मंगलवार, नवंबर 27, 2012

मुझे नफरत है के मैं तुम्हे प्यार करता हूँ...

मुझे नफरत है के तुम
मेरे हर ख्याल में रहती हो
मेरी सुबह तुम्हारे साथ होती है
मैं सोता हूँ तुम्हारी हंसी को सोच कर

मुझे नफरत है के मैं
तुम्हे इतना पसंद करता हूँ
तुम्हारी सुन्दर आँखें
तुम्हारे नमकीन होटों
को चखने के लिए
मैं तरसता हूँ

मुझे नफरत है
जिस तरह से तुम मुझे
महसूस करने को मजबूर करती हो
जैसे मुझे तुम्हारी ज़रूरत है
जीवित रहने के लिए
जैसे तुम्हारे बिना सांस लेना
अत्यंत कष्ट दायक है

मुझे नफरत है के मैं
तडपता हूँ तुम्हारे लिए
मुझे तृष्णा है तुम्हारे स्पर्श की
हर लम्हा
हर दिन

मुझे नफरत है
जिस तरह से मैं तुम्हे
चाहता हूँ
अपने अधम ह्रदय
के हर एक धडकन के साथ
तुम्हे चाहना
मुझे जीवित रखता है
फिर भी अकेला रखता है मुझे....

समाज नाज़ेबा है...मैं नहीं

समाज नाज़ेबा है
मैं नहीं

सुंदरता परिभाषित होती है
हमारे व्यवहार से
नाकि पैमाना पर खुदे अंकों से

भूखे रहना काम नहीं करता
परिष्करण काम नहीं करता
गोलियाँ काम नहीं करती

जो इंसान का अक्स
तुम देखते हो
आईने में
संपूर्ण है वो
हर तरह से
जिस तरह भी वो है
अभी

अब खफा क्या होना
यदि वो खरा नहीं उतरा
आपकी अन्तरंग
उम्मीदों पर

उपमार्ग काम नहीं करता
रुदन काम नहीं करता
मरना काम नहीं करता

याद है मुझे
समाज नाज़ेबा है
मैं नहीं

दोस्त किसे चाहियें ?

प्यारे अकेलेपन,
क्या तुम मेरे दोस्त बनोगे ?
क्योंकि मैं देख रहा हूँ एक दौर,
मेरी दुनिया बिस्तर तक सिमट गई है |

प्यारे ग़म,
क्या तुम मुझे मेरी मुस्कान दे पाओगे ?
क्योंकि खुशियाँ मुझसे मीलों दूर हैं,
जैसे हर एक चीज़ जो मैंने सोची थी |

प्यारे निराशावाद,
क्या तुम मेरी मदद करोगे ?
क्योंकि आशाएं मेरी जिंदगी से फिसल गई हैं,
कुछ अपनों का अपनापन सह सह कर |

प्यारे कष्ट,
क्या तुम मुझे मजबूती दे पाओगे ?
क्योंकि एक तुम ही हो जो मुझे रोक पायेगा,
वो करने से जो मैंने सोचा है अरसे से |

प्यारे निधन,
क्या तुम मुझे जिला पाओगे ?
क्योंकि मैं और जीवित रहना नहीं चाहता,
ऐसे संसार में जो मेरी इतनी परवाह करता है |

प्यारे यमलोक,
क्या तुम मुझे साधू बना पाओगे ?
क्योंकि मैं योग्य नहीं हूँ, दिव्य सुखों का,
अपने कर्मों से मैं दोषी बन चुका हूँ |

प्यारे दोस्तों,
क्या तुम मुझे अपनी भावुकतापूर्ण कथा बनाओगे ?
क्योंकि आपको चाहियें अपनाअहंकार और वैभव
जिंदगी में जहाँ कभी मैं गिरा था |

मंगलवार, नवंबर 20, 2012

सर्दियों का आगाज़

बहकता हुआ मौसम
कोहरे की रात
माज़ी का वक्त
कुछ भूली बिसरी याद
वो पुकारती आँखें
वो शरारत भरा साथ
मुझे याद है अब भी उन
सर्दियों का आगाज़...

दुकान तो सजेगी ही

एक और शाम स्वाह हुई
दिल को फिर से गम् हुआ
एक नया दिन फिर आ गया
हर रोज की तरह
इन्तेज़ार जिसका था
वो नहीं आया
हमेशा की तरह
नए दिन में
फिर से सज गई
कुछ उम्मीदों और अरमानो की दुकान
अब और क्या कहूँ
उसूल है कारोबार का
कोई आये या न आये
दुकान तो सजेगी ही
दुकान तो सजेगी ही...

