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गुरुवार, दिसंबर 27, 2012

भारतीय नारी

ये कविता लिखी गई थी मेरे शुरुवाती शिक्षा के दिनों में | स्कूल मैगज़ीन के लिए मेरा छोटा सा प्रयास था यह उम्मीद भी नहीं थी के यह प्रकाशित होगी परन्तु करिश्मा हुआ और मेरी कविता को छपने का मान मिला | इसलिए आपके साथ आज इसे साँझा कर रहा हूँ |

मुझसे पुछा किसी ने
क्या बताओगे तुम मुझे
मेरी कविता का क्या है विस्तार ?
मेरी कविता का कौन है आधार ?
व्यक्तित्व सम्मोहक
स्वाभाव में शीतलता
अस्तित्व जिसका ममतामयी
छवि भावनात्मक
हृदय में केवल प्रेम, प्यार और दुलार है
काया जिसकी कोमल
एहसास जिसका निर्मल
अपने में परिपूर्ण
चाहत और स्नेह का
जिसके पास भंडार है
जो औरों को समर्पित
जिसके अंचल में बचपन
बाहों में सुन्दर जवानी
जीवन के अंतर्गत में
इन आँखों का मायावी संसार है
क्रोध में ज्वाला
आंसू में शक्ति है
गरिमा मन सम्मान बनाये रखने के लिए
जो हर एक क्षण तलवार है
संसार में इतनी उत्क्रष्ट छवि
जो सचमुच ही महान है
बलिदानों की मूरत है
सत्य का पर्याय है
वो सिर्फ भारतीय नारी है
ऐसा मेरा विचार है 

मंगलवार, दिसंबर 25, 2012

जब प्रथम दिवस का कर्म हुआ

हे जीवनदाता
जब तुम्हारे
कर्म को
ज्ञात मैं
करता हूँ
एक असीम
आनंद को
प्राप्त होता हूँ
क्योंकि
सोचता हूँ
गति ही
जीवन है
गतिविहीन जल भी
सड़ जाता है
ये, तो
जीवन है
इसका
ठहरना
रुकना
मेरे लिए
शायद
मरण की
तारिख
लेकर आएगा 

सोमवार, दिसंबर 24, 2012

सृजनहार

हे सृजनहार
क्या तूने
मेरी स्मृतियों
का भी सृजन
किया था
या फिर, मुझे
कठपुतली को
एक वेष में
एक रूप में
बार बार
जीवन के
रंगमंच पर
एक सा अधूरा नाटक
करने को
छोड़ दिया
क्या टू
अपनी सभी
कठपुतलियों को
शरीर से नहीं
आत्मा से
भेदन करने को
छोड़ देता है
उस पीड़ा का
शायद तुझे
अहसास नहीं
तभी तो
एक बार नहीं
बारम्बार
सूली पर
लटकाया है
तूने मुझे
जबकि
येशु भी
एक बार ही
सूली पर
लटके थे
हे ईश्वर
मेरे पहले रंगमंच का
अनायास ही मिलना
फिर दूसरे का
जिसकी मुझे
मिलने की कोई
आशा नहीं थी
और न ही स्वप्न
मिला है
कुछ छिन्न-भिन्न सा 

शनिवार, दिसंबर 22, 2012

Victory or Defeat


















A poem again from my old school days written during the times of Kargil War. Enjoy!

Victory, Victory, Victory
An all round victory - says Atal
A moral victory - says Nawaz 
A marvellous triumph - says Technology
but behind this jubiliations, weeps 
Mankind - desperate in the utter defeat.

Ask the mother - 
Yesterday, with hopes of life in her lap, 
Today, nurses the bodies of dead.

Ask the innocent child - 
Yesterday, the spark of happiess, 
Today, alone in the chilly darkness of fear.

Ask the man whose loyalties pledged - 
Yesterday, a father, a brother, a husband, a son, 
Today, lies unknown, admist unknowns.

