मुझे नफरत है खुद से, उस सब के लिए जो मैंने आज तक किया
मुझे नफरत है खुद से, जिंदगी जीने के कोशिश करने के लिए
मुझे नफरत है खुद से, अपने जज़्बात दिखने के लिए
मुझे नफरत है खुद से, प्यार करने की कोशिश करने के लिए
मुझे नफरत है खुद से, इस कामोन्माद में जलने के लिए
मुझे नफरत है खुद से, जो कुछ भी मैं हूँ उसके लिए
मुझे नफरत है खुद से, अपने आँखों को आंसू देने के लिए
मुझे नफरत है खुद से, खुद खड़ा होने की कोशिश के लिए
मुझे नफरत है खुद से, अपने वादों को पूरा न कर पाने के लिए
मुझे नफरत है खुद से, अपने अपनों को दुखी देखने के लिए
मुझे नफरत है खुद से, अपने एहसासों को मार देने के लिए
मुझे नफरत है खुद से, अपने कर्मों को पूरा न कर पाने के लिय
मुझे नफरत है खुद से, जो कुछ बदल नहीं सकता
मुझे नफरत है खुद से, अपनी जिंदगी जीने से
मुझे नफरत है खुद से, खुदखुशी के विचारों से
मुझे नफरत है खुद से, अपने डर के एहसासों से
मुझे एहसास है, मैं जकड़ता जा रहा हूँ
अपनी खुद की नफरत में
एहसास है उस खुदा के ठन्डे हाथ का
एहसास है उसकी कठोर पकड़ का
एहसास है उसके निकृष्टतर मिजाज़ का
उसने मुझे एक खुश मिजाज़ जिंदगी से
उठा कर इस अकेली सडन भरी मुर्दा जिंदगी में ला पटका
मुझे नफरत है इस जिंदगी की वजह से
मुझे नफरत है अपने इस छुपने की वजह से
मैं सच में यही सोचता हूँ, इससे अच्छा तो मौत मिल जाये
ऐसी बेनाम, रूखी, बेनूर, बेकार, सूनी, अकेली, लाचार, अत्याचारी जिंदगी से तो बेहतर
मौत क्यों न आ जाये, मौत क्यों न आ जाये, मौत क्यों न आ जाये