दिल के दर्द क्यों दिखलाऊं
दिल की बातें क्यों बतलाऊं
दिल को अपने मैं समझाऊं
जीवन में बस चलता जाऊं
----------------------------------------------------------------
दर्द मेरा बस मेरा ही है
दर्द तेरा बस मेरा भी है
दर्द से बनते रिश्तों में
एहसास बड़ा गहरा भी है
----------------------------------------------------------------
खुशियाँ मेरी जब दी हैं
दुआएं दिल से तब ली हैं
ज़िन्दगी मेरी सब की है
हंसी लबों पर अब भी हैं
----------------------------------------------------------------
रात काली थी चली गई
सुबह सुहानी दिखी नही
किस्मत का ये देखो ज़ोर
सन्नाटे में सुनता हूँ शोर
----------------------------------------------------------------
बातें उनसे होती हैं कई
दिल फिर भी मिलते नहीं
बातें बस बातें ही रहती हैं
ख़ामोशी ही सच कहती हैं
----------------------------------------------------------------
परदे के पीछे वो चुप है
परदे के आगे मैं चुप हूँ
आखीर क्यों वो चुप है
आखीर क्यों मैं चुप हूँ
----------------------------------------------------------------
धोखा कोई देता नही
धोखा कोई खाता नही
सब किस्मत का खेला है
दर्द ही बस अकेला है
----------------------------------------------------------------
जवाब देंहटाएंबहुर खूब ,बहुत उम्दा प्रस्तुति !
latest post हमारे नेताजी
latest postअनुभूति : वर्षा ऋतु
बहुत ही सुंदर.
जवाब देंहटाएंरामराम.
बहुत ही बेहतरीन रचना...
जवाब देंहटाएं:-)
सुन्दर प्रस्तुति-
जवाब देंहटाएंआभार भाई--
जीवन और खासकर निकट के रिश्तों से जन्मी उदासी के मासूम उद्गार।
जवाब देंहटाएंसुन्दर और बेहतरीन प्रस्तुति।।
जवाब देंहटाएंनये लेख : प्रसिद्ध पक्षी वैज्ञानिक : डॉ . सलीम अली
अमिट छाप छोड़ गई
जवाब देंहटाएंप्यार से भिगो गई
सादर
बढिया, बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंआप सभी गुणी जन का बहुत बहुत धन्यवाद् ....
जवाब देंहटाएंदर्द ही तो जीवन का आधार है .......खूबसूरत अहसास से सजी लेखनी
जवाब देंहटाएंवाह बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंयहाँ भी पधारे
http://shoryamalik.blogspot.in/2013/07/blog-post_29.html
बहुत सुंदर रचना !!
जवाब देंहटाएंबहुत ही गहरे और सुन्दर भावो को रचना में सजाया है आपने.....
जवाब देंहटाएंउलझे ताने बानो से रची उत्कृष्ट रचना !!
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत रचना
जवाब देंहटाएंवाह !
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरती से उकेरा है दर्द का अहसास !
waah dard ke vibhinn roop dikha diye ....
जवाब देंहटाएं