रविवार, नवंबर 18, 2012

What do you want ?

She once asked me
What do you want?


Today i found the answer
...What do I want?

I want to hug you

I want to kiss you
I want to miss you
I want to love you
Like you say you love me.

I want to please you,
as I am a beauty pleaser.
How could I possibly say no?
You're here in my thoughts,
hurting & fighting with your life.

I don't know who I am -
God knows who I am.
If only he could reign his truth
upon my soul.

If only, then I could tell you
what I truly want.

He Said...

Maybe it won't go away, he said.
Maybe it won't end.
Maybe you'll go on out your life;
Maybe you'll always wonder.

You can't just shake it off, he said.
You can't make yourself forget.
You can't shut down your heart;
You can't by yourself, he said.

One day you'll be grown, he said.
One day you'll look back.
One day it might make sense;
Some days it still won't.

Make a choice, he said.
Make it count.
Make yourself better.
Make her a ghost of the past.

But what if, I said,
But what if I can't?
But what if I cry?
But what if I die?

He said, look to God.
He said, look to me.
He said a lot of things
That he didn't really mean.

शुक्रवार, नवंबर 16, 2012

I Have Learnt...

I have learnt,
I Came alone and i have to go Alone.

I have learnt,
Some People are with you only
When they Need you, Not Otherwise.

I have learnt,
If you Care for Someone too much
you will be Hurt and Ultimately Blamed.

I have learnt,
There is always a reason to love someone
Some love for good and some were made to love for good.

I have learnt,
Mother is the best friend in this world
No one can replace her even if someone says he/she loves you.

ULTIMATELY,
I have learnt,
Love Someone but not so much that
you forget to Keep some Love for yourself...

रविवार, नवंबर 04, 2012

जिंदगी

दों कानो के बीच की दूरी है जिंदगी
एक अनसुना गाना भी है जिंदगी
एक अनछुई इबारत है जिंदगी
बर्फ में खिलती हरी घास है जिंदगी
आतिश-ए-इश्क ही तो है जिंदगी
हाथ से फिसलती रेत है जिंदगी
खुदही पर हँसती मसखरी है जिंदगी
खुदा की लिखी कविता है जिंदगी
ठण्ड रातों की कपकपी है जिंदगी
कहता है 'निर्जन' मुस्करा के जी लो जिंदगी
क्योंकि खुशनुमा ही नहीं मौत भी है जिंदगी....

गुरुवार, नवंबर 01, 2012

जीवन का सच

क्या हमारे पास कोई वजह है अपना जीवन जीने की ?
ये सवाल मैं अक्सर सोचता हूँ
क्या बहार दुनिया में कोई ऊँची शक्ति है ?
कोई बड़ा काम है ? जो मेरे लिए हो
पर सच कुछ को नहीं बहुतों को चोट देगा
लोगों को सच से सामना करने में दिक्कत होती है
जिंदगी में उससे बड़ा कोई नहीं है
वो जो हमेशा हम पर नज़र रखता है
वो वही है जो हमें हमारे पीछे से देखता है
उसका सामना करो, रोना धोना छोडकर
अपनी राह खुद बनाओ
अपनी जिंदगी के लम्हों को खुद संतुलित करो
अपनी जिंदगी जीने के जिम्मेदार हम खुद हैं
यह किसी और की गलती नहीं है
जब हमें वो नहीं मिलता जो हम चाहते हैं
अगर किसी को सितारों की चाह है
तो उससे उन सितारों को अपने हाथों से ही तोडना होगा
जिंदगी में कुछ भी मुफ्त में नहीं मिलता
जीवन का हमसे कुछ भी देने का कोई वादा नहीं है

सवाल अब भी वही है, हम यहाँ क्यों हैं ?
जिन्हें विश्वास नहीं है, श्रद्धा नहीं है
उनके लिए जवाब बहुत ही दर्दनाक और साफ़ है
हम आज में जीते हैं और अगर हम भाग्यवान हैं
तो एक अच्छा कल भी होगा
हमारे लिए कोई परवर्ती जीवन नहीं है
जो कभी कोई दुःख लेकर न आये
तो सबसे अच्छा तरीका है खुद को सुधारना
भीतर से भी और बहार से भी, अभी और इसी वक्त
हमारा रवैया हमेशा नकारात्मक होता है
अपने श्रेष्ठ होने की मिथ्या धारणा को लेकर
पर असल व्यक्ति वही होता है जो जिंदगी के हर मोड पर
अपने आप को उसके अनुसार ढालता रहे
अपनी आत्मा को संतुलित किये बिना
कोई भी व्यक्ति पूर्ण रूप से इंसान नहीं बन सकता

