तमाशा-ए-जिंदगी

ख्वाबों की दुनिया में बुने एक अलसाये मन के भाव, विचार, सोच, कहानियाँ, किस्से, कवितायेँ....|

शुक्रवार, अक्टूबर 11, 2019

शेर अर्ज़ है ...

सुलझा हुआ सा...समझते हैं लोग मुझे!!!,
उलझा हुआ सा!!! कोई दूसरा भी है मुझे मे...

🙂🌹😘😍🥰⚘


प्रस्तुतकर्ता Tamasha-E-Zindagi at 11:22 pm कोई टिप्पणी नहीं:
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  • जुगाली
    अब दो जून की नहीं, डिजिटल रोटी कहिए जनाब!! - वक्त बदल गया है और उसके साथ बदल गई है हमारी दो जून की रोटी। कभी वह गोल, मुलायम, माँ के हाथ की थी, जिसकी खुशबू से पेट के साथ-साथ तन मन भी भर जाता था। लेकि...
    1 दिन पहले
  • सहज साहित्य
    1469 - *तन्हाई -* *कृष्णा वर्मा* *तन्हाई से घिरा पूछता हूँ स्वयं से* *क्यों हैं इतनी तन्हाई* *जिसे आए दिन पीता हूँ* *प्रतिदिन जीता हूँ* *टूटन समेटक...
    1 दिन पहले
  • NandiniSpeaks™@©OfficialBlog
    SAVED BY A STRAND - It was the dream city she had always dreamt of living in; and, over the last three decades she had witnessed the city grow exponentially not just vert...
    2 दिन पहले
  • मधुर गुंजन
    परिधान - परिधान सभ्यता उन्नत हुई, तब आया परिधान। पहनावा भी है नियत, है इनका भी स्थान।। लहँगा चुन्नी साड़ियाँ, दुल्हन का परिधान। मंडप पर होता नहीं, जींस टॉप मे...
    2 दिन पहले
  • मेरे गीत !
    उमस, प्राकृतिक तरीका पसीना निकलने का -सतीश सक्सेना - पसीना वरदान है मजबूत बीमारी रहित शरीर के लिए , त्वचा के असंख्य छिद्रों से बहता पसीना हमारे शरीर का ज़हर बाहर फेंकता है और एक पूरा सीजन जिसमें गर्मी और उ...
    2 दिन पहले
  • pungibaaj
    कड़ाही में लगी सब्जी - हर भारतीय घर में कड़ाही होती है। सामान्यतौर पर उसमें या तो सब्जी बनाई जाती है, या उसमें पूरियां तली जाती हैं। पचास के आसपास के लोगों का उस कड़ाही के लिए वि...
    3 दिन पहले
  • नमस्ते
    छत्रछाया - *विराट वट वृक्ष की जटाओं में * *उलझे हैं कई जटिल सवाल * *जिनके मिलते नहीं जवाब।* *जटाधारी जोगी की छाँव मगर* *देती सदा कितनों को पनाह !* *सख़्त तना घु...
    3 दिन पहले
  • जो न कह सके
    लेखक की दुविधाएँ - बारह ड्राफ्ट के बाद, मेरा दूसरा उपन्यास लगभग तैयार है। इसे आज से इक्कीस साल पहले अंग्रेज़ी में लिखना शुरु किया था और तब इसमें कहानी थी एक नवयुवक की जो दिल...
    3 दिन पहले
  • " सोच का सृजन "
    स्फुरदीप्ति - क्या शीर्षक : ‘पूत का पाँव पालने में’ या ‘भंवर’ ज़्यादा सटीक होता? “ज्येष्ठ में शादी के लिए मैं इसलिए तैयार हुआ था कि ‘एक पंथ -दो लक्ष्य’ बेधने का मौक...
    4 दिन पहले
  • भारतीय नारी
    सशक्त नारी -बिगड़ता समाज - आख़िरकार वही हुआ जो बिल्कुल भी नहीं होना चाहिए था. आज तक पुरुष पर दरिंदगी के आरोप लगते रहे किन्तु आज की भारतीय नारी ने पिछले कुछ समय से यह साबित करके दिख...
    5 दिन पहले
  • रायटोक्रेट कुमारेन्द्र
    मानसिकता के संक्रमणकाल में समाज - हत्या तो हत्या है और जिसने भी की है उसे सजा मिलनी ही चाहिए. यह केवल किसी क्रिया की प्रतिक्रिया देना मात्र नहीं होता बल्कि एक हँसते-खेलते इन्सान को हमेशा ...
    5 दिन पहले
  • RADICAL
    शिक्षा और ज्ञान 372 (तेलंगाना) - सही कह रहे हैं,तेलंगाना में आत्म समर्पण के लिए राजी माओवादियों को बेरहमी से मार डाला जाना असंवैधानिक है। उन पर भारतीय दंडसंहिता के प्रावधानो के तहत मुकद...
    5 दिन पहले
  • अपना पंचू
    भारत के स्वराज्य की हुंकार : हिन्दू साम्राज्य दिवस - वीडियो देखें : हिन्दू साम्राज्य दिवस का महत्व | Hindu Samrajya Divas छत्रपति शिवाजी महाराज भारत की स्वतंत्रता के महान नायक हैं, जिन्होंने ‘स्वराज्य’ के लिए...
    5 दिन पहले
  • जो मेरा मन कहे
    चमकना इतना नहीं चाहता .................... - चमकना इतना नहीं चाहता कि चौंधिया जाओ तुम बस तमन्ना इतनी है कि धरती को छूता रहूँ। यूं तलवार की धार पर चलता तो रोज ही हूँ मगर बनकर कोई पेड़ छाया किसी को देत...
    1 हफ़्ते पहले
  • बेचैन आत्मा
    विश्व जनचेतना ट्रस्ट, भारत -
    1 हफ़्ते पहले
  • Bradz Blog
    My Thursday Mornings : Solitude in Motion - There’s something quietly sacred about my Thursday mornings. I leave the house with a book in hand, my office bag on my back, the air still crisp, the s...
    1 हफ़्ते पहले
  • एक शाम मेरे नाम
    वार्षिक संगीतमाला 2024 :Top 25 वल्लो वल्लो महाराजो वल्लो वल्लो - फिल्म संगीत हो , वेब सीरीज या फिर स्वतंत्र संगीत अमित त्रिवेदी अपनी रचनात्मकता श्रोताओं के सामने लाते ही रहे हैं। विगत कुछ सालों में Songs of Love, Songs o...
    1 हफ़्ते पहले
  • उच्चारण
    दोहे "पर्यावरण बचाइए" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक') - *--* *प्राणवायु का पेड़ ही, होते हैं आधार।* *पेड़ लगाकर कीजिए**, **धरती का सिंगार।।* *--* *पेड़ लगाना भूमि पर, मानव का है कर्म।* *पर्यावरण सुधारना**, **हम स...
    1 हफ़्ते पहले
  • Film Udyog Se
    Actors who aced the Anti-Hero roles on screen - Bollywood has always loved its heroes, but it's the anti-heroes, the flawed, unpredictable, and dangerous ones, who often steal the show. These co...
    1 हफ़्ते पहले
  • सिंहावलोकन
    संग्रहालय और कथा-कथन - *इस वर्ष 2025 में अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस पर संचालनालय पुरातत्व, अभिलेखागार और संग्रहालय, रायपुर में 16 से 18 मई को संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसके ...
    1 हफ़्ते पहले
  • मन पाए विश्राम जहाँ
    अपना सा दर्द - अपना सा दर्द फिर वही झूला, वही ढलती हुई शाम हैकई दिनों बाद मिली दिल को फुर्सत, आया आराम हैआसमां चुप है सलेटी सी चादर ओढ़ेपेड़ खामोश है, हवा भी बंद, नहीं कोई ...
    1 हफ़्ते पहले
  • अपने पल ........
    मैं इश्क हूं जाया नहीं जाऊंगा !!! - मैं इश्क हूं जाया नहीं जाऊंगा ! कयामत तलक तुझे याद आऊंगा !! जब भी बीतेंगी गुरबतों में जिन्दगी ! फिर से मोहब्बत का पैगाम फहरा जाऊंगा !! जब बंटेगी ज...
    1 हफ़्ते पहले
  • अरुण कुमार निगम (हिंदी कवितायेँ)
    ग़ज़ल के ग़, छत्तीसगढ़ी भाषा में मार्गदर्शिका -
    1 हफ़्ते पहले
  • अनुभव
    बिहार विधानसभा चुनाव से पहले किसान की डायरी - प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब बिहार में रोड शो कर रहे थे और फिर दूसरे दिन जनसभा को संबोधित करने में जुटे थे, ठीक उसी वक्त राज्य के सीमांत जिले के कुछ इलाको...
    2 हफ़्ते पहले
  • हिंदी सबके लिए HINDI FOR ALL
    30 मई को 35 साल बाद - *जी हाँ, पैंतीस साल बाद कोल्लम -त्रिवेंद्रम से शुरू हुआ एक हिंदीतर भाषी महिला का हिंदी के प्रचार-प्रसार का सफर 30 मई, 2025 को नई दिल्ली में सरकारी तौर पर...
    2 हफ़्ते पहले
  • कल्पनाओं का वृक्ष
    भारत के युवा जापानी भाषा सीखकर अपराध कर रहे हैं। - क्या आपने कभी सोचा कि भाषा सीखने की चाहत भी किसी को अपराध की राह पर ले जा सकती है? एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है, जिसमें दिल्ली और उत्तर प्रदेश के कुछ यु...
    2 हफ़्ते पहले
  • Best Shayari in Hindi urdu love funny sad sms from Mirza galib,umar khayyam
    🔥 SHOCKING TRUTH: Ace Family's Secret Divorce Papers EXPOSED! 💔 (What NO ONE Is Telling You!) - 🔥 SHOCKING TRUTH: Ace Family's Secret Divorce Papers EXPOSED! 💔 (What NO ONE Is Telling You!) 👀 The Hidden Clues Everyone Missed Austin McBroom and Cat...
    2 हफ़्ते पहले
  • मिसफिट Misfit
    भोलाराम का राज्याभिषेक - #भोलाराम #भोलाराम_का_राज्याभिषेक #व्यंग्य: गिरीश बिल्लौरे मुकुल नंदनवन के हरे-भरे जंगल में एक अनोखा दौर था। जानवर इंसानों की तरह संगठित थे, और शेर की अ...
    2 हफ़्ते पहले
  • SADA
    माँ के साथ चलना !! -
    2 हफ़्ते पहले
  • हिन्दू - हिंदी - हिन्दुस्थान - HINDU-HINDI-HINDUSTHAN
    इस्लाम से पहले 100% सनातन धर्मी था अफगानिस्तान, हर जगह थी केवल सनातन धर्म की पताका - *इस्लाम से पहले 100% सनातन धर्मी था अफगानिस्तान, हर जगह थी केवल सनातन धर्म की पताका* आज अफगानिस्तान और इस्लाम एक-दूसरे के पर्याय बन गए हैं, इसमें शक नहीं...
    2 हफ़्ते पहले
  • ब्रज की दुनिया
    लालू के लाल - मित्रों, बिहार की राजनीति में इन दिनों तूफान आया हुआ है। कारण यह है कि बिहार का सबसे बड़ा राजपरिवार नैतिक दिखने की कोशिश कर रहा है। ये वही राजपरिवार है जिस...
    2 हफ़्ते पहले
  • मनोज
    330. पहला गोलमेज सम्मेलन - *राष्ट्रीय आन्दोलन* *330.* *पहला **गोलमेज सम्मेलन* *1930* *प्रवेश :* दांडी यात्रा के साथ सविनय अवज्ञा आन्दोलन के रूप में भारतीय राष्ट्रीय स्वतन्त्रत...
    2 हफ़्ते पहले
  • काव्य का संसार
    - हनुमान भजन हनुमान मेरे, हनुमान मेरे तेरी भक्ति के सागर में, डूबे रहते हैं प्राण मेरे हनुमान मेरे, हनुमान मेरे तुम डूबे राम की भक्ति में मैं डूबा तुम्...
