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शनिवार, जनवरी 02, 2016

इमोशनल फूल













कुछ अपने हुए नामाकूल
टॉक्स हैं इनकी जैसे शूल
माइंड में मतलब की चूल
अक्ल से हैं ये बैल से लूल
करें प्यार का टैक्स वसूल

भाड़ में जाएँ नियम उसूल
अपनेपन की बात फ़िज़ूल
अपने अपनों को देते हूल
पराये अब लगते जो कूल
पैसा बन गया आज रसूल

हिस्ट्री-फ्यूचर में रहे हैं झूल
प्रेजेंट में ये करते है डरूल
हसरत इनकी उल जुलूल
'निर्जन' कहते हैं ये सब से   
नही हैं ये इमोशनल फूल

भैया अपन भी गए थे भूल
सब हैं अपने में ही मशगूल
चढ़ी आज जज्बातों पर धूल
जीवन जीने का नया ये रुल
प्रक्टिकैलिटी में है अनकूल

#तुषारराजरस्तोगी #प्रैक्टिकल #इमोशनल #फूल

बुधवार, दिसंबर 31, 2014

हे वृक्ष - २












जबकि हर व्यक्ति
अपनी पकड़
अपने अहं
अपनी विलासता, को
मज़बूती से
पकड़े रहना चाहता है
वो चाहता है
उसके सम्बन्धी
उससे सम्बंधित
हर व्यक्ति
उसकी दासता माने
क्यों, क्या उससे
अलग किसी के शरीर में
मन, आत्मा या चेतना नहीं
हे वृक्ष
तुम मानव से
कहीं अधिक श्रेष्ठ हो
तुम सिर्फ अपनी
जड़ के स्वामी हो
अपनी ताक़त से
जड़ों की रक्षा करते हो, ताकि
वृक्ष का विस्तार
दूर दूर तक फैलता रहे
और मैं तुम्हे एक बार और
महानता की उपाधि देता हूँ
तुम अपने पत्ते,
अपने फल, अपने फूल को
जब तक ही पकड़े
रहना चाहते हो
जब तक वो अपने
अस्तित्व में पूर्ण नहीं होते
उसके बाद
तुम उनकी
चिंता छोड़ नए पत्ते
नए फल, नए फूल की
रचना में लग जाते हो
'निर्जन तुम्हे परमात्मा का
दूसरा स्वरुप मानता है

--- तुषार राज रस्तोगी ---