मंज़िल कितनी है दूर अभी,
लम्बा मेरा सफ़र बहुत है
उस मासूम दिल को मेरे,
देखो तो मेरी फ़िक्र बहुत है
जान ले लेती तन्हाई मेरी,
सोचा मैंने इस पर बहुत है
सलामत है वजूद 'निर्जन',
उनकी दुआ में असर बहुत है...
--- तुषार राज रस्तोगी ---
लम्बा मेरा सफ़र बहुत है
उस मासूम दिल को मेरे,
देखो तो मेरी फ़िक्र बहुत है
जान ले लेती तन्हाई मेरी,
सोचा मैंने इस पर बहुत है
सलामत है वजूद 'निर्जन',
उनकी दुआ में असर बहुत है...
--- तुषार राज रस्तोगी ---