    2 हफ़्ते पहले
  • लम्हों का सफ़र
    793. किरदार - किरदार *** थक गई हूँ अपने किरदार से इस किरदार को बदलना होगा ढेरों शिकायत है वक़्त से कुछ तो उपाय करना होगा वक़्त न लौटता है, न थमता है मुझे ख़ुद को अब रोकना...
    2 हफ़्ते पहले
  • Roshi
    - कुम्भ है देश विदेश सम्पूर्ण दुनिया में छाया असंख्य विदेशियों ने भी आकार अपना सिर है नवाया सनातन में अपना रुझान दिखाया ,श्रधा में अपना सिर झुकाया दुनिया म...
    2 हफ़्ते पहले
  • डाकिया डाक लाया
    Good News for Pensioners of Gujarat Government: गुजरात सरकार के पेंशनर्स के लिए सरकार ने घर बैठे दी पोस्टमैन के माध्यम से जीवन प्रमाण पत्र (हयाती) की सुविधा - गुजरात सरकार के विभिन्न विभागों से रिटायर्ड हुए पेंशनर्स को जीवन प्रमाण पत्र हेतु वेरिफिकेशन के लिए अब कोषागार, बैंक या किसी अन्य कार्यालय में जाने की आव...
    3 हफ़्ते पहले
  • त्रिवेणी
    1215 - *माहिया— रश्मि विभा त्रिपाठी* *1 **कुछ अब न तमन्ना है* *प्यार तुम्हारा तो* *ये हीरा- पन्ना है।* * 2 **रूठे हो**, **क्या तुक है* *देखो चाहत का* *रिश्ता ...
    3 हफ़्ते पहले
  • सरोकार
    मृत्यु और प्रेम - 1 मन के अंधेरे में मृत्यु की आहट जैसे खोल कर किवाड़ आती हो तुम । 2. मन की उदासी में मृत्यु की कल्पना जैसे कोई खींच कर ला रहा हो मुझे तुमसे ...
    3 हफ़्ते पहले
  • Yeh Mera Jahaan
    एक साल - 19 .5 .2011 आज काकाजी (पिताजी) को गए एक साल हो गया । धरती ने भले ही पूरे तीन सौ पेंसठ दिन पार कर लिये है पर मन तो जैसे एक पग भी नही चल पाया है । वह स्मृतियो...
    3 हफ़्ते पहले
  • कासे कहूँ?
    जाइंट लिली - बात सन 80 की है। पापाजी का झाबुआ जिले के राणापुर से इंदौर ट्रांसफर हुआ था। इंदौर में खुद का मकान था जिसमें कभी रहे नहीं थे। हम तो बहुत छोटे थे अपने घर म...
    3 हफ़्ते पहले
  • "The Pensive"!
    Re-releases And Girlfriends - After a series of much real posts on my blog, today I want to write a heart warming one - An event that took me down the memory lane , made me relive mos...
    3 हफ़्ते पहले
  • शब्दों का सफर
    आलपिन का सफरनामा #शब्दकौतुक - *चुभाने-जोड़ने की चीज़ें* ▪हिंदी में गाँव से शहर तक और बच्चों से बूढ़ों तक समान भाव से बोला जाने वाला शब्द है 'आलपिन' जो यूरोप के सुदूर दक्षिणी पश्चिमी ...
    3 हफ़्ते पहले
  • अंतर्मंथन
    दोस्ती की परिभाषा । - बचपन की गलियों में गिल्ली डंडा और बैट बाल साथ खेलने वाले जो बच्चे बुढ़ापे में भी संग बैठे गपियाते हैं, वही असली दोस्त कहलाते हैं। कॉलेज में संग उठना ...
    4 हफ़्ते पहले
  • मेरी भावनायें...
    जो गरजते हैं वे बरसते नहीं - कितनी आसानी से हम कहते हैं कि जो गरजते हैं वे बरसते नहीं ..." बिना बरसे ये बादल अपने मन में उमड़ते घुमड़ते भावों को लेकर आखिर कहां! किस हाल में हो...
    4 हफ़्ते पहले
  • विज्ञान और तकनीक की दुनियाँ
    इतनी बिजली क्यों खाती है एआई - चंद्रभूषण आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और क्लाउड कंप्यूटिंग की चर्चा अभी दुनिया में सबसे ज्यादा बिजली खाने वाली तकनीकों की तरह हो रही है। सन 2022 में लगाए गए ...
    4 हफ़्ते पहले
  • अंधड़ !
    वक्त की परछाइयां ! - उस हवेली में भी कभी, वाशिंदों की दमक हुआ करती थी, हर शय मुसाफ़िर वहां,हर चीज की चमक हुआ करती थी, अतिथि,आगंतुक,अभ्यागत, हर जमवाडे का क्या कहना, रसूखदार ह...
    4 हफ़्ते पहले
  • प्रेमरस.कॉम
    छात्रों पर मार्क्स लाने का प्रेशर और परिणाम - बहुत सारे स्टूडेंट अच्छे मार्क्स से पास हो रहे हैं, खूब दिल लगाकर पढ़ाई करना और इम्तेहान में अच्छे मार्क्स से पास होना ज़रूरी तो है, पर जिस तरह से अच्छी ...
    4 हफ़्ते पहले
  • गीत-ग़ज़ल
    ज़िन्दगी बजानी है - *बिगड़ा हुआ साज है और ज़िन्दगी बजानी है सँवरे या न सँवरे ये , कोई धुन तो बनानी है * *ज़िन्दगी तो यूँ अक्सर बहुत बोलती है * *रातों को जगाती है ,* *बतिय...
    4 हफ़्ते पहले
  • FLUX OF THOUGHTS...
    Karma Theory - *Karma Theory: What You Give, That You Get* *Introduction* The ancient law of karma, deeply rooted in Hinduism, Buddhism, Jainism, and Sikhism, is a...
    4 हफ़्ते पहले
  • जिंदगी की राहें
    चिट्ठियाँ - 1. चिट्ठियाँ, जो कभी प्रेम की संवाहक थीं, लौटती डाक में आकर प्रेम की मज़ार बन गईं। कभी कभी उन्हें पढ़ कर ही चमकती आंखों का दीया दिखाता हूँ चिट्ठियां लि...
    5 हफ़्ते पहले
  • Ocean of Bliss
    श्रम दिवस - खून पसीना कर अपना दो जून की रोटी खाते हैं जिस दिन मिलता कोई काम नहीं भूखे ही सो जाते है रहने को मिलता कोई घर नहीं सर ऊपर कोई छत नहीं श्रम दिवस मना कर इक द...
    1 महीना पहले
  • गीत.......मेरी अनुभूतियाँ
    त्राटक - सूरज की आंख में आँख डाल जब करती हूँ मंत्रोच्चार ॐ मित्राय नमः ॐ रवये नमः ॐ सूर्याय नमः… देवत्व से भरता है मन मुंद जाते हैं स्वतः...
    1 महीना पहले
  • ज़िन्दगी…एक खामोश सफ़र
    हे रुष्ट प्रकृति - हे रुष्ट प्रकृति करके क्रोध का त्याग होंगी तुम कैसे प्रसन्न? ये मूढ़ मानव है तो तुम्हारी ही संतान लाड़ का कर दुरुपयोग पहुँचाई तुम्हारे जिया को ठेस जानता ...
    1 महीना पहले
  • The Best Hindi Blogs - सर्वश्रेष्ठ हिन्दी ब्लॉग सूची
    जादूगरी (अ से अनुराग) - * Jadugari (Ghazal) जादूगरी Fuson Music Video Status * ** 𝓐 𝓯𝓸𝓻 𝓐𝓷𝓾𝓻𝓪𝓰 𝓢𝓱𝓪𝓻𝓶𝓪 ** ** अ से अनुराग शर्मा ** ------------------------------ प...
    1 महीना पहले
  • सुबीर संवाद सेवा
    वैश्विक हिन्दी चिंतन की अंतर्राष्ट्रीय पत्रिका विभोम-स्वर का वर्ष : 10, अंक : 37, अप्रैल-जून 2025 अंक - मित्रो, संरक्षक तथा प्रमुख संपादक सुधा ओम ढींगरा एवं संपादक पंकज सुबीर के संपादन में वैश्विक हिन्दी चिंतन की अंतर्राष्ट्रीय पत्रिका विभोम-स्वर का वर्ष : ...
    1 महीना पहले
  • शब्द-सृजन की ओर
    Navodaya Foundation Day celebrated at PM SHRI Jawahar Navodaya Vidyalaya, Ahmedabad; inaugurated by Postmaster General Krishna Kumar Yadav - ‘नवोदय विद्यालय स्थापना दिवस’ समारोह का आयोजन पीएम श्री स्कूल जवाहर नवोदय विद्यालय, हाथीजन, अहमदाबाद में किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उत्तर गुजरात ...
    1 महीना पहले
  • Nadan ki Nadani
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    1 महीना पहले
  • खामोश दिल की सुगबुगाहट...
    इक पुरानी तारीख के दस्तख़त. - पहले अगर हफ्ता भर कुछ न लिखो तो मन अशांत हो जाता था, अब साल बीत गया और कुछ भी लिखने की तलब नहीं हुई. उस बीते दौर में कुछ दिमाग में आये तो तुरंत लिखने बैठ ज...
    2 महीने पहले
  • Computer Duniya
    2025 में Realistic Action Figure Image कैसे बनाएं - Realistic Action Figure Image कैसे बनाएंAI Se Realistic Action Figure Image Kaise Banaye. अगर आप Ghibli Style Image से बोर हो गये है, तो आज आपके लिए लेटेस्...
    2 महीने पहले
  • Lyrics In Hindi - लफ़्ज़ों का खेल
    ज़िद्दी दिल - Ziddi Dil (Vishal Dadlani, Mary Kom) - Movie/Album: मेरी कॉम (2014) Music By: शशि सुमन Lyrics By: प्रशांत इंगोले Performed By: विशाल ददलानी बस खुद की ही सुनता बातें नादानी से है नाते गुर्राता आते...
    2 महीने पहले
  • झरोख़ा
    नमक जिंदगी का - कभी कभी ये हँसी उमगती है किलकती है बस एक झीनी सी ओट दे जाने को और आँसुओं को ख़ुशी के जतलाने को और हाँ ये आँसू भी तो बेसबब नही इनसे ...
    2 महीने पहले
  • Fursat Ke Raat Din
    APRIL FOOL’S DAY- THE FINE LINE BETWEEN HUMOUR AND RUMOUR - APRIL FOOL’S DAY- THE FINE LINE BETWEEN HUMOUR AND RUMOUR [image: A calendar with a number on it AI-generated content may be incorrect.] April ...
    2 महीने पहले
  • * An Indian in Pittsburgh - पिट्सबर्ग में एक भारतीय *
    खालीपन - नये पहाड़ चढ़ते हैं सपाट पगडंडियों से जो थक चुके हैं नये व्यंजन पकाते है वे जो पुरानों से पक चुके हैं *** जो खुश हैं यथास्थिति से उन्हें कुछ कमी नहीं वे कभी...
    2 महीने पहले
  • लहरें
    जादू टूटता भी तो है। - There are monsters inside my heart. Every couple of days or months I need to go on a holiday to let them lose in the wilderness of solitude. They graze u...
    2 महीने पहले
  • मेरे मन की
    बढ़ा हुआ हाथ - कल शाम अपनी नातिन दित्सा को लेकर पास वाली कॉलोनी के बगीचे में गई थी. ये थोड़ा बड़ा बगीचा है. वहीं चार झूले और फिसलपट्टी लगी है l घूमने के लिए चारों तरफ ज...
    2 महीने पहले
  • मैं और मेरी कविताएं
    अमर काव्य, जीवन आधार... संध्या शर्मा - कविता, शब्दों का जादू, भावनाओं की सरिता, इसकी हर पंक्ति में छुपा है, संसार, अद्भुत, अनोखा। कभी खुशियों के रंग बिखेरे, कभी गम की छाया ले आए,...
    2 महीने पहले
  • उम्मीद तो हरी है .........
    आजकल वह घर नहीं आती - आजकल वह घर नहीं आती ********************** चटकती धूप में लाती है बटोरकर तिनके रखती है घर के सुरक्षित कोने में फिर बनाती है अपना शिविर घर जन्मती है चहचहाहट ...
