१. मेरा जन्म हुआ १९७९ में |
२. मेरी पैदाइश दिल्ली की है |
३. मैं कर्म से, धर्मं से और मर्म से पूरी तरह हिन्दुस्तानी हूँ |
४. हिंदी मेरी मातृभाषा है |
५. मुझे चिंता होती है आजकल के नौजवानों के रवैये से जिन्हें
हिंदी समझ नहीं आती |
६. अंग्रेजी के विरूद्ध मैं कभी नहीं था | मुझे अंग्रेजी भाषा भी पसंद है |
७. मैं जिंदगी में जल्दी सेवा-निवृत्त होना चाहता हूँ |
८. सेवा-निवृत्त से मेरा तात्पर्य है के मैं "जीने के लिए
बहुत लंबे समय तक कार्य नहीं करना
चाहता" |
९. मुझे घूमना भी बहुत पसंद है |
१०. मैं बहुत घूमना चाहता हूँ | दूर दराज़ के देश विदेश देखना चाहता हूँ |
नई संस्कृतियों को जानना चाहता हूँ |
उनको जीना चाहता हूँ |
११. नए लोगों के साथ मिलना जुलना और बातें करना चाहता हूँ |
नए दोस्त बनाना चाहता हूँ |
१२. नई नई जगहों पर रहना चाहता हूँ |
१३. नई नई भाषाएँ सीखना, पढना,
लिखना चाहता हूँ |
१४. मैं नाचना सीखना चाहता हूँ | खास तौर पर मैं ज़ुम्बा और सालसा सीखना
चाहता हूँ |
१५. मुझे गाने का भी शौक है |
गुनगुनाना पसंद है पुराने नए गाने जो दिल को भा जाएँ |
१६. मुझे गिटर बजाना पसंद है और ड्रूम बजाना भी सीखना चाहता
हूँ पर समय के साथ ये शौक भी ज़िन्दगी से गायब हो गए हैं |
१७. मुझे लिखने का भी शौक है | मैं अच्छा कविताकार और लेखक शायद बन
सकता हूँ |
१८. तसवीरें खींचना और खिंचवाना भी पसंद है मेरी पर अब नही हो
पाता | एक्सीडेंट के बाद से
कुछ झिझक सी होती है |
१९. मुझे कसरत करना पसंद है | पॉवर लिफ्टिंग मेरा पसंदीदा खेल है |
मुझे साहसी और खतरनाक खेल बहुत पसंद हैं जिसमें मौत
का खतरा ज्यादा हो |
२०. मेरे सीधे हाथ की आधी बाजू पर बजरंगबली का टट्टू बनवाने का
भी मन है |
२१. मैं आशावादी जीवन जीने में विश्वास रखता हूँ |
२२. मुझमें बहुत संयम है |
२३. पर मुझे गुस्सा भी बहुत आता है |
२४. मुझे सच्चा प्यार क्या होता है मालूम है परन्तु मैंने उसे
अभी तक महसूस नहीं किया है |
२५. मैं सदा मुस्कराते रहना चाहता हूँ | मरते वक्त भी मेरे चेहरे पर मुस्कराहट
हो बस |
२६. मेरी मुस्कराहट हमेशा सच्ची हो |
२७. मुझे स्वाभाविक रहना पसंद है |
२८. झूठ, दिखावे
और झूठे आडम्बर से मुझे नफरत है |
२९. मुझे पढ़ना पसंद है और लिखना भी |
३०. मैं सब कुछ पढता हूँ |
३१. मुझे संगीत भी पसंद है | मेरा पसंदीदा संगीत है फ़िल्मी, गज़ल, रोमांटिक इंग्लिश गाने |
३२. पसंदीदा कलाकार हैं रफ़ी, किशोर, मुकेश, मन्नाडे, ब्रयां अदाम्स, बेकस्ट्रीट बोयस, सलीन डियोन, शकीरा, बेयोंसे और भी हैं ... |
३३. फिल्में देखना मुझे बेहद पसंद है | पसंदीदा फिल्में हैं एक्शन और रोमांस |
३४. मैं सभी लोगों की इज्ज़त करता हूँ | मेरा जिंदगी जीने का फलसफा है इज्ज़त
करोगे तो इज्ज़त मिलेगी |
३५. मुझे चरम सीमा के पार प्यार करना और प्यार पाना दोनों बेहद
पसंद है |
३६. मैं बहुत ही रोमांटिक इंसान हूँ | मेरे जीवन में श्रृंगार रस का खास महत्व
है |
