ख्वाबों की दुनिया में बुने एक अलसाये मन के भाव, विचार, सोच, कहानियाँ, किस्से, कवितायेँ....|
शुक्रवार, अक्तूबर 05, 2012
सज़ा ये है की नींद छीन ली दोनों की आँखों से
खता ये है की हम दोनों ने मिलकर ख़वाब देखा था...
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