ज्ञानी के लिए ज्ञान, और
इस एक चीज़ के लिए हमें प्रयास्रित रहना है
नजरिया कभी अंधा भी होता है
यथार्थ में क्या है हमें वो देखना है
हमारा अतीत हमें ज्ञान देता है
अगर हम अपनी आँखें खोल कर देख लें तो
पर दुःख की बात यह है के ज़्यादातर लोग
झूठ और बनावट के जाल में फंसे रहते हैं
आत्म ज्ञान की प्रगति अवलोकन से होती है
और दूरदर्शिता उसकी कुंजी है
दृष्टि हमें सत्य परखने की क़ाबलियत देती है
पर कुछ ही होते हैं जो उसका सामना कर पाते हैं
बाकि उसका सामना कर ही नहीं पाते
हम में से जो इस सत्य की रह पर चल सकते हैं
उनके लिए अनेक दरवाज़े खुले हैं
भविष्य में उनका जीवन प्रकाशमय होगा
हम परिपूर्णता के लिए प्रयास करते हैं
तब जाके हमें बेहतर जीवन प्राप्त होता है

ताकत जीवन का एक और अभिप्राय है जो हम खोजते हैं
कमज़ोर को जीवन कुछ नहीं देता
यदि जीवन में बड़ा बनना है तो ताकतवर भी होना होगा
अहंकाररहित व्यक्ति विरासत में कुछ नहीं लाता
उसका शाशनकाल बहुत छोटा होता है
दुर्भाग्यवश यदि ताकत से विकृति उत्पन्न होती है
तो उसे खत्म कर देना होगा
कमज़ोर दिमाग के लिए ताकत अर्थहीन है
अपितु उसके लिए वो मज़े का पर्याय है
सामर्थ्यवान संभवतः कठोर परिश्रम करे परन्तु
ईमानदारी से कहूँ तो वोह कभी सही नहीं हो पाता
परन्तु सत्य यह भी है के इतिहास
लड़ाई में जीतने वाले के कारण ही लिखा जाता है
हालाँकि वो बुरा भी हो सकता है
किन्तु शक्ति बेहतरीन ढंग से सबसे महत्वपूर्ण औजार है
आत्मसुधार के पथ पर अनेकों बेवकूफों से सामना होगा
बहुत से ऐसे लोग हैं जो सच का सामना नहीं कर सकते
वो कोशिश करेंगे क्षति पहुचाने की
या फिर इस स्रोत को खत्म करने की
पर यदि आप ताकतवर है और विवेकपूर्ण हैं
तो आपको डगर से कोई नहीं डिगा सकता

आत्मसुधार चाहे सबसे मुख्य है किन्तु जीवन की एक और कुंजी है
प्रजनन जीवन की स्वाभाविक और सहज प्रवृत्ति है
आपके लिए भी और मेरे लिए भी
सच कहें तो, मृत्युपर्यन्त जीवन जीने का एक ही पथ है
और वो है प्रजनन, आपके जीवन की रचना होना अर्थात अंडे का बनना
बच्चे जीवन की अत्यंत सुन्दर रचना हैं
वो जीवन की शक्ति हैं, वो आपको जीवन जीना सिखाते हैं
बच्चों के साथ आपको एहसास होता है के आप सही मायनो में जीवित हैं
वे आपके जीवन की दुर्व्यवस्था और अन्धव्यवस्था को प्रकाश देते हैं
और जीवन पथ पर आपको अभिप्रेरणा प्रदान करते हैं
बिना बच्चों के व्यक्ति कभी भी पूर्ण नहीं कहला सकता
मेरा ऐसा मानना है के उनके जीवन में
एक अत्यावश्यक अंश का अभाव होता है
वो एक विशिष्ट व्यक्ति, जिसके लिए आप जीवन में
हर एक किरदार को जीते हैं
उस एक खालीपन को एक नन्हे से फ़रिश्ते के सिवा कोई पूरा नहीं कर सकता
जिंदगी ने हमें यह शक्ति दी है
के हम जीवन का सृजन करें
वो जीवन जिसके चेहरे में जादू है
जिसके व्यक्तिव में असीम आनंद देने वाला आकर्षण है
इसलिए एक नए जीवन का निर्माण अत्यंत ज़रूरी है

