सोमवार, अक्टूबर 21, 2013

धोखेबाज़ दोस्त

















अब ऐतबार के लायक रहा नहीं जहाँ
दोस्त बन के देते हैं धोखा कहाँ कहाँ

दर्द-ए-दिल बताओ जो अपना जान के
दो मुंहे डसते हैं ये फन अपना तान के

ना करना भरोसा दुनिया पर तुम कभी
दुखेगा दिल तुम्हारा सोचो ये तुम अभी

छिपा कर दिल के घाव रखो सबसे जुदा
दुनिया में मिलेगा पगपग पर नया खुदा

बातों में उनकी आकर पछताओगे तुम
सीने में खंजर घोंप के हो जायेंगे ये गुम

गुज़ारिश 'निर्जन' करता तुमसे है यही
भरोसा न करना ऐसों पर रहेगा सदा सही

10 टिप्‍पणियां:

  1. छिपा कर दिल के घाव रखो सबसे जुदा
    दुनिया में मिलेगा पगपग पर नया खुदा

    दिल के घाव छिपाना नही चाहिए हुजूर, बहुत ही सुंदर प्रस्तुती।

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  2. बहुत उम्दा ... मस्त शेर हैं सभी ...

    जवाब देंहटाएं
  3. वाकई इस का का सही हाल बयान किया है आपने। पद्य में अच्‍छे से ढाला है।

    जवाब देंहटाएं

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