आज के दिन जीवन में एक बार फिर से कुछ ऐसे कठिन मोड़ आये कुछ ऐसे अनुभव हुए जहाँ दिल, एहसास, जज़्बात और अपनेपन की परख ज़िन्दगी की कसौटी पर दम तोड़ती नज़र आई | एक ही क्षण में प्यार, मित्रता, मान और सम्मान जैसे पुकारे जाने वाले और दम भरने वाले शब्द और लोग जीवन के तराजू पर खुद को तौलते दिखाई देने लगे | एक ही रात में ऐसा हुआ कि अपने जीवन से दो ऐसे लोग जिन्हें सही मायने में अपना माना था, वह अपने ही निजी अनुभवों, दृष्टिकोण और अपनी अनोखी सोच के कारण साथ छोड़ कर जाने की बातें करने लगे | शायद एक तो चला ही गया | दूसरा भी तयारी में बैठा है |
हम भी चुप चाप नज़ारा देखे जा रहे हैं | कारण कुछ भी रहा हो अब अपना ह्रदय भी संवेदनहीन, पत्थर दिल और निर्मोही बन गया है | जिन्हें अपना माना उनके अचानक रास्ता बदल लेने से शायद कभी ये दुखता भी था परन्तु अब सिर्फ जाने वालों के लिए दुआएं देकर, मुस्करा कर चुप हो जाया करता है | ज़िन्दगी में एक तो आपके आंसुओं की और दूसरा दुख की कोई कीमत नहीं है | दूसरों की नज़र में ये हमेशा व्यर्थ ही होते हैं | आप इन्हें जितना अन्दर और अपने पास रखेंगे सुखी रहेंगे | क्योंकि इस पूँजी का मोल या तो आप स्वयं लगा सकते हैं जिन्होंने इसे जिया है और सामना किया है या सिर्फ वही व्यक्ति लगा सकता है जो सच में आपका अपना हो और आपको सच में समझता हो | सिर्फ कहने भर से और बड़े बड़े दावे करने से कोई दोस्त या अपना नहीं बना करता है | बीच राह साथ छोड़ने वालों से कैसा गिला शिकवा जिन्हें इस एहसास की कीमत का मोल ही न हो | जीवन ने यही सिखाया है कि
"जिसे जाना है उसे सदैव आज़ाद छोड़ दो, यदि वह सच में आपका है और आपकी किस्मत में है तो एक दिन वापस ज़रूर आएगा और यदि नहीं आता तो समझ लेना वह आपका कभी था ही नहीं"
ज़िन्दगी सभी को समय समय पर नया सबक सिखाती है | मैंने भी जीवन की पाठशाला में बहुत कुछ सीखा है | इसलिए बस जाने वालों से सिर्फ इतना कहूँगा कि यदि कोई गलती हुई हो तो क्षमा प्रार्थी हूँ | कहा सुना माफ़ करना | बजरंगबली आपके ऊपर अपना आशीर्वाद बनाये रखें | आप जीवन में उन्नति करें और प्रगति के पथ पर आगे बढ़ें | जीवन में ज़्यादातर सबको, सब कुछ नहीं मिला करता है | तो शायद मेरी ज़िन्दगी में भी दोस्तों और अपनों का साथ शायद नहीं लिखा है | इसलिए भगवान् जो दे रहे हैं और आगे जो भी देंगे उसी में खुश रहता हूँ | कहीं पढ़ा था मैंने एक बार, "चुप्पी सबसे अच्छी दोस्त है, कभी धोखा नहीं देती" इसलिए आज भी मौन हूँ | पहले जब दिल दुखता था तब आंसू बनकर पिघलता था पर अब तो मुस्कान बनकर चमकता है | तो साब बस मन की व्यथा को अपने शब्दों में ढाल कर मंद मंद मुस्करा रहा हूँ और कुछ बचे कुचे आंसू भी खुद से छिपा रहा हूँ |
ऐ दिल धीरे चलना
दोस्ती में भरोसा
सोच के करना
जी बड़े धोखे हैं
बड़े धोखे हैं
इस यारी में
यार तू धीरे चलना
यारी में ज़रा
संभलना
क्यों हो रोते
अश्क़ छिपाए
ऐसे जीते हो
क्यों सब लुटाये
ये तो उनकी
नज़र का भरम है
लगते हो जो
तुम ही पराये
जी बड़े धोखे हैं
बड़े धोखे हैं
इस यारी में
यार तू धीरे चलना