मैंने जिंदगी के सवालों के जवाब देने की कोशिश की
अपने तरीके से
शायद कुछ लोगों को जो मैंने कहा पसंद न आये
उनको मैं सिर्फ मुस्कराकर, नमस्कार कर, विदाई के देता हूँ
क्योंकि मुझे उनका सच भी पता है
मैं अपने ख्याल किसी पर थोप नहीं सकता
पर उन्हें बतलाने की कोशिश और
समझाने का प्रयत्न हमेशा करता रहूँगा
मेरे इस नज़रिए का तोहफा उनके लिए हैं
जो जिंदगी के झूठ को करीब से देखना चाहते हैं
उससे समझना चाहते हैं
मैं भी कभी ऐसे ही अंधकार में जी रहा था
पर अब मैं सब कुछ साफ़ साफ़ देख सकता हूँ
जैसे भी यह हुआ पर हो गया और
यह भगवान ने नहीं किया है
मैंने अपना आत्मसुधार स्वयं किया है
अपने दो पैरों पर चलकर
मैं अब जिंदगी में कभी भी परास्त नहीं हो सकता
मैं हर परिस्थिति का सामना करने में शक्षम हूँ
जब बुरा वक्त होता है तब मैं अपने पैरों पर गिरकर प्रार्थना नहीं करता
मैं सामना करता हूँ जो कुछ भी जैसे भी
मेरे सामने आकार चुनौती देता है
और गर्व के साथ खड़े रहकर उससे जवाब देता हूँ
मैं एक साधारण कोटि का व्यक्ति की भांति भीड़ में खड़ा नहीं रहना चाहता
मुझे कुछ अलग करना है और मैं एक दिन ज़रूर करूँगा

जिंदगी सच में बहुत सख्त है
यह एक असीम सत्य है
लोगों को इसे समझना होगा
और एक समय ऐसा भी आएगा जब
इस मरुस्थल में आप अकेले खड़े होंगे और
आपको किसी साथी के मददगार हाथ की ज़रूरत होगी
इस बात से भी मैं पूर्णतः सहमत हूँ
मेरी मुश्किलें उन लोगों के साथ होती हैं
जो मेरे कन्धों पर बैठकर अपना जीवन जीना चाहते हैं
यदि आप दूसरों के बाजू पकड़कर रोते रहेंगे
तो आप कभी भी उठकर खड़े नहीं हो सकते
आप खुद ही अपने आत्मसुधार को रोक देंगे
अगर आपके स्वयं ही अपनी माँसपेशियों ही क्षीणता को बढाओगे
तो आप कभी भी एक सकारात्मक कदम नहीं ले पाओगे
संतान, उन्नति, प्रगति, और संयम के बिना जीवन निरर्थक है व्यर्थ है
ये वही जीवन होगा जिसे आप
सूंघ सकते हैं, देख सकते हैं, पर स्वाद का आनंद नहीं ले सकते
शायद मैंने आज काफी ज्ञान बाँट दिया है
जो दिनभर के चिन्तन करने के लिए काफी है
जिंदगी से रोज सवाल करे और उसके जवाब भी ढूंढे
या फिर हमेशा एक हिमाच्छादित जीवन व्यतीत करते रहिये...

सुख दुःख

दो मित्र रेगिस्तान में यात्रा कर रहे थे। सफर में किसी मुकाम पर उनका किसी बात पर वाद-विवाद हो गया। बात इतनी बढ़ गई कि एक मित्र ने दूसरे मित्र को थप्पड़ मार दिया। थप्पड़ खाने वाले मित्र को इससे बहुत बुरा लगा लेकिन बिनाकुछ कहे उसने रेत में लिखा –

“आज मेरे सबसे अच्छे मित्र ने मुझे थप्पड़ मारा”।

वे चलते रहे और एक नखलिस्तान में आ पहुंचे जहाँ उनहोंने नहाने का सोचा। जिस व्यक्ति ने थप्पड़ खाया था वह रेतीले दलदल में फंस गया और उसमें समाने लगा लेकिन उसके मित्र ने उसे बचा लिया। जब वह दलदल से सही-सलामत बाहर आ गया तब उसने एक पत्थर पर लिखा –

“आज मेरे सबसे अच्छे मित्र ने मेरी जान बचाई”।

उसे थप्पड़ मारने और बाद में बचाने वाले मित्र ने उससे पूछा –

“जब मैंने तुम्हें मारा तब तुमने रेत पर लिखा और जब मैंने तुम्हें बचाया तब तुमने पत्थर पर लिखा, ऐसा क्यों?”

उसके मित्र ने कहा –

“जब हमें कोई दुःख दे तब हमें उसे रेत पर लिख देना चाहिए ताकि क्षमा भावना की हवाएं आकर उसे मिटा दें। लेकिन जब कोई हमारा कुछ भला करे तब हमें उसे पत्थर पर लिख देना चाहिए ताकि वह हमेशा के लिए लिखा रह जाए।”