मैं तुम्हे चाहता हूँ | तुम्हारे प्यार में पड़ना चाहता हूँ | तुम्हे पूरी शिददत से अपनी ज़िन्दगी में शामिल करना चाहता हूँ | हर तरफ तुम ही तुम हो | मेरी सोच के हर दायरे में तुम्हारा दखल चाहता हूँ | तुम्हारा हाथ पकड़ तुम्हारे साथ खड़ा रहना चाहता हूँ | तुम्हारी ज़िन्दगी में उठे तूफ़ान और बवंडरों का सामना करना चाहता हूँ | तुम्हारी जीत में, मैं भी खुशियाँ मानना चाहता हूँ | शुरू से आखिर तक मैं तुम्हारा साथ चाहता हूँ | तुम्हारी ज़िन्दगी में मैं वो शक्श बनना चाहता हूँ जिसपर तुम आँख मूँद कर ऐतबार कर सको और इस ज़िम्मेदारी के लिए मैं कोई भी कीमत चुकाने को तयार हूँ | मैं कभी भी तुम्हे धोखा नहीं देना चाहता; मैं हमेशा पूर्ण रूप से तुम्हारे साथ ईमानदार और विश्वसनीय बना रहना चाहता हूँ |
मैं वो कन्धा बनना चाहता हूँ जिस पर तुम सर रखकर सो सको | मैं वो छोटी और नर्म बाहें बनना चाहता हूँ जो तुम्हे सीने से लगा सकें जब तुम्हे उनकी ज़रुरत हो | मैं वो इंसान बनना चाहता हूँ जिसे तुम दिल से याद कर सको जब तुम्हे अनुरक्ति की ज़रुरत महसूस हो | मैं तुम्हारे जाने पर तुम्हारा इंतज़ार करना चाहता हूँ | मेरी आरज़ू है के मैं कहीं भी चला जाऊं पर वापस लौट कर तुम्हारे पास ही आऊँ | मैं तुम्हे सब कुछ देना चाहता हूँ जो भी मेरे पास है, मेरा दिल, मेरा प्यार, मेरी आत्मा, मेरा शरीर, मेरी शक्ति, मेरी भक्ति और मेरा अनुराग | मैं चाहता हूँ के तुम मेरे दिल को देखो और समझो और मुझे अपना प्यार दो | मुझे तुम्हारी कमियों और ख़ामियों से कभी कोई फर्क नहीं पड़ा | अगर मेरी नज़र से देखो तो वो कमियां तुम्हे परिपूर्ण बनती हैं | मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता के तुम्हारा को माज़ी है या था | मैं हमेशा तुम्हारे साथ चलने के लिए तयार हूँ और इन सब को साथ लेकर चलने के लिए | फिर चाहे इनकी गहराई में संसार डूब जाये या फिर मैं |
मैं तुम्हारे साथ रातों को झगड़ना चाहता हूँ | तुम्हारी टी-शर्ट की खुशबू में मदहोश होकर तुम्हे अपने करीब ला अपनी बाहों में जकड़ना चाहता हूँ | मैं तुम्हे अपने से दूर जाने नहीं देना चाहता | तुम्हारे नर्म नाज़ुक गालों को कोमल हाथों में लेकर मैं धीरे से चूमना चाहता हूँ | तुम्हारी सोई पलकों पर में धीमे से अपने अंगूठे को फेरना चाहता हूँ | मैं तुम्हारे खर्राटों से परेशां होकर जब तक जागना चाहता हूँ जब तक तुम मेरा नाम लेकर न बुदबुदाने लग जाओ | तुम्हारे बर्फ से ठन्डे नाज़ुक पैर जो मुझे रात को छूते हैं मैं उनकी शिकायत तुमसे करना चाहता हूँ | मैं तकियों को लेकर तुमसे लड़ना चाहता हूँ | मैं तुम्हे हर उस तरह से प्यार करना चाहता हूँ जितनी मूर्तियाँ खजुराहो में हैं | मैं तुम्हारे हर एक कण को रेशे को प्यार करना