तू क्या जाने इस दिल में
तेरी बेक़रारियां हैं क्या
तू क्या जाने इस दिल में
तेरी दुश्वारियां हैं क्या
तू क्या जाने इस दिल में
तेरी खुमारियां हैं क्या
तू क्या जाने इस दिल में
तेरी जिम्मेदारियां हैं क्या
तू क्या जाने इस दिल में
तेरी उन्सियत है क्या
तू क्या जाने इस दिल में
तेरी शक्सियत है क्या
तू क्या जाने इस दिल में
'निर्जन' धड़कन है क्या
ये दिल समझाता तुझको
कभी तू दिल को समझा
प्रेम के कोमल अहसास.लिए बढ़िया रचना ...!.
जवाब देंहटाएंbahut sundar ...
जवाब देंहटाएंलाजबाब,बहुत उम्दा प्रस्तुति...!
जवाब देंहटाएंRECENT POST -: पिता
बहुत बढिया
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर प्रस्तुति, धन्यबाद .
जवाब देंहटाएंभावो का सुन्दर समायोजन......
जवाब देंहटाएंsunder prem geet
जवाब देंहटाएंshubhkamnayen
बहूत खूब भाई!
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना
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