    2 महीने पहले
  • Hathkadh । हथकढ़
    चश्मा टूटने का स्वप्न - मैं अपनी डायरी में अर्थहीन और कथानक के हिसाब से छिन्न भिन्न सपनों के बारे में लिखता रहा हूँ। उन सपनों के देखे जाने के कुछ समय पश्चात मुझे कोई उकसाता रहा ...
    2 महीने पहले
  • नयी उड़ान
    सिर्फ तुम से - कुछ कहना था कुछ सुनना भी था बहार का इंतजार था। न कुछ कहा न कुछ सुना बहार चली गई। अब फिर से बहार का इंतजार है कुछ सुनने के लिए कुछ कहने के लिए ...
    3 महीने पहले
  • All India Bloggers' Association
    ऑल इंडिया ब्लॉगर्स एसोसियेशन
    मुजफ्फरनगर का नाम विजयलक्ष्मी नगर हो - उत्तर प्रदेश विधान परिषद में भाजपा एमएलसी और प्रदेश उपाध्यक्ष मोहित बेनीवाल द्वारा मुजफ्फरनगर का नाम बदलकर “लक्ष्मीनगर” रखने की मांग उठाई गई है । उन्ह...
    3 महीने पहले
  • !!๑۩۞۩๑अंतर्मन के भावों से๑۩۞۩๑!!
    आदमी - सोना जब भट्टी मे तपता है कुन्दन बनता है , और जब कसौटी पर खरा उतरता है उसका सही दाम लगता है वाह रे ! मेरे देश ; यहाँ जब कोई इंसान तप कर हर कसौटी पर खरा उतरता...
    3 महीने पहले
  • काव्य-धारा (Poetry Stream): जीवन, प्यार और आत्मा-झलक
    हृदयांगन में - ------------------------------ लिखना पढ़ना अच्छा लगता है पर कुछ भी लिखा नहीं कई महीने गुजर गए हैं फिर भी लेखनी उठी नहीं शरद ऋतु हो गई शेष वसंत का हो ...
    3 महीने पहले
  • संजय व्यास
    हाथ से लिखी किताब - उस घर में वो अक्सर जाता था। उस घर को बाहर से देखने पर वो अनगढ़ पत्थरों से बना साधारण घर दिखाई देता था पर उसमें एक अजाना आकर्षण था। उस घर में कुछ ऐसा थ...
    3 महीने पहले
  • मो सम कौन कुटिल खल ...... ?
    ऑफिशिएटिंग अवार्ड - एक सीनियर सहकर्मी थे, पूरी नौकरी एक ही पद और एक ही शहर में काट दी। ऐसा नहीं कि योग्य नहीं थे लेकिन शहर नहीं छोड़ना था तो प्रोन्नति न लेने का यह उनका सोचा...
    3 महीने पहले
  • toc news bhopal 9893221036
    EOW ने पूर्व बिशप पीसी सिंह व अन्य के खिलाफ दर्ज की FIR, पचमढ़ी की बेशकीमती जमीन को खुर्द-बुर्द करने का है मामला, फिर जाएंगे पूर्व बिशप पी सी सिंह जेल - *EOW ने पूर्व बिशप पीसी सिंह व अन्य के खिलाफ दर्ज की FIR, पचमढ़ी की बेशकीमती जमीन को खुर्द-बुर्द करने का है मामला, फिर जाएंगे पूर्व बिशप पी सी सिंह जे*ल...
    3 महीने पहले
  • The Original Poetry
    रूबरू -
    3 महीने पहले
  • समंदर
    चेतना के दस द्वीप पुस्तक समीक्षा - कवि, कथाकार मुरली मनोहर श्रीवास्तव ने पुस्तक 'चेतना के दस द्वीप' पर विस्तृत मंतव्य व्यक्त किया है। प्रश्न हैं, उत्तर भी...अभी रास्ते की तलाश बाकी है ...
    4 महीने पहले
  • श्याम स्मृति..The world of my thoughts... श्याम गुप्त का चिट्ठा..
    हरप्पा सभ्यता, वैदिक सभ्यता और सिंधु लिपि .. डॉ. श्याम गुप्त - ....कर्म की बाती,ज्ञान का घृत हो,प्रीति के दीप जलाओ... *हरप्पा* *सभ्यता**, * *वैदिक* *सभ्यता और सिंधु लिपि *.. डॉ. श्याम ग...
    4 महीने पहले
  • एकोऽहम्
    बालकवि की ललकार और महाकवि का मर्म - *श्री बालकवि बैरागी और डॉ. शिव चौरसिया* *डॉ. विवेक चौरसिया* आज दादा *श्री बालकवि बैरागी* की 94वीं वर्ष-गाँठ है। दादा होते तो आज अपने जीवन के 95वें वर...
    4 महीने पहले
  • ज़रूरत
    **** पादा ***** - @#.com तोर पादा चुकागे ... बस होगे इब्भा खेल के खो खो के खेल ले फुगड़ी बड़ समझ के खेल ... बिहानियाँ आँखि खुलिस ...जागे मालिक के खेला सुरु होगे ... तौलाये ब...
    4 महीने पहले
  • विद्रोही स्व-स्वर में....
    74 वें वर्ष में प्रवेश के अवसर पर ------ विजय राजबली माथुर - *(अक्टूबर 2019 में पिताजी स्व ताज राज बली के शताब्दी वर्ष पर प्रकाशित पुस्तक )* *(2011 में हिंदुस्तान दैनिक में एन डी टी वी के रविश कुमार द्वारा प्रस्तुत...
    4 महीने पहले
  • ललितडॉटकॉम
    ब्रह्मा ने इस दिन सृष्टि की रचना की थी - मौनी अमावस्या हिंदू धर्म में एक अत्यंत महत्वपूर्ण दिन है, जिसे माघ मास की अमावस्या के दिन मनाया जाता है। यह दिन धार्मिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिको...
    4 महीने पहले
  • प्रियंकाभिलाषी..
    ख़त बेनाम-से - ख़त - ४३ प्यारे साहेब, आमद कुछ यूँ हुई गुलाबी जाड़े में लफ्ज़ों की.. के वक़्त की पेशानी पर उकेरे गए बेनाम-से नाम कई.. और उसने कहा, "सुनो, तुम लिखा करो। यूँ...
    4 महीने पहले
  • एक जीवन एक कहानी
    काली सफ़ेद चिड़िया - *काली सफ़ेद चिड़िया* आज शाम के बाद से ही तेज वर्षा हो रही है। रह-रह कर बिजली भी चमक रही है। ऐसे में घर से बाहर निकलना ठीक नहीं है, सुबह मौसम ठीक रहा तो ...
    4 महीने पहले
  • anupama's sukrity
    शैवालिनी...!!! - उद्भव से अग्रसर होते हुए शैवालिनी के प्रवाह का और बहते हुए मन के भावों का अद्भुत तालमेल है... दोनों में तिरते हुए समन्वित अनुरक्त प्रकृति का चेत...
    4 महीने पहले
  • "बस यूँ ही " .......अमित
    खिचड़ी। - यूँ तो खाने के 56 प्रकार के व्यंजन होते हैं ,जिन्हें बनाने के लिए विभिन्न प्रकार की सामग्रियों की आवश्यकता होती है। परंतु ये व्यंजन सभी वर्ग के लोगों को ...
    5 महीने पहले
  • मेरी दुनिया मेरे सपने
    समकालीन बाल विज्ञान कथाएं: हिन्दी का सबसे वृहद बाल विज्ञान कथा संग्रह - [image: Samkalin Bal Vigyan Kathayen] 'समकालीन बाल विज्ञान कथाएं' हिन्दी बाल विज्ञान कथाओं का एक प्रतिनिधि संकलन है, जिसका सम्पादक लोकप्रिय विज्ञानकथाकार ...
    5 महीने पहले
  • बातें अपने दिल की
    मृत्यु का स्वीकार! - मृत्यु का स्वीकार! रिक्त मन की शून्यता में वेदना का वार होगा चाँद, सूरज सब रहेंगे, अब नहीं वह यार होगा ढीठ मन है, ढीठ जीवन, चल पड़ेगा हार कर पोंछ ...
    5 महीने पहले
  • उल्लूक टाईम्स
    जद्दोजहद होने ना होने के बीच - *अभी उसने बताया तुम हो * *समझाया भी खरा खरा होने का मतलब * *अच्छा महसूस हुआ नहीं होने से होने तक पहुंचना * *बहुत बड़ी बात लगी * *समझ में भरा था सभी ...
    5 महीने पहले
  • मन के - मनके
    हम सभी बेचैन से हैं न - अभी कुछ दिनों से मैं अपनी कजिन के घर आई हुई हूं, वजह कुछ खास नहीं बस अपनी खामखाह की बैचेनी को की कुछ कम करने का इरादा था और अपने मन को हल्का करना था। अब वाप...
    5 महीने पहले
  • हथेली में तिनका छूटने का अहसास
    दुनिया की सबसे बड़ी जरूरत मौसम सुधार.....Aaj.... Second - दुनिया की सबसे बड़ी जरूरत मौसम सुधार
    5 महीने पहले
  • Madhushaalaa: The Nectar House
    ए आई - जहां जाना है, उस ओर कदम नहीं बढ़ रहे, और जहां नहीं जाना, मन वहीं खींचा जाता है! यह आत्मबल क्या चीटियों से भी क्षीणतम नहीं? इस मन का हाल क्या दुर्योधन से ...
    5 महीने पहले
  • आनंद की यादें
    चाय-रोटी - बचपन में हम लोग सुबह के नाश्ते में चाय-रोटी खूब चाव से खाते थे। परिवार बड़ा और कमाने वाले अकेले पिताजी ही होने के कारण हमारा परिवार मध्यम वर्ग में भी गरी...
    5 महीने पहले
  • मेरी कलम मेरे जज़्बात
    किन भावों का वरण करूँ मैं? - हर पल घटते नए घटनाक्रम में, ऊबड़-खाबड़ में, कभी समतल में, उथल-पुथल और उहापोह में, किन भावों का वरण करूँ मैं ? एक भाव रहता नहीं टिककर, कुछ नया घटित फिर ह...
    5 महीने पहले
  • ठाले बैठे
    माज़ी की गलियाँ - मुमताज़ अज़ीज़ नाज़ाँ - ये माज़ी की गलियाँ, वो यादों के घेरे जहाँ रात-दिन हैं उदासी के फेरे हैं अंजान से जाने-पहचाने चेहरे मेरे दर्द-ओ-वहशत से बेगाने चेहरे हैं ओढ़े मोहज़्ज़ब वफ़ा की न...
    5 महीने पहले
  • Chitransh soul
    संतुलित जीवन - *संतुलित जीवन,को अपना लो|* *स्वस्थ जीवन, अपना बना लो |* जल्दी निंद्रा, ब्रह्म में जागना, भोर की सैर पर, कदम बढ़ा लो | गुनगुना पानी, थोड़ी कसरत, प्र...
    5 महीने पहले
  • ज्योति-कलश
    187- खिलती खूब बहार मिले ! - स्नेहिल मित्रों , बन्धुजनों को खिलती खूब बहार मिले, सुन्दर, सरस, मधुर हो जीवन स्नेहपूर्ण व्यवहार मिले । नयी मंजिलें, नये शिखर हों नित-नित हो आगे ...
    5 महीने पहले
  • मेरी धरोहर
    गुलाबी ठंडक लिए, महीना दिसम्बर हुआ - कोहरे का घूंघट, हौले से उतार कर। चम्पई फूलों से, रूप का सिंगार कर। अम्बर ने प्यार से, धरती को जब छुआ। गुलाबी ठंडक लिए, महीना दिसम्बर हुआ। धूप गुनगुनाने ...
    5 महीने पहले
  • शिवा
    - विद्यार्थियों के लिए *मनोरंजन* *मनोरंजन: जीवन का अमृत और मन की तरावट* मनोरंजन, जीवन का वह सुखद पहलू है जो हमें तनाव की चक्की से निकालकर खुशी के झूले ...