Can you return their laughter, their hopes, 
Their precious lives, those dreams you stole?
Wash the blood stains with acid or alcohol?
Wash the tears with perfumed Arabian Kohl ?

When vanity, greed and ambition don the mantle of righteousness
When leaders drunk with power
Forget their roots, their fellomen
When weeds of death cover the garden of life
There in every land, in every heart looms
The dark cloud, the black hand of 
Defeat, Defeat, only Defeat!

गुरुवार, दिसंबर 20, 2012

जीवन आंकलन

एक २३ वर्षीय सुन्दर युवती
दिन के उजाले में
जिसकी आँखें सूर्य के समान चमकती हैं
जिसकी हंसी से
सारा जग रोशन हो जाता है
जिसके अनेकों दोस्त है
जिसे पागलों की तरह चाहने वाला
एक प्रेमी है
किसी दिन वो भी ब्याह के
एक बड़ी घर में जाने का सपना संजोये है
जिस तरह वो अपने पिता के घर में
उनके साये पली बढी है
एक दिन वो अपनी पढाई पूरी कर
अपनी मनपसंद नौकरी करना चाहती है
या फिर अपनी पढाई पूर्ण कर
एक सजीले नौजवान के साथ
अपना जीवन व्यतीत करना चाहती है
जिसके साथ वो सदा सुखी रहे खुश रहे
उसके खूबसूरत संतान हो
और वो उन्हें पूरे दिल से चाहे
समय बीतने के साथ वो दादी बने, पड़दादी बने
और जब अंतिम समय आये
तब वो शांति के साथ
अपने प्यारे जीवन साथी के पास लेटे हुए
पञ्च तत्व में विलीन हो जाये
यही एक स्त्री की संपूर्ण जिंदगी की सोच होती है

इसके विपरीत पीड़ित

एक २३ वर्षीय युवती
चांदनी में चमकती सर्द रात में
रुदन करते हुए
अपनी तरह टूटी हुई और
मिथ्या मुस्कराहट लिए
एक दम अकेली
कुछ अनजान दरिंदों के बीच
एक अनिश्चित मानसिकता के साथ
संघर्ष करती है
अब वो बड़ा घर एक खालीपन से
भर गया है
सपने चूर चूर हो गए हैं
समाज में दूसरों की मुस्कराहटों को देख
उससे अपनी पुरानी जिंदगी का एहसास होता है
अब कोई राजकुमार नहीं है
जिसे वो सब कुछ सौंपना चाहती थी
जो उससे छिन गया है
उसके वो सुन्दर बच्चे अब नहीं होंगे
अब उसका वो चकना चूर दिल
कभी जुड नहीं पायेगा
वह अपनी माँ से कभी कह नहीं पायेगी
के उनकी वो परिपूर्ण और निपुण बेटी
हमेशा के लिए कहीं खो गई
वह सदा के लिए समाप्त हो चुकी है
अब सिर्फ एक शव समान रह गई है
उन लोगों ने उससे सब कुछ छीन लिया
और अब वो एक परछाई है जो कभी वो हुआ करती थी
उससे सब कुछ छिन्न चुका है
उसकी मुस्कान, उसकी जवानी और उसकी संपूर्ण जिंदगी

बुधवार, दिसंबर 19, 2012

रात के कुछ लम्हे

रात के कुछ लम्हे हैं 
जिन्हें भुलाया नहीं है 
दफनाया भी नहीं है
जो छूट गए हैं 
माज़ी की यादों में
या छोड़ दिए हैं  
उन गुज़री राहों पर 
जिन पर साथ चले थे कभी 
किये थे कुछ कसमे वादे
भूल गए जो अब हम तुम ..

रात के कुछ लम्हे हैं 
जिन्हें बनाया नहीं है 
सजाया भी नहीं है
जो शामिल होंगे शायद 
कल की उन यादों में 
जो बन सितारे बिछ जायेंगे 
आने वाली रातों में 
जिन राहों पर साथ चलेंगे हम तुम 
लेकर नई आशाएं ...

