तुम्हारे ध्यान में
एक
अपूर्व शक्ति है
पर
स्वासों में
तुम्हारे स्वरुप
की
एक अजीब
और
शांत सी
सिहरन
जो
स्मृतिमात्र से
तन मन दोनों को
रोमांचित
किये जाती है
ख्वाबों की दुनिया में बुने एक अलसाये मन के भाव, विचार, सोच, कहानियाँ, किस्से, कवितायेँ....|
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गहन भाव पूर्ण अभिव्यक्ति |
जवाब देंहटाएंआशा
गहन भाव पूर्ण अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंसीधी साधी पंक्तियाँ, भाव दिखे हैं गूढ़ |
जवाब देंहटाएंसाधुवाद स्वीकारिये, देता रविकर मूढ़ |
बहुत बढ़िया सर!
जवाब देंहटाएंसादर
आशाजी,रविकरजी,यशवंत भाई आप सभी का बहुत बहुत शुक्रिया | मेरी लेखनी को सराहने के लिए बहुत बहुत आभार | लिंक-लिक्खाड़ पर मेरी कविता का चयन करने हेतु धन्यवाद् |
जवाब देंहटाएंकभी लिंक-लिक्खाड़ पर भी दर्शन दें-
जवाब देंहटाएंसादर अनुरोध-
बहुत सुन्दर रचना तुषार जी ईश्वर के धयन से ही ऐसी अनुभूति हुई होगी आपको ...
जवाब देंहटाएंपंखुड़ी बहुत बहुत धन्यवाद् |
जवाब देंहटाएंयशवंत भाई आपको भी और बाकि समस्त मित्रगण को भी मेरी ओर से बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनायें | आप सभी ने मेरी लेखनी को सराहा और इतना मान दिया उसके लिए शुक्रिया | उम्मीद करता हूँ आगे भी आप मेरा हौसला ऐसे ही बढ़ाते रहेंगे |
भाव पूर्ण अभिव्यक्ति...
जवाब देंहटाएंस्मृतिमात्र से
जवाब देंहटाएंतन मन दोनों को
रोमांचित
किये जाती है----sunder anubhuti
वाह बहुत खूब
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर ,दिव्य रचना
जवाब देंहटाएंहृदयस्पर्शी भावपूर्ण प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति. आपको होली की हार्दिक शुभ कामना .