शनिवार, दिसंबर 08, 2012

मैं भी शायद जल्द ही गिर जाऊँगा

इन सर्दियों की सियाह रातों में
आज
मैं देख सकता हूँ
अपने अतीत के अवशेषों को
आंसू बह कर गिरते हैं
मेरे गालों से
वैसे मैं भी शायद
जल्द ही गिर जाऊँगा

अगरचे केवल तकदीर ने
मेरे लिए यह चुना है
तो एक बार फिर
मैं तकदीर से लडूंगा
और फिर से एक
आज़ाद मौत मर जाऊंगा
अपनी ख्वाइशों को
बंदिशों में बांध कर
और सिसक सिसक कर
जिंदगी बिताना 
क्या इस तरह जीने को
जिंदगी कहते हैं ?
क्या इस तरीके से
जीवन जीना मैंने चुना है ?
अपने सपनो के लिए
अपनों के लिए
मर मिटना
और दिल मैं कोई
अफ़सोस न रखना
यही मेरे जीने का मकसद है
कोई भी इस उत्साह
कोई इस उमंग को
मुझ से छीन नहीं सकता
मेरे मज़बूत इरादों को
अब कोई तोड़ नहीं सकता
चाहे अरमानो के
खून की नदियाँ बह जाएँ
चाहे मुस्कराहटों पर
अँधेरा छा जाये 
चाहे जिंदगी तीरों की बौछार करे
या फिर गोलियों की बारिश
अपनी जिंदगी की आखरी जंग
मैं मरते दम तक लड़ता रहूँगा
जब तक सांस में सांस है
जिंदगी
तेरे से ऐसे ही भिड़ता रहूँगा
पर आज
आंसू बह कर गिरते हैं
मेरे गालों से
वैसे मैं भी शायद
जल्द ही गिर जाऊँगा

गोकि हारने का गम
अब दिल से जाता रहा
जिसपे रोता हूँ
वो हालात नज़र आता रहा
वो लोग जिन पर
दिल-ओ-जां लुटाए थे कभी
वो नासूर बनकर चोट करते हैं अभी
फिर भी लड़ना तो मुझे है
आखरी दम तक मेरे
इसलिए मैं, मैं हूँ
और यही है तरीका मेरा
हथियार डालूँगा नहीं
है खुद सी ही
यह वादा मेरा
पर आज
आंसू बह कर गिरते हैं
मेरे गालों से
वैसे मैं भी शायद
जल्द ही गिर जाऊँगा

अगर कभी मैं स्वर्ग पाउँगा 
तो उन लम्हों को जीना चाहूँगा
जिंदगी के वो पल
जो कहीं खो गए हैं
जिनमें मेरे मिजाज़ के अनुकूल
लम्हे हुआ करते थे
जिन्हें मैं जीता था
और
हमेशा जीना चाहता था
पर अब वो पल
शायद ही वापस आयेंगे
पर सोचने में क्या जाता है
कोई न कोई तो है
जो उन्हें
खुद ही वापस लौटाएगा 
पर आज
आंसू बह कर गिरते हैं
मेरे गालों से
वैसे मैं भी शायद
जल्द ही गिर जाऊँगा

आखरी दरवाज़ा सिर्फ एक ही है
वो सिर्फ जीत की दस्तक देता है
आगे आने वाली पीढ़ी को
यह बात दीगर है के पीढ़ी
मेरी हो या किसी और की
खुद से लड़ कर
खड़े होने की प्रेरणा देता है
आज मेरे सपने शायद हार जाएँ
मेरी उम्मीदें ध्वस्त हो जाएँ
मेरे होंसलें पस्त हो जाएँ
पर अंत में तो विजय ही है
विचारधारा कभी हार नहीं सकती
पर आज
आंसू बह कर गिरते हैं
मेरे गालों से
वैसे मैं भी शायद
जल्द ही गिर जाऊँगा

कल कुछ लोग देख्नेगे
मेरी जीत के जश्न को
वो एक बेहतरीन पल होगा
जब मैं जीतूंगा और
वो हार जायेंगे
मैं खड़ा रहूँगा सामने
स्वाभिमान
आत्मसम्मान
गौरव
और मानसम्मान
के साथ
वो वक्त तो ज़रूर आएगा
इतना तो मालूम है मुझे
बेशक मैं गिर जाऊंगा
पर मेरे होसलों को कोई
छु भी नहीं पायेगा
पर आज
आंसू बह कर गिरते हैं
मेरे गालों से
वैसे मैं भी शायद
जल्द ही गिर जाऊँगा