बलात्कार

दिल्ली में घटित एक घिनोनी घटना पर मेरा रोष कुछ इस तरह ज़ाहिर हो रहा है ।

बलात्कार
एक दहशतपूर्ण शब्द
एक डरावना सच
पर जब यह किसी के साथ घटता है
तब और भी ज्यादा भयानक, दहशतपूर्ण और डरावना
बन जाता है

आप सबने इससे फिल्मों में होते देखा होगा
लड़का लड़की पार्टी में मिले
कुछ जाम छलके
दोनों नशे में धुत्त
लड़का लड़की को बहला कर ऊपर ले गया
लड़की नहीं चाहती थी
पर लड़के को इससे कोई मतलब नहीं था
उससे बस वही करना था जो वो चाहता था

मैं ऐसा कुछ भी नहीं कहता
के ऐसा नहीं होता
क्योकि यह सब होता है
असलियत में भी
पर हर दफा यदि वो आपका कोई करीबी, दोस्त या मंगेतर हों तब ?
जो आपसे बदसुलूकी करता है
बलात्कार करता है

वो आपको अँधेरे में दबोच लेते हैं
गाडी में खीच लेते हैं
सड़क पर , बस में, कमरे में भीच लेते हैं
आपको अकेला पाकर
घात लगा कर आप पर हमला बोल देते हैं
क्योंकि भेडिये ऐसे ही शिकार करते हैं

फिर वो कोशिश करता है
आप वही सोचे जो वो चाह रहा है
वो आपको चूमता है गालों पर
वो आपको चूमता है गर्दन पर
फिर उसके अंदर का जानवर जाग जाता है
और वो सब कुछ करने लगता है
जो उससे नहीं करना चाहियें
क्योंकि जानवर ऐसा ही करते हैं
पर जबतक आपको समझ आता है
के यह हो क्या रहा है
तब तक बहुत देर हो चुकी होती है

आप चिल्लाती हैं
"नहीं नहीं!
ऐसा मत करो!
रुक जाओ!
मुझे यह नहीं चाहियें!
रुक जाओ!
पर
वो अपने हाथ से आपका मुंह बंद कर देता है
जिससे आपकी चीखें कोई सुन का सके
आप संघर्ष करती हो वो आपसे कहीं ज्यादा
ताकतवर है
वो जो चाहता है करता रहता है

एक बार वो सब कुछ कर लेता है
वो आपको छोड देता है
आप किसी तरह उठ खड़ी होती हैं
अपने अस्त व्यस्त कपडे बिजली की तेज़ी से ठीक करती हैं
सांस लेने की कोशिश कर रही होती हैं
तभी
"अगर किसी से कुछ कहा तो आगे इससे भी बुरा होगा"

आप बाहर आती हैं
अपनी गाडी में बैठ कर
दुगनी तेज रफ़्तार के साथ
सीधा अपने घर पहुच जाती हैं
सबसे पहले झट से आप
अपने स्नान गृह में जाती हैं
और शोवर के नीचे खड़ी हो जाती हैं
जिससे आप उसकी गंध को अपने से
अलग कर सकें

घंटा भर नहाने के बाद आप
रोना शुरू करती हैं
आपको विश्वास नहीं होता
यह जो कुछ भी आपके साथ घटा
वो सच था या नहीं
आप अपने आप से कहती हैं
"कैसे! वो सबसे प्यारा इंसान था जिसे मैं जानती थी....आदि इत्यादि"
और आप एक शब्द भी नहीं बोल पाती

