चम्मच चमचा जोड़, पार्टी लई बनाये
बन नेताजी अब, तेवर हैं दिखलाये
तेवर हैं दिखलाये, छुरी, कांटे भी है
जनता का लें ट्रस्ट, देते धोखा ही हैं
बैठ सवारी कार की, मारुती में आये
शुरुवात में पार्टी, कंगाली दिखलाये
कंगाली दिखलाये, मंशा स्वार्थी इनकी
ज्योही नकदी पाए, आ गई हौंडा सिटी
कहे वचन पुरजोर, करेंगे ये भी वो भी
करेका आया वक़्त, दिखाए ठेंगा ये भी
दिखाए ठेंगा ये भी, थे बड़े ही कपटी
तुरंत उछल बैठे, कुर्सी झट से झपटी
गलत नीति अपनाये, करते मनमानी
प्रत्याशी के रूप में, खड़े सेठ सेठानी
खड़े सेठ सेठानी, खीसा इनका भारी
कार्यकर्ता हैं त्रस्त, आई ये नई बीमारी
बीमारी दूर करे की, दवा जो बतलाई
नेता हुए रुष्ट सबको, आँख दिखलाई
आँख दिखलाई, अहं की हुई लड़ाई
कार्यकर्ताओं से अपने, मुंह की खाई
गए स्वराजी भिड़, देखा न आगे पीछे
अब देखो नेताजी, आते हैं कब नीचे
आते हैं कब नीचे, गलत नीति दुखदाई
कोई तो समझाए, अक्ल क्या भैंस चराई
पार्टी का नुक्सान, बचना अब मुश्किल
छवि हो रही ख़राब, गिरेगी तिल तिल
गिरेगी तिल तिल, आओ सब मिल जाएं
ऐसे भ्रष्ट नेता से, लोगों की जान बचाएं
डाले नहीं हथियार, लड़ेंगे मिलकर
नेताजी मांगेगे माफ़ी, आगे चलकर
आगे चलकर, आएगा मोड़ एक ऐसा
तब नेताजी पाएंगे, जब जैसे को तैसा
शुभप्रभात
जवाब देंहटाएंलाजवाब सटीक पोस्ट
हार्दिक शुभकामनायें.....
वाह बहुत गजब और सशक्त.
जवाब देंहटाएंरामराम.
भ्रष्टों की आंखें खोलने का अच्छा प्रयास।
जवाब देंहटाएंलाजवाब बहुत सुन्दर...
जवाब देंहटाएंEveryday you present some new ideas.
जवाब देंहटाएंKeep it up.
Vinnie