चाहता हूँ क्योंकि वही तुम्हे बनाते हैं जो आज तुम हो | मैं तुम्हारी बाहों में रहना चाहता हूँ जब भी मैं उदास होता हूँ या आहत होता हूँ | मुझे उन बाहों में एक सुकून और महफ़ूज़ होने अहसास होता है | मैं चाहता हूँ जब भी मैं रोऊँ, कमज़ोर पड़ जाऊं या कभी मेरा दिल टूट जाये तो तुम्हे वो इंसान हो जो मुझे संभाले और मेरे कानो में धीरे से फुसफुसा कर कहें "डरो मत सब ठीक है, मैं हूँ" | मैं तुम्हे दिली अमन, चैन और सुकून अदा करना चाहता हूँ |
मैं तुम्हारे अंदाज़ और हरकतों पर जोर से हँसना चाहता हूँ | मैं तुम्हारे घट्ठेदार चुटकुले और अकथनीय रूप धारण करने पर हँसना चाहता हूँ क्योंकि वो वास्तव् में बहुत ही मज़ाकिया होते हैं ये बात अलग है मैंने आज तक तुमसे इसके मुतालिक कभी खुलासा नहीं किया है | मैं तुम्हे मक्कारी वाली हंसी के साथ मुझे अजीब अजीब नामो से पुकारते हुए देखना चाहता हूँ | मैं तुम्हारे साथ बैठ कर अपनी और तुम्हारी ज़िन्दगी के बारे में नए नए विचार और सोच बांटना चाहता हूँ | जिन्हें याद कर कर के मैं आखरी दम तक हँसता और मुस्कराता रहूँ | मैं दिनभर तुम्हे अनगिनत सन्देश भेजना चाहता हूँ जो की सिर्फ तुम और मैं ही समझ सकें और जिनका मतलब भी हम दोनों के सिवा कोई और न जान सके | मैं चाहता हूँ तुम उन संदेशों को पढ़कर तब तक हंसती रहो जब तक तुम्हारी आँखों में पानी न छलक जाये और आस पास सभी तुमसे सवाल करने लगें "क्या हुआ, क्या हो गया, इतना मज़ेदार क्या है ?" और तुम उन्हें कुछ भी बयां न कर पाओ और जोर जोर से हंसती रहो जब तक वो यह न समझें के तुम बावली हो गई हो | मैं तुम्हारी मुस्कराहट बनना चाहता हूँ | मैं तुम्हारे साथ राजनीती, कूटनीति, देश, समाज, घटनाएँ, सुख, दुःख, मान, सम्मान, बड़ी, छोटी, प्यार, ज़िन्दगी, दिन, रात, आकर्षण, जीवन, प्रेम, मरण और भी न जाने क्या क्या, इसका अर्थ समझना चाहता हूँ | मैं तुम्हारे और अपने बीच प्यार का एक नया फ़लसफ़ा इजाद करना चाहता हूँ | मैं तुम्हे साथ जीवन के कुछ बहुत ही महत्त्व और ज़िन्दगी बदलने वाले फ़ैसले लेना चाहता हूँ |
मैं हर पल में तुम्हारा साथ देना चाहता हूँ, तुम्हारे लिए फेवर करना चाहता हूँ पर ये कहते हुए के, "ओके...बट यू ओ में," इसलियें नहीं के इसकी एवज़ में मुझे कुछ चाहियें, अपितु इसलिए के इसके बदले में मुझे तुम्हारे साथ और ज्यादा वक़्त बिताने का मौका मिल जायेगा | मैं कभी कभी तुम पर इतना गुस्सा करना, झल्लाना चाहता हूँ के अंत में मुझे वो शर्म वाली भावना आये और मैं तुमसे अपनी गलती के लिए माफ़ी मांगूं | और मैं चाहता हूँ के तुम भी मेरे साथ ऐसा ही करो | मैं चाहता हूँ के तुम अपनी बड़ी बड़ी आँखों को गोल गोल घुमाकर मेरी तरफ़ा देखकर मुझे कहो के "यार, माफ़ करो, मेरा पीछा छोड़ो" जब