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शनिवार, फ़रवरी 14, 2015

मुझे इश्क़ है, तुम से















मुझे बेपनाह इश्क़ है, तुम से
मुझे सरोकार है बस, तुम से

मुझे इश्क़ है तेरी मीठी, बातों से
मुझे इश्क़ है तेरे कोमल, स्पर्श से

मुझे इश्क़ है तेरी मधुर, मुस्कान से 
मुझे इश्क़ है तेरे विचारमग्न, ह्रदय से

मुझे इश्क़ है तेरी असीमित, ख़ुशी से
मुझे इश्क़ है तेरे जीवन में, रूचि से

मुझे इश्क़ है तेरी पाक़, रूह से
मुझे इश्क़ है तेरे हर, कतरा-ए-लहू से

मुझे इश्क़ है तेरे, इश्क़-ए-जुनूं से
मुझे इश्क़ रहेगा तेरे, वफ़ा-ए-सुकूं से

मुझे इश्क़ है पूरे दिल से, तुम से
मुझे इश्क़ है हद-ए-दीवानगी तक, तुम से

मुझे इश्क़ है आग़ाज़ से, तुम से
मुझे इश्क़ रहेगा अंजाम तक, तुम से

मैं तेरे साथ हूँ हर पल, हर लम्हा
है अनंतकाल दूर अब, एक कदम से

मेरा जज़्बा-ए-इश्क़, बढ़ रहा है 
दिन-रात हैं मेरे, अब तुम से

तुम्हारे इश्क़ का यह, ख़ज़ाना
संजोता है 'निर्जन' आत्मा से, मन से

मेरी चाहतों में अरमां, हैं कितने
जताता रहूँगा यूँ ही मैं, तुम से

इतना ही कहूँगा अब मैं, तुम से
मुझे इश्क़ रहेगा सदा ही, तुम से

--- तुषार राज रस्तोगी ---