कुछ महके हुए ख्व़ाब
कुछ बिछड़े हुए अंदाज़
कुछ लफ़्ज़ों के एहसास
कुछ लिपटे हुए जज़्बात
ज़िन्दगी इनसे बर्बाद है
कुछ बातों में शरारत
कुछ नखरों में अदावत
कुछ इश्क़ में बनावट
कुछ जीवन में दिखावट
ज़िन्दगी इनसे बर्बाद है
कुछ लम्बी तनहा राहें
कुछ सुलगी चुप आहें
कुछ कमज़ोर वफाएं
कुछ उलझी जफाएं
ज़िन्दगी इनसे बर्बाद है
कुछ बेगाने अपने
कुछ अनजाने सपने
कुछ मुस्कुराते चेहरे
कुछ ग़म भी हैं गहरे
'निर्जन' इनसे आबाद है
इस कुछ कुछ में जो बहुत कुछ है
जवाब देंहटाएंउसे इतना क्यों छिपा रहे हैं
आबाद है निर्जन बहुत आबाद है
बर्बादी फिर क्यों दिखा रहे हैं
लिखते रहिये इसी तरह से
बिंदास सा हमेशा ही
हम देख रहे हैं वो पढ़ने के
लिये आपको रोज ही
यहाँ पर आ रहे हैं !
Shukriya huzoor
हटाएंbahut sundar
जवाब देंहटाएंनई पोस्ट चंदा मामा
नई पोस्ट विरोध
Dhanyawad janaab
हटाएं"कुछ बेगाने अपने
जवाब देंहटाएंकुछ अनजाने सपने"
...
यही हासिल हैं सफ़र के...
Shukriya Anupma
हटाएंआपके अहसास सुन्दर और सुन्दर होते जा रहे हैं।
जवाब देंहटाएंDhanyawad Vikesh bhai
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