ये दिल भी
मेरा है
मेरा है 'निर्जन'
एक चीख
आत्मा
ने की
एक दिल यथार्थ का
होते हुए भी
अतीत के
पुराने यथार्थ
को खींच
लाया
मेरे समक्ष
क्या अतीत
ज्यादा सुखद था ?
क्या अतीत ज्यादा कोमल था ?
तभी तो चिपका रहा
मुझ से
पुराने रोग की भांति
एक समय से
दूसरे समय तक
ये रोग (स्मृतियाँ)
किस प्रकार का है ?
नहीं जानता
नहीं जानता
पर रोग अब
बहुत पुराना होने पर भी
पुराने अन्न की भांति
अधिक पचन
शक्ति वाला
प्रतीत होता है
या मुझे
अच्छा लगता है
मेरी भ्रान्ति
आत्मा को
भ्रमित किये हुए है ??
मेरा है
मेरा है 'निर्जन'
एक चीख
आत्मा
ने की
एक दिल यथार्थ का
होते हुए भी
अतीत के
पुराने यथार्थ
को खींच
लाया
मेरे समक्ष
क्या अतीत
ज्यादा सुखद था ?
क्या अतीत ज्यादा कोमल था ?
तभी तो चिपका रहा
मुझ से
पुराने रोग की भांति
एक समय से
दूसरे समय तक
ये रोग (स्मृतियाँ)
किस प्रकार का है ?
नहीं जानता
नहीं जानता
पर रोग अब
बहुत पुराना होने पर भी
पुराने अन्न की भांति
अधिक पचन
शक्ति वाला
प्रतीत होता है
या मुझे
अच्छा लगता है
मेरी भ्रान्ति
आत्मा को
भ्रमित किये हुए है ??