बुधवार, अक्टूबर 31, 2012

A Thought

I unbutton you, kiss by kiss.
I untie you, touch by touch.
I unzip you, rib by rib.

- I unfasten you, moment by moment.

Hopeless Romantic

You are watching,
A Romantic movie.

You always knows the kind,
Boy meets Girl,
Girl meets Boy,
Both fall for each other,
Sing around trees,
On daily transport,
Pass all difficulties,
Token break up,
Heart-warming reunion.

The warm, fuzzy feeling
Prevades for hours,
Until you actually feel and think
That.

Actually Love,
Is NEVER like that,
Atleast Not in real life,
It's stylized,
Larger than life,
Obviously a work of fiction,
The cross country road trip,
Would never lead to her
In the end.

You won't bump into each other,
You won't get on the same bus,
You won't get in the same auto,
You won't live in the same colony,
You won't sing and dance on the same road,
You won't repeat the same dialogues in life.

But, then you still sit on your,
Bed, Chair, Sofa or,
In a Theatre,
All Alone,
Wishing,
Hoping,
That it would happen,
To you someday.

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You are watching,
A Romantic movie.

You always knows the kind,
Boy meets Girl,
Girl meets Boy,
Both fall for each other,
Sing around trees,
On daily transport,
Pass all difficulties,
Token break up,
Heart-warming reunion.

The warm, fuzzy feeling,
Prevades for hours,
Until you actually feel,
And think That.

You snuggle up to your,
Girlfriend, Boyfriend,
Partner or whatever,
And see it’s obviously a work,
Of fiction.

However,
You don’t care.

You share an ‘awwww’ moment,
Maybe a kiss or two,
And then start thinking,
About something else too.

Because you don’t see them,
Wishing it was you.

You look at them,
And see yourself,
And your love.

Because it has happened to you
To a certain extent.


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You wonder,
Whether these thoughts
Are True,
Whether your 'red italics'
Wishes were correct.

Whether your theory,
will be proved,
Or disproved,
In spectacular style.

Does love in the movies,
Exist,
In the minds of the lovers?

Or is it still just,
A Hopeful Dream,
Of a Hopeless Romantic?

मंगलवार, अक्टूबर 30, 2012

my Pain is...

my Pain is...

my Anger
my Dissapointment
my Lost hopes
my Shattered dreams
my Total failure
my Unsucessfulness
my Unavalible skills
my Small achievements
my Fight
 

...my Fuel for living

मुझे कोई दर्द नहीं है...

तुमने मेरे ज़हन पर कोई निशान नहीं देखे
तुमने मेरी आँखों में कोई आंसू नहीं देखे
तुमने मेरे चेहरे पर कोई दर्द नहीं देखा
इसलिए मुझे कोई दर्द नहीं है...

मैं खुद से कभी रोता नहीं
रातों को मैं सोता नहीं
घबरा कर अचानक उठ जाता हूँ
कुछ ख्वाब ऐसे आते हैं मुझे
कभी लगता है जान ले लूं अपनी
पर फिर सोचता हूँ
अँधेरे से भागना कैसा
चुप्पी को साधना कैसा
अपने आप से छुपना कैसा
अपनों की आँखों से बचना कैसा
जिन आँखों से प्यार झलकता है
जो कहते हैं मैं इंसान हूँ
और मुझे मुस्कराने की वजह देते हैं

तुमने मेरे मुह से कभी मेरा दर्द-ए-बयां न सुना होगा
तुमने मेरे माज़ी के दर्द की दास्ताँ न सुनी होगी
तुमने मेरे जिगर से वो दर्द भरे शब्द न सुने होंगे
इसलिए मुझे कोई दर्द नहीं है...

मैं अपने दर्द में चिल्लाता नहीं
मैं अपने कमरे की दीवारों को जगाता नहीं
मैं लातों और घूसों से दर्द को दिखता नहीं
मैं शराब की बोतल में डूब जाता नहीं
मैं नश्तर भी अपने सीने में उतरता नहीं
चुप रहकर लबों को सीकर ही
बर्दाश्त करता हूँ मैं सबकुछ
इस उम्मीद पर के दर्द भूल जाऊंगा
एक दिन वो सवेरा होगा
जिस दिन मैं भी मुस्कराऊंगा

तुम्हे मेरे दुःख मेरे दर्द
न दिखाई देते हैं
न सुनाई देते हैं
तुम तो वही देखते हो
जो मैं तुम्हे दिखता हूँ
तुम वही सुनते हो
जो मैं तुम्हे सुनाता हूँ
तुम्हे कुछ नहीं पता
उसने मेरे साथ क्या किया
तुम्हे तो कुछ भी नहीं पता
उसने मेरे साथ क्या नहीं किया
मेरे दर्द का एहसास
तुम्हे नहीं
तुम्हे वही मालूम है
जो मैंने तुम्हे बतलाया है
या फिर क्योंकी तुम
वो देखना और सुनना ही नहीं चाहते
तुम्हारी इस सोच का मतलब ये नहीं
के मुझे दुःख और दर्द नहीं हैं
मैं सिर्फ मैं हूँ
मेरा दर्द सिर्फ मेरा है
मेरे अंतर्मन में बंद एक दास्ताँ
जो कभी बयां नहीं होगी
हमेशा मेरे साथ ही रहेगी
और मेरे साथ ही चली जायेगी

तुम मेरा दर्द कभी देख ही नहीं पाओगे
तुम मेरा दर्द कभी सुन भी नहीं पाओगे
तुम मेरा दर्द कभी पढ़ नहीं पाओगे
इसलिए मुझे कोई दर्द नहीं है...