    5 महीने पहले
  • "आवाज मेरे मन की" "Voice of My Mind"
    ♥♥तुम भूले, कुछ हम भूले...♥♥ - ♥♥तुम भूले, कुछ हम भूले...♥♥ तुम भूले, कुछ हम भूले, कुछ उम्र बढ़ी, हम दोनों के बीच फासला बड़ा हुआ। याद का क्या है, याद तो आती है लेकिन, फ़र्ज़, मुहब्बत क...
    5 महीने पहले
  • मृगतृष्णा की दुनिया
    उर्वी प्रतिपूर्ति - “आर्थिक रूप से सुदृढ़ होना स्त्रियों के लिए आवश्यक है…! आजकल के दौर में नौकरी करना प्रत्येक नारी की आवश्यकता है…! उच्च शिक्षा प्राप्त कर कोई स्त्री केवल ...
    5 महीने पहले
  • AAJ KA AGRA
    यह सच है कि दीन- हीन में दीनानाथ बचते हैं। - ।!*आज का सुविचार!।* *दूसरे व्यक्ति को उसके दुख से बाहर निकालने से बड़ा और बेहतर कोई काम नही! दुनिया में आने वाले सभी अवतार/ सन्त महात्मा ने यही किया!* ...
    6 महीने पहले
  • Lucknow Bloggers' Association लख़नऊ ब्‍लॉगर्स असोसिएशन
    अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस - आज अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस (Human Rights Day) है. पूरे विश्व में 10 दिसंबर को इसे मनाया जाता है. संयुक्त राष्ट्र संघ की महासभा ने 10 दिसंब...
    6 महीने पहले
  • नीरज
    किताब मिली - शुक्रिया - 22 - दुखों से दाँत -काटी दोस्ती जब से हुई मेरी ख़ुशी आए न आए जिंदगी खुशियां मनाती है * किसी की ऊंचे उठने में कई पाबंदियां हैं किसी के नीचे गिरने की कोई भी हद ...
    6 महीने पहले
  • लालित्यम्
    बचपन के रंग - - बहुत पुरानी , घोर बचपन की बातें याद आ रही है. मुझसे पाँच वर्ष छोटे भाई का जन्म तब तक नहीं हुआ था. पिताजी का ट्रांस्फ़र होता रहता था - उन दिनों हमलोग तब ...
    6 महीने पहले
  • अन्तर्गगन
    मतलब का मतलब...... - मतलब की दुनिया है-जानते सभी हैं, फिर भी यहाँ मतलब निकालते सभी हैं। अपनापन एक दिखावा भर है फिर भी, जाहिर भले हो लेकिन जताते सभी हैं। झूठी शान -ओ-शौकत...
    7 महीने पहले
  • अनवरत
    एक उद्योगपति की मौत - एक खेत मजदूर अक्सर खेत मजदूर के घर या छोटे किसान के घर पैदा होता है, मजदूरी करना उसकी नियति है, वह वहीं काम करते हुए अभावों में जीवन जीता है। उसकी आकांक्षा...
    8 महीने पहले
  • बावरा मन
    शब्द से ख़ामोशी तक – अनकहा मन का (२६) - * बेशक कोई रिश्ता हमें जन्म से मिलता है परंतु उस रिश्ते से जुड़ाव हमारे मनोभाव पर निर्भर करता है । जन्म मर...
    8 महीने पहले
  • लिखो यहां वहां
    विद्यासागर स्मृति सम्मान 2024 - सादगी और सुरुचिपूर्ण तरह से सम्पन्न हुए विद्यासागर स्मृति सम्मान के कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार गुरदीप खुराना ने कहा कि कथाकार ...
    8 महीने पहले
  • रूप-अरूप
    पुरानी तस्वीर... - कल से लगातार बारिश की झड़ी लगी है। कभी सावन के गाने याद आ रहे तो कभी बचपन की बरसात का एहसास हो रहा है। तब सावन - भादो ऐसे ही भीगा और मन खिला रहता था। ...
    8 महीने पहले
  • शिप्रा की लहरें
    बीज - मंत्र . - शब्द बीज हैं! बिखर जाते हैं, जिस माटी में , उगा देते हैं कुछ न कुछ. संवेदित, ऊष्मोर्जित रस पगा बीज कुलबुलाता फूट पड़ता , रचता नई सृष्टि के अंकन...
    9 महीने पहले
  • मेरी संवेदना
    युद्ध की पीड़ा उनसे पूछो .... - . 1. मैं युद्ध का समर्थक नहीं हूं लेकिन युद्ध कहीं हो तो भुखमरी और अन्याय के खिलाफ हो युद्ध हो तो हथियारों का प्रयोग न हो जनांदोलन से लड़ी जा...
    9 महीने पहले
  • मेरा मन
    किताबे-इश्क - तुमने ही सिखाया थापीठ पर कुरेदना मनप्रीत का नामकिताबों में लफ्ज़-लफ्ज़गढ़ना इश्कऔर पढ़ने को पूरी दास्तांजरुरी हैकिताबे-इश्क हो जानासच कहती हूँ अब भीमुश्किल था,...
    9 महीने पहले
  • उन्नयन (UNNAYANA)
    चमन रो रहा है। - ....✍️ गुरुबति ने मारा वतन रो रहा है। पतझड़ ने मारा चमन रो रहा है। आंधियां दर्द की तेज बहने लगीं, दवा के लिए हर जख़्म रो रहा ह...
    10 महीने पहले
  • बिखरे हुए अक्षरों का संगठन
    सी यू ई टी (CUET) और बोर्ड परीक्षा का बोझ कब निकलेगा। - मेरा देश कहाँ जा रहा है। आँखें खोल के देखो। सी यू ई टी ( CUET) के रूप में सरकार का यह बहुत बड़ा नकारा कदम साबित होने वाला है। इस निर्णय के रूप में सरकार या...
    1 वर्ष पहले
  • Akanksha
    जब रात स्वप्न - जब रात स्वप्न मन में से आने जाने लगे उन को मन में बसने दिया जाए कब तक उस पर निर्भर रहे नही कहां जा सकता| मन के अनुसार चला आ सकता | आशा...
    1 वर्ष पहले
  • परवाज़...शब्दों के पंख
    सामयिक सामाजिक-पारिवारिक टिप्पणियाँ - - इन दिनों प्रकाशित कुछ आलेख अमर उजाला
    1 वर्ष पहले
  • Tech Prevue
    How To Cancel Chegg Subscription? - The post How To Cancel Chegg Subscription? appeared first on techprevue. The author is Vinay Prajapati. Since the ChatGPT, Copilot, and Gemini have arriv...
    1 वर्ष पहले
  • प्रतापगढ़ साहित्य प्रेमी मंच -BHRAMAR KA DARD AUR DARPAN
    बेदर्दी बालमा तुझको मेरा मन याद करता है - बेदर्दी बालमा तुझको मेरा मन याद करता है https://youtu.be/kOm6DzRuDdA?si=zmg7KYTmV6hVzrKL मित्रों इस गीत को गुनगुनाने की कोशिश की है मैने आप सब का स्नेह म...
    1 वर्ष पहले
  • चर्चामंच
    युद्ध - युद्ध / अनीता सैनी ….. तुम्हें पता है! साहित्य की भूमि पर लड़े जाने वाले युद्ध आसान नहीं होते वैसे ही आसान नहीं होता यहाँ से लौटना इस धरती पर आ...
    1 वर्ष पहले
  • मन के कोने से
    माफ़ीनामा सहित.. - *सरलीकरण करना, कुछेक केस स्टडी, कुछ उदाहरण के आधार पर बहुत बड़ा निष्कर्ष निकाल लेना जिसका सच से बहुत गहरे स्तर तक कोई लेना देना नहीं।* तुम्हारी तरह ही किसी ...
    1 वर्ष पहले
  • वाङ्मय हिन्दी पत्रिका ( vangmay-patrika aligarh)
    नफ़ीस आफ़रीदी, साभार इंटरनेट -
    1 वर्ष पहले
  • Tarun's Diary-"तरुण की डायरी से .कुछ पन्ने.."
    कवि पर कविता , कविता में कवि ! - कोई एक कारण कोई एक विषय नहीं होता सबब ना ही छिपी कुंठाए या व्यग्र भावनाएं बन सकती है आधार सृजन का जब बात कविता की हो तो संवेदना चाहिए वृहद्द मा...
    1 वर्ष पहले
  • kavita
    तन्हाई ना रहना चाहती तन्हा - मैं एक पराया, अजनबी जगह। सिर पर बोझ, दिल में बजता है आह, मैं खोजता हूँ अपना वो रास्ता, जो अपना हो बस अपना ।(तन्हाई भी तनहा नहीं रहना चाहती है) बेगाना सफ़र ...
    1 वर्ष पहले
  • हिंदी साहित्य मार्गदर्शन
    कुछ अधूरे ख्वाबों को पूरा करते हैं ~ आशना सोनी - कुछ अधूरे ख्वाबों को पूरा करते हैं ए जिंदगी आ जरा अब कुछ अधूरे ख्वाबों को पूरा करते हैं। ख्वाब जो देखे थे कभी सोते- जागते, उठते-बैठते,हंसते-गाते , ख्वाब व...
    1 वर्ष पहले
  • Cartoon, Hindi Cartoon, Indian Cartoon, Cartoon on Indian Politcs: BAMULAHIJA
    Cartoon on Election Promises - देखो वो क्या कर रहे? - [image: Cartoon on Election Promises] Cartoon on promises by parties in assembly election.
    1 वर्ष पहले
  • sapne
    समीक्षा -- है न - - शशि पुरवार Shashipurwar@gmail.com समीक्षा है न - मुकेश कुमार सिन्हा है ना “ मुकेश कुमार सिन्हा का काव्य संग्रह जिसमें प्रेम के विविध रंग बड़ी...
    1 वर्ष पहले
  • हाइकु दर्पण
    झरने बच्चे - झरने बच्चे पहाडों के कंधों से उतर भागे -शैलजा सक्सेना
    1 वर्ष पहले
  • MyBigGuide
    Instagram का नया App Threads क्या है और इसे कैसे use करते हैं? - Threads क्या है? Threads, Instagram का एक नया text-based app है जो Twitter को compete करने के लिए बनाया गया है। यह मुफ़्त conversation-based platform है जह...
    1 वर्ष पहले
  • शब्दों की मुस्कुराहट
    मेरी कलम से संग्रह समीक्षा कोशिश माँ को समेटने की....संजय भास्कर - आज की चर्चा मे आदरणीय दिगंबर नासवा जी के कविता-संग्रह "कोशिश माँ को समेटने की" दिगंबर जी चाहते थे जब भी उनकी पहली किताब का प्रकाशन हो माँ को समर्पित हो ...
    1 वर्ष पहले
  • मुझे कुछ कहना है ---------
    पहलवानो का धरना - *जंतर-मंतर पर खिलाड़ियों से रणनीतिज्ञ बनते पहलवान !!😡😡* *सुना कुछ 'खास गुंडे' रात पहुंचा थे 🤔🤔 * *धरने पर फोल्डिंग बैड भी चाहियें, पांच सितारा खाना चाहिए...
    2 वर्ष पहले
  • मेरी ग़ज़लें, मेरे गीत/ प्रसन्नवदन चतुर्वेदी
    हमारा देश आगे जा रहा, ये क्यों नहीं दिखता ! - दोस्तों! वैसे तो मैं राजनीति को अपनी ग़ज़लों से दूर रखता हूँ पर कभी-कभी जब बातें हद से बाहर जाने लगती हैं तो कुछ पंक्तियाँ बन जाती हैं और वो ग़ज़ल के किसी शे...
    2 वर्ष पहले
  • मेरा संघर्ष
    - आपकी अमूल्य टिप्पणी के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद। लेख पसंद आने पर कृपया ब्लॉग के समर्थक (Follower) बने। धन्यवाद।
    2 वर्ष पहले
  • कुछ मेरी कलम से kuch meri kalam se **
    रंग चैत्र महीने के - *रंग चैत्र के ...* चैत्र का महीना बदलाव का महीना है , नए रंग में कुदरत जैसे खुद से मिला कर सम्मोहित करती है। अमृता ने इसी महीने से जुड़ा बहुत कुछ ...
