ऐ मेरी तकदीर बता
किसकी दुआ है
दिल में उमंग
जिगर में तरंग
यह किसकी दुआ है
मेरे जीवन की
मेरे मन की
चमक दमक तो
संवर गई अब
जुगनू सा
प्रकाशमय जीवन
जगमग सितारों सी
रौशनी है
यह किसकी दुआ है
मन को मोड़ा
तन को जोड़ा
साँसों की तारों
को झकझोरा
यह किसकी दुआ है
एक आवाज़
ह्रदय को हर्षाती
प्रार्थना को भेदती है
आत्मा के यौवन को
खुशियों से प्राणों
से जोड़ती है
यह किसकी दुआ है
अपनों के बंधन
सच्चे और मीठे
साँसों का
हर कतरा झूमा है
यह किसकी दुआ है
पत्ता-पत्ता, बूटा-बूटा
एक-एक करके
मेरे मन मस्तिष्क में
हर क्षण, हर पल
कुछ ना कुछ
गाता है, गुनगुनाता है
पूछता है कहता है
'निर्जन'
यह किसकी दुआ है
यह किसकी दुआ है
ये उसकी दुआ है :)
जवाब देंहटाएंमन के भावों की ख़ूबसूरत प्रस्तुति ...!
जवाब देंहटाएंRecent post -: सूनापन कितना खलता है.
एकदम मन से निकले हुए शब्द। बहुत प्यारे।
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