युवा को ठेंगा दिखा बुद्धों ने कर ली कुर्सी से शादी
------------------------------------------------------------------
घायल बिल्ली दूजी बिल्ली से, बोली यह बात
सुबह-सुबह एक नेता मेरा, रास्ता गया था काट
------------------------------------------------------------------
दुबला बोला मोटे से, क्यों धक्का दे रहे आप
क्यू में खड़ा मोटा बोला, क्या सांस लेना भी है पाप
------------------------------------------------------------------
युपीऐ का मतलब मैडम पूछी, पी.एम्. बोले बिलकुल साफ़
'यु' आप और 'पीऐ' मैं हूँ, सर्वत्र है मैडम आप
------------------------------------------------------------------
पांच तारा की सुविधा, चाहियें सांसदों को आज
प्रश्न पूछने के पैसे मांगे, इनको ना आये लाज
------------------------------------------------------------------
राजघाट पर कुत्ते दौड़े, हिंसक को मिला सम्मान
सत्य अहिंसा के दूत को, चांटा मार गया शैतान
------------------------------------------------------------------
पांच तारा में कुत्ते ठहरे, देकर मूंछ पर ताव
मंत्री शंत्री लगे दुम हिलाने, देख गोरी चमड़ी का भाव
------------------------------------------------------------------
चमन उजाड़ रहे हैं उल्लू, बाढ़ खा रही खेत
खादी ख़ाकी देश को लूटें, बना रक्षक का भेष
------------------------------------------------------------------
रिश्वत लिए और जेल गए, दिए घूस गए छूट
हर विभाग में घोटाले हैं, लूट सके तो लूट
------------------------------------------------------------------
चोर कहें सोना कहाँ, जल्दी से बतलाओ
जी घर खाली पड़ा, जहाँ सोना सो जाओ
------------------------------------------------------------------
धर्म कथावाचक अब, बन गए धन्ना सेठ
चेले चेली संग रास रचे, लें लाखों की भेंट
------------------------------------------------------------------
हिंदी का नमक खाकर, हिंदी का गिराते मान
हिंदी ही पहचान है, पर अंग्रेजी को करें सलाम
------------------------------------------------------------------
ऐसी वाणी बोलिए, पत्थर भी थर्राये
सज्जन पुरुष देखकर, कुत्ता भी गुर्राये
------------------------------------------------------------------
हँसना और हँसाना, है सबसे उम्दा काम
जो कंजूसी करे हंसने में, वो व्यक्ति पशु समान
------------------------------------------------------------------
हंसने से रक्त बढ़े, रक्तचाप हो दूर
दिल दिमाग मज़बूत बनें, मत हो तू मजबूर
------------------------------------------------------------------
दुःख की चिंता छोड़ दो, चिंता चिता सामान
चिंता रोगों की माता है, चिंता छोड़ो श्रीमान
------------------------------------------------------------------
आज कर तो कल कर, कल करे तो परसों
जल्दी काम शैतान का, अभी जीना है बरसों
------------------------------------------------------------------
मुन्नाभाई डाक्टरों से, भरा पड़ा है देश
न मर्ज़ रहे न रहे मरीज़, चढ़ा तो हत्थे केस
------------------------------------------------------------------
अपने शिक्षित युवा, बेकार और निष्तेज़
मंत्री बन्ने को कोई भी, न डिग्री और न ऐज
------------------------------------------------------------------
चुटकी,चुटकुले, चाटुकारी, चल रहा रीमिक्स का दौर
कविता, कवी, दोहे पर, अब देता कोई न गौर
------------------------------------------------------------------
क़र्ज़ लकर खाइए, जब तक तन में प्राण
देने वाला रोता रहे, खुद मौज करें श्रीमान
------------------------------------------------------------------
बढिया है
जवाब देंहटाएंशुभप्रभात बेटे
जवाब देंहटाएं(*_*) :D (*_*)
हार्दिक शुभकामनायें
मजेदार और हास्यपद रचना।। पढ़कर मज़ा आ गया :)
जवाब देंहटाएंघुइसरनाथ धाम - जहाँ मन्नत पूरी होने पर बाँधे जाते हैं घंटे।
मजेदार और हास्यपद रचना।। पढ़कर मज़ा आ गया :)
जवाब देंहटाएंघुइसरनाथ धाम - जहाँ मन्नत पूरी होने पर बाँधे जाते हैं घंटे।
बहुत सुन्दर और संग्रहणीय दोहे प्रस्तुत किये है !
जवाब देंहटाएंबहुत शानदार व्यंग भरी रचना आपका आभार तुषार जी,अब ऐसी रचनाये पढने को कम ही मिलती हैं।
जवाब देंहटाएंवाह बहुत खूबसूरत.
जवाब देंहटाएंरामराम.
अन्तिम से पहले वाला छन्द अत्यन्त सार्थक है। यही तो हो रहा है, जो बहुत ही दुर्भाग्य की बात है देश के लिए।
जवाब देंहटाएं:-) :-)
जवाब देंहटाएंati sundar pankhtiya....
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर दोहावली रस्तोगी जी..
जवाब देंहटाएंमंगलवार 18/06/2013 को आपकी यह बेहतरीन पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जा रही हैं ....
जवाब देंहटाएंआपके सुझावों का स्वागत है ....
धन्यवाद !!
बहुत बढि़या
जवाब देंहटाएं
जवाब देंहटाएंसुन्दर हास्यप्रद रचना
latest post पिता
LATEST POST जन्म ,मृत्यु और मोक्ष !