    2 वर्ष पहले
  • ram ram bhai
    आज भी सुबह जब उठा वही होली यादों के दरीचों से झाँक रही थी। छत पे बैठा में होली की रौनक देखता हुआ ऊपर से ही रंग पे रंग बराबर फैंकता हुआ राहगीरों पर। वह दौर मिलनसारी का था ,सारा शहर (बुलंदशहर )एक कुनबे में बदल जाता था। हिन्दू कौन ?कौन तुर्क - मेरे बचपन का वह दौर रहा होगा (१९५० -१९६० )टेसू के फूलों से खेली जाती थी तब होली। हाँ रात को एक बड़े से टब या नांद में टेसू के फूल भिगो दिए जाते थे जो छज्ज...
    2 वर्ष पहले
  • पल्लव
    {१००५ } - राह तलाश रहा हूँ खुद से खुद की हम अपने काफ़िले से बिछड़े हुए हैं। -- गोपाल कृष्ण शुक्ल खो कर हँसीं लम्हों को गुजारा कैसे करूँ दिखे न तू कहीं मुझे ...
    2 वर्ष पहले
  • पाँखुरी
    {४१३} बूढ़ा मन काँपने सा लगता है - कँगूरों पर जब शाम उतर आती है ये बूढ़ा मन काँपने सा लगता है......। खुशियों के चमन के फूलों की पाँखेँ काँटों से सजी सेज हो जाती है...... पोर-पोर तक थक...
    2 वर्ष पहले
  • मेरी बातें
    किस बरहमन ने कहा था कि ये साल अच्छा है? - इस साल का आखिरी दिन है ये, और इस साल का मेरा ये पहला और आखिरी ब्लॉग पोस्ट. इस साल की जब शुरुआत हुई थी तब सोचा तो बहुत कुछ था, इस ब्लॉग के बारे में भी सो...
    2 वर्ष पहले
  • Knowledgeable-World
    शार्क टैंक इंडिया सीजन 2 के नए शार्क अमित जैन का जीवन परिचय - [image: Shark tank india season 2 Amit Jain, CarDekho] शार्क टैंक इंडिया के पहले सीजन की सफलता के बाद एक बार फिर से टीवी पर वापसी कर रहा हैं। हाल ही में शो...
    2 वर्ष पहले
  • Amrita Tanmay
    मेरे शिव ! तेरी जटा में अब कैसे समाऊँ ? ...... - हाँ ! तेरे चरणों पर, बस लोट- लोट जाऊँ हाँ ! माथा पटक- पटक कर, तुम्हें मनाऊँ बता तो हृदय चीर- चीर, क्या सब बताऊँ ? मेरी हरहर- सी वेदना के प्रचंड प्रवाह क...
    2 वर्ष पहले
  • ग़ाफ़िल की अमानत
    ज़िन्दगी पुरशबाब होती है - क्या कहूँ क्या जनाब होती है जब भी वो मह्वेख़्वाब होती है शाम सुह्बत में उसकी जैसी भी हो वो मगर लाजवाब होती है उम्र की बात करने वालों सुनो ज़िन्दगी पुरशबाब ह...
    2 वर्ष पहले
  • न दैन्यं न पलायनम्
    सज्जन-मन - सब सहसा एकान्त लग रहा, ठहरा रुद्ध नितान्त लग रहा, बने हुये आकार ढह रहे, सिमटा सब कुछ शान्त लग रहा। मन का चिन्तन नहीं व्यग्रवत, शुष्क हुआ सब, अग्नि त...
    2 वर्ष पहले
  • देशनामा
    CSK Vs MI: तिलक, ऋतिक ने मुंबई की लाज रखी - *लो स्कोरिंग मैच में मुंबई को मिली 5 विकेट से जीत, मुंबई इंडियंस के साथ चेन्नई सुपरकिंग्स भी प्लेऑफ स्टेज से बाहर, चेन्नई सुपरकिंग्स की ओर से धोनी को छ...
    3 वर्ष पहले
  • ताऊ डाट इन
    पटना यात्रा के अनुभव भाग - 2 - अगली सुबह सोकर उठे तो चाय सुडकने की तलब लगी और किसी गुमटी ठेले पर चाय सुडकने का एक अलग ही आनंद होता है. गुमटी पर चाय सुडकने जावो तो वहां के खास देशी लोगों ...
    3 वर्ष पहले
  • आरंभ Aarambha
    लूट का बदला लूट: चंदैनी-गोंदा - विजय वर्तमानचंदैनी-गोंदा को प्रत्यक्षतः देखने, जानने, समझने और समझा सकने वाले लोग अब गिनती के रह गए हैं। किसी भी विराट कृति में बताने को बहुत कुछ होता है ...
    3 वर्ष पहले
  • शाश्वत शिल्प
    समर भूमि संसार है - *दुख के भीतर ही छुपा, सुख का सुमधुर स्वाद,* *लगता है फल, फूल के, मुरझाने के बाद।* *हो अतीत चाहे विकट, दुखद...
    3 वर्ष पहले
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    185. Journey in Creativity - The train moves, My eyes move as well Through the book, Held in my hands. I stop to watch The passing fields, The flowing rivers, The bridges...
    3 वर्ष पहले
  • ...kraftaria..
    Diwali home decor, Indian home tour. How I decorated my home for diwali. -
    3 वर्ष पहले
  • हिन्दी कविता मंच (hindi kavita manch)
    Shadishuda Aadami Ki Halat / शादीशुदा आदमी की हालत /Married Man's Condition - शादीशुदा आदमी की हालत *Shadishuda Aadami Ki Halat / शादीशुदा आदमी की हालत (Married Man's Condition)* बीबी क्या बला है हम आपको क्या बताये, आप भी तो उ...
    3 वर्ष पहले
  • समालोचन
    - एवलीन
    3 वर्ष पहले
  • हाइकु कोश
    रोक लो मुझे - रोक लो मुझे मैं तो अवसर हूँ मिलूँ न मिलूँ। -सुरंगमा यादव
    3 वर्ष पहले
  • एक आलसी का चिठ्ठा
    thinking of my father ऐसे ही - नागेन्द्र हाराय त्रिलोचनाय भस्माङ्गरागाय नमश्शिवाय ... पिताजी स्नान करते हुये जिन स्तोत्रों को गाते थे, ज्ञात नहीं कि ऐसा करना शास्त्रसम्मत है भी या न...
    4 वर्ष पहले
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    उस्ताद बिस्मिल्ला ख़ाँ साहब की १०५ वीं जयंती - *उस्ताद बिस्मिल्ला ख़ाँ* (जन्म: 21 मार्च, 1916 - मृत्यु: 21 अगस्त, 2006) हिन्दुस्तान के प्रख्यात शहनाई वादक थे। उनका जन्म डुमराँव, बिहार में हुआ था। सन...
    4 वर्ष पहले
  • रेडियोनामा
    मां की लोरी जैसी मीठी विविध भारती - हमारी पीड़ी के बचपन की प्लानिंग अकसर टीवी पर दिखाई जाने वाली हफ्ते की दो हिंदी फिल्मों और दो चित्रहार प्रोग्रामों के इर्द-गिर्द ही घूम लिया करती थी ...उस...
    4 वर्ष पहले
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    कार्टून :- बंगाल की चुनावी हि‍ंसा से धंधे चमके - http://feedburner.google.com/fb/a/myfeeds
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    छायादार पेड़ की सजा - www.sahityakar.com मेरे घर के बाहर दो पेड़ लगे हैं, खूब छायादार। घर के बगीचे में भी इन पेड़ों की कहीं-कहीं छाया बनी रहती है। कुछ पौधे इस कारण पनप नहीं...
    4 वर्ष पहले
  • 'आहुति'
    यादों वाली फरवरी ...☺☺☺☺☺☺ - गुलाबी से एहसास लाता है ये महीना....बहुत कुछ दिया है इस फरवरी ने....तुम्हारा साथ,प्यार एहसास सब कुछ....इस महीना का हर पल हर दिन गवाह है....हमारे होने साथ....
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  • "सुरभित सुमन"
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    सिनेमालोक : साहित्य से परहेज है हिंदी फिल्मों को - सिनेमालोक साहित्य से परहेज है हिंदी फिल्मों को -अजय ब्रह्मात्मज पिछले दिनों जमशेदपुर की फिल्म अध्येता और लेखिका विजय शर्मा के साथ उनकी पुस्तक ‘ऋत...
    4 वर्ष पहले
  • रूहानी सुहानी
    प्रेम का अर्थ - प्रेम का अर्थ है खो जाना प्रेम का अर्थ है डूब जाना प्रेम का अर्थ है कुछ न मांगना प्रेम का अर्थ है समर्पण प्रेम का अर्थ है कुर्बानी प्रेम का अर्थ है...
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    उसके बाद .....? - गाँव की गलियों के सन्नाटे को चीरती एक जीप एक बड़ी सी हवेली के आगे रुकी। हवेली की ओर बढ़ते हुए चौधरी रणवीर सिंह की आँखे अंगारे उगल रही है चेहर...
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  • अपनी बात...
    अटकन-चटकन: प्रतिक्रियाएं - *रामरतन अवस्थी* मेरे पापाजी इन दिनों अस्वस्थ हैं। बेहद कमज़ोर हो गए हैं। लेकिन हमेशा साहित्य सृजन करने वाले हाथ भी कभी अशक्त होते हैं? उनके हाथों का कम्पन कल...
    4 वर्ष पहले
  • अंदाज़
    टालमटोल - बहुत समय पहले के कुछ समय बाद की बात है | एक मछुवारा हुआ करता था | बहुत ही ईमानदार और कर्मठ | हर रात की सुबह, गावं के पास से गुज़र रही छोटी सी नदी में जाता...
    4 वर्ष पहले
  • उर्दू से हिंदी
    एक ग़ज़ल : दीदार-ए-हक़ में - *बह्र मुज़ारे’ मुसम्मन अख़रब मक्फ़ूफ़ महज़ूफ़* *मफ़ऊलु---फ़ाइलातु----मफ़ाईलु----फ़ाइलुन* *221 -----2121-------1221-------212* ------ एक ग़ज़ल : दीदार-ए-हक़ में --- दी...
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    Shoes For Camping - [image: Shoes For Camping] Shoes for camping what should I wear is there any specialty in them What is their use? Can I wear crocs? Will my running or hik...
    4 वर्ष पहले
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    आखिर, प्रोब्लेम क्या है इंटर कास्ट मैरेज़ में? - शादी पर बात करना बड़ा अजीब सा लगता रहता अहै। हमेशा लगता है, नौ दिन चले अढ़ाई कोस। जो हमारे समय की समस्या, वही आज के समय की दिक्कत! कब निकलेंगे हम सब इन निरर...
    5 वर्ष पहले
  • likh dala
    तीन शहर तीन मरीज़ और कोरोना - कोविड-19 वायरस से जूझते हुए भारत को लगभग चार महीने बीत चुके हैं। हममें से कई जो अब तक न्यूज़ सुनकर ही परेशान और दुखी हो रहे थे अब उन्हें भी अपने परिचितों या...
    5 वर्ष पहले
  • रचनाकार
    रचनाकार में पढ़ें अपने मनपसंद विषय की सैकड़ों रचनाएँ - - विश्व की पहली, यूनिकोडित हिंदी की सर्वाधिक प्रसारित, समृद्ध व लोकप्रिय ई-पत्रिका - रचनाकारमनपसंद विषय की रचनाएँ पढ़ने के लिए उस पर क्लिक / टैप करें -~ विधा...
    5 वर्ष पहले
  • Sehar
    गुरुदेव रबीन्द्रनाथ ठाकुर को याद करते हुए ( जन्मदिवस 7 मई ) - हे अंतरयामी ! निर्मल करो, उज्ज्वल करो, सुंदर करो हे! जाग्रत करो, उद्यत करो, निर्भय करो हे! (आतंरिक आनंद की तरफ) *( First Draft Manuscript of Gitanjali ...
    5 वर्ष पहले
  • समयचक्र
    लगातार संघर्ष करने से सफलता अर्जित होती है .... - महाभारत में भीषण युद्ध चल रहा था । युद्द भूमि में गुरु और शिष्य आमने सामने थे । दुर्योधन की तरफ से द्रोणाचार्य और पांडवों की ओर से अर्जुन युध्द के मैदान मे...