सोमवार, अक्टूबर 15, 2012

A Thought

There is no wine
If Grapes are not pressed...
No perfume
If flowers are not crushed...
If you feel any pressure in life...
It means GOD is bringing the best out of you !!

शुक्रवार, अक्टूबर 05, 2012

मेरा बिस्तर

एक परित्यक्त और एकांत अजीरा
बन गया है बिस्तर मेरा
जो कभी क्रीड़ास्थल था
आज बन्दी गृह बन गया है मेरा
बाध्य हो गया हूँ मैं
तुम्हारे सान्निध्य से
या की तुम्हारे अभाव से

अब अकेला ही पसरा हूँ
अपने ख्यालों के साथ
संवेदिक स्मरणशक्ति
प्रयत्न करती है
तुम्हे फिर जिलाने को
अवयव उलझे,
कुंचित, आश्वासक हैं
शायद मैं भी धीरे धीरे
खो जाऊं निद्रा में
और खो जाऊं
महत्वाकांशी स्वप्न नगरी में
वापस तुम्हारे पास...
सज़ा ये है की नींद छीन ली दोनों की आँखों से
खता ये है की हम दोनों ने मिलकर ख़वाब देखा था...

कोई न आया

दिल की दरी पर
गुज़र गई सियाह रात
नज़रों की मचान पर
भटकते रहे बीते साये
मेरे दामन में कोई
सितारे भरने नहीं आया
मेरी उलझी जिन्दगी को
कोई समझने नहीं आया
कितने मौसम बीत गए
कितने त्यौहार चले गए
मेरे जज़्बात की मुंडेरों पर
कोई लौ न रोशन करने आया ...

मैं

मैं अपने दिल का राजा हूँ
मेरी अपनी रवानी है
भले जज़्बात हों न हूँ
फिर भी एक कहानी है
बात इतनी सी है के बस
दिल में आग है मेरे
और आँखों में पानी है...

मुझे

मुझे हर ज़ख्म को मुस्कान से सीना नहीं आया
मैं मरना चाहता था पर मुझे जीना नहीं आया
मेरी और तेरी जिंदगी में बस फर्क इतना है
मुझे कहना नहीं आया तुझे सुनना नहीं आया...

समझा रहा हूँ तुझे

मेरा जज्बाती तजुर्बा है बतला रहा हूँ तुझे
वो जो दिल खो गया था जब, अब दिखला रहा हूँ तुझे
बिछड के अब, दोनों से जिया जाये कैसे ?
जो कभी खुद ही न समझा, क्यों समझा रहा हूँ तुझे ??

मंगलवार, अक्टूबर 02, 2012

अभी भी संभल जा ऐ दिल मेरे

अभी भी संभल जा ऐ दिल मेरे
उसको याद न कर जिसने आना नहीं
उसके आने की तू आस न कर
तेरा दर्द जिसने मिटाना नहीं
थपेड़े खा न तू उन तूफानों के
दिल में प्यार जिन्होंने जगाना नहीं
न कर बर्बाद इन्तेज़ार के पलों को अपने
उसने तेरे दिल का कुंडा खडकाना नहीं
जिसे याद करता है ये मेरा दिल
उसने कभी पास आना नहीं
अभी भी संभल जा ऐ दिल मेरे...

अंजाम

मेरे सर पर मुहब्बत करने का इलज़ाम होता है
भरी दुनिया में मेरा इश्क ही बदनाम होता है
मेरे दिल में तेरी यादों का एक दीवान होता है
ज़माने भर में मेरा चर्चा बस अब आम होता है
बा-इज्ज़त मेरा मारना भी न बर्दाश्त होता है
जो मुझको प्यार करता है वही सरनाम होता है
मुहब्बत ये सोच कर की थी के जीतूंगा मैं बाज़ी पर
मुझे खुद को नहीं मालूम क्यों दिल नाकाम होता है
जिंदगी दिन-बा-दिन मेरी बिगड़ती जा रही है पर
तेरे से बात करके दिन में कुछ आराम होता है
भरोसा था मुझे जिनपर धोखा दे गए वो ही
अब विश्वास का मेरे यही अंजाम होता है ...

Deep down in my heart I'm still dying to give

There once was a day I dying to live
That same day I was dying to breathe
Deep down in my heart I'm still dying to give
In that same way I'd die to receive

There are many things that we'd like to possess
But that one thing we all want is love
Everyone has that someone they'd love to impress
And I've learned that love comes with a shove

It takes you by surprise and explodes upon impact
Then it blasts you straight off to cloud nine
That thing you once doubted you accept as a fact
In your world all the stars will align

And this warm vibrant feeling you're dying to find
Now you search for that key to your heart
You don't know where to look and you're feeling so blind
Maybe they've been quite close from the start

We're all dying to have that one person to hold
That one star to come down from the sky
You've been searching for something more precious then gold
Maybe that one true love is nearby

I'm in too deep...

You're not with me,
You're my demise
But with these eyes
I can finally see…

You can't deceive,
I still believe
In demon kings
And fairy wings,
In all these little things…

Dragging me down,
Pull me into the ocean
So I will drown…
Down, down, down…

I need someone to rely on,
A shoulder I can cry on,
But they're all just cheap,
And I'm in too deep...

Do I Love You ?

When I’m not talking to you,
I’m thinking of you.

When you’re away,
I’m hurting inside for you.

Heart sinking,
Belly aching,
Mind numbing,
Hurt for you.

Do I miss you ?


When I’m talking to you,
I’m thinking of us.

When you’re with me I come alive.

Heart beating,
Belly flying,
Mind racing,
Alive for you.

Do I love you?