दिल लगे तब दुःख होता है
दुःख होता है तो तू रोता है
जो रोता है तो चैन से सोता है
सोता है तो सपनो में खोता है
बातें जो तप चुकी दिन में
शब्द जो पक चुके मन में
अब सपनो में दिख जाते है
सियाह रात में बहे जाते है
बाल सफ़ेद हो गए तेरे
काले अनुभवों के लिए घेरे
कब तक तू यह सह पायेगा ?
क्या आंसु से लकीरें बदल पाएगा ?
दुखी होना हल नहीं जीवन का
दुःख में जीना बल है जीवन का
कह दो बात जो कही नहीं जा रही
बतलाओ बात जो सही नहीं जा रही
मुंह से बोल कर ही निजात पायेगा
वरना घुट घुट का बिखर जायेगा
दुःख के बवंडर में घिरता जायेगा
'निर्जन' खुद को खुद से जुदा पायेगा
दुखी होना हल नहीं जीवन का
जवाब देंहटाएंदुःख में जीना बल है जीवन का
कह दो बात जो कही नहीं जा रही
बतलाओ बात जो सही नहीं जा रही
bahut bhavtmak abhivyakti .
दुखी होना हल नहीं जीवन का
जवाब देंहटाएंमुंह से बोल कर ही निजात पायेगा
वरना घुट घुट का बिखर जायेगा
कहाँ पर हैं आप
यहाँ प्रतीक्षा की जा रही है आपकी
शुक्रिया जी | जल्दी ही प्रतीक्षा समाप्त होगी थोडा समय दीजिये यही निवेदन है | आभार
हटाएंशुभप्रभात बेटे जी
जवाब देंहटाएंकभी लगते अडिग हिमालय सा
कभी क्यूँ विचलित
जहां सवाल होते
जबाब वहीं होते
हार्दिक शुभकामनायें
आपने लिखा....हमने पढ़ा
जवाब देंहटाएंऔर भी पढ़ें;
इसलिए आज 23/05/2013 को आपकी पोस्ट का लिंक है http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर (यशोदा अग्रवाल जी की प्रस्तुति में)
आप भी देख लीजिए एक नज़र ....
धन्यवाद!
शुक्रिया यशवंत
हटाएंबहुत सुंदर प्रेरक रचना,,,
जवाब देंहटाएंRecent post: जनता सबक सिखायेगी...
बहुत ही सुन्दर और प्रेरक रचना की प्रस्तुति,आभार.
जवाब देंहटाएंदुखी होना हल नहीं है जीवन में ...
जवाब देंहटाएंसच कहा है ... दिख से लड़ना ही जीवन है ... और जीवन भरपूर जीना ही जीवन है ...
अच्छा लिखा है बहुत ....
बहुत ही सुन्दर भावमयी रचना की प्रस्तुति,आभार.
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर और सार्थक रचना आभार
जवाब देंहटाएंहिन्दी तकनीकी क्षेत्र की जादूई जानकारियॉ प्राप्त करने के लिये एक बार अवश्य पधारें और टिप्पणी के रूप में मार्गदर्शन प्रदान करने के साथ साथ पर अनुसरण कर अनुग्रहित करें MY BIG GUIDE
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बहुत सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंकभी कभी ही ऐसी रचना पढने को मिलती है।
मेरे TV स्टेशन ब्लाग पर देखें । मीडिया : सरकार के खिलाफ हल्ला बोल !
http://tvstationlive.blogspot.in/2013/05/blog-post_22.html?showComment=1369302547005#c4231955265852032842
दुखी होना हल नहीं जीवन का
जवाब देंहटाएंदुःख में जीना बल है जीवन का
कह दो बात जो कही नहीं जा रही
बतलाओ बात जो सही नहीं जा रही
वाह...
बहुत बढ़िया!!!
अनु
तुषार जी ,खुबसूरत भाव समेटे आप की सुंदर रचना ....
जवाब देंहटाएंबधाई !
सच कहा आपने
जवाब देंहटाएंदुःख अन्दर रखने की बजाय बांटने से कम होता है
सार्थक रचना
साभार !
आदमी को ऊपर उठाती कविता।
जवाब देंहटाएं
जवाब देंहटाएंबातें जो तप चुकी दिन में
शब्द जो पक चुके मन में
अब सपनो में दिख जाते है
सियाह रात में बहे जाते है-------
दुख जीवन का सच है- यही विलग नहीं होता
बाकी सब हो जाते हैं---
सुंदर और भावपूर्ण रचना
बधाई
आग्रह हैं पढ़े
ओ मेरी सुबह--
behtareen.. saari panktiyan .. :)
जवाब देंहटाएंतुषार जी बेहद सुन्दर रचना,मेरी बधाई कबूल करें।
जवाब देंहटाएं-आइये जानते हैं फेसबुक के नए फोन के बारें में-
bahut khubsurat bhav liye sundar rachna !
जवाब देंहटाएंकुछ बहाव बह भी जाएँ तो भी दुख कहा कम होता है मन पर इसका प्रभाव बस नकारात्मक न होने पाए...कुछ ऐसी सकारात्मक सोच और अभिव्यक्ति ...अच्छी लगी...
जवाब देंहटाएंपहली बार आपके ब्लॉग पर आना हुआ है... अच्छा लगा...
सादर :)
बहुत सुन्दर और प्रेरक भाव समेटे हैं ..्बधाई.तुषार..
जवाब देंहटाएंdukh me jeena bal hai jeevan ka
जवाब देंहटाएंbohat sundar rachna...badhai
sukhah:dukhah:samekritwa labhlabhau jaya jayoo
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर
जवाब देंहटाएंगंभीर अभिव्यक्ति...
जवाब देंहटाएंसच दुःख में बहुत कुछ सीखा जाता है...दुःख से दु:खी हो जाना हल नहीं इसका ....
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया प्रेरक प्रस्तुति ...
बहुत सुंदर रचना ,शुभकामनाये http://shoryamalik.blogspot.in/कभी यहाँ भी आये
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