    5 वर्ष पहले
  • गीत,ग़ज़ल,कविता की दुनिया
    पंचकवि-चौरासी घाट:कवि विन्ध्याचल पाण्डेय:बद्रीनारायण-त्रिलोचन घाट - पंचकवि-चौरासी घाट : कवि विन्ध्याचल पाण्डेय : बद्रीनारायण-त्रिलोचन घाट
    5 वर्ष पहले
  • Deepak Doddamani
    Lockdown 1.0 - *Lockdown 1.0* To stop the Coronavirus Infection chain in India 21-days lockdown started on 23rd March 2020. Ne...
    5 वर्ष पहले
  • गीत गजल
    तेरे कर्मों का प्रतिफल है - तेरे कर्मों का प्रतिफल है, पंखों का बिछौना है । प्रकृति के समक्ष मानव, तू आज भी बौना है।। लालच में पूर्णता की , क्या क्या ना तू कर डाला। पर बिना मनुष्...
    5 वर्ष पहले
  • रेत के महल
    Bayes Theorem and its actual effect on our lives - मित्रों आज बेज़ थियरम पर बात करुँगी। बहुत ही महत्वपूर्ण बात है - गणित के शब्द से परेशान न हों - पूरा पढ़े, गुनें, और समझें। हम सभी ने बचपन में प्रोबेबिलिटी ...
    5 वर्ष पहले
  • कवितायन
    कविता : खेल - शहर के बीच मैदान जहाँ खेलते थे बच्चे और उनके धर्म घरों में खूँटी पर टँगे रहते थे जबसे एक पत्थर लाल हुआ तो दूसरे ने ओढ़ी हरी चादर तबसे बच्चे घरों में कैद...
    5 वर्ष पहले
  • रजनीश का ब्लॉग
    तलाश एक रास्ते की - कुछ दूर चला मैं रास्ता अनजाना था लोग भी नए मौसम भी कुछ नया सा नए दरख़्त नई छांव नई इमारतें नए गांव रास्ता था मुझे चलना था रास्ते पर आगे बढ़ना था तो...
    5 वर्ष पहले
  • सृजन मंच ऑनलाइन
    हम्मीर हठ (ऐतिहासिक उपन्यास) - सुधीर मौर्य - हम्मीर हठ Hammir Hath शीघ्र प्रकाश्य ऐतहासिक उपन्यास #हम्मीर_हठ से ‘मरहठ्ठी बेगम तुम क्या खुशनसीबी और वक़्त की फेर की बात कर रही हो जबकि सच तो ये है कि आज ...
    5 वर्ष पहले
  • मेरे विचार मेरी अनुभूति
    कविता -दिल्ली क्यों जला रहा है ? - दिल्ली क्यों जल रहा है ? छुपके चुपके खामोश षड़यंत्र रचा जा रहां है, तिल-तिल आहत संविधान हिंसा द्वेष से प्रजातंत्र जल रहा है | प्रजा हित प्रमुख है या शासक क...
    5 वर्ष पहले
  • Life with Pen and Papers
    उस पार ---3 - लड़की एक बार फिर से उसी झील के किनारे बैठी है। पानी में पैर डुबोने और छप छप करें , का ख्याल आया लेकिन गंदले और काई जमे किनारे ने उसे दूर से ही छिटका ...
    5 वर्ष पहले
  • ब्लॉगमंच
    दोहे "रंगों की बौछार" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक') - *होली का त्यौहार* *-0-0-0-0-0-* *फागुन में अच्छी लगें, रंगों की बौछार।* *सुन्दर, सुखद-ललाम है, होली का त्यौहार।।* *--* *शीत विदा होने लगा, चली बसन्त बयार।*...
    5 वर्ष पहले
  • 'दि वेस्टर्न विंड' (pachhua pawan)
    दिल्ली में उड़नतश्तरी देखी गयी है। - समीरलाल 'उड़नतश्तरी' जी का दिल्ली आगमन आनन फानन में ब्लॉग मीट के आयोजन का हेतु बन गया और इसके निमित्त बने भाई राजीव तनेजा । हिंदी ब्लॉगिंग जब अपने शिखर...
    5 वर्ष पहले
  • Bal-Kishore - My Hindi stories for Kids and Teens - Pavitra Agarwal
    गुरु बेटी - *बाल कहानी * * गुरु बेटी * * पवित्रा अग्रवाल* * रमा 5-6 घरों में खाना नाश्ता बनाने का काम करती है पर * *वह अनपढ़ है अं...
    5 वर्ष पहले
  • रांचीहल्ला
    Shubh Mangal Zyada Savdan Team Spotted At Sun And Sand - #ShubhMangalZyaadaSaavdhan
    5 वर्ष पहले
  • नूतन ( उद्गार)
    रंगों का त्योहार होली - रंगों का त्योहार होली बसंत पंचमी के आते ही प्रकृति में एक नवीन परिवर्तन आने लगता है । दिन बड़े होने लगते है जाड़ा कम होने लग...
    5 वर्ष पहले
  • Love
    इश्क़ - तुम्हारे कांधे पर सर रख कर सुकून महसूस करना इश्क है नज़र भर तुम्हें देखना और बस देखते रह जाना इश्क है आईने में संवरना और तुम्हें याद कर मुस्कुराना इ...
    5 वर्ष पहले
  • आ सखी चुगली करें
    गणगौर - गणगौर आज के त्यौहार के संदर्भ में मैंने गणगौर को चुना है ,जो मेरे सहित सभी सखियों का पसंदीदा त्योहार है। हिन्दू नूतन वर्ष चैत्र से प्...
    5 वर्ष पहले
  • शब्द अनवरत...!!!
    कांच के टुकड़े - सुनो मेरे पास कुछ कांच के टुकड़े हैं पर उनमें प्रतिबिंब नहीं दिखता पर कभी फीका महसूस हो तो उन्हें धूप में रंग देती हूं चमक तीक्ष्ण हो जाते तो दुबारा ...
    5 वर्ष पहले
  • Pasand
    ★~मुहोब्बत आसान नही होती~★ - आज वैलेंटाइन डे है। अर्थात प्यार का दिन, प्यार करने वालों का दिन, लेकिन क्या प्यार का भी कोई दिन होना चाहिए ? आप अपने साथी से कितना प्यार करते है यह जताने...
    5 वर्ष पहले
  • नजरिया
    विवाह संस्कार में बदलते समय के अनुसार आज की आवश्यकता... - [image: आज के दौर में विवाह संस्कार.] विवाह संस्कार हाल के दिनों में एक निमंत्रण ऐसा प्राप्त हुआ जिसमें *विवाह संस्कार* की निमंत्रण पत्रिका की सि...
    5 वर्ष पहले
  • साहित्य और समीक्षा डॉ. विजय शिंदे
    फिल्मी पटकथा लेखन (Script Writing) - फिल्मों के व्यावसायिक और कलात्मक नजरिए से सफल होने के लिए आधारभूत तत्त्व के नाते कथा, पटकथा और संवादों को बहुत अधिक एहमीयत है। कथा या कहानी आरंभिक तत्त्...
    5 वर्ष पहले
  • Tips Hindi Mein
    free live demo based on lal kitab - लाल किताब से प्रेम व विश्वास रखने वालों के लिए लाल किताब की एक फ्री डेमो क्लास मंगलवार 16-02-2020 को रखी जा रही है| क्लास का वक़्त 3.00 से 5.00 बजे तक होगा...
    5 वर्ष पहले
  • एक प्रयास
    हाय ! ये कैसा बसंत आया री - हाय ! ये कैसा बसंत आया री जब सब सुमन मन के कुम्हला गए रंग सारे बेरंग हो गए किसी एक रूप पर जो थिरकती थी उस पाँव की झाँझर टूट गयी जिस आस पर उम्र गुजरती थी वो...
    5 वर्ष पहले
  • स्पर्श
    - उसने कहा था आज गुलाब का दिन है न गुलाब लेने का न देने का, बस गुलाब हो जाने का दिन है आज गुलाब का दिन है उसी दिन गुलाब सी तेरी सीरत से गुलाबी हो गयी मैं । -...
    5 वर्ष पहले
  • के.सी.वर्मा ''कमलेश''
    क्यूँ तल्खियां यहां...💐 - क्यूँ तल्खियां यहां की दस्तूर बन रही हैं,कुछ बस्तियां चमन की नासूर बन रही हैं।कलियां क्यूँ बिखरी हैं राहों मेंसाथ कांटों के ये बा-कसूर बन रही हैं।कमलेश' हो...
    5 वर्ष पहले
  • मेरे अनुभव (Mere Anubhav)
    बचपन की यादें - कल अपने भाई के मुख से कुछ पुरानी बातों कुछ पुरानी यादों को सुनकर मुझे बचपन की गालियाँ याद आ गयीं। जिनमें मेरे बचपन का लगभग हर इतवार बीता करता था। कितनी...
    5 वर्ष पहले
  • Rohitas Ghorela
    लोकतंत्र - हम जो हैं वर्तमान राजतंत्र के नितारे गए लोग जब हमने राजतंत्र से ऊब कर विद्रोह शुरू किया अधिकारों की मांग रखी समानता की बात हुई- तब अविरल विरोद्ध को रोकना इन...
    5 वर्ष पहले
  • "प्रेम ही सत्य है"
    गणतंत्र दिवस २०२० - देश विदेश में रहने वाले सभी भारतवासियों को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देश के अंंदर बाहर तैनात जवानों और शहीदों के परिवाजनों को नत मस्तक प्रणाम
    5 वर्ष पहले
  • हमसफ़र शब्द
    कुछ लोग हैं जो भीड़ की आवाज़ बनने में लगे हैं - कई बार दुनिया मेरे दादा जी के बाज़ार जितना सिमटी नज़र आती है ऐसा लगता है कि उस बाज़ार में सब तरह के लोग है जैसे कि टीवी पर हैं दूसरे देशों में हैं जैसा...
    5 वर्ष पहले
  • BALAJI
    सब कुछ ठीक हैं क्या ? - मतदान के पूर्व किसी सरकार के फ्री आफर , दोनों हाथों से धन का अपार व्यय या लोकलुभावन कार्य के निम्न कारण होते है - 1. पब्लिक को अपने तरफ आकर्षित करना 2.अप...
    5 वर्ष पहले
  • Vyom ke Paar...व्योम के पार
    PM Modi's 'Pariksha Pe Charcha' Townhall with students -
    5 वर्ष पहले
  • कविता संकलन
    चल रहा हूँ मैं।। - [image: Chal Rha Hu Mai चल रहा हूं मैं।।] जीवन कि लड़ाइयों से, लड़ रहा हूं मैं चाहे कुछ भी हो लेकिन, आगे बढ़ रहा हूं मैं कुछ इस कदर नदी के रूप सा, ढल रहा ...
    5 वर्ष पहले
  • मैं कहता आँखन देखी.
    मोहब्बत - जीतने का हुनर जो पूछा मैंने उसने तलवार थमा दी वो मजहब सिखाने आया था मैंने भी, मोहब्बत सीखा दी.
    5 वर्ष पहले
  • मेरे हिस्से की धूप
    मॉर्निंग वॉक- एक सुरक्षित भविष्य - जीवन में चलते चलते कभी कुछ दिखाई दे जाता है, जो अचानक दिमाग में एक बल्ब जला देता है , एक विचार कौंधता है, जो मन में कुनमुनाता रहता है, जब तक उसे अभिव्यक...
    5 वर्ष पहले
  • मास्टर्स टेक टिप्स
    MS Office Excel 2013 Notes in Hindi PDF E Book Free Download - MS Office Excel 2013 Notes in Hindi PDF E Book Free Download में एक्सेल यह बहुत ही सरल और तेज है, टेबल कार्य के लिये पहले से ही सैल बने होते हैं, और आप इसम...
    5 वर्ष पहले
  • Hindi Bloggers Forum International (HBFI)
    मोदी - शाह से सीखें वेस्ट यू पी के वकील - पश्चिमी उत्तर प्रदेश हाईकोर्ट बेंच स्थापना संघर्ष समिति की बैठक कल दिनाँक 4.1.2020 को बिजनौर में हुई, बैठक में सभी दलों के नेताओं ने एक सुर में हाईकोर...
