तुझको हम गोरी
खेलेंगे तो से होरी
खेलेंगे तो से होरी
चाहे रूठे
हमसे तू गोरिया
चाहे होवे ठिठोली
खेलेंगे तो से होरी
समझे खुद को
तू कितनी सायानी
प्रीत पड़ेगी निभानी
चले न तेरी मनमानी
भर पिचकारी
रंग देंगे तुझको
लाल, नीला, गुलाबी
बचके हमसे जो भागी
भीजेगी फिर
तोहरी चुनरिया
भीज जाएगी चोली
खेलेंगे तो से होरी
ऐसे हमको
नखरे दिखा न
हम ये जीतेंगे बाज़ी
दिखा न ऐसे नाराजी
चाहे लठ चलें
या नैन कटारें
पीछे हम न हटेंगे
खेलेंगे तो से होरी
आज न छोड़ेंगे
तुझको हम गोरी
खेलेंगे हम होरी
खेलेंगे हम होरी
होली के सात रंगों के साथ. .
जवाब देंहटाएंआपके पूरे परिवार को रंग भरी शुभकामनाएँ।
होली पर बेहतरीन प्रस्तुति,होली की हार्दिक शुभकामनाएँ!
जवाब देंहटाएंहोली की मस्ती ....
जवाब देंहटाएंहोली की ढेरों शुभकामनायें ....
बहुत ही गहरे रंगों और सुन्दर भावो को रचना में सजाया है आपने.....
जवाब देंहटाएंआपने किसी गोरी के साथ होली खेली या फिर वो किसी और के साथ हो ली!
जवाब देंहटाएंहोली की ढेरों शुभकामनाएं!
बेहतरीन प्रस्तुति...होली की हार्दिक शुभकामनाएँ!
जवाब देंहटाएंबहुत खूब मित्रवर होलिकोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर।।
जवाब देंहटाएंपधारें कैसे खेलूं तुम बिन होली पिया...
होली का मधुर अल्हड गीत ...
जवाब देंहटाएंमज़ा आया ...
होली को आपने शब्दों के रंगों से सजा कर बेहद रंगमय कर दिया। बहुत सुन्दर भाव-भन्गिमा है आपके गीतों की। आपके प्रोत्साहन का धन्यवाद।
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