शुक्रवार, मार्च 29, 2013

कभी कभी मेरे दिल में ख्याल आता है













कभी कभी मेरे दिल में ख्याल आता है -

काश लोन लेकर शादी की होती -
तो ज़िन्दगी आबाद हो भी सकती थी

ये बेलन और झाड़ू से पिटाई बदन पे खाई है -
रिकवरी एजेंटों की दुआओं से खो भी सकती थी

मगर ये हो न सका और अब ये आलम है -
के बीवी ही है, जिसे मेरा दम निकालने की जुस्तजू  ही है

गुज़र रही है कुछ इस तरह से ज़िन्दगी जैसे -
इससे वसूली वालों के सहारे की आरज़ू ही है

ना कोई राह, न मंज़िल, न रौशनी का सुराग -
गुज़र रही है हतौडों-थपेड़ों में ज़िन्दगी मेरी

इन्ही हतौडों-थपेड़ों से उठ जाऊंगा कभी सो कर -
मैं जानता हूँ मेरे ग़म-वफ़ात, मगर यूँही

कभी कभी मेरे दिल में ख्याल आता है

21 टिप्‍पणियां:

  1. रस्तोगी जी ,आज की पीढ़ी के ख्यालों पर ...तो जवानों का ही हक है
    मेरे पास तो आपके लिए शुभकामनायें हैं !
    स्वस्थ रहें!

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  2. आपको मेरी शुभकामनायें! ईश्वर आपकी हर इच्छा पूरी करे!

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  3. सब समझेंगे कि अनुभव का मारा है
    क्या जाने कि कवि अभी तक कुंवारा है
    भविष्य के लिए आशीर्वाद की जरुरत है
    शुभकामनायें !!

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    1. हा हा हा .... बहुत खूब माँ.... आप भी सही टांग खीचें जा रही हैं मेरी :)

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    2. सुशील सुघढ़ सुन्दर बहु की हसरत है (*_*)

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  4. तुषार राज जी ,यदि कुवांरा हो ,अपने मिसन पर ध्यान दो ,लोंन जरुर लो ,हमारी शुभकामनाएं
    latest post हिन्दू आराध्यों की आलोचना
    latest post धर्म क्या है ?

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  5. bahut sundar Hasya. Tushar ji maine pahle se hi aapka blog join kiya hua hai.

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  6. सब समझेंगे कि अनुभव का मारा है
    क्या जाने कि कवि अभी तक कुंवारा है
    भविष्य के लिए आशीर्वाद की जरुरत है
    सुशील,सुघढ़,सुन्दर बहु की मेरी हसरत है .... (*_*)

    शुभकामनायें !!

    सुघढ़ = पूरी तल्लीनता से करती है अपने सारे काम ...

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  7. आप की कविता,"कभी-कभी मेरे दिल में ख्याल आता है"को पढ़ा मजा आ गया!क्या खूब लिखते हैं आप? जितनी भी तारीफ की जाये कम है।
    विन्नी

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  8. हर रंग को आपने बहुत ही सुन्‍दर शब्‍दों में पिरोया है, बेहतरीन प्रस्‍तुति ।

    जवाब देंहटाएं
  9. आप की कविता,"कभी-कभी मेरे दिल में ख्याल आता है"को पढ़ा मजा आ गया!क्या खूब लिखते हैं आप? जितनी भी तारीफ की जाये कम है।
    विन्नी

    जवाब देंहटाएं
  10. लगे रहो प्यारे ... ;)


    आज की ब्लॉग बुलेटिन 'खलनायक' को छोड़ो, असली नायक से मिलो - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

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    उत्तर
    1. शुक्रिया शिवम् भाई | बस अब तो मैं वापस आ गया | कल से बुलेटिन का हुल्लड़ शुरू |

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  11. बहुत बहुत धन्यवाद् वंदना आपका |

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  12. बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
    आपके ख्यालात का जवाब नहीं!

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  13. जो बीबी की मार नही झेल सकता वो जिंदगी के थपेडे क्या झेलेगा? जिंदगी को ठीक से जीने के लिये आदमी की पीठ को लठ्ठ खाने की रियाज होनी चाहिये.:)

    पैरोडी जोरदार है.. ख्याल उतना बुरा भी नही है.:)

    रामराम.

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  14. बहुत खतरनाक ख्याल हो सकता है यह तुषार जी .... अगर बीवी के के कानों में पड जाए तो ... मजेदार प्रस्तुति!

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  15. हा हा. मज़ेदार प्रस्तुति.

    जवाब देंहटाएं

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