अगले दिन
वो आपको फिर मिलता है
स्कूल में, कॉलेज में, ऑफिस में
सड़क पर, बस में, बस स्टैंड पर
आपकी ओर देखकर मुस्कराता है
आँख मरता है
आप उससे आँख चुराकर, घबराकर
दूसरी दिशा में भागने की कोशिश करती हैं
वो आपका पीछा करता है
और आपका हाथ पकड़ लेता है और फिर
कसकर चिपटने की कोशिश करता है
आप चिल्लाती हैं, "दूर हटो! नहीं तो मैं सबको बता दूंगी!"
वो आपके कानो में कुछ घिनोने शब्द कहता है
"मुझे पता है, तुम्हे वो सब अच्छा लगा था"
आप फिर से चिल्लाती हैं,
"नहीं, नहीं, मुझे अच्छा नहीं लगा! तुमने मेरा बलात्कार किया है!"

आसपास सभी आप दोनों की तरफ देखने लगते हैं
वो आपको छोड कर भागने की कोशिश करता है
पर सभी लोग उससे पकड़ कर उसकी पिटाई और अच्छे से धुलाई कर देते हैं

आँखों में आंसू लिए,
नाक और गाल लाल किये, आप
धीरे से कहती हैं, "और मारो, और मारो, जान ले लो इसकी"
फिर सभी उसे दबोच कर, बेतहाशा उसकी पिटाई करते हैं
आप जोर जोर से रोते रोते
ज़मीन पर गिरते एक एक आंसू के साथ
आगे बढ़ जाती हैं

और तब वो पल आता है
जब आपको एहसास होता है
ये तो किसी के भी साथ हो सकता है
किसी भी लड़की के साथ
कोई भी लड़का
किसी भी पार्टी, सड़क या किसी भी जगह

अगर यह बात आप बीती की बजाये
जब बीती से सीख ली जाए
और सतर्क हो जाया जाये
तो ज्यादा बेहतर होगा
होगा के नहीं ?
वो आपको सोचना होगा
ज़रा सोचें ???

उसने सोचा न था


उसने सोचा न था
जो भी उस पल हुआ
वो चिल्लाती रही
वो रोती रही
छोड दो छोड दो
वो भडिया न रुका
वो भेडिया न थमा
वो पुकारती रही
मदद करो मदद करो
वो दरिंदे सभी
राक्षस थे कहीं
दू:शासन थे वो तो
वो बढते रहे
वो चढ़ते रहे
वो कहती रही
नहीं नहीं नहीं
उसने सोचा न था
जिंदगी थमेगी यूँही
उसने सोचा न था
इंसान गिर जायेगा
इतना भी कभी
वो खोती रही
उसने खोना जो था
खून में लथपथ थी वो
रात भर से यूँही
रक्त भी न थमा
वो भी बहता रहा
उसने सोचा न था
वो छोड कर के उसे
ऐसी हालत में ही
गायब हो गए
ऐसी धुंध में कहीं
सुबह जागी तो वो
पर कभी भूली नहीं
वो रात न थी
एक सूली थी वो
जिसपे झूली थी वो
जिंदगी साथ ले गई
एक दर्द दे गई
उम्र भर के लिए
उसने सोचा न था
उसने सोचा न था

मंगलवार, दिसंबर 18, 2012

Friendship

Friendship is the only 'Ship' with which one can reach other's thoughts and dreams. It is a two way street; if it not fed from both sides, it will atrophy. To dissolve loneliness as we need friends and to have friends we need humility. A friend is not an object to be possessed but a subject to be chrished. 

Life Is

Life is a 'Goal', reach it
Life is a 'Promise', fulfill it 
Life is a 'Opportunity', utilize it 
Life is a 'Journey', complete it
Life is a 'Game', play it
Life is a 'Duty', perform it
Life is a 'Struggle', accept it
Life is a 'Challenge', meet it
Life is an 'Adventure', dare it
Life is a 'Mystery', unfold it
Life is a 'Dream', realize it
Life is a 'Song', sing it
Life is a 'Flower', smell it
Life is a 'Beauty', worship it 
Life is a 'Love', enjoy it
Life is a 'Bliss', taste it
Life is a 'Battle', fight it
Life is a 'Test', pass it
Life is a 'Horrible', fear it
Life is a 'Problem', solve it
Life is a 'Trouble', face it
Life is a 'Joke', laugh on it
But still.....
Life is Life, so Live it.