यारी में ज़रा
संभलना
दोस्तों में
क्यों दिल लगाये
काहे मुफ्त में
दिल को दुखाये
नाम यारी जो
नाज़ुक बहुत है
आके दिल पे
फूटेंगे छाले
जी बड़े धोखे हैं
बड़े धोखे हैं
इस यारी में
यार तू धीरे चलना
यारी में ज़रा
संभलना
हो गई है जो
अपनों से अनबन
चुप देखा करे
बैठा 'निर्जन'
जीवन की ये
बातें अजब हैं
हो अकेला तो भी
क्या है उलझन
जी बड़े धोखे हैं
बड़े धोखे हैं
इस यारी में
यार तू धीरे चलना
यारी में ज़रा
संभलना
बस अब शायद इससे ज्यादा और कुछ नहीं लिखा जायेगा |
करो जो दोस्ती तो धोखा खाने का दम भी रखना
अपनों से मिलते हैं आंसू यह तोहफ़ा सर रखना
दिल से रोना कुछ बे-मुरव्वतों को याद करके
'निर्जन' ऐसा मौका ज़िन्दगी में साथ कम रखना
"जिसे जाना है उसे आज़ाद छोड़ दो, यदि वो सच मे आपका है और आपकी किस्मत मे है तो एक दिन वापस जरूर आएगा और यदि नहीं आता तो समझ लेना वह आपका कभी था ही नहीं।
जवाब देंहटाएंक्या बात है तुषार सटीक बात शुभकामनायें आपकी रचना को।
करो जो दोस्ती तो धोखा खाने का दम भी रखना
जवाब देंहटाएंअपनों से मिलते हैं आंसू यह तोहफ़ा सर रखना no words to say ..1oo% agree .....tushar jee ..
सुन्दर प्रस्तुति-
जवाब देंहटाएंआभार आदरणीय-
सुन्दर प्रस्तुति !!
जवाब देंहटाएंमन को छू गये ये उदगार, बहुत कुछ अपना अपना सा लगा आपका अनुभव संसार!
जवाब देंहटाएंAabhar
जवाब देंहटाएंजो भी आपको छोड़ कर गया है और जिसने भी आपके दिल को दुखाया है उसका तो पता नहीं पर आपने यह सब होने पर जिस प्रकार से अभिव्यस्त बने रहने का संकल्प लिया है वह बहुत सकारात्मक बात है। ये बात भी दमदार है कि सबसे अच्छा मित्र मौन है। मेरे एक आलेख तो आपने पढ़ा ही होगा ''मौन मेरा सच्चा मित्र''। अच्छी व समझदार प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंजिन्दगी में हर कदम पर धोखा है,
जवाब देंहटाएंबेहतरीन अभिवयक्ति.....
जवाब देंहटाएंजिन्दगी हर मोड़ पर सबक सिखाती है… ठीक वैसे ही जैसे एक अध्यापक अपने शिष्य को।
जवाब देंहटाएंआंधी
बाबू जी धीरे चलना प्यार में ज़रा संभालना ...प्या में नहीं जनाव आजकल तो दोस्ती यारी में ज्यादा संभालने की जरूरत पड़ती है जाने कब कौन कहाँ गिरगिट की भांति अपना रंग बदल ले कोई भरोसा नहीं
जवाब देंहटाएंशुक्रिया दोस्तों आपकी होसलाअफजाही का और मेरी रचना को सम्मान देने का |
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जवाब देंहटाएंआदरणीय तुषार साहब नमस्कार, क्षमा चाहते हुए आपके इस आलेख पर मन से दो लाइनें लिखना चाह रहा हूँ , मन व्यथीत होने पर प्रत्येक संवेदनशील इंसान यह कह जाता है कि अब वह संवेदनहीन पत्थर दिल व निर्मोही बन गया है जबकी सच ऐसा नही है आप एक लेखक हैं और लेखक का दिल बेहद संवेदनशील और मोम की तरह होता है , यही लेखकों की कमी है।
रचना बहुत सुन्दर और दिल की गहराई से लिखने के लिए आपका हार्दिक आभार !
पहली बार आपके ब्लॉग पर आना हुआ - अपना सा लगा - आता रहूँगा
जवाब देंहटाएंशुक्रिया राकेश | आपका स्वागत है मेरे ब्लॉग पर | आभार
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