राखी है बंधन जीत का
भाई बहन कि प्रीत का
रिश्तों का एहसास है
बहन-भाई कि आस है
बंधन बचपन के मीत का
पक्के धागे कि रीत का
पर्व राखी का पावन है
जैसे शीतल सावन है
भाई-बहन कि लाज का
अनकहे जज़्बात का
आँखों का विश्वास है
यह अपनों कि बात है
दिलों कि धड़कन का
साथ में खेले बचपन का
राखी का यह त्यौहार है
इसमें प्यार ही प्यार है
शुभप्रभात
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना
हार्दिक शुभकामनायें
बहुत सुंदर भाव लिए अनुपम प्रस्तुति...बधाई।।।
जवाब देंहटाएं
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचना दिल को छू लिया
latest post आभार !
latest post देश किधर जा रहा है ?
निश्छल प्रेम का बढ़िया भाव है इस कविता में।
जवाब देंहटाएंराखी का यह त्यौहार है
जवाब देंहटाएंइसमें प्यार ही प्यार है
सहज सरल शब्दों में सच्ची बात ....
सुन्दर व् सार्थक प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएंhttp://madan-saxena.blogspot.in/
http://mmsaxena.blogspot.in/
http://madanmohansaxena.blogspot.in/
समस्त गुणीजन का बहुत बहुत शुक्रिया |
जवाब देंहटाएं