मंगलवार, अक्तूबर 30, 2012

my Pain is...

my Pain is...

my Anger
my Dissapointment
my Lost hopes
my Shattered dreams
my Total failure
my Unsucessfulness
my Unavalible skills
my Small achievements
my Fight
 

...my Fuel for living

मुझे कोई दर्द नहीं है...

तुमने मेरे ज़हन पर कोई निशान नहीं देखे
तुमने मेरी आँखों में कोई आंसू नहीं देखे
तुमने मेरे चेहरे पर कोई दर्द नहीं देखा
इसलिए मुझे कोई दर्द नहीं है...

मैं खुद से कभी रोता नहीं
रातों को मैं सोता नहीं
घबरा कर अचानक उठ जाता हूँ
कुछ ख्वाब ऐसे आते हैं मुझे
कभी लगता है जान ले लूं अपनी
पर फिर सोचता हूँ
अँधेरे से भागना कैसा
चुप्पी को साधना कैसा
अपने आप से छुपना कैसा
अपनों की आँखों से बचना कैसा
जिन आँखों से प्यार झलकता है
जो कहते हैं मैं इंसान हूँ
और मुझे मुस्कराने की वजह देते हैं

तुमने मेरे मुह से कभी मेरा दर्द-ए-बयां न सुना होगा
तुमने मेरे माज़ी के दर्द की दास्ताँ न सुनी होगी
तुमने मेरे जिगर से वो दर्द भरे शब्द न सुने होंगे
इसलिए मुझे कोई दर्द नहीं है...

मैं अपने दर्द में चिल्लाता नहीं
मैं अपने कमरे की दीवारों को जगाता नहीं
मैं लातों और घूसों से दर्द को दिखता नहीं
मैं शराब की बोतल में डूब जाता नहीं
मैं नश्तर भी अपने सीने में उतरता नहीं
चुप रहकर लबों को सीकर ही
बर्दाश्त करता हूँ मैं सबकुछ
इस उम्मीद पर के दर्द भूल जाऊंगा
एक दिन वो सवेरा होगा
जिस दिन मैं भी मुस्कराऊंगा

तुम्हे मेरे दुःख मेरे दर्द
न दिखाई देते हैं
न सुनाई देते हैं
तुम तो वही देखते हो
जो मैं तुम्हे दिखता हूँ
तुम वही सुनते हो
जो मैं तुम्हे सुनाता हूँ
तुम्हे कुछ नहीं पता
उसने मेरे साथ क्या किया
तुम्हे तो कुछ भी नहीं पता
उसने मेरे साथ क्या नहीं किया
मेरे दर्द का एहसास
तुम्हे नहीं
तुम्हे वही मालूम है
जो मैंने तुम्हे बतलाया है
या फिर क्योंकी तुम
वो देखना और सुनना ही नहीं चाहते
तुम्हारी इस सोच का मतलब ये नहीं
के मुझे दुःख और दर्द नहीं हैं
मैं सिर्फ मैं हूँ
मेरा दर्द सिर्फ मेरा है
मेरे अंतर्मन में बंद एक दास्ताँ
जो कभी बयां नहीं होगी
हमेशा मेरे साथ ही रहेगी
और मेरे साथ ही चली जायेगी

तुम मेरा दर्द कभी देख ही नहीं पाओगे
तुम मेरा दर्द कभी सुन भी नहीं पाओगे
तुम मेरा दर्द कभी पढ़ नहीं पाओगे
इसलिए मुझे कोई दर्द नहीं है...

सोमवार, अक्तूबर 15, 2012

A Thought

There is no wine
If Grapes are not pressed...
No perfume
If flowers are not crushed...
If you feel any pressure in life...
It means GOD is bringing the best out of you !!

