मुझे रबिन्द्रनाथ टगोर की यह पंक्तियाँ बेहद पसंद हैं ....
"Jaha chai, taha bhul kore chai. Jaha pai, taha chai naa."
Which mean, "What I want, I want by mistake. What I get, is something I dont want".
इसी तरह मैं जिंदगी में जो चाहता था वोह मुझे मिला नहीं, और जो जिंदगी मैं जी रहा हूँ वो मैं चाहता नहीं था |
यही जिंदगी का असल चेहरा है .....
"Jaha chai, taha bhul kore chai. Jaha pai, taha chai naa."
Which mean, "What I want, I want by mistake. What I get, is something I dont want".
इसी तरह मैं जिंदगी में जो चाहता था वोह मुझे मिला नहीं, और जो जिंदगी मैं जी रहा हूँ वो मैं चाहता नहीं था |
यही जिंदगी का असल चेहरा है .....
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