दरिंदगी इस कदर बढ़ गई है ज़माने में
डर लगता है यारो तार पर अस्मत सुखाने में
लूटेरे हर जगह फिरते मुंडेरों पे, शाख़ो पे
बना कर भेस अपनों सा लपकते हैं लाखों पे
न लो रिस्क तुम बच के ही रहना दरिंदो से
दिखने में कबूतर हैं ये गिद्ध रुपी परिंदों से
भूलकर भी मत सुखाना अस्मत को तार पर
मंडराते फिरते है रक्तपिपासु वैम्पायर रातभर
इज़्ज़त तार कर देंगे तार पर देख अस्मत को
वापस फिर न आती लौट कर गई शुचिता जो
संभालो पवित्रता अपनी खुद अब दोनों हाथों से
खत्म कर दो हैवानो को जीवन की बारातों से
चलाओ बत्तीस बोर कर दो छेद इतने तुम इनमें
मरें जाके नाले में इंसानियत बची नहीं जिनमें
दरिंदगी इस कदर बढ़ गई है ज़माने में
डर लगता है यारो तार पर अस्मत सुखाने में
कडवी हकीक़त बयाँ करती रचना ......
जवाब देंहटाएंअच्छी व्यंग रचना !!
जवाब देंहटाएंसच्चाई बयान करती रचना |
जवाब देंहटाएंआज की स्थिति का खरी खरी बयां
जवाब देंहटाएंचौथे छंद की दूसरी पंक्ति का तुक सही नहीं लगा। देख लीजिएगा। बाकी गोपनीयता को आपने उधाड़ के रख दिया। बढ़िया।
जवाब देंहटाएंविकेश भाई थोडा ठीक किया है अब बताएं |
हटाएंउड़ते हैं गिद्ध लगाए घात खून से सने।
हटाएंशायद ऐसा कुछ हो जाए। क्यूंकि ऐसी विसंगति के लिए (सपने) जैसा सकारात्मक शब्द बेकार जाएगा।
सुंदर व्यंग्य।
जवाब देंहटाएं............
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शुक्रिया अर्शिया |
हटाएंयही स्थितियां बन गई हैं आजकल.
जवाब देंहटाएंरामराम
राम राम ताऊजी | आपका बहुत बहुत आभार |
हटाएंतुक-बंदी में कुछ गंभीर प्रयास करें .....ये सुझाव है
जवाब देंहटाएंजी ज़रूर | आभार अंजू दी |
हटाएंसच को उकेरा है आपने! बहुत सुन्दर! बधाई!
जवाब देंहटाएंचेतावनी और साहस देती हुई रचना
जवाब देंहटाएंगहन अनुभूति को बड़ी सहजता से व्यक्त किया है
बधाई
सच को सुन्दर ढंग से प्रस्तुत कियें है,आभार.
जवाब देंहटाएंप्रासंगिक रचना रूपक तत्व लिए .
जवाब देंहटाएंप्रासंगिक रचना रूपक तत्व लिए .
जवाब देंहटाएंकटु सत्य को व्यक्त किया अपनी रचना में ..........सशक्त रचना
जवाब देंहटाएंआज कुछ ऐसी ही स्थिति है ..अच्छा व्यंग किया है ..बहुत बढ़िया ..
जवाब देंहटाएंअच्छी कविता
जवाब देंहटाएंकविता के भाव बेहतर हैं ....मेरे ब्लॉग का अनुसरण करने के लिए आपका तहे दिल से शुक्रिया .....!!!
जवाब देंहटाएंवाह ... सभी शेर लाजवाब हैं ...
जवाब देंहटाएंसच को लिखा है हर शेर में ..
ओह!!
जवाब देंहटाएंसभी मित्रों का बहुत बहुत हार्दिक धन्यवाद् | आप समय निकाल कर मेरे ब्लॉग पर आये और अपनी प्रतिक्रिया प्रस्तुत की | आभार
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