जब दिल में दूरी हो जाती है
तब किस्मत अधूरी हो जाती है
फिर आँखों में नींद नहीं आती
हर रात अधूरी हो जाती है
जब पहले तू होती थी चाहत
क्यों अब मजबूरी हो जाती है
कुछ दीवानों की लम्हा भर में
क्यों हर ख्वाइश पूरी हो जाती है
शायद हद्द से प्यार गुजार जाए तो
अक्सर दूरी हो जाती है...
तब किस्मत अधूरी हो जाती है
फिर आँखों में नींद नहीं आती
हर रात अधूरी हो जाती है
जब पहले तू होती थी चाहत
क्यों अब मजबूरी हो जाती है
कुछ दीवानों की लम्हा भर में
क्यों हर ख्वाइश पूरी हो जाती है
शायद हद्द से प्यार गुजार जाए तो
अक्सर दूरी हो जाती है...
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