    5 वर्ष पहले
  • मुसाफिर हूँ यारों
    तीसरा दिन: जैसलमेर में मस्ती तो है - 13 दिसंबर 2019 कुछ साल पहले जब मैं साइकिल से जैसलमेर से तनोट और लोंगेवाला गया था, तो मुझे जैसलमेर में एक फेसबुक मित्र मिला। उसने कुछ ही मिनटों में मुझे प...
    5 वर्ष पहले
  • ब्लॉग बुलेटिन
    2019 का वार्षिक अवलोकन (सत्ताईसवां) - डॉ. मोनिका शर्मा का ब्लॉग Search Results Web results परिसंवाद *आपसी रंजिशों से उपजी अमानवीयता चिंतनीय* अमानवीय सोच और क्रूरता की कोई हद नहीं बची ह...
    5 वर्ष पहले
  • पद्म्बोध
    रघु १ - गीली सी रात हो और चंद्रमा का साथ हो तो पैर खुद ही जंगलों की ओर दौड़ पड़ते थे। सिंपल सा गुलाबी सूट एक रेगुलर पैजामे और बांह तक आस्तीन में इतनी ठंड तो र...
    5 वर्ष पहले
  • छींटे और बौछारें
    जियो सेट टॉप बॉक्स - महा बकवास - जियो फ़ाइबर सेवा धुंआधार है, और जब से इसे लगवाया है, लाइफ़ है झिंगालाला. आज तक कभी ब्रेकडाउन नहीं हुआ, बंद नहीं हुआ और स्पीड भी चकाचक. ऊपर से लंबे समय से...
    5 वर्ष पहले
  • कथा-कहानी-उपन्यास हूँ मैं, कविता हूँ मैं!
    कुछ भी होने से पहले - कुछ भी होने से पहले मैं इंसान हूँ कहीं भी नौकरी करने से पहले मैं इंसान ही था कोई भी कविता लिखने से पहले मुझे मालूम था इंसान होना क्या होता है किसी भी द...
    5 वर्ष पहले
  • अनुभूति
    मन मोहक नारे - “हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई, हम सब हैं भाई भाई” सुनने में कितना अच्छा लगता है न? हम सब हैं भाई भाई| यही तो संविधान की आत्मा है| किंतु क्या यह नारा दिल में उतर...
    5 वर्ष पहले
  • दिल की बात
    तुम्हारे लिए - मैं उसकी हंसी से ज्यादा उसके गाल पर पड़े डिम्पल को पसंद करता हूँ । हर सुबह थोड़े वक्फे मैं वहां ठहरना चाहता हूँ । हंसी उसे फबती है जैसे व्हाइट रंग । हाँ व्...
    5 वर्ष पहले
  • प्रगतिशील ब्लॉग लेखक संघ
    कश्मीर के ध्वस्त होते सामाजिक तानेबाने पर आई है एक नई पुस्तक - यह मेरा पाँचवाँ उपन्यास है, जो कश्मीर के सामाजिक तानेबाने को समय के साथ ध्वस्त होने की कहानी बयान करता है। साथ ही कश्मीर के शर्मनाक और दहशतनाक ऐतिहासिक ...
    5 वर्ष पहले
  • हिन्दी साहित्य संगम जबलपुर
    मेरी पोती "आव्या" - *मेरी पोती आव्या* मेरी पोती "आव्या" (मेसु)
    5 वर्ष पहले
  • मेरा मन पंछी सा
    Aakhir kab ? आखिर कब ? - * आखिर कब ? आखिर क्यों आखिर कबतक यूँ बेआबरू होती रहेंगी बेटीयाँ आखिर कबतक हवाला देंगे हम उनके पहनावे का उनकी आजादी का उनकी नासमझी और समझदारी का क्यों ...
    5 वर्ष पहले
  • ज़ख्म…जो फूलों ने दिये
    तुम्हारा स्वागत है - 1 तुम कहती हो " जीना है मुझे " मैं कहती हूँ ………… क्यों ? आखिर क्यों आना चाहती हो दुनिया में ? क्या मिलेगा तुम्हे जीकर ? बचपन से ही बेटी होने के दंश ...
    5 वर्ष पहले
  • गठरी
    78- शिक्षा का अधिकार (अजय की गठरी) - 78- JNU छात्र आंदोलन सब्सिडी के नाम पर अनाप शनाप रेवड़ी बांटने से बेहतर है कि यही शुल्क व्यवस्था पूरे देश में लागू किया जाय...या कम से कम आर्थिक रूप से कम...
    5 वर्ष पहले
  • ज्ञानवाणी
    जहाँ प्यार दिख जाये..... - चित्र गूगल से साभार.... सत्यनारायण पूजा पर एकत्रित परिवार की सब स्त्रियाँ पूजा के बाद सबको प्रसाद खिला अब स्वयं भी तृप्त होकर आराम करते गप्पे लड़ा रही थीं...
    5 वर्ष पहले
  • World of My Poems
    Selfish or Self Centered - What should be you a selfish person or a self centered one For you I have to be lonely with you also I am lonely Without you also I am lonely Why is it ...
    5 वर्ष पहले
  • कुमार अम्‍बुज
    ओल्गा तोकारचुक - #लोगों #का #दिमाग #खोलने #के #लिए #लिखना ''बिखरे हुए खिलौनों के बीच, खिड़की के पास, अँधेरे में, ठंडे कमरे में बैठी एक बच्ची।'' ''यह वायदा है कि शायद हम अब...
    5 वर्ष पहले
  • जाले
    ना काहू से दोस्ती .... - *पुलिस और वकील एक ही परिवार के दो सदस्य से होते हैं, दोनों के लक्ष समाज को क़ानून सम्मत नियंत्रित करने के होते हैं, पर दिल्ली में जो हुआ या हो रहा है उस...
    5 वर्ष पहले
  • असुविधा....
    ऐनी सेक्सटन की कविताएँ : अनुवाद - अनुराधा अनन्या - पिछली सदी के आरम्भ में अमेरिका में के समृद्ध व्यापारिक घर जन्मीं* ऐनी सैक्सटन*, एक असाधारण कवयित्री हैं। उनकी कविताओं को confessional verse, स्टाइल की...
    5 वर्ष पहले
  • प्रेम सरोवर
    अनुवाद एक अध्ययन - अनुवाद कार्य में मूल भाव के प्राचीर ************************************* ...
    5 वर्ष पहले
  • एक ज़िद्दी धुन
    कविता के अनुर्वर प्रदेश की ज़रख़ेज़ ज़मीन - भारत भूषण अग्रवाल पुरस्कार समारोह में शुभम श्री आई नहीं थीं। अच्युतानंद मिश्र पहले ही कविता पढ़ चुके होंगे। अदनान कफ़ील दरवेश पढ़ रहे थे। उनकी तस्वीरों और कव...
    5 वर्ष पहले
  • तमाशा-ए-जिंदगी
    शेर अर्ज़ है ... - सुलझा हुआ सा...समझते हैं लोग मुझे!!!, उलझा हुआ सा!!! कोई दूसरा भी है मुझे मे... 🙂🌹😘😍🥰⚘
    5 वर्ष पहले
  • TSALIIM
    पूरी दुनिया को झकझोर रही है ग्रेटा थनबर्ग की पर्यावरण मुहिम - *पूरी दुनिया को झकझोर रही है ग्रेटा थनबर्ग की पर्यावरण मुहिम* -जाहिद खान 16 साल की स्वीडिश पर्यावरण एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग Greta Thunberg अपनी पर्यावरण ...
    5 वर्ष पहले
  • Abhivyaktie: Sunita Mohan
    - *मसूरीः पहाड़ों पर टिका तारों भरा आसमान* अपने टैरेस से मसूरी को लगभग हर रोज़ देखती हूँ। जैसे जैसे रात साँझ को सोखने लगती है, वैसे वैसे ये शहर और ज़्यादा ...
    5 वर्ष पहले
  • Kashish - My Poetry
    चादर सन्नाटे की - चारों ओर पसरा है सन्नाटा मौन है श्वासों का शोर भी, उघाड़ कर चाहता फेंक देना चीख कर चादर मौन की, लेकिन अंतस का सूनापन खींच कर फिर से ओढ़ लेता चादर सन्नाटे की...
    5 वर्ष पहले
  • स्पंदन SPANDAN
    इंतज़ार और दूध -जलेबी... - वोआते थे हर साल। किसी न किसी बहाने कुछ फरमाइश करते थे। कभी खाने की कोई खास चीज, कभी कुछ और। मैं सुबह उठकर बहन को फ़ोन पे अपना वह सपना बताती, यह सोचकर कि ब...
    5 वर्ष पहले
  • WORLD's WOMAN BLOGGERS ASSOCIATION
    माँ की बिंदी !! - ये स्वर ये व्यजंन हिंदी के, सारे रंग हैं माँ की बिंदी के !!
    5 वर्ष पहले
  • AAWAZ
    शून्य में शून्य : आखिर क्या है ? - शून्य में शून्य और विडीओ ब्लॉग पंच 5 *शून्य भी बड़ा कमाल का है* , एक तरफ से देखो तो *शून्य है मगर सबकुछ शून्य में समाया हुवा है *और वैसे भी कहा जाता है ...
    5 वर्ष पहले
  • सफ़ेद घर
    कल्पना...! - छत पर सूखते कपड़ों से रह-रह कर टपक रहे पानी के छीटों से परेशान चींटी कभी दायें ओर मुड़ती-कभी बायें ओर। एकाध बार ठहर भी गई लेकिन छींटे थे कि फिर से आगे ज...
    5 वर्ष पहले
  • HINDI KAVITAYEN ,AAPKE VICHAAR
    Pehli Baarish New Hindi Full (Audio) Song Azam Ali Mukarram, Rajesh Kuma... -
    5 वर्ष पहले
  • मेरी निगाहों से.......
    - मैं दीपशिखा सी जलती रहूं हे देव !...
    5 वर्ष पहले
  • खस्ता शेर - खुदा खैर
    कामरेड चिंतातुर ठहरे - कामरेड को चिंता घर की और चिंता है दुनिया भर की बाल श्रमिक की चिंता करते छोटू को चांटे भी जड़ते चिंता उनको पुरुषवाद की बीवी चार यथावत रखते फ़ैक्ट्री में हड़ता...
    5 वर्ष पहले
  • बूँद..बूँद...लम्हे....
    तुम ही हो पतवार कान्हा ! - *जब-जब फैला है तमस, तब-तब किया उजास* *अपनों का जमघट, मगर; हो इक तुम ही पास* *हो इक तुम ही पास, न दूजा और सहारा* *तुम ही हो पतवार, बही जब आँसू-धारा* *मन कलु...
    5 वर्ष पहले
  • कडुवा सच ...
    राजू उठ ... चल दौड़ लगाने चल - राजू उठ भोर हुई चल दौड़ लगाने चल पानी गरम कर दिया है दूध गरम हो रहा है राजू उठ भोर हुई चल दौड़ लगाने चल दूर नहीं अब मंजिल पास खड़े हैं सपने इक दौड़ लगा कर जीत...
    5 वर्ष पहले
  • फरगुदिया
    बेटियों के सम्मान और रक्षाबंधन की अनूठी परम्परा - चंद्रकांता - *"राजस्थान में बेटियों के जन्म पर पेड़ लगाने और उनके संरक्षण का संकल्प न सिर्फ पर्यावरण बचाये रखने के लिए नेक कार्य है, बल्कि बेटियों के सम्मान में स...
    5 वर्ष पहले
  • चन्द्रकांता
    पिपलांत्री गाँव : बेटियों के सम्मान और रक्षाबंधन की अनूठी परम्परा - आज हमारा 73 वाँ स्वतंत्रता दिवस है और भाई बहन के प्यार का प्रतीक रक्षाबंधन का त्यौहार भी। आज़ादी के वक़्त जो आशाएं देश को संभालने वाले वर्ग से की गयी थीं ...
    5 वर्ष पहले
  • मैं नदी की सोचता हूँ
    पास रक्खेगी नहीं - पास रक्खेगी नहीं सब कुछ लुटायेगी नदी शंख शीपी रेत पानी जो भी लाएगी नदी आज है कल को कहीं यदि सूख जाएगी नदी होठ छूने को किसी का छटपटाएगी नदी बैठना फुरसत से ...