मैं तुम्हे हद्द से ज्यादा परेशान करूँ और बदले में मैं तुम्हारे पास आकर धीरे से तुम्हे चुटकी काट लूं | मैं चाहता हूँ के तुम भी वापस मुझे चुटकी काटो | मैं चुटकी काटने की एक छोटी से जंग लड़ना चाहता हूँ | मैं चाहता हूँ के तुम मुझसे कहो के मैं गलत कर रहा हूँ जिससे मैं दोबारा से चुटकी काट सकूँ और यह सिलसिला ऐसे ही चलता रहे | मैं तुम्हारे साथ बैठक में कुश्ती लड़ना चाहता हूँ और तुम्हे चित्त कर ज़मीन पर गिराकर मैं तुम्हे बड़ी चाह से देख कर चिढाना चाहता हूँ "मैं जीत गया, मैं जीत गया" | जबकि ये हुम दोनो जानते हैं के ये तुमने मुझे सिर्फ इसलिए करने किया जिससे हम साथ में ज़िन्दगी का एक और प्यारा सा नज़ारा ज़िन्दगी भर के लिए अपनी स्मृतियों में याद रखें |
मैं अपना सर तुम्हारे कंधे पर रखना चाहता हूँ इसलिए नहीं के मुझे नींद आ रही है पर इसलिए के मैं चुपचाप से तुम्हारे करीब आना चाहता हूँ | मैं चाहता हूँ के तुम मुझे पीछे से आकर अचानक पकड़ लो और मोहकता से लुभाते हुए मेरे कंधे को चूम लो | मैं तुम्हारी गर्दन के पीछे अपना चेहरा छिपाकर अचानक से अपनी पलकों से तुम्हे गुदगुदाना चाहता हूँ | मैं चाहता हूँ तुम मेरी इस हरकत के लिए तुम मुझे "बेवक़ूफ़" कहो और फिर धीरे से कहो, "पर इन सभी हरकतों के लिए मैं तुम्हे चाहती हूँ और तुमसे बेंतेहा बेशुमार प्यार करती हूँ" | मैं सारा शनिवार और इतवार तुम्हारे साथ एक चादर में एक ही आधार में बिताना चाहता हूँ | मैं तुम्हारे साथ अच्छी, बुरी, मीठी, खट्टी, बेतुकी, मज़ेदार, हस्याद्पद, उपहास योग्य, मूर्खतापूर्ण, विचित्र, बदमाश, नटखट, नाज़ुक, और न जाने कैसी कैसी यादें बनाना चाहता हूँ जिन्हें हम आपस में अपने अकेले समय में बाँट सकें और अपनी अपनी प्रतिक्रिया एक दुसरे से कह सकें |
तुम्हारे न होने पर मैं दर्द में तड़पना चाहता हूँ; अपने दिल की गहराई में उस पीड़ा को महसूस करना चाहता हूँ | तुम्हारे चले जाने पर में अपने आपको इस दुनिया का सबसे अकेला इंसान होना कैसा लगता है वो महसूस करना चाहता हूँ | और तुम्हारे वापस आने की वो बेक़रारी मैं ख़ुशी से महसूस करना चाहता हूँ | मुझे यह अच्छी तरह से जानकारी है के मैं तुम्हारा हूँ और तुम मेरी हो | और मैं तुम्हे ये बताना चाहता हूँ के मैं हमेशा तुम्हारे पीछे हूँ जिसे तुम कभी भी मुड़कर देख सकती हो और हमेशा अपने पास पाओगी | अगर किसी को हमारा साथ पसंद न भी हो तब भी मैं तुम्हारा हाथ थामे रहूँगा | मुझे हर वो तनाव, निराशा और कुंठा चाहियें जो मुसीबत के समय में एक रिश्ते में होती हैं क्योंकि इनसे पता चलता है के आप संबद्ध है | मैं चाहता हूँ तुम हमेशा मेरे साथ रहो बावजूद इस कारण के कुछ लोग हमारे खिलाफ खड़े है | मैं उन सब स्तिथियों का सामना तुम्हारे