ख़ुशी और सुख के
ख्वाबों की दुनिया में बुने एक अलसाये मन के भाव, विचार, सोच, कहानियाँ, किस्से, कवितायेँ....|
शनिवार, जुलाई 06, 2013
ख़ुशी और सुख
ख़ुशी और सुख के
20 टिप्पणियां:
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ख़ुशी और सुख के
जवाब देंहटाएंअनमोल खज़ाने
ले चल मुझको
वहां ठिकाने
जहाँ तेरा ही
बस डेरा हो
जहाँ आनंद ने
घेरा हो
तेरे उस
अथाह समुन्द्र में
क्या मैं
डूब ना जाऊंगा
उबरने की
कोई जगह ना हो
बस मुस्कानों में
डूबता जाऊंगा
every man 's wish .all the best .
एक ऐसा खुशहाल संसार में जहाँ खुशियों का डेरा हो... बहुत सुंदर ..
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर, शुभकामनाएं.
जवाब देंहटाएंरामराम.
अनुपम अभिव्यक्ति !
जवाब देंहटाएंlatest post मेरी माँ ने कहा !
latest post झुमझुम कर तू बरस जा बादल।।(बाल कविता )
हर कोई जाना चाहेगा उस ठिकाने पर...
जवाब देंहटाएंसुंदर भाव!
~सादर!!!
बहुत ही सुन्दर और सार्थक प्रस्तुती,अभार।
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर...
जवाब देंहटाएंऐसी कामना इसलिए हुई क्योंकि चारों तरफ राक्षसी वातावरण व्याप्त हो चुका है। आपकी पीड़ा इतनी बढ़ गई कि ऐसी सुखद कामना लिए हुए कविता का सृजन हो गया। सुन्दर।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर भाव है..आमीन..
जवाब देंहटाएंek pyare se sansar ki chahat....:)
जवाब देंहटाएं.blog bulletin ke raste yahan pahuchna sukhad raha :)
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
जवाब देंहटाएंआपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल सोमवार (07-07-2013) को <a href="http://charchamanch.blogspot.in/“ मँहगाई की बीन पे , नाच रहे हैं साँप” (चर्चा मंच-अंकः1299) <a href=" पर भी होगी!
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
मैं भी कितना भुलक्कड़ हो गया हूँ। नहीं जानता, काम का बोझ है या उम्र का दबाव!
जवाब देंहटाएं--
पूर्व के कमेंट में सुधार!
आपकी इस पोस्ट का लिंक आज रविवार (7-7-2013) को चर्चा मंच पर है।
सूचनार्थ...!
--
शुक्रिया शास्त्री साहब
हटाएंखुशियों की तलाश में जिंदगी कहाँ से कहाँ गुजर गयी !
जवाब देंहटाएंसुख तो अपने अंदर ही मिलेगा ... बस इमानदारी से देखने की जरूरत है ...
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर अभिव्यक्ति....
जवाब देंहटाएंसुंदर भाव
जवाब देंहटाएंअच्छी रचना
आप सभी सह ब्लॉगर साथियों का हार्दिक अभिनन्दन और शुक्रिया | मेरी रचना को सराहने के लिए बहुत बहुत आभार |
जवाब देंहटाएंसर आपने प्रत्येक इंसान की हाहिृक इच्छा को सुन्दर शब्दों का रूप दिया है !
जवाब देंहटाएंइंसानी ख्वाहिश बढ़ती जाये
प्यार सभी से पाना चाहे
सुख हमेशा भोगे जायें
जब जब थोड़ा दुख है आवै
मन विचलित सा होता जाये
bahut sundar rachna.....
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