शनिवार, दिसंबर 29, 2012

काश! वो जी पाती

सुबह सवेरे उठकर रोज़मर्रा की दिनचर्या के बाद जब लैपटॉप खोल कर बैठा और फेसबुक खोला तो धक् रह गया | हर तरफ़ा एक ही खबर थी के 'रेस्ट इन पीस् दामिनी' | तब पता चला के वो लड़की जिसके साथ अत्याचार हुआ था, वो ब्रह्मलीन हो गई  | खून में पढ़ते ही उबाल आया | दिल तो किया के उन दरिंदों को जिन्होंने यह काम किया है वही सज़ा मिले जो इस फूल सी बच्ची को मिली है | सरे बाज़ार बीच चौराहे पर मुह कला कर के, नंगा कर के उनके पिछवाड़े में भी गरम गरम दहकता हुआ सरिया डलवा देना चाहियें जिससे उन्हें भी ये एहसास तो हो जाये के दर्द किस चिड़िया का नाम है | परन्तु फिर आक्रोश और गुस्सा दोनों हताशा और निराशा में तब्दील हो कर धीरे धीरे शांत होते चले गए | सोचा घर बैठ कर चुप चाप फेसबुक पर स्टेट्स अपडेट करने से या फिर आपस में बात करने से क्या होने वाला है ? यही सोचने लग गया | क्या मैं कुछ कर सकता हूँ उसके लिए ? कुछ नहीं बस कुछ नहीं होगा अब | एक और केस बन कर रह जायेगा यह कांड भी | सरकारी दफ्तर में सालों दर सालों धुल में लिपटी पड़ी होगी उसकी फाइल और जो मुजरिम हैं वो मौज ले रहे होंगे |

फिर ख्यालों में रह रह कर एक और बात आती है के अब सिर्फ मौन रहकर या फिर मोम बत्तियाँ जलाकर, या मुह पर काली पत्तियां बांधकर, या सत्याग्रह करने से कुछ हस्सिल नहीं हो सकता | जिस तरह पिछले दिनों इंडिया गेट को जलियांवाला बाग बनाया गया उसको देखते तो आज क्रांति की ही ज़रूरत है | हाथ में मशाल लेकर आज ऐसी भ्रष्ट और नंगी सरकार को फूँक देने का समय है | जिस सरकार राज मैं  नारी का कोई अस्तित्व नहीं, कोई गरिमा नहीं, कोई सुरक्षा नहीं जबकि कहने को तो इस सरकार की मुखिया भी एक स्त्री ही है और फिर भी नारी के प्रति कोई पीड नहीं है उसके मन में | तो ऐसी सरकार का क्या अचार डालना है | गिरा दो ऐसी सरकार को, भस्म कर दो ऐसी दोगली मानसिकता वाली सत्ता की पुजारिन को |

बात भले ही ज़रा तीखी लग रही हो और काल्पनिक भी परन्तु आज भारत फिर से गुलामी की कगार पर है | किसी समय मैं ऐसा वीभत्स शासन मुग़ल और अंग्रेजो द्वारा किया गया था | वही समय आज फिर से लौट आया है | आज एक फिरंगी महिला अपना वर्चस्व स्थापित करने के लिए देश को दीमक की भांति धीरे धीरे अंदर से खोखला कर रही है और हम उससे बर्दाश्त कर रहे हैं और तमाशा भी देख रहे हैं और ताली भी बजा रहे हैं | यही हाल रहा तो वो दिन दूर नहीं जब एक बार फिर से रोज कहीं नहीं कहीं खून की होली खेली जायेगी, अस्मतें लूटी जाएँगी और अराजकता का नंगा नाच होते देर नहीं लगेगी |

आज जागने का समय है | वो जिसे कहते थे दामिनी, वो जिसे कहते थे अमानत या निर्भया वो तो चली गई पर हमें जागने को कह गई | एक और लक्ष्मीबाई लड़ते लड़ते आज शहीद हो गई पर ज़ुल्म के आगे झुकी नहीं |  किसी भी स्त्री के साथ ऐसा दुर्व्यवहार न हो, कोई और दु:शासन पैदा ही न हो जो नारी का चीर हरण कर सके, उनके सम्मान को गरिमा को चोट पंहुचा सके | अब वक्त है जब की इन भेड़ की खाल में बैठे भेड़ियों को जड़ समेत उखाड फेंका जाये | खत्म कर देना चाहियें ऐसे नामर्द सोच वाले रंगे सियारों को, सरेआम सज़ा मिलनी चाहियें ऐसे सपोलों को जो अपना ही नहीं अपने माता पिता और देश दोनों का नाम खराब करते हैं |

मेरा ऐसा मानना है के यदि इंसान बेटे की कामना करता है, तो उससे जिंदगी के बुनयादी पाठ भी सिखाए | नारी जो एक माँ है, बेटी है, बहिन है, साथी है, दुर्गा सरस्वती का स्वरुप है  उसकी इज्ज़त करना भी सिखाए | उसे यह भी समझाना और एहसास करना चाहियें के समय आने पर नारी काली, कपाली और चंडिका का रूप भी धारण कर सकती है | अथ: उससे कमज़ोर समझने की गलती कभी न करे | और अपनी सोच पर काबू रखें |

बस ईश्वर से अब यही प्रार्थना है के उस बच्ची की आत्मा को शांति प्रदान तब हो जब उसके गुनाहगारों को उसी के जैसी सज़ा मिले और उसके परिवारजन को यह दुःख बर्दाश करने की शक्ति प्रदान करें और लड़ने की भी जिस से वो अपने इस अपमान के इन्साफ के लिए लड़ाई जारी रख सकें |

भगवान हिंदुस्तानियों को अब तो अक्ल दे और सोचने समझने की शक्ति दे | आँखें नम हैं और दिल में विद्रोह की भावनाओं के साथ यही विश्राम देता हूँ | बस यही आखरी भावना आती है मन मैं मेरे

काश! वो बच्ची बच जाती और ठीक होकर अपनी जिंदगी जी पाती....काश!

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

कृपया किसी प्रकार का विज्ञापन टिप्पणी मे न दें। किसी प्रकार की आक्रामक, भड़काऊ, अशिष्ट और अपमानजनक भाषा निषिद्ध है | ऐसी टिप्पणीयां और टिप्पणीयां करने वाले लोगों को डिलीट और ब्लाक कर दिया जायेगा | कृपया अपनी गरिमा स्वयं बनाये रखें | कमेन्ट मोडरेशन सक्षम है। अतः आपकी टिप्पणी यहाँ दिखने मे थोड़ा समय लग सकता है ।

Please do not advertise in comment box. Offensive, provocative, impolite, uncivil, rude, vulgar, barbarous, unmannered and abusive language is prohibited. Such comments and people posting such comments will be deleted and blocked. Kindly maintain your dignity yourself. Comment Moderation is Active. So it may take some time for your comment to appear here.