साथ मिलकर करना चाहता हूँ | मैं अपनी बाकि की सारी ज़िन्दगी तुम्हारे साथ बिताना चाहता हूँ पर मैं चाहता हूँ के तुम भी मेरे साथ अपने भविष्य के बारे में सोचो | मैं तुम्हे ज़िन्दगी में आगे बढ़ते देखना चाहता हूँ | न सिर्फ आर्थिक रूप से बल्कि मैं तुम्हे जीवन को खुल के पूरी तरह से ख़ुशी के साथ जीते हुए देखना चाहता हूँ | मैं ये आश्वासन चाहता हूँ के तुम अपनी संभावित ज़िन्दगी खुल कर अपनी शर्तों पर जियो और मुझे उस पर गर्व हो जिस तरह मुझे तुम पर गर्व है |
मैं तुम्हारे साथ युवा प्रेम का अनुभव करना चाहता हूँ | मैं तुम्हारे साथ हाथ में हाथ डाल कर लोगों के बीच घूम कर उन वयोवृद्ध जोड़ों को सुनना और देखना चाहता हूँ जो जवानों के बारे में बातें करते हैं और उनकी खामियां निकलते रहते हैं | मैं चाहता हूँ के तुम मुझ खूब पर जोर से हंसो जब मैं तुमसे कहूँ, "देखो कभी हम दोनों भी इनकी जगह होंगे और ऐसे ही बातें करेंगे" | मैं चाहता हूँ के मैं और तुम मिलकर एक पूरा दिन अपनी गाडी धोने से शुरू करें और मैं पानी के पाइप से तुम्हारे चेहरे पर पानी छिड़क दूं और तुम्हे गीला कर दूं और तुम मेरे पीछे भागो और मुझे ज़मीन पर गिरा दो और साबुन की बाल्टी मेरे सर पर उंडेल दो | मैं चाहता हूँ हम साथ में बैठ कर हॉरर मूवी देखने और जब तक देखने मैं मशगूल रहें जब तक हमें एहसास न हो के अब डर के मरे सोयेंगे कैसे | मैं चाहता हूँ के तुम मेरे पास चुपचाप बैठो और मुझे गिटार बजाते हुए वो गीत और कवितायेँ गाते देखो जो मैंने तुम्हारे लिए लिखे हैं | मैं चाहता हूँ के तुम ऐसा सोचो के मेरे से अच्छा तुम्हारे लिए कोई और लिख नहीं सकता | मैं चाहता हूँ के मेरे गीत, मेरे बोल तुम्हे रुला दें और मैं धीरे से तुम्हारे आंसू पोछ दूं | मैं चाहत हूँ के इसके बाद मैं तुम्हारा फ़ायदा उठाऊं और मैं चाहता हूँ के तुम भी यही चाहो के मैं तुम्हारा फायदा उठाऊं | और बदले में मैं चाहता हूँ के तुम भी मेरा फायदा उठाओ |
मैं चाहता हूँ के हम दोनों चुपचाप के स्वच्छंद, सुविधापूर्ण, आरामदायक ख़ामोशी में बैठे रहे | वहां मैं चुपचाप बिना तुम्हारे जाने तुम्हारा एक चित्र बनाऊं | मैं चाहता हूँ के तुम्हे मालूम हो के मैं क्या कर रहा हूँ पर फिर भी तुम ख़ामोश रहो ताकि वो पल ख़त्म न हो जाए | मैं तुमसे घंटो बैठ कर फ़िज़ूल की बातें करना चाहता हूँ और तुम्हारी उलूल जुलूल बातें सुनकर उन पर धीरे से मुस्कराना चाहता हूँ | अख़बार में आये क्रॉसवर्ड पजल सोल्वे करना चाहता हूँ और कार्टून स्ट्रिप देख देख कर मजाक करना चाहता हूँ | मैं तुम्हे हँसते और मुस्कराते देखना चाहता हूँ क्योंकि इसी एक कारण की वजह से मैं बार बार तुम्हारे इश्क में गिरना चाहता हूँ | मैं अपनी आँखों से तुम्हे अनाभूषित और असज्जित होते देखना चाहता हूँ |
