फ़रहत शाहज़ाद साहब द्वारा लिखी उनकी कविता 'तनहा तनहा मत सोचा कर' को अपने अंदाज़ में प्रस्तुत कर रहा हूँ। क्षमा प्रार्थी हूँ, मैं उनका या उनकी नज़्म का अपमान करने या दिल को ठेस पहुँचाने की गरज़ से यह हास्य कविता नहीं लिख रहा हूँ। सिर्फ़ मज़ाहिया तौर पर और हास्य व्यंग से लबरेज़ दिल की ख़ातिर ऐसा कर रहा हूँ।
अगड़म बगड़म मत सोचा कर
निपट जाएगा मत सोचा कर
औंगे पौंगे दोस्त बनाकर
काम आयेंगे मत सोचा कर
सपने कोरे देख देख कर
तर जायेगा मत सोचा कर
दिल लगा कर बंदी से तू
सुकूं पायेगा मत सोचा कर
सच्चा साथी किस्मत की बातें
करीना, कतरीना मत सोचा कर
इश्क विश्क में जीना मरना
धोखे खाकर मत सोचा कर
वो भी तुझसे प्यार करे है
इतना ऊंचा मत सोचा कर
ख़्वाब, हकीकत या अफसाना
क्या है दौलत मत सोचा कर
तेरे अपने क्या बहुत बुरे हैं
बेवकूफ़ी ये मत सोचा कर
अपनी टांग फंसा कर तूने
पाया है क्या मत सोचा कर
शाम को लंबा हो जाता है
क्यूँ मेरा साया? मत सोचा कर
मीट किलो भर भी बहुत है
बकरा भैंसा मत सोचा कर
हाय यह दारू चीज़ बुरी है
टल्ली होकर मत सोचा कर
राह कठिन और धूप कड़ी है
मांग ले छाता मत सोचा कर
बारिश में ज़्यादा भीग गया तो
खटिया पकडूँगा मत सोचा कर
मूँद के ऑंखें दौड़ चला चल
नाला गड्ढा मत सोचा कर
जिसकी किस्मत में पिटना हो
वो तो पिटेगा मत सोचा कर
जो लाया है लिखवाकर खटना
वो सदा खटेगा मत सोचा कर
सब ऐहमक फुकरे साथ हैं तेरे
ख़ुद को तनहा मत सोचा कर
उतार चढ़ाव जीवन का हिस्सा
हार जीत की मत सोचा कर
सोना दूभर हो जाएगा जाना
दीवाने इतना मत सोचा कर
खाया कर मेवा तू वर्ना
पछतायेगा मत सोचा कर
सोच सोच कर सोच में जीना
ऐसे मरने का मत सोचा कर
अगड़म बगड़म मत सोचा कर
निपट जाएगा मत सोचा कर
औंगे पौंगे दोस्त बनाकर
काम आयेंगे मत सोचा कर
सपने कोरे देख देख कर
तर जायेगा मत सोचा कर
दिल लगा कर बंदी से तू
सुकूं पायेगा मत सोचा कर
सच्चा साथी किस्मत की बातें
करीना, कतरीना मत सोचा कर
इश्क विश्क में जीना मरना
धोखे खाकर मत सोचा कर
वो भी तुझसे प्यार करे है
इतना ऊंचा मत सोचा कर
ख़्वाब, हकीकत या अफसाना
क्या है दौलत मत सोचा कर
तेरे अपने क्या बहुत बुरे हैं
बेवकूफ़ी ये मत सोचा कर
अपनी टांग फंसा कर तूने
पाया है क्या मत सोचा कर
शाम को लंबा हो जाता है
क्यूँ मेरा साया? मत सोचा कर
मीट किलो भर भी बहुत है
बकरा भैंसा मत सोचा कर
हाय यह दारू चीज़ बुरी है
टल्ली होकर मत सोचा कर
राह कठिन और धूप कड़ी है
मांग ले छाता मत सोचा कर
बारिश में ज़्यादा भीग गया तो
खटिया पकडूँगा मत सोचा कर
मूँद के ऑंखें दौड़ चला चल
नाला गड्ढा मत सोचा कर
जिसकी किस्मत में पिटना हो
वो तो पिटेगा मत सोचा कर
जो लाया है लिखवाकर खटना
वो सदा खटेगा मत सोचा कर
सब ऐहमक फुकरे साथ हैं तेरे
ख़ुद को तनहा मत सोचा कर
उतार चढ़ाव जीवन का हिस्सा
हार जीत की मत सोचा कर
सोना दूभर हो जाएगा जाना
दीवाने इतना मत सोचा कर
खाया कर मेवा तू वर्ना
पछतायेगा मत सोचा कर
सोच सोच कर सोच में जीना
ऐसे मरने का मत सोचा कर