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शनिवार, मार्च 22, 2014

रात बाक़ी है अभी














रात बाक़ी है अभी
बात बाक़ी है अभी
ख़ामोशी में तेरी सनम
फ़रियाद बाक़ी है अभी
तेरी साँसों की गर्मी में
आग बाक़ी है अभी
फुसफुसाती आवाज़ में
जज़्बात बाक़ी है अभी
अलसाई इन आँखों में
ख्व़ाब बाक़ी है अभी
होठों की मुस्कान में
राज़ बाक़ी है अभी
तेरे दिल में थमे
अल्फाज़ बाक़ी हैं अभी

बातों के आगाज़ में
परवाज़ बाक़ी है अभी 
रात बाक़ी है अभी
बात बाक़ी है अभी