मैं चाहता हूँ के तुम मुझे समझाओ के तुम्हे शृंगार की ज़रुरत नहीं है क्योंकि तुम बिना उसके भी बेहद खूबसूरत दिखती हो | ये बात दीगर है के तुम्हारी उस ख़ूबसूरती को देखकर बहार बच्चे डर के मारे खाना पीना छोड़ देते हैं | मैं चाहता हूँ के तुम मुझे बताओ के जब तुमने अपनी नाक छिदवाई थी और कान छिदवाए थे तब तुम्हे कितना दर्द हुआ था | और मुझसे पूछ के टैटू बनवाते वक़्त मुझे कैसा लग रहा था | मैं तुमसे छोटी छोटी चीज़ों पर झगड़ना चाहता हूँ जैसे कौन सा फ.म रेडियो चैनल सुनना है या फिर टीवी पर कौनसी पिक्चर देखनी है | मैं तुम्हारे साथ बहस करना चाहता हूँ के डोमिनोस का पिज़्ज़ा खाने चला जाये या फिर मकडोनालड का बर्गर जब तलक हम दोनों एकमत न हो जाएँ के आज तो लोटन के छोले कुलचे खाने चलते हैं क्योंकि हम दोनों में से किसी को भी अंग्रेजी खाना पसंद नहीं है | मैं चाहता हूँ के तुम मेरे साथ विडियो गेमस खेलो जिस तरह मैं तुम्हारे साथ घर के काम में हाथ बंटाता रहता हूँ | मैं चाहता हूँ के मैं तुम्हे अपने पसंदीदा खेल खेलना सिखाऊं और तुम अचानक एक दिन मुझे उसमें हरा दो | और मैं चाहता हूँ के तुम इसके बारे में शेखी बघारना शुरू कर दो और कहो के, "यह कोई नौसिखिये का लक नहीं है ये तो मेरी मेहनत से मिली सफलता है" | और फिर मैं तुम्हारे साथ मुक़ाबला करना शुरू कर दूं | और मैं तुम्हारे साथ नई नई चीज़ों पर शर्तें लगाना शुरू कर दूं |
मैं चाहता हूँ के तुम्हे साथ एक बढ़िया सा सालसा डांस करूँ | बार मैं बैठकर तुम्हारे साथ मदिरा पान करूँ और यह देख कर खुश हो जाऊं के तुम मेरे लिए ज़रुरत से ज्यादा फिक्रमंद हो के कहीं मुझे कुछ हो न जाए | मैं चाहता हूँ के हमारी इस बात को लेकर बहुत नोकझोंक हो और हम फ़िज़ूल की बातों पर बहस करें जिनका कोई मतलब नहीं हो | फिर घर आकर तुम्हे मानाने के लिए मैं तुम्हे प्यार करूँ | मैं चाहता हूँ के तुम्हारे दोस्त मुझे पसंद करें | मैं चाहता हूँ के मैं तुम्हे रोज़मर्रा के काम करते देख निहारता रहूँ | मूल रूप से स्वभावतः मैं हर पल तुम्हारे साथ व्यतीत करना चाहता हूँ | मैं सिर्फ तुम्हारे साथ रिश्ता बनाना चाहता हूँ और किसी के साथ नहीं | मुझे मालूम है के मैं अक्सर मीन मेख नीकालता हूँ और मेरे में बहुत सी कमियां है पर तुमने मेरे दिल को कुछ इस तरह से छुआ है जैसे पहले कभी किसी ने नहीं छुआ और अब तुम्हारे प्यार में जो मैं गिर पड़ा हूँ तो अब उठ नहीं सकता और सिर्फ तुमसे ही प्यार कर सकता हूँ | मैं चाहता हूँ के तुम भी मेरे इस सच को स्वीकारो और अपने प्यार का इज़हार मेरे से कुछ ऐसे ही अंदाज़ में करो | मैं हमेशा तुम्हे ऐसे ही चाहूँगा बिना किसी शर्त के क्योंकि अब तो बस तुम हो और तुम्ही हो दूसरा कोई नहीं | मैं सोचता हूँ के जीवन में हर एक को तुम्हारे जैसा प्यार मिलना चाहियें क्योंकि तुम सिर्फ तुम हो और तुम मेरी हो सिर्फ मेरी |