इन सर्दियों की सियाह रातों में
आज
मैं देख सकता हूँ
अपने अतीत के अवशेषों को
आंसू बह कर गिरते हैं
मेरे गालों से
वैसे मैं भी शायद
जल्द ही गिर जाऊँगा

गुरुवार, दिसंबर 06, 2012

Game Called Life

I'm not very good
At this Game called Life
For I've not learned to see children crying
Without feeling pain
For I've not learned to watch animals destroyed
Without wondering why
For I've not yet met a king or a celebrity
That I would bow down to
Or a man so insignificant
That I would use for a stepping-stone
For I've not learned to be a 'yes man'
To narrow minded bosses
Who quote rules without reason
And I've not learned to manipulate
The feelings of others
To be used for my own advantages
Then cast aside as I see fit
No, I'm not very good
At this Game called Life
And if everything goes well
Maybe I never will be...


These lines are not mine. Read them somewhere and really liked them because they relate to me, my feelings and my thinking. It seems that there is someone somewhere who is like me. So just published them on my blog. 

In My Dreams

I hear her whispers in my ears in my dreams
I hear her murmuring my name when i love her in my dreams
I hear her moans and groans in my dreams
I hear her saying make love to me in my dreams
I hear her telling me that i am the only one for her in my dreams
I hear her everyday and i love it so much

I see her falling into my arms in my dreams
I see her glowing face lightning up my darkness in my dreams
I see her fighting my problems in my dreams
I see her wiping off my tears in my dreams
I see her facing my fears in my dreams
I see her everyday and i love it so much

I smell her body fragrance, as i hold her in my dreams
I smell her hair conditioner, as i hug her in my dreams
I smell her mouthwash, as i kiss her in my dreams
I smell her excitement, as she cuddle in me in my dreams
I smell her aroma, as she looses herself in my arms in my dreams
I smell her everyday and i love it so much

I feel her fingers in my hair in my dreams
I feel her hot breath on my neck in my dreams
I feel her body pressed so close to mine in my dreams
I feel her lips on my throat in my dreams
I feel her hands move on my body in my dreams
I feel her everyday and i love it so much

I taste her lips in my dreams
I taste her tongue in my dreams
I taste her moistness in my dreams
I taste her salts in my dreams
I taste her love, passion and kisses in my dreams
I taste her everyday and i love it so much

I hear her in my dreams
I see her in my dreams
I smell her in my dreams
I feel her in my dreams
I taste her in my dreams
I do all this everyday and i love it so much

I am finally with her
She is finally with me
I love this so much
I love her all my life
Till i die, Till i die.

बुधवार, दिसंबर 05, 2012

मुझे नफरत है खुद से

मुझे नफरत है खुद से, उस सब के लिए जो मैंने आज तक किया
मुझे नफरत है खुद से, जिंदगी जीने के कोशिश करने के लिए
मुझे नफरत है खुद से, अपने जज़्बात दिखने के लिए
मुझे नफरत है खुद से, प्यार करने की कोशिश करने के लिए

मुझे नफरत है खुद से, इस कामोन्माद में जलने के लिए
मुझे नफरत है खुद से, जो कुछ भी मैं हूँ उसके लिए
मुझे नफरत है खुद से, अपने आँखों को आंसू देने के लिए
मुझे नफरत है खुद से, खुद खड़ा होने की कोशिश के लिए

मुझे नफरत है खुद से, अपने वादों को पूरा न कर पाने के लिए
मुझे नफरत है खुद से, अपने अपनों को दुखी देखने के लिए
मुझे नफरत है खुद से, अपने एहसासों को मार देने के लिए
मुझे नफरत है खुद से, अपने कर्मों को पूरा न कर पाने के लिय

मुझे नफरत है खुद से, जो कुछ बदल नहीं सकता
मुझे नफरत है खुद से, अपनी जिंदगी जीने से
मुझे नफरत है खुद से, खुदखुशी के विचारों से
मुझे नफरत है खुद से, अपने डर के एहसासों से

मुझे एहसास है, मैं जकड़ता जा रहा हूँ
अपनी खुद की नफरत में
एहसास है उस खुदा के ठन्डे हाथ का
एहसास है उसकी कठोर पकड़ का
एहसास है उसके निकृष्टतर मिजाज़ का
उसने मुझे एक खुश मिजाज़ जिंदगी से
उठा कर इस अकेली सडन भरी मुर्दा जिंदगी में ला पटका

