तमाशा-ए-जिंदगी
ख्वाबों की दुनिया में बुने एक अलसाये मन के भाव, विचार, सोच, कहानियाँ, किस्से, कवितायेँ....|
शुक्रवार, अक्टूबर 11, 2019
शेर अर्ज़ है ...
सुलझा हुआ सा...समझते हैं लोग मुझे!!!,
उलझा हुआ सा!!! कोई दूसरा भी है मुझे मे...
🙂🌹😘😍🥰⚘
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