एक तपिश सी थी
थोडा खौफ़ भी था
गुज़रे लाम्हातों की ताजगी थी
उमंगें थी
डर भी था
माज़ी के एहसास भी थे
सैकड़ों सवाल भी थे
धड़कने तेज़
बहुत तेज़ भी थी
जब तुमको
तुम्हारी गर्म साँसों
को महसूस भी किया था
तुम्हारे दिल में
जो सवालों का सैलाब था
उसका अंदाज़ा भी था
एहसास था मुझको
के अब
अंजना - बेगाना
हो गया हूँ मैं
पर शायद
दिलों में चिंगारी
अभी भी बाक़ी थी
इससे पहले के हो जाते खाख
तुमने झटक दिया मेरा हाथ
अपने कंधे से
सोचा था दो पल शायद
साथ रहेंगे
उस अँधेरे गलियारे में
कुछ बात कहेंगे
गिले शिकवे मिटा लेंगे
अपने मन फिर मिला लेंगे
और न जाने कब
रौशनी से सामना हो गया ...
थोडा खौफ़ भी था
गुज़रे लाम्हातों की ताजगी थी
उमंगें थी
डर भी था
माज़ी के एहसास भी थे
सैकड़ों सवाल भी थे
धड़कने तेज़
बहुत तेज़ भी थी
जब तुमको
एक ज़माने के बाद
उस दिन छुआ थातुम्हारी गर्म साँसों
को महसूस भी किया था
तुम्हारे दिल में
जो सवालों का सैलाब था
उसका अंदाज़ा भी था
एहसास था मुझको
के अब
अंजना - बेगाना
हो गया हूँ मैं
पर शायद
दिलों में चिंगारी
अभी भी बाक़ी थी
इससे पहले के हो जाते खाख
तुमने झटक दिया मेरा हाथ
अपने कंधे से
सोचा था दो पल शायद
साथ रहेंगे
उस अँधेरे गलियारे में
कुछ बात कहेंगे
गिले शिकवे मिटा लेंगे
अपने मन फिर मिला लेंगे
बस यही सोच लिए
खोया रहा हर पलऔर न जाने कब
रौशनी से सामना हो गया ...