जय श्री राम, जय बजरंगबली महाराज, हर हर महादेव, जय कारा वीर बजरंगी का, जय माँ भारती, बम बम भोले | जय हिन्दू महाराष्ट्र | भारत माता की जय |
घटिया राजनीति की परिचायक कांग्रेसी सरकार का एक और नंगा सच | सत्रह लाख वर्ष पहले श्री राम और उनकी सेना द्वारा बनाया गया राम सेतु तोड़ने की साजिश पर कायम है केंद्र सरकार | ये घटिया सरकार भगवान् राम के बनाये इस सेतु को तोड़कर सेतुसमुंद्रम परियोजना का निर्माण करने पर अड़ गई है | और इस कुकृत्य को करने हेतु इस दो कौड़ी की सरकार ने सर्वोच्च नयायालय से कहा है के ८२९ करोड़ रूपये खर्च करने के बाद इस परियोजना को बंद नहीं किया जायेगा | अपनी इस घ्रणित और ओछी हरकत के सही बताते हुए सरकार ये दलील देती फिर रही है के उनकी यह परियोजना आर्थिक और पर्यावरण के लिहाज़ से एक दम सही है | इससे घिनौने पाप को पूर्ण करने की मंशा में उन्होंने वैकल्पिक मार्ग के लिए गठित पर्यावरणविद श्री आर के पचौरी समिति की सिफारिशों को भी नकार दिया है और इस समिति को खारिज करने का फैसला किया है |
सुप्रीम कोर्ट में दायर किये गए हलफनामे में जहाजरानी मंत्रालय ने कहा है के भारत सरकार ने बहुत शीर्ष स्तर के शोध के आधार पर परियोजना को शुरू किया है | परियोजना को पर्यावरण मंत्रालय से भी मंज़ूरी दी है | पर्यावरण के शीर्ष संस्था नीरी ने भी परियोजना को आर्थिक और पारिस्थितिक तौर से ठीक करार दिया है |
हलफनामे में कहा गया है के सेतुसमुंद्रम परियोजना सहित पचौरी समिति ने अपनी रिपोर्ट में वैकल्पिक मार्ग को साफ़ तौर पर नकार दिया है | समिति ने कहाँ था की ये परियोजना आर्थिक और पर्यावरण की दृष्टि से सही नहीं है |
आखिर यह घटिया परियोजना है क्या ? श्री राम द्वारा बनाये इस सेतु के टूटने से किसी को क्या लाभ हो सकता है ? हमारे भारत का विभीषण और फिरंगी एजेंट इस परियोजना को पूरा करवाने के लिए इतना लालायित क्यों है ? इसके पीछे एक बहुत बड़ा रहस्य छिपा हुआ है | अब आपको बताता हूँ के इसके पीछे क्या कारण है और रहस्य है |
१९९८ में जब भारत ने परमाणु बम ब्लास्ट किया था जो फिरंगियों के कलेजे में आग लग गई थी और उसने भारत को युरेनियम देना बंद कर दिया था | इसके आलावा फिरंगियों ने भारत की कम्पनियों को अमरीका में घुसने पर रोक लगा दी थी | इसके बाद अचानक से इन फिरंगियों ने भारत को युरेनियम देने को मान लिया |
जब जोर्ज बुश भारत आया था और एक सिविल नुक्लेअर डील पर हस्ताक्षर किये गए थे | जिसके अनुसार फिरंगी भारत को युरेनियम-२३५ देने की बात कर रहे थे | उस समय सारा खरीदा हुआ मीडिया इस फिरंगी एजेंट की तारीफें करना नहीं थक रहा था पर इसके पीछे जो मकसद था और जो असल स्वार्थ की कहानी थी वो किसी को नहीं बताई थी |
भारतीय वैज्ञानिक कई वर्षों से ये खोजने में लगे हुए हैं के युरेनियम के अतिरिक्त और कौन कौन से रेडियोएक्टिव इंधन हमारे पास हैं जिनसे हम नुक्लेअर बम और बिजली बना सकते हैं | एटॉमिक एनर्जी कमीशन के ६००० से ज्यादा वैज्ञानिक पिछले 40 साल से इस खोज में जुटे हुए हैं | खोज के दौरान उन्हें मालूम चला के तमिलनाडु, केरल के समुंदरी इलाकों में भारी मात्रा में ऐसे रेडियो एक्टिव इंधन मौजूद हैं जिससे आने वाले १५० सालों तक बिजली बनाई जा सकती है और परमाणु बम और दुसरे उपयोगों में भी लाया जा सकता है | आगे आने वाले समय में भारत को किसी के आगे हाथ फैलाने की ज़रुरत नहीं होगी | डाक्टर कलाम ने स्वयं कहा था के ३ लाख मेगावाट बिजली हर घंटे अगले २५० साल तक हम बना सकते हैं क्योंकि हमारे पास ऐसे स्रोत मौजूद हैं | यह बात उन्होंने अपने एक इंटरव्यू में कही थी |
अब इस लालची फिरंगी देश की नज़र हमारे इसी खजाने पर है | वो चाहता है के वो भारत के इस इंधन के खजाने पर कब्ज़ा कर ले और इसके बदले में वो भारत को थोड़ी बहुत मात्र में युरेनियम दे दे | अपनी इस गन्दी मंशा को पूरा करने के लिए उसने भारत में अपने कुछ एजेंट तैनात कर दिए हैं जो उसका काम निकलने में उसकी मदद कर रहे हैं और हमारे देश को खोखला करने में लगे हुए हैं |
इस काम को अंजाम देने के लिए मौनी सिंह या चुप्पा सिंह को नौकरी पर लगाया गया है | जो पिछले कई वर्षों से सरकार में बैठ कर हमारे देश को जोंक की तरह चूस रहा है | इस गूंगे सिंह ने करुणानिधि और टी आर बालू के साथ मिलकर ये प्लान बनाया है के भगवान श्री राम की सबसे बड़ी निशानी श्री राम सेतु को तोड़ा जाए और मलवा अमेरिका को बेचा जाये |
हमारे भारतीय साइंटिस्ट्स का ऐसा भी कहना है के इस सेतु धनुष कोटि के तल में ७ तरह के रेडियो एक्टिव एलेमेंट्स हैं | जो सिर्फ भारत की निजी संपत्ति हैं | और ये भारत की प्रगति के उपयोग में ही आने चाहियें | और अमरीका की गन्दी नज़र इन्ही खनिजों के खजाने पर है | और उसके भारत में बैठे ये एजेंट इसी ताक में है के कैसे इस खजाने को लूट कर इसे भारत से बहार बेच दिया जाये | सेतु को तोड़ने का असफल प्रयास एक बार पहले भी हो चुका है | और अब यह गंदे लोग नए प्लान के साथ आए हैं | सेतु को युनेस्को जैसी बाहरी संस्था के हवाले करने को आतुर हैं |
महामहिम कोर्ट में केस आज भी चल रहा है और हर बार नई तारीख़ पड़ रही हैं | पर इससे इस घटिया सरकार पर और उसके इरादों पर कोई फर्क नहीं पड़ रहा | चुप्पा सिंह और उसके चमचे कहते हैं के ये सेतु भगवान् श्री राम चन्द्र ने नहीं बनाया ! श्री राम तो एक कल्पना हैं ! श्री राम कभी हुए ही नहीं हैं !
कितनी शर्म की और दुःख की बात है के हिंदुस्तान में रहते हुए हिन्दुस्तानियों की आस्था के साथ खिलवाड़ हो रहा है और हिन्दू इतनी बड़ी बात सुनकर भी शांत हैं | जबकि नासा जो की एक अमरीकी एजेंसी है उसने रामसेतु की पुष्टि कुछ साल पहले अपनी रिपोर्ट में की है | आज भी समुन्द्र में ऐसे पत्थर है जिन पर राम नाम लिखा हुआ है और वो पानी में तैरते नज़र आ जायेंगे | इसके सबूत आपको नीचे दिए गए विडियो लिंक्स में मिल जायेगा |
श्री गुरु ग्रन्थ साहिब में भी ५५००० से ज्यादा बार श्री राम नाम का उल्लेख मिलता है और अपने धर्म के नाम पर धब्बा ये चुप्पा सिंह ऐसे घटिया बातें करने पर लगा हुआ है | भाई राजीव दीक्षित ने सन १९९७ में ही इस मौनी सिंह को फिरंगियों का एजेंट घोषित कर दिया था जो भारत को और भारत की संस्कृति को अंग्रेजों के पैरों तले रौंदने के लिए सरकार में बैठा है | इन सभी बातों के स्पष्ट प्रमाण आप नीचे दिए विडियो लिंक्स में भी देख सकते हैं |
अगर आपको ऊपर लिखी श्री राम सेतु को तोड़ने की बातों को कोई मज़ाक समझा जा रहा है तो एक बार कृपया नीचे दिए गए विडियो लिंक्स अवश्य देखें | मेरी हाथ जोड़ कर सभी हिन्दुस्तानियों से यही गुज़ारिश है के कृपया आगे आयें और इस घोर अनर्थ को होने से रोकें | नीचे दिए विडियो लिंक्स हर एक भारतवासी को इस बात से अवगत कराएँगे और इस तरह हर भारतवासी जान पायेगा के श्री राम सेतु सिर्फ हिन्दुओं की आस्था का ही केंद्र नहीं बल्कि भारत की परमाणु क्षमता युरेनियम, थोरियम और भी कई रेडियो एक्टिव खनिजों का खज़ाना भी है इसलिए सभी धर्म के लोग जो भारत को एक विकसित राष्ट्र देखना चाहते हो मैं निजी रूप से भी उनका आवाहन करता हूँ के वो सभी अपनी आवाज़ उठायें और एक जुट हो कर श्री राम सेतु को बचाने के लिए आगे आयें | कृपया सहयोग दें और अपने राष्ट्र को इन दरिंदों से निजत दिलाएं | सभी भारतीय भाइयों से विनम्र निवेदन है कि क्यों ना आप किसी भी धर्म, मजहब से हो परन्तु ये राम सेतु सिर्फ हिन्दुओ कि आस्था नहीं बल्कि सम्पूर्ण भारत के सांस्कृतिक इतिहास का प्रतीक है | अगर तथ्यों को लेकर सोचें और गौर करें तो प्राचीन काल में न जाने कितने राष्ट्र भारत वर्ष में ही सम्मिलित थे | इसे एक सांप्रदायिक विषय ना समझ सांस्कृतिक भारत की धरोहर समझ कर इस बचाने का प्रयास करें।
जय श्री राम, जय बजरंगबली महाराज, हर हर महादेव, जय कारा वीर बजरंगी का, जय माँ भारती, बम बम भोले | जय हिन्दू महाराष्ट्र | भारत माता की जय |
यह एक सच है कि सांप्रदायिक ताकतों का विरोध करने वाली पार्टियां ही स्वयं अत्यधिक सांप्रदायिक हैं। किसी एक समुदाय का तुष्टीकरण भी सांप्रदायिकता ही है। राम सेतु का महत्व हिंदुओं के धर्मशास्त्रों में अंकित है और इस बात से सभी वाकिफ हैं लेकिन इस तथ्य को नजरअंदाज करना इसी सोच का परिचायक है।
जवाब देंहटाएंआपकी एक एक बात सत्य है !
जवाब देंहटाएंसामयिक सार्थक आलेख !!
जवाब देंहटाएंशायद सरकार के कानों पर जूं रेंग सके !!
जिसकी उम्मीद नहीं !!
विचारणीय आलेख ..सुन्दर विन्दु और व्याख्या आप की न जाने साकार कब तक साम्प्रदायिकता का ढोल पीटेगी और तुष्टिकरण की नीति पर चलती रहेगी ....
जवाब देंहटाएंभ्रमर ५
हम सब भारतीय अभी मरे नहीं है, आधे से ज्यादा जिंदा हैं। आधे में अभी भी वो ताकत है जो इस अनैतिक कार्यवाही को रोक सकती है।इस पुल को तोड़ने में अमेरिका की साजिश है, क्योंकि इसके निचे यूरेनियम के अथाह भण्डार हैं जिन पर अमेरिका की नजर है। इसलिए अपने देश की अमूल्य धरोहर को बचाने के लिए भारतीय नागरिकों को विरोध करना चाहिए।
जवाब देंहटाएंयह लोग भले ही कितना भी ज़ोर लगा लें ... राम सेतु का कुछ नहीं बिगाड़ पाएंगे ! जय श्री राम !
जवाब देंहटाएंआपने सांस्कृतिक सरोकार रखने मुद्दे पर गहनता से प्रकाश डाला है जिस पर गंभीरता से सोचने की आवश्यकता है.
जवाब देंहटाएंरामराम.
शुभकामनायें तुषार ||
जवाब देंहटाएंसामाजिक परिवेश पर सुन्दर आलेख पढ़वाने के लिए आभार!
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