मैं चाहता हूँ के मैं तुम्हे अपने इस प्यार का एहसास इस तरह से करवाऊं के तुम उससे स्वीकार करो, समझो, और सबसे बड़ी बात जो खास है वो ये के तुमने कभी ख्वाबों में ही ऐसे प्यार की परिकल्पना नहीं की होगी इसलिए मैं चाहता हूँ के तुम भी मुझे ऐसे ही शिददत से चाहो और अपना लो |
इन्ही सभी उपमाओं, विचारों और प्रेमालाप से भरी सोच के सपने देखता लोटन अपनी खाट पर पैर पसारे घोड़े बेच कर सो रहा था के तभी अचानक मालिक ने आकर एक ज़ोरदार और झन्नाटेदार लात उसके पिछवाड़े पर जमा दी और कहा के, "हरामखोर आज क्या सोता ही रहेगा, काम पर नहीं जायेगा क्या? देख कितना दिन चढ़ आया है, सूरज सर पर नाच रहा है और तू सपनो में बकड़ बकड़ का कर रहा है और फिलम बना रहा है" |
लोटन बेचारा आधी खुली और आधी बंद भौंचक्की और अलसाई आँखों से तुरंत उठ खड़ा हुआ और लडखडाता, डगमगाता, बडबडाता जी मालिक.. जी मालिक करता हुआ रसोई की ओर निकल गया |
------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------
ये कहानी लेखन का मेरा प्रथम प्रयास था । उम्मीद करता हूँ आपको पसंद आएगा और आशीर्वाद प्राप्त होगा । कोई त्रुटी हो गई हो तो क्षमा चाहूँगा और आपके सुझाव और विचार सादर आमंत्रित हैं ।
-------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------
इस ब्लॉग पर लिखी कहानियों के सभी पात्र, सभी वर्ण, सभी घटनाएँ, स्थान आदि पूर्णतः काल्पनिक हैं | किसी भी व्यक्ति जीवित या मृत या किसी भी घटना या जगह की समानता विशुद्ध रूप से अनुकूल है |
All the characters, incidents and places in this blog stories are totally fictitious. Resemblance to any person living or dead or any incident or place is purely coincidental.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
कृपया किसी प्रकार का विज्ञापन टिप्पणी मे न दें। किसी प्रकार की आक्रामक, भड़काऊ, अशिष्ट और अपमानजनक भाषा निषिद्ध है | ऐसी टिप्पणीयां और टिप्पणीयां करने वाले लोगों को डिलीट और ब्लाक कर दिया जायेगा | कृपया अपनी गरिमा स्वयं बनाये रखें | कमेन्ट मोडरेशन सक्षम है। अतः आपकी टिप्पणी यहाँ दिखने मे थोड़ा समय लग सकता है ।
Please do not advertise in comment box. Offensive, provocative, impolite, uncivil, rude, vulgar, barbarous, unmannered and abusive language is prohibited. Such comments and people posting such comments will be deleted and blocked. Kindly maintain your dignity yourself. Comment Moderation is Active. So it may take some time for your comment to appear here.