फाड़ देवांगे पोस्टर नू
बोल लिखे गाने के जो
भ्रष्ट करें दिमागां को
बंद करो कुड़ियों का बैंड
तां पावेंगे दिल दा चैन
जो खोला तुमने है मुहं
तोड़ देवांगे दान्तं नू
लिखी किताब काहे को यूँ
जला देयांगे जद छपेगा तू
वैलेंटाइन मनायेगा क्यों
जंगलियों दे जूते खायेगा तू
वो डायरेक्टर भद्दा है
साड्डी संस्कृति नाल धब्बा है
उसकी कलाकृति नंगी है
ओ सोच नाल फिरंगी है
कपडे वैसे पहने क्यों
हिंदी नारी अबला है तू
जात को तू तो मुल्ला है
भग पाकी रस्ता खुल्ला है
महाकुंभ में नहायेगा
राजनीति दिखलायेगा
पुतले रोज़ जलाएंगे
नौटंकी मचाएंगे
जूतों के हार चढ़ाएंगे
फूहड़ नज़रिया बतलायेंगे
घरों में घुसना जायज़ है
जद ब्रेकिंग न्यूज़ कवायत है
जड़ खरीद ग़ुलाम हैं ये
जीवन दा एही मुक़ाम है ये
वेल्ले कितने लोग हैं वो
जेड़े झक झक बक बक करदे यो
फ़िजूल भौंकना आदत है
ऐसों से साड्डी बग़ावत है
बहुत ही सुंदर व्यंगात्मक प्रस्तुती।
जवाब देंहटाएंरोचक संवैधानिक मर्यादाओं का पालन करें कैग आप भी जाने अफ़रोज़ ,कसाब-कॉंग्रेस के गले की फांस
जवाब देंहटाएंज़बरदस्त व्यंग्य
जवाब देंहटाएंसादर
जवाब देंहटाएंबढ़िया झांकी असहिष्णु होते भारत की .सेकुलर भगवान की पोल खोल ,जय बोल .
आप सभी का सादर आभार | बहुत बहुत शुक्रिया :)
जवाब देंहटाएंवाह....
जवाब देंहटाएंदमदार !!
बहुत ही सुन्दर...
जवाब देंहटाएंआप सभी का बहुत बहुत आभार |
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर..
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