    5 वर्ष पहले
  • The Little Princess
    Her Saviour - The water that was knee deep, Had begun it’s ascent again, The lifeless bodies floating outside, Made her heart scream out in pain. There was no one she c...
    5 वर्ष पहले
  • फ़ेसबुक .....चेहरों के अफ़साने
    तेरे कही तेरी सुनी -blog post via facebook - Nivedita Srivastava 😊😊 समझ को समझ के भी ना समझना ,ऐसे लोगों की समझ को समझ पाना और उनकी नासमझी को ना समझ कर समझदार समझना वाकई समझ को न समझ पाना है...
    5 वर्ष पहले
  • पुरातत्ववेत्ता
    एक पुरातत्ववेत्ता की डायरी - पन्द्रहवां दिन - दो - *29.उजड़ी इमारत की तरह का इंसान * लेकिन हमारे पास पलकें भी थीं और हमें आज की रात चैन से सोना भी था और इसके लिए सर्वाधिक आवश्यक था सबसे पहले एक ठिकाना ढूँढ...
    5 वर्ष पहले
  • "कुछ कहना है"
    मार्ग कंटकाकीर्ण है, जीर्ण-शीर्ण पद-त्राण- - चढ़ा शिखर पर कल कलश, लेकिन आज मलीन। चमक द्वेष-छल ने लिया, कुछ वर्षों में छीन।। पनघट पर घटना घटी, मचा भयंकर शोर। कलस लिए कटि कलसिरी, करे कलह पुरजोर। नहीं जब...
    5 वर्ष पहले
  • "लिंक-लिक्खाड़"
    विधाता छन्द - हुआ #नाकाम बन्दा तो, करे वह #इश्क की पूजा। बदलकर नाम अपना वह रखे उपनाम ही दूजा। गजल गाता, घुमक्कड़ बन, सदा दारू पिये उम्दा- #मुकम्मल #इश्क फेरे में, रहे हर ...
    5 वर्ष पहले
  • रविकर की कुण्डलियाँ
    काया - काया महकाई सतत, लेकिन हृदय मलीन। चहकाई वाणी विकट, प्राणी बुद्धिविहीन। प्राणी बुद्धिविहीन, भरी है हीन भावना। खिसकी जाय जमीन, न करता किन्तु सामना। पाकर उच्चस्...
    5 वर्ष पहले
  • अनुशील
    अँधेरे में - हर वो शक्ति जिसे बाती होने का गौरव हासिल है उसे प्रणाम है जलना ही होगा कि चहुँ ओर अँधेरा बहुत है आख़िर जलना बातियों के ही नाम है
    5 वर्ष पहले
  • हिंदी कवितायेँ
    मेरे जीवन की सुन्दर सी तस्वीर तुम, - मेरे नयनो के सपनो का हो नीर तुम, मेरे धड़कन के साँसों की जंजीर तुम, तुम हो तो ये जीवन में संगीत है , मेरे जीवन की सुन्दर सी तस्वीर तुम,,,,, इस जीवन में सुख...
    5 वर्ष पहले
  • कोना खाली आँगन का ......
    तुम हो तो - खुदा से जिक्र न हो जिसमे तेरा ऐसी कोई मेरी दुआ नहीं जाती ख्वाब ना हो जिसमे तेरा , ऐसी कोई मेरी सुबह नहीं आती तुम इत्र की तरह लगते हो मुझको मेरी हर स...
    5 वर्ष पहले
  • अभिव्यक्ति
    गरीबी क्या होती है ... - स्कूल का चौथा पिरीअड चल रहा था हमारे क्लास रूम में धुप बड़े आराम से पैर फैला रही थी और हाँ उस समय हमारे पास कोई घडी नहीं होती थी तो हम लोगों ने धुप के न...
    5 वर्ष पहले
  • कहानी Kahani
    सामराज - सड़क के मोड़ पर उस पेड़ के नीचे फिर मेरी अभ्यस्त नज़र चली गई और उसे वहाँ ना देख अनायास पैर पर जोर पड़ा और बाइक को ब्रेक लग गया। ऐसा तो पिछले चार महीनों में कभ...
    5 वर्ष पहले
  • cArtOOnहा.हा -हि.हि.हँसगुल्ले
    #DOWNLOAD EBOOK* Factfulness: Ten Reasons We're Wrong About the World--and Why Things Are Better Than You Think - #READ^ Factfulness: Ten Reasons We're Wrong About the World--and Why Things Are Better Than You Think PDF EPUB. [image: Factfulness: Ten Reasons We're Wron...
    5 वर्ष पहले
  • अर्पित ‘सुमन’
    कश्मीर - *नज़्म भी जिसके आगोश में फ़ना हो गई * *कश्मीर ! जिसे दुनिया जन्नत पुकारती है ||* *सु-मन *
    5 वर्ष पहले
  • हम ख़याल
    गुनहगार - *** गुनाह को जायज ठहराने के लिए गुनहगार पैंतरे फेंकता है, कहता है, कि जिसको मारा वो चोर था, कहता है कि जिसको मारा वो गौ तस्कर था, कहता है, कि जिसको मारा वो...
    5 वर्ष पहले
  • devyani
    काबुल मेरा यार - *खालिद हुस्सैनी की किताब 'काइट रनर' के एक अंश का अंग्रेजी से अनुवाद * मलबा और भिखारी। जहाँ भी मेरी निगाह जाती, बस यही नज़ारा था। मुझे याद है बचपन के दिन...
    6 वर्ष पहले
  • मुकेश पाण्डेय "चन्दन"
    ब्राह्मणों के गोत्रों की जानकारी - ब्राह्मणों की कहानी अपनी एक पुरानी पोस्ट में ब्राह्मणों के बारे जानकारी दी थी, जिसे पाठकों द्वारा जबरदस्त प्रतिसाद मिला । मित्रों, आइये आज हम ब्राह्मण...
    6 वर्ष पहले
  • दीपक भारतदीप की राजलेख-पत्रिका
    मत का अधिकार था भगवान हुए मतदाता-दीपकबापूवाणी (Matadata ka Adhikar thaa Bhagwan hue Matdata-DeepakBapuwani) - *---ज़माने पर सवाल पर सवालसभी उठाते, अपने बारे में कोई पूछे झूठे जवाब जुटाते।‘दीपकबापू’ झांक रहे सभी दूसरे के घरों में, गैर के दर्द ...
    6 वर्ष पहले
  • arun dev
    अरुण देव की कविता : शहंशाह आलम - *‘सूखे पत्तों में कोई* *हरा पत्ता’* अरुण देव की कविताएँ शहंशाह आलम *क*विता का आस्वाद अपना एक अलग महत्व रखता है. यहाँ एक सवाल यह खड़ा होता है कि क्...
    6 वर्ष पहले
  • अज़दक
    एक जवान साथिन के लिए जो अब कहां जवान रही.. - ज़माना हुआ एक कबीता लिखे थे. एक जनाना थी, दुखनहायी थी, रहते-रहते मुंह ढांपकर रोने लगती थी, थोड़ा हम जानते-समझते थे, मगर बहुत सारा हमरे पार के परे था. सुझ...
    6 वर्ष पहले
  • Aadil Rasheed
    1मई अंतरराष्ट्रीय मज़दूर दिवस (योमे मज़दूर) पर विशेष 1 May 2019 labour day Aadil Rasheed - *1 मई अंतरराष्ट्रीय मज़दूर दिवस (योमे मज़दूर) पर विशेष* खोखले नारों से दुनिया को बचाया जाए आज के दिन ही हलफ़ इस का उठाया जाए जब के मज़दूर को हक़ उसका दिलाया...
    6 वर्ष पहले
  • bas yun...hi....
    दिल से निकली हुई दुआ हूँ मैं..... - *दिल से निकली हुई दुआ हूँ मैं..* *रस्म ए उल्फ़त का सिलसिला हूँ मैं..!* *लब़ ए खामोश ग़रचे जाहिर हूँ..* *इश्क़ का ऐसा फ़लसफ़ा हूँ मैं..!* *मुझको महफ़िल में ...
    6 वर्ष पहले
  • चला बिहारी ब्लॉगर बनने
    आया है मुझे फिर याद - *असली मजा सब के साथ आता है *– ई बात भले सोनी-सब टीवी का टैगलाइन है, बाकी बात एकदम सच है. परब-त्यौहार, दुख तकलीफ, सादी-बिआह, छट्ठी-मुँड़ना ई सब सामाजिक अबस...
    6 वर्ष पहले
  • अगड़म बगड़म स्वाहा....
    साध्वी प्रज्ञा पर काफ़ी सवालों के जवाब तो लिब्रल्स को भी देने हैं - साध्वी प्रज्ञा , असीमानंद और कर्नल पुरोहित : सबके केस में जितने जवाब हैं उससे कहीं ज़्यादा सवाल । मसलन : १. जब समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट के चलते अमरीका पाक...
    6 वर्ष पहले
  • कबाड़खाना
    मैं हंसते हंसते दम तोड़ देता अगर मुझे रोना न आता - अमित श्रीवास्तव की कविता - हेनरी रूसो की पेंटिंग 'हॉर्स अटैक्ड बाई अ जगुआर' अमित श्रीवास्तव की कविता की सबसे बड़ी खूबी यह है कि वह एक साथ अनेक परतों और आयामों पर काम करती जाती है - कई...
    6 वर्ष पहले
  • सोचा ना था....
    कहानियों की कहानी - कहानियों की हालत बहुत ख़राब है.. किसी के सिर में दर्द है तो किसी के पीठ में...किसी को भावनाओं की ड्रिप चढ़ी हुई है तो कोई बिस्तर पर पड़ी कराह रही है। कि...
    6 वर्ष पहले
  • जागो सोने वालों...
    राजनीति के शौकीन हैं तो राजनीति कीजिए खुल कर ... - "राजनीति का सीधा सरल अर्थ था, प्रजा के हित में राज्य को चलाने की वह नीति, जो साम दाम दंड भेद के साथ वह करे, जो राज्य को, देश को सुदृढ बनाये । पर इतिहास हो...
    6 वर्ष पहले
  • गीत मेरे ........
    कविता और कुछ नहीं... - कविताएं और कुछ नहीं आँसू हैं लिखे हुए.... खुशी की आँच कि दुखों के ताप के अतिरेक से पोषित लयबद्ध हुए... #कविताक्याहै
    6 वर्ष पहले
  • मधेपुरा टुडे
    ये खामोशी, तूफान का असर तो नहीं / रचना - इस दरिया में, अब कोई लहर तो नहीं है । ये खामोशी, तूफान का असर तो नहीं है ? गमों को भुला दूँ ..कि फिर मुस्कुरा दूँ.. ये आसान इतना, सफर तो नहीं है । जिसकी ...
    6 वर्ष पहले
  • नारीवादी-बहस
    जो है, सो है - [image: राजस्थान भले ही रेतीला है मगर उसी भारतीय राज्य की यह बिंदास तस्वीर बताती है कि वहां गांवों में भी औरतें किसी शहर से कम नहीं.] इससे सम्बद्ध लेख ...
    6 वर्ष पहले
  • मेरी सोच
    आ चुका है सावधान रहने का समय ! - संतान माता पिता या अभिभावकों के लिए सबसे प्रिय होती है और उसके लिए ही वो कठिन परिश्रम करते है और अपने सुख को भूल जाते हैं। उनके सुन्दर भविष्य की कल्पना क...
    6 वर्ष पहले
  • मैं (शार्ट स्टोरीज)
    Avengers: Endgame | Official Trailer | English | In Cinemas April 26 -
    6 वर्ष पहले
  • Story Teller
    The Horror - "*Aaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaa*" She screamed Raj came running from the other room in to the kitchen to see what happened "*What Happened?*" asked Raj...
    6 वर्ष पहले
  • (विचारों का चबूतरा )
    - शोध -पत्र * वैवाहिक जीवन में क्रूरता का हिंदी महिला उपन्यासकारों द्वारा चित्रण * *[उत्तर-आधुनिककाली...
    6 वर्ष पहले
  • खामोशियाँ...!!!
    मैं गीत वही दोहराता हूँ - मैं डूब डूब के चलता हूँ, मैं गीत वही दोहराