मंगलवार, नवंबर 27, 2012

मुझे नफरत है के मैं तुम्हे प्यार करता हूँ...

मुझे नफरत है के तुम
मेरे हर ख्याल में रहती हो
मेरी सुबह तुम्हारे साथ होती है
मैं सोता हूँ तुम्हारी हंसी को सोच कर

मुझे नफरत है के मैं
तुम्हे इतना पसंद करता हूँ
तुम्हारी सुन्दर आँखें
तुम्हारे नमकीन होटों
को चखने के लिए
मैं तरसता हूँ

मुझे नफरत है
जिस तरह से तुम मुझे
महसूस करने को मजबूर करती हो
जैसे मुझे तुम्हारी ज़रूरत है
जीवित रहने के लिए
जैसे तुम्हारे बिना सांस लेना
अत्यंत कष्ट दायक है

मुझे नफरत है के मैं
तडपता हूँ तुम्हारे लिए
मुझे तृष्णा है तुम्हारे स्पर्श की
हर लम्हा
हर दिन

मुझे नफरत है
जिस तरह से मैं तुम्हे
चाहता हूँ
अपने अधम ह्रदय
के हर एक धडकन के साथ
तुम्हे चाहना
मुझे जीवित रखता है
फिर भी अकेला रखता है मुझे....

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