्रिया

    जवाब देंहटाएं
  8. वाह क्या खूब शायरी है ....कुछ नये लफ्जों से भी मुलाक़ात हुई ...आपका बहुत-बहुत शुक्रिया

    जवाब देंहटाएं
  9. कई नए शब्दों की जानकारी हो गई ...
    बहुत खूब ..

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  10. सुन्दर भाव-
    आभार भाई तुषार -

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  11. बहुत खूब, शब्द कठिन हैं समझना मुश्किल है. लेकिन जितना समझा अच्छा लगा

    नीरज 'नीर'

    मेरी नयी कविता
    KAVYA SUDHA (काव्य सुधा): अषाढ़ का कर्ज

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  12. वाह !!! बहुत सुंदर , कुछ नये शब्दों की जानकारी,,,

    Recent post: होरी नही सुहाय,

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