३७. मुझे अपने आप से तब जलन और नफरत भी होती
है जब मुझे कोई महिला पसंद आती है और मैं उसके शरीर पर आँखें केंद्रित
करता हूँ और उसके वक्षस्थल निहारता हूँ |
३८. मुझे पतली लड़कियां पसंद नही हैं | मुझे सांवली हरी भरी और हृष्टपुष्ट
महिलायें अच्छी लगती है |
३९. मुझे अपनी प्रियेसी में बड़ी, गहरी गोल आँखें, गोल गाल, भरे हुए बड़े वक्षस्थल, गदराए और उत्तेजित नितम्ब और भरे हुए
उरू पसंद हैं |
४०. मुझे बचपन से अपने से बड़ी और परिपक्व नारियां पसंद आती हैं | एक समय पर मैं
अपनी टीचर के साथ भी रोमांस करना चाहता था | मुझे मानसिक रूप से और शारीरिक रूप से
परिपक्व महिलाएं हमेशा से पसंद आती हैं | उनके साथ वार्तालाप करना और उनकी शारीरिक
सुन्दरता को निहारना मुझे असीम आनंद की अनुभूति देता है |
४१. मुझे राजनीती पसंद नहीं है | मुझे लगता है सभी राजनेताओं और राजनैतिक
पार्टियों को खत्म हो जाना चाहिएँ अर्थात मर जाना चाहिएँ |
४२. मुझे कुछ समय नग्नतावादी होना भी पसंद है |
४३. मैं पैसे को जिंदगी में अहमियत नहीं देता | मेरे लिए वो हमेशा दूसरे दर्जे पर आती
है पर ज़रूरी भी है |
४४. मुझे जिंदगी की पहली अहमियत के बारे में
भी कुछ नहीं पता | पर
मुझे पता है के
मेरे जीवन में जो सबसे ज्यादा अहम हैं वोह है प्यार, दिमागी सुकून, तसल्ली बक्श जिंदगी, शांत मौत, जिंदगी अपनी शर्तों पर जीना, जिंदगी में वही करना जो चाहो, और जीवन जीने के लिए वो करना जिसमें आप
अपना १००% दे सको |
४५. मैं अनाथ बच्चों, बेसहारा बुजुर्गों और विकलाँगों के लिए कुछ करना चाहता हूँ |
४६. मुझे कभी कभी पेंटिंग करना भी पसंद है | पर अब वो भी नहीं करता एक अरसा हो गया |
४७. शायद मेरे से कुछ लिखना रह गया है, कुछ न कुछ तो छूट गया है पर कोई नहीं
समय के साथ वो भी लिख दूँगा |
४८. अरे हाँ ! अपना नाम तो बताया ही नहीं अभी तक, खैर नाम में क्या रखा है, जाने दीजिए |
४९. मैंने एक बार अपनी डेली डाईरी में लिखा था :
"हम जिंदगी में कितना कुछ
करने और कहने के लिए सोचते हैं और यह भी सोचते हैं के शायद वो सब हम पूरा कर पाएंगे अपनी
इस छोटी सी जिंदगी में, कितना
कुछ है जिस
पर हम विश्वास करना चाहते हैं और सोचते हैं हम पूरा कर पाएंगे | लेकिन फिर अचानक मृत्यु का आगमन होता है और
अचानक से वो उस व्यक्ति को अपने साथ ले जाती है जिससे आप सबसे ज्यादा प्यार
करते हैं, जो आपके दिल से सबसे
करीब है
| उसके बाद क्या ?
उसके बाद कैसे ? सारे सपने बिखर जाते हैं, कोई तमन्ना बाकी नहीं रहती, कुछ पाना और खोना मायने नहीं रखता अगर
कुछ बाकी रह जाता
है जिंदगी में तो वो होता है - "समय" - और आपको पता नहीं होता के उससे कैसे खत्म करें |"
५०. जिंदगी में जो करें दिल से करें मेरा ऐसा मानना है और मैं
जो भी करता हूँ दिल से करता हूँ | इसलिए
दर्द ज्यादा है जिंदगी में |
जो जिंदगी रही तो यहाँ लिखे पोइंट्स भी आगे बढते रहेंगे ।
फिलहाल के लिए इतना ही |
बाकि समय के साथ जारी रखा जाएगा.....