बुधवार, मार्च 13, 2013

आयो होरी को त्यौहार

आयो होरी को त्यौहार
लायो रंगों की बौछार
भीजी चुनरी तुम्हार
सुलगे जियेरा हमार
आओ मिल बांटे प्यार
आयो होरी.....

आयो होरी को त्यौहार
फागुन सुलगाये सांस
आयो देखो मधुमास
मारे हिलोरे आस
बसंत जिलावे प्यास   
आयो होरी.....

आयो होरी को त्यौहार
खिलती कली कली
अरमानो में खलबली
गीत गावे मनचली
चली मैं पिया गली
आयो होरी.....

आयो होरी को त्यौहार
कोकिला कूक लगाये
अमिया बौरायी जाये
अंतर्मन अग्न जगाये
प्रिये संग नेह बनाये
आयो होरी...

आयो होरी को त्यौहार
भंग लाओ मेरे यार
रंग चढे अब के बार
आई टेसू की फुहार
हुडदंग होवे सर पार
आयो होरी.....

आयो होरी को त्यौहार
ढोल मंजीरे बजाएं ताल
नाचें बाल, बाला, गोपाल
नभ उड़े अबीर-ओ-गुलाल
गरे डारे बइयाँ माल
आयो होरी.....

आयो होरी को त्यौहार
शायरी, नज़्म, पान
कविता, शेर, पीकदान  
साहेबान, मेहरबान
क़द्रदान, खानदान
आयो होरी.....

आयो होरी को त्यौहार
पकवान मज़ेदार
कांजी-बड़ा ज़ोरदार
आलू पोहा मिर्चमार  
ठंडाई चढ़ी नशेदार
आयो होरी.....

आयो होरी को त्यौहार
राजमा-चावल मांडमार
छोले भठूरे ज़ायकेदार
कढ़ी पकोड़ी झोलदार
पिंडी छोले हवादार
आयो होरी.....

आयो होरी को त्यौहार
सैंडविच, टिक्की, भेल, पापड़ी
स्नैक्स, उपमा, चकली, फाफ्ड़ी
नगौरी, ढोकला, मठरी, कचौड़ी
मेथी चटनी, भल्ले, समोसा, पूड़ी
आयो होरी.....

आयो होरी को त्यौहार
मिष्ठानों से भरते थाल    
रसगुल्ला, गुंजिया, लड्डू, बर्फ़ी,
खीर, जलेबी, हलवा, कतली
सबरों देसी घी को माल
आयो होरी.....

आयो होरी को त्यौहार
ज़न्खी बेरंगी सरकार
निगोड़ी से न दरक़ार
किसी की न वफ़ादार
बेमानी, चोर और बेकार
आयो होरी.....

आयो होरी को त्यौहार
मज़हबी दंगे फसाद
सुसरे सब अवसरवाद
नफरत बारूदी खाद
हमरी नस्ल हुई बर्बाद
आयो होरी.....

आयो होरी को त्यौहार
खून से ललाम लाल
मचा कैसा है बवाल
पिचकारी गोला हाथ
गुब्बारा बम के साथ
आयो होरी.....

आयो होरी को त्यौहार
नशेड़ियों की होती मांग
दारू, सुलफ़ा, चरस, अफीम,
बीडी, सिगरेट, गांजा, भांग
हाई हो देते सीमा लांघ
आयो होरी.....

आयो होरी को त्यौहार
लाल प्रेम का गुलाल
पीली मित्रता की धार
नीली सौभाग्य की फुहार
बैंगनी खुशियाँ अपार
आयो होरी.....

14 टिप्‍पणियां:

  1. होली पर बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति,आभार.

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  2. लग रहा है चारों ओर होली की महक उसके रंग छितरे पड़े हैं ...
    लाजवाब ...

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  3. आपकी कविता ने वसंतोत्सव के सारे नज़ारे दिखला मंत्रमुग्ध कर दिए ...
    शुभकामनायें !!

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  4. बसंत से होली तक सारे नजारे पढ़कर आनंद आ गया,,,,

    Recent post: होरी नही सुहाय,

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  5. अब तो रंग चढ़ना ही है भाई-
    नजदीक आ गई है होली-
    शुभकामनायें प्रिय तुषार

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  6. tushar ye prem ras ...khana khajana aur aakrosh ka mocktail pasand aaya mujhe :-)

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  7. होली से पहले ही होली का फसाद चालू कर दिया आपने ...अरे! कुछ दूसरों के कहने के लिए भी छोड़ दिया होता . सारे रंग अपने हाथ ले लिए ...अब हम क्या लगायेगें :P

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  8. रंगों के त्यौहार की प्यारी कविता

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  9. भिन्न भिन्न रंगों से रंगी
    सुन्दर रचना

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  10. आप सभी ने मेरी रचना को सराहा उसके लिए बहुत बहुत धन्यवाद्... आभार !

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  11. सच में लग रहा है होली आ ही गई.;बहुत खूब

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