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रविवार, मार्च 22, 2015

मैं यहाँ नहीं हूँ


















 
मैं हूँ नारी
मैं हूँ प्रताड़ित

मैं हूँ मरती
मैं हूँ छिद्ती
मैं हूँ दबती
मैं हूँ जलती

मैं हूँ उबरती

मैं हूँ क्षत-विक्षत
मैं हूँ हत-आहत
मैं हूँ विकृत
मैं हूँ लटकती

मैं हूँ बलि

मैं हूँ पीड़ित
मैं हूँ भूतनी
मैं हूँ पिशाचनी
मैं हूँ डंकिनी

मैं हूँ फ़रिश्ता

मैं हूँ आहत
मैं हूँ दाग़ी
मैं हूँ व्यथित
मैं हूँ मुक्ति

मैं हूँ पवित्र

मैं हूँ मौन
मैं हूँ अंधी
मैं हूँ अँधेरा
मैं हूँ खंडित

मैं हूँ दृष्टि

मैं हूँ निर्योग्य
मैं हूँ असत्य
मैं हूँ अशिष्ट
मैं हूँ बधिर

मैं हूँ सत्य

मैं हूँ भक्षक
मैं हूँ लिप्सा*
मैं हूँ तृष्णा*
मैं हूँ ईर्ष्या

मैं हूँ तृप्ति

मैं हूँ कोप
मैं हूँ सुस्ती
मैं हूँ व्यर्थ
मैं हूँ बंजर

मैं हूँ प्रतिष्ठा

मैं हूँ निर्बल
मैं हूँ दुर्बल
मैं हूँ निष्प्राण
मैं हूँ उद्दंड

मैं हूँ प्रबल

मैं हूँ दोषी
मैं हूँ अप्रत्यक्ष*
मैं हूँ अक्षुत*
मैं हूँ विस्मृत

मैं हूँ प्रमुख

मैं हूँ नगण्य*
मैं हूँ कलह
मैं हूँ अदृश्य
मैं हूँ आदी*

मैं हूँ अनादी*

मैं हूँ अपराधी
मैं हूँ प्रतिवादी

वो हैं नियम
वो हैं अनुशासन
वो हैं समाज
वो हैं व्यवस्था
वो हैं अजगर

वो हैं शासक
वो हैं पंचायत
वो हैं साक्ष्य
वो हैं दर्शक
वो हैं निर्णायक

मैं हूँ आशा
मैं हूँ किरण
मैं हूँ जन्मना*
मैं हूँ शांति
मैं हूँ सानंदा*

'निर्जन'
मैं यहाँ नहीं हूँ...

लिप्सा - lust
तृष्णा - fantasy
अप्रत्यक्ष - unseen
अक्षुत - unheard
नगण्य - unimportant
आदी - used
अनादी - unending
जन्मना - germinate
सानंदा - pleasure, goddess lakshmi

--- तुषार राज रस्तोगी ---