कभी कुछ बातें कह देना
और कहना चलो छोड़ो
और कहना चलो छोड़ो
कभी कुछ कहते कहते,
कह देना, चलो छोड़ो
मुझे क्यों खास लगती है,
अदाएं यह जो हैं तेरी
कभी सोचा के कह डालूं
कभी सोचा चलो छोड़ो
जताना किस को चाहता हूँ ?
जो कह देगी चलो छोड़ो
यह रिश्ता तुझसे कैसा है ?
बताता हूँ ! चलो छोड़ो
यह सोचा साथ होता मैं
फिर सोचा चलो छोड़ो
मेरी बेक़रारी का आलम क्या ?
किसे जाकर बताऊँ मैं
था यह सोचा तुझे बोलूं
फिर सोचा चलो छोरो
ख्वाइश एक थी मेरी
के जी भर के तुझे देखूं
तेरी तस्वीर बनता मैं
फिर सोचा चलो छोड़ो
जो तू रूठ जाएगी
तो कुछ लिख कर मना लूँगा
पर ऐसे मनाने पर भी कहती हो, चलो छोड़ो
रहेगी उम्मीद जब तक यह हमारे एक होने की
डर है तुम यह कह न दो
चलो उम्मीद को छोड़ो
मैं कुछ सोचूं , के कह दूंगा
वोह कह देती चलो छोड़ो
यह किस्सा यूँ ही चलता था
यह किस्सा यूँ ही चलता है
मैं कहता हूँ ज़रा सुन ले
वोह कहती है चलो छोड़ो... चलो छोड़ो... चलो छोड़ो
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