बधाई हो दिल्ली वालो....साउथ दिल्ली में अब विदेशी लड़की से गैंग रेप
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चलती बस में गैंग रेप पर इतने हो-हल्ले के बीच देश की राजधानी में एक विदेशी लड़की से गैंग रेप की वारदात हुई है। पीड़ित लड़की अफ्रीकी मूल की बताई जाती है। गैंग रेप की वारदात शुक्रवार रात साउथ दिल्ली में मालवीय नगर इलाके के हौजरानी में हुई। खबर मिलते ही दिल्ली पुलिस के आला अफसरों में हड़कंप मच गया।
रात को ही पीड़ित लड़की को मदन मोहन मालवीय हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। बताया जाता है कि युवती के प्राइवेट पार्ट्स में गहरी चोटें आई हैं। डीसीपी छाया शर्मा के मुताबिक, 'युवती से ठीक से बात नहीं हो पा रही है। उससे बात करने के बाद ही सही स्थिति का पता चलेगा। लड़की की भाषा समझने के लिए उसके साथियों को बुलाया गया है। वह यदि रेप का बयान देती है तो उसी हिसाब से ऐक्शन लिया जाएगा।'
अभी हाल में हुई इन घटनाओ के क्रम से दिल भर आया है और सोचने पर मजबूर हो जाता हूँ के दिल्ली में यह क्या होता जा रहा है ? दिल्ली वालों की मानसिकता कहाँ जा रही है ? नारी का कोई अस्तित्व इन जैसे लोगों की नज़र में कुछ रह भी गया है या नहीं ? ऐसे दरिंदे समय आने पर अपनी भूक के लिए क्या अपनी माँ बहनों को छोड़ेंगे ? नारी का ऐसा अपमान ऐसा तिरस्कार कब तक होता रहेगा दिल्ली में ? प्रशासन मूक और बधिर बनी क्यों बैठी है ? यदि यह आज का कलयुग है तो आने वाला कल का कलयुग कैसा होगा ? क्या नारी दिल्ली जैसे शहर में सच में सुरक्षित है ? इन्ही सवालों से जूझते हुए चंद पंक्तियाँ मेरे ज़हन में आई जो आपके समक्ष प्रस्तुत है |
श्याम और श्वेत जैसे
दिल्ली की नारी का जीवन
हर तरफ से वीरान है
रंग नहीं
रौशनी नहीं
बस धुंधला आसमान है
ध्वनि नहीं
शोर नहीं
संगीत भी अनजान है
मुस्कराहट नहीं
धडकन नहीं
हास भी तूफ़ान है
पड़ी धरा पर है अकेली
कितनी निष्प्रभ, कितनी गहरी
दर्द में सिसकती रही
रुदन सुनकर भी उसका
आया अब कोई नहीं
रोती रही
बिलखती रही
आया नहीं कोई पूछने
काश आगे आये बढ़कर
कोई तो आंसू पोछ दे
कोई तो आंसू पोछ दे
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चलती बस में गैंग रेप पर इतने हो-हल्ले के बीच देश की राजधानी में एक विदेशी लड़की से गैंग रेप की वारदात हुई है। पीड़ित लड़की अफ्रीकी मूल की बताई जाती है। गैंग रेप की वारदात शुक्रवार रात साउथ दिल्ली में मालवीय नगर इलाके के हौजरानी में हुई। खबर मिलते ही दिल्ली पुलिस के आला अफसरों में हड़कंप मच गया।
रात को ही पीड़ित लड़की को मदन मोहन मालवीय हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। बताया जाता है कि युवती के प्राइवेट पार्ट्स में गहरी चोटें आई हैं। डीसीपी छाया शर्मा के मुताबिक, 'युवती से ठीक से बात नहीं हो पा रही है। उससे बात करने के बाद ही सही स्थिति का पता चलेगा। लड़की की भाषा समझने के लिए उसके साथियों को बुलाया गया है। वह यदि रेप का बयान देती है तो उसी हिसाब से ऐक्शन लिया जाएगा।'
अभी हाल में हुई इन घटनाओ के क्रम से दिल भर आया है और सोचने पर मजबूर हो जाता हूँ के दिल्ली में यह क्या होता जा रहा है ? दिल्ली वालों की मानसिकता कहाँ जा रही है ? नारी का कोई अस्तित्व इन जैसे लोगों की नज़र में कुछ रह भी गया है या नहीं ? ऐसे दरिंदे समय आने पर अपनी भूक के लिए क्या अपनी माँ बहनों को छोड़ेंगे ? नारी का ऐसा अपमान ऐसा तिरस्कार कब तक होता रहेगा दिल्ली में ? प्रशासन मूक और बधिर बनी क्यों बैठी है ? यदि यह आज का कलयुग है तो आने वाला कल का कलयुग कैसा होगा ? क्या नारी दिल्ली जैसे शहर में सच में सुरक्षित है ? इन्ही सवालों से जूझते हुए चंद पंक्तियाँ मेरे ज़हन में आई जो आपके समक्ष प्रस्तुत है |
श्याम और श्वेत जैसे
दिल्ली की नारी का जीवन
हर तरफ से वीरान है
रंग नहीं
रौशनी नहीं
बस धुंधला आसमान है
ध्वनि नहीं
शोर नहीं
संगीत भी अनजान है
मुस्कराहट नहीं
धडकन नहीं
हास भी तूफ़ान है
पड़ी धरा पर है अकेली
कितनी निष्प्रभ, कितनी गहरी
दर्द में सिसकती रही
रुदन सुनकर भी उसका
आया अब कोई नहीं
रोती रही
बिलखती रही
आया नहीं कोई पूछने
काश आगे आये बढ़कर
कोई तो आंसू पोछ दे
कोई तो आंसू पोछ दे