शुक्रवार, अक्तूबर 05, 2012

मेरा बिस्तर

एक परित्यक्त और एकांत अजीरा
बन गया है बिस्तर मेरा
जो कभी क्रीड़ास्थल था
आज बन्दी गृह बन गया है मेरा
बाध्य हो गया हूँ मैं
तुम्हारे सान्निध्य से
या की तुम्हारे अभाव से

अब अकेला ही पसरा हूँ
अपने ख्यालों के साथ
संवेदिक स्मरणशक्ति
प्रयत्न करती है
तुम्हे फिर जिलाने को
अवयव उलझे,
कुंचित, आश्वासक हैं
शायद मैं भी धीरे धीरे
खो जाऊं निद्रा में
और खो जाऊं
महत्वाकांशी स्वप्न नगरी में
वापस तुम्हारे पास...
सज़ा ये है की नींद छीन ली दोनों की आँखों से
खता ये है की हम दोनों ने मिलकर ख़वाब देखा था...

कोई न आया

दिल की दरी पर
गुज़र गई सियाह रात
नज़रों की मचान पर
भटकते रहे बीते साये
मेरे दामन में कोई
सितारे भरने नहीं आया
मेरी उलझी जिन्दगी को
कोई समझने नहीं आया
कितने मौसम बीत गए
कितने त्यौहार चले गए
मेरे जज़्बात की मुंडेरों पर
कोई लौ न रोशन करने आया ...

मुझे

मुझे हर ज़ख्म को मुस्कान से सीना नहीं आया
मैं मरना चाहता था पर मुझे जीना नहीं आया
मेरी और तेरी जिंदगी में बस फर्क इतना है
मुझे कहना नहीं आया तुझे सुनना नहीं आया...

मंगलवार, अक्तूबर 02, 2012

अभी भी संभल जा ऐ दिल मेरे

अभी भी संभल जा ऐ दिल मेरे
उसको याद न कर जिसने आना नहीं
उसके आने की तू आस न कर
तेरा दर्द जिसने मिटाना नहीं
थपेड़े खा न तू उन तूफानों के
दिल में प्यार जिन्होंने जगाना नहीं
न कर बर्बाद इन्तेज़ार के पलों को अपने
उसने तेरे दिल का कुंडा खडकाना नहीं
जिसे याद करता है ये मेरा दिल
उसने कभी पास आना नहीं
अभी भी संभल जा ऐ दिल मेरे...

शुक्रवार, सितंबर 14, 2012

ख्वाबों में कहीं

खोया रहा मैं,
सवालों में कहीं
गुम हूँ मैं,
आसमानो में कहीं
सैकड़ों कारवां गुज़र  गए
निगाहों से मेरी
पर डूबा रहा मैं
ख्वाबों में कहीं

ख्वाहिशों का सैलाब कुछ और ही था
जब उम्मीदों का दिया रोशन था
करवाटो में ही पलट गया हो
कई सदियों का फासला कहीं
सैकड़ों कारवां गुज़र  गए
निगाहों से मेरी
पर डूबा रहा मैं
ख्वाबों में कहीं

खुद को पाने की जूस्तजू में 'निर्जन'
निकला था इस सफ़र पे मैं 
लौट ना पाया अब तक मुसाफिर
खोया रहा बीती यादों में कहीं
सैकड़ों कारवां गुज़र  गए
निगाहों से मेरी
पर डूबा रहा मैं
ख्वाबों में कहीं

गुरुवार, अगस्त 23, 2012

What is a poem?

What is a poem?
It's but a dream
A wish
A love
A hope
A poem is but a thought

What is a poet?
They are but a dreamer
A thinker
A feeler
A lover
A poet is but a watcher

What is a dream?
It's but a secret future
A hidden thought
A need
A want
A dream is but an emotion

What is this world?
It's but a world of dreamers
A world of lovers
A world of poets
A world of emotion
All this is but a poem...