मुझे नफरत है इस जिंदगी की वजह से
मुझे नफरत है अपने इस छुपने की वजह से
मैं सच में यही सोचता हूँ, इससे अच्छा तो मौत मिल जाये
ऐसी बेनाम, रूखी, बेनूर, बेकार, सूनी, अकेली, लाचार, अत्याचारी जिंदगी से तो बेहतर
मौत क्यों न आ जाये, मौत क्यों न आ जाये, मौत क्यों न आ जाये

एहसास

जिंदगी रेत की तरह
हाथों से फिसल रही है
हर एक लम्हा बीत रहा है
तेरी यादों में
बिना जाने किस तरह
तुझको चाहूँ मैं
किस तरह से तेरी
उन सोई पलकों को
छु लूं मैं

सपने बदल रहे हैं यहाँ
तेरे साथ पाने को बेताब है रात

किसी सूखे दरख़्त के नीचे
छनते सूरज की गर्माहट

साँसों का हौले से आना जाना
एक कब्र खोद रहा हूँ मैं
अपने माज़ी की
तेरे साथ अपने मुस्तकबिल की
और खुद की भी

इतनी जल्द
इतनी तेज़ी से

कुछ पूर्वाभास
या मेरी किस्मत
या सब कुछ जो है
वो मतलब से है

ओझल कभी कुछ नहीं होता
अपना नामोनिशां छोड़े बिना

अपनी हथेलियों पर निराशा लिए
शायद अब नाच भी नहीं सकता
बिना नीचे गिराए उसे

नीचे जिंदगी के गलीचे पर 
कहीं रिस कर
उनमें न समां जाये

पर तेरे हाथ में देखा है
मैंने
मेरी जिंदगी को सोकने के लिए
वो सफ़ेद तौलिया
और वो तेरी हंसी की आवाज़
जैसे कागज की चिड़ियाँ
चहक रही हों शाखों पर
और वो पेड उग रहा है
मेरे दिल से

ये एक एहसास
दम तोड़ रहा है
धीरे धीरे...

मंगलवार, नवंबर 27, 2012

मुझे नफरत है के मैं तुम्हे प्यार करता हूँ...

मुझे नफरत है के तुम
मेरे हर ख्याल में रहती हो
मेरी सुबह तुम्हारे साथ होती है
मैं सोता हूँ तुम्हारी हंसी को सोच कर

मुझे नफरत है के मैं
तुम्हे इतना पसंद करता हूँ
तुम्हारी सुन्दर आँखें
तुम्हारे नमकीन होटों
को चखने के लिए
मैं तरसता हूँ

मुझे नफरत है
जिस तरह से तुम मुझे
महसूस करने को मजबूर करती हो
जैसे मुझे तुम्हारी ज़रूरत है
जीवित रहने के लिए
जैसे तुम्हारे बिना सांस लेना
अत्यंत कष्ट दायक है

मुझे नफरत है के मैं
तडपता हूँ तुम्हारे लिए
मुझे तृष्णा है तुम्हारे स्पर्श की
हर लम्हा
हर दिन

मुझे नफरत है
जिस तरह से मैं तुम्हे
चाहता हूँ
अपने अधम ह्रदय
के हर एक धडकन के साथ
तुम्हे चाहना
मुझे जीवित रखता है
फिर भी अकेला रखता है मुझे....

समाज नाज़ेबा है...मैं नहीं

समाज नाज़ेबा है
मैं नहीं

सुंदरता परिभाषित होती है
हमारे व्यवहार से
नाकि पैमाना पर खुदे अंकों से

भूखे रहना काम नहीं करता
परिष्करण काम नहीं करता
गोलियाँ काम नहीं करती

जो इंसान का अक्स
तुम देखते हो
आईने में
संपूर्ण है वो
हर तरह से
जिस तरह भी वो है
अभी

अब खफा क्या होना
यदि वो खरा नहीं उतरा
आपकी अन्तरंग
उम्मीदों पर

उपमार्ग काम नहीं करता
रुदन काम नहीं करता
मरना काम नहीं करता

याद है मुझे
समाज नाज़ेबा है
मैं नहीं

दोस्त किसे चाहियें ?

प्यारे अकेलेपन,
क्या तुम मेरे दोस्त बनोगे ?
क्योंकि मैं देख रहा हूँ एक दौर,
मेरी दुनिया बिस्तर तक सिमट गई है |

प्यारे ग़म,
क्या तुम मुझे मेरी मुस्कान दे पाओगे ?
क्योंकि खुशियाँ मुझसे मीलों दूर हैं,
जैसे हर एक चीज़ जो मैंने सोची थी |

प्यारे निराशावाद,
क्या तुम मेरी मदद करोगे ?
क्योंकि आशाएं मेरी जिंदगी से फिसल गई हैं,
कुछ अपनों का अपनापन सह सह कर |

प्यारे कष्ट,
क्या तुम मुझे मजबूती दे पाओगे ?
क्योंकि एक तुम ही हो जो मुझे रोक पायेगा,
वो करने से जो मैंने सोचा है अरसे से |

प्यारे निधन,
क्या तुम मुझे जिला पाओगे ?
क्योंकि मैं और जीवित रहना नहीं चाहता,
ऐसे संसार में जो मेरी इतनी परवाह करता है |

प्यारे यमलोक,
क्या तुम मुझे साधू बना पाओगे ?
क्योंकि मैं योग्य नहीं हूँ, दिव्य सुखों का,
अपने कर्मों से मैं दोषी बन चुका हूँ |

प्यारे दोस्तों,
क्या तुम मुझे अपनी भावुकतापूर्ण कथा बनाओगे ?
क्योंकि आपको चाहियें अपनाअहंकार और वैभव
जिंदगी में जहाँ कभी मैं गिरा था |

मंगलवार, नवंबर 20, 2012

सर्दियों का आगाज़

बहकता हुआ मौसम
कोहरे की रात
माज़ी का वक्त
कुछ भूली बिसरी याद
वो पुकारती आँखें
वो शरारत भरा साथ
मुझे याद है अब भी उन
सर्दियों का आगाज़...

दुकान तो सजेगी ही

एक और शाम स्वाह हुई
दिल को फिर से गम् हुआ
एक नया दिन फिर आ गया
हर रोज की तरह
इन्तेज़ार जिसका था
वो नहीं आया
हमेशा की तरह
नए दिन में
फिर से सज गई
कुछ उम्मीदों और अरमानो की दुकान
अब और क्या कहूँ
उसूल है कारोबार का
कोई आये या न आये
दुकान तो सजेगी ही
दुकान तो सजेगी ही...

रविवार, नवंबर 18, 2012

What do you want ?

She once asked me
What do you want?


Today i found the answer
...What do I want?

I want to hug you

I want to kiss you
I want to miss you
I want to love you
Like you say you love me.

I want to please you,
as I am a beauty pleaser.
How could I possibly say no?
You're here in my thoughts,
hurting & fighting with your life.

I don't know who I am -
God knows who I am.
If only he could reign his truth
upon my soul.

If only, then I could tell you
what I truly want.

He Said...

Maybe it won't go away, he said.
Maybe it won't end.
Maybe you'll go on out your life;
Maybe you'll always wonder.

You can't just shake it off, he said.
You can't make yourself forget.
You can't shut down your heart;
You can't by yourself, he said.

One day you'll be grown, he said.
One day you'll look back.
One day it might make sense;
Some days it still won't.

Make a choice, he said.
Make it count.
Make yourself better.
Make her a ghost of the past.

But what if, I said,
But what if I can't?
But what if I cry?
But what if I die?

He said, look to God.
He said, look to me.
He said a lot of things
That he didn't really mean.

शुक्रवार, नवंबर 16, 2012

I Have Learnt...

I have learnt,
I Came alone and i have to go Alone.

I have learnt,
Some People are with you only
When they Need you, Not Otherwise.

I have learnt,
If you Care for Someone too much
you will be Hurt and Ultimately Blamed.

I have learnt,
There is always a reason to love someone
Some love for good and some were made to love for good.

I have learnt,
Mother is the best friend in this world
No one can replace her even if someone says he/she loves you.

ULTIMATELY,
I have learnt,
Love Someone but not so much that
you forget to Keep some Love for yourself...

रविवार, नवंबर 04, 2012

जिंदगी

दों कानो के बीच की दूरी है जिंदगी
एक अनसुना गाना भी है जिंदगी
एक अनछुई इबारत है जिंदगी
बर्फ में खिलती हरी घास है जिंदगी
आतिश-ए-इश्क ही तो है जिंदगी
हाथ से फिसलती रेत है जिंदगी
खुदही पर हँसती मसखरी है जिंदगी
खुदा की लिखी कविता है जिंदगी
ठण्ड रातों की कपकपी है जिंदगी
कहता है 'निर्जन' मुस्करा के जी लो जिंदगी
क्योंकि खुशनुमा ही नहीं मौत भी है जिंदगी....

गुरुवार, नवंबर 01, 2012

जीवन का सच

क्या हमारे पास कोई वजह है अपना जीवन जीने की ?
ये सवाल मैं अक्सर सोचता हूँ
क्या बहार दुनिया में कोई ऊँची शक्ति है ?
कोई बड़ा काम है ? जो मेरे लिए हो
पर सच कुछ को नहीं बहुतों को चोट देगा
लोगों को सच से सामना करने में दिक्कत होती है
जिंदगी में उससे बड़ा कोई नहीं है
वो जो हमेशा हम पर नज़र रखता है
वो वही है जो हमें हमारे पीछे से देखता है
उसका सामना करो, रोना धोना छोडकर
अपनी राह खुद बनाओ
अपनी जिंदगी के लम्हों को खुद संतुलित करो
अपनी जिंदगी जीने के जिम्मेदार हम खुद हैं
यह किसी और की गलती नहीं है
जब हमें वो नहीं मिलता जो हम चाहते हैं
अगर किसी को सितारों की चाह है
तो उससे उन सितारों को अपने हाथों से ही तोडना होगा
जिंदगी में कुछ भी मुफ्त में नहीं मिलता
जीवन का हमसे कुछ भी देने का कोई वादा नहीं है

सवाल अब भी वही है, हम यहाँ क्यों हैं ?
जिन्हें विश्वास नहीं है, श्रद्धा नहीं है
उनके लिए जवाब बहुत ही दर्दनाक और साफ़ है
हम आज में जीते हैं और अगर हम भाग्यवान हैं
तो एक अच्छा कल भी होगा
हमारे लिए कोई परवर्ती जीवन नहीं है
जो कभी कोई दुःख लेकर न आये
तो सबसे अच्छा तरीका है खुद को सुधारना
भीतर से भी और बहार से भी, अभी और इसी वक्त
हमारा रवैया हमेशा नकारात्मक होता है
अपने श्रेष्ठ होने की मिथ्या धारणा को लेकर
पर असल व्यक्ति वही होता है जो जिंदगी के हर मोड पर
अपने आप को उसके अनुसार ढालता रहे
अपनी आत्मा को संतुलित किये बिना
कोई भी व्यक्ति पूर्ण रूप से इंसान नहीं बन सकता

ज्ञानी के लिए ज्ञान, और
इस एक चीज़ के लिए हमें प्रयास्रित रहना है
नजरिया कभी अंधा भी होता है
यथार्थ में क्या है हमें वो देखना है
हमारा अतीत हमें ज्ञान देता है
अगर हम अपनी आँखें खोल कर देख लें तो
पर दुःख की बात यह है के ज़्यादातर लोग
झूठ और बनावट के जाल में फंसे रहते हैं
आत्म ज्ञान की प्रगति अवलोकन से होती है
और दूरदर्शिता उसकी कुंजी है
दृष्टि हमें सत्य परखने की क़ाबलियत देती है
पर कुछ ही होते हैं जो उसका सामना कर पाते हैं
बाकि उसका सामना कर ही नहीं पाते
हम में से जो इस सत्य की रह पर चल सकते हैं
उनके लिए अनेक दरवाज़े खुले हैं
भविष्य में उनका जीवन प्रकाशमय होगा
हम परिपूर्णता के लिए प्रयास करते हैं
तब जाके हमें बेहतर जीवन प्राप्त होता है

ताकत जीवन का एक और अभिप्राय है जो हम खोजते हैं
कमज़ोर को जीवन कुछ नहीं देता
यदि जीवन में बड़ा बनना है तो ताकतवर भी होना होगा
अहंकाररहित व्यक्ति विरासत में कुछ नहीं लाता
उसका शाशनकाल बहुत छोटा होता है
दुर्भाग्यवश यदि ताकत से विकृति उत्पन्न होती है
तो उसे खत्म कर देना होगा
कमज़ोर दिमाग के लिए ताकत अर्थहीन है
अपितु उसके लिए वो मज़े का पर्याय है
सामर्थ्यवान संभवतः कठोर परिश्रम करे परन्तु
ईमानदारी से कहूँ तो वोह कभी सही नहीं हो पाता
परन्तु सत्य यह भी है के इतिहास
लड़ाई में जीतने वाले के कारण ही लिखा जाता है
हालाँकि वो बुरा भी हो सकता है
किन्तु शक्ति बेहतरीन ढंग से सबसे महत्वपूर्ण औजार है
आत्मसुधार के पथ पर अनेकों बेवकूफों से सामना होगा
बहुत से ऐसे लोग हैं जो सच का सामना नहीं कर सकते
वो कोशिश करेंगे क्षति पहुचाने की
या फिर इस स्रोत को खत्म करने की
पर यदि आप ताकतवर है और विवेकपूर्ण हैं
तो आपको डगर से कोई नहीं डिगा सकता

आत्मसुधार चाहे सबसे मुख्य है किन्तु जीवन की एक और कुंजी है
प्रजनन जीवन की स्वाभाविक और सहज प्रवृत्ति है
आपके लिए भी और मेरे लिए भी
सच कहें तो, मृत्युपर्यन्त जीवन जीने का एक ही पथ है
और वो है प्रजनन, आपके जीवन की रचना होना अर्थात अंडे का बनना
बच्चे जीवन की अत्यंत सुन्दर रचना हैं
वो जीवन की शक्ति हैं, वो आपको जीवन जीना सिखाते हैं
बच्चों के साथ आपको एहसास होता है के आप सही मायनो में जीवित हैं
वे आपके जीवन की दुर्व्यवस्था और अन्धव्यवस्था को प्रकाश देते हैं
और जीवन पथ पर आपको अभिप्रेरणा प्रदान करते हैं
बिना बच्चों के व्यक्ति कभी भी पूर्ण नहीं कहला सकता
मेरा ऐसा मानना है के उनके जीवन में
एक अत्यावश्यक अंश का अभाव होता है
वो एक विशिष्ट व्यक्ति, जिसके लिए आप जीवन में
हर एक किरदार को जीते हैं
उस एक खालीपन को एक नन्हे से फ़रिश्ते के सिवा कोई पूरा नहीं कर सकता
जिंदगी ने हमें यह शक्ति दी है
के हम जीवन का सृजन करें
वो जीवन जिसके चेहरे में जादू है
जिसके व्यक्तिव में असीम आनंद देने वाला आकर्षण है
इसलिए एक नए जीवन का निर्माण अत्यंत ज़रूरी है

मैंने जिंदगी के सवालों के जवाब देने की कोशिश की
अपने तरीके से
शायद कुछ लोगों को जो मैंने कहा पसंद न आये
उनको मैं सिर्फ मुस्कराकर, नमस्कार कर, विदाई के देता हूँ
क्योंकि मुझे उनका सच भी पता है
मैं अपने ख्याल किसी पर थोप नहीं सकता
पर उन्हें बतलाने की कोशिश और
समझाने का प्रयत्न हमेशा करता रहूँगा
मेरे इस नज़रिए का तोहफा उनके लिए हैं
जो जिंदगी के झूठ को करीब से देखना चाहते हैं
उससे समझना चाहते हैं
मैं भी कभी ऐसे ही अंधकार में जी रहा था
पर अब मैं सब कुछ साफ़ साफ़ देख सकता हूँ
जैसे भी यह हुआ पर हो गया और
यह भगवान ने नहीं किया है
मैंने अपना आत्मसुधार स्वयं किया है
अपने दो पैरों पर चलकर
मैं अब जिंदगी में कभी भी परास्त नहीं हो सकता
मैं हर परिस्थिति का सामना करने में शक्षम हूँ
जब बुरा वक्त होता है तब मैं अपने पैरों पर गिरकर प्रार्थना नहीं करता
मैं सामना करता हूँ जो कुछ भी जैसे भी
मेरे सामने आकार चुनौती देता है
और गर्व के साथ खड़े रहकर उससे जवाब देता हूँ
मैं एक साधारण कोटि का व्यक्ति की भांति भीड़ में खड़ा नहीं रहना चाहता
मुझे कुछ अलग करना है और मैं एक दिन ज़रूर करूँगा

जिंदगी सच में बहुत सख्त है
यह एक असीम सत्य है
लोगों को इसे समझना होगा
और एक समय ऐसा भी आएगा जब
इस मरुस्थल में आप अकेले खड़े होंगे और
आपको किसी साथी के मददगार हाथ की ज़रूरत होगी
इस बात से भी मैं पूर्णतः सहमत हूँ
मेरी मुश्किलें उन लोगों के साथ होती हैं
जो मेरे कन्धों पर बैठकर अपना जीवन जीना चाहते हैं
यदि आप दूसरों के बाजू पकड़कर रोते रहेंगे
तो आप कभी भी उठकर खड़े नहीं हो सकते
आप खुद ही अपने आत्मसुधार को रोक देंगे
अगर आपके स्वयं ही अपनी माँसपेशियों ही क्षीणता को बढाओगे
तो आप कभी भी एक सकारात्मक कदम नहीं ले पाओगे
संतान, उन्नति, प्रगति, और संयम के बिना जीवन निरर्थक है व्यर्थ है
ये वही जीवन होगा जिसे आप
सूंघ सकते हैं, देख सकते हैं, पर स्वाद का आनंद नहीं ले सकते
शायद मैंने आज काफी ज्ञान बाँट दिया है
जो दिनभर के चिन्तन करने के लिए काफी है
जिंदगी से रोज सवाल करे और उसके जवाब भी ढूंढे
या फिर हमेशा एक हिमाच्छादित जीवन व्यतीत करते रहिये...

सुख दुःख

दो मित्र रेगिस्तान में यात्रा कर रहे थे। सफर में किसी मुकाम पर उनका किसी बात पर वाद-विवाद हो गया। बात इतनी बढ़ गई कि एक मित्र ने दूसरे मित्र को थप्पड़ मार दिया। थप्पड़ खाने वाले मित्र को इससे बहुत बुरा लगा लेकिन बिनाकुछ कहे उसने रेत में लिखा –

“आज मेरे सबसे अच्छे मित्र ने मुझे थप्पड़ मारा”।

वे चलते रहे और एक नखलिस्तान में आ पहुंचे जहाँ उनहोंने नहाने का सोचा। जिस व्यक्ति ने थप्पड़ खाया था वह रेतीले दलदल में फंस गया और उसमें समाने लगा लेकिन उसके मित्र ने उसे बचा लिया। जब वह दलदल से सही-सलामत बाहर आ गया तब उसने एक पत्थर पर लिखा –

“आज मेरे सबसे अच्छे मित्र ने मेरी जान बचाई”।

उसे थप्पड़ मारने और बाद में बचाने वाले मित्र ने उससे पूछा –

“जब मैंने तुम्हें मारा तब तुमने रेत पर लिखा और जब मैंने तुम्हें बचाया तब तुमने पत्थर पर लिखा, ऐसा क्यों?”

उसके मित्र ने कहा –

“जब हमें कोई दुःख दे तब हमें उसे रेत पर लिख देना चाहिए ताकि क्षमा भावना की हवाएं आकर उसे मिटा दें। लेकिन जब कोई हमारा कुछ भला करे तब हमें उसे पत्थर पर लिख देना चाहिए ताकि वह हमेशा के लिए लिखा रह जाए।”

बुधवार, अक्टूबर 31, 2012

A Thought

I unbutton you, kiss by kiss.
I untie you, touch by touch.
I unzip you, rib by rib.

- I unfasten you, moment by moment.

Hopeless Romantic

You are watching,
A Romantic movie.

You always knows the kind,
Boy meets Girl,
Girl meets Boy,
Both fall for each other,
Sing around trees,
On daily transport,
Pass all difficulties,
Token break up,
Heart-warming reunion.

The warm, fuzzy feeling
Prevades for hours,
Until you actually feel and think
That.

Actually Love,
Is NEVER like that,
Atleast Not in real life,
It's stylized,
Larger than life,
Obviously a work of fiction,
The cross country road trip,
Would never lead to her
In the end.

You won't bump into each other,
You won't get on the same bus,
You won't get in the same auto,
You won't live in the same colony,
You won't sing and dance on the same road,
You won't repeat the same dialogues in life.

But, then you still sit on your,
Bed, Chair, Sofa or,
In a Theatre,
All Alone,
Wishing,
Hoping,
That it would happen,
To you someday.

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You are watching,
A Romantic movie.

You always knows the kind,
Boy meets Girl,
Girl meets Boy,
Both fall for each other,
Sing around trees,
On daily transport,
Pass all difficulties,
Token break up,
Heart-warming reunion.

The warm, fuzzy feeling,
Prevades for hours,
Until you actually feel,
And think That.

You snuggle up to your,
Girlfriend, Boyfriend,
Partner or whatever,
And see it’s obviously a work,
Of fiction.

However,
You don’t care.

You share an ‘awwww’ moment,
Maybe a kiss or two,
And then start thinking,
About something else too.

Because you don’t see them,
Wishing it was you.

You look at them,
And see yourself,
And your love.

Because it has happened to you
To a certain extent.


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You wonder,
Whether these thoughts
Are True,
Whether your 'red italics'
Wishes were correct.

Whether your theory,
will be proved,
Or disproved,
In spectacular style.

Does love in the movies,
Exist,
In the minds of the lovers?

Or is it still just,
A Hopeful Dream,
Of a Hopeless Romantic?

मंगलवार, अक्टूबर 30, 2012

my Pain is...

my Pain is...

my Anger
my Dissapointment
my Lost hopes
my Shattered dreams
my Total failure
my Unsucessfulness
my Unavalible skills
my Small achievements
my Fight
 

...my Fuel for living

मुझे कोई दर्द नहीं है...

तुमने मेरे ज़हन पर कोई निशान नहीं देखे
तुमने मेरी आँखों में कोई आंसू नहीं देखे
तुमने मेरे चेहरे पर कोई दर्द नहीं देखा
इसलिए मुझे कोई दर्द नहीं है...

मैं खुद से कभी रोता नहीं
रातों को मैं सोता नहीं
घबरा कर अचानक उठ जाता हूँ
कुछ ख्वाब ऐसे आते हैं मुझे
कभी लगता है जान ले लूं अपनी
पर फिर सोचता हूँ
अँधेरे से भागना कैसा
चुप्पी को साधना कैसा
अपने आप से छुपना कैसा
अपनों की आँखों से बचना कैसा
जिन आँखों से प्यार झलकता है
जो कहते हैं मैं इंसान हूँ
और मुझे मुस्कराने की वजह देते हैं

तुमने मेरे मुह से कभी मेरा दर्द-ए-बयां न सुना होगा
तुमने मेरे माज़ी के दर्द की दास्ताँ न सुनी होगी
तुमने मेरे जिगर से वो दर्द भरे शब्द न सुने होंगे
इसलिए मुझे कोई दर्द नहीं है...

मैं अपने दर्द में चिल्लाता नहीं
मैं अपने कमरे की दीवारों को जगाता नहीं
मैं लातों और घूसों से दर्द को दिखता नहीं
मैं शराब की बोतल में डूब जाता नहीं
मैं नश्तर भी अपने सीने में उतरता नहीं
चुप रहकर लबों को सीकर ही
बर्दाश्त करता हूँ मैं सबकुछ
इस उम्मीद पर के दर्द भूल जाऊंगा
एक दिन वो सवेरा होगा
जिस दिन मैं भी मुस्कराऊंगा

तुम्हे मेरे दुःख मेरे दर्द
न दिखाई देते हैं
न सुनाई देते हैं
तुम तो वही देखते हो
जो मैं तुम्हे दिखता हूँ
तुम वही सुनते हो
जो मैं तुम्हे सुनाता हूँ
तुम्हे कुछ नहीं पता
उसने मेरे साथ क्या किया
तुम्हे तो कुछ भी नहीं पता
उसने मेरे साथ क्या नहीं किया
मेरे दर्द का एहसास
तुम्हे नहीं
तुम्हे वही मालूम है
जो मैंने तुम्हे बतलाया है
या फिर क्योंकी तुम
वो देखना और सुनना ही नहीं चाहते
तुम्हारी इस सोच का मतलब ये नहीं
के मुझे दुःख और दर्द नहीं हैं
मैं सिर्फ मैं हूँ
मेरा दर्द सिर्फ मेरा है
मेरे अंतर्मन में बंद एक दास्ताँ
जो कभी बयां नहीं होगी
हमेशा मेरे साथ ही रहेगी
और मेरे साथ ही चली जायेगी

तुम मेरा दर्द कभी देख ही नहीं पाओगे
तुम मेरा दर्द कभी सुन भी नहीं पाओगे
तुम मेरा दर्द कभी पढ़ नहीं पाओगे
इसलिए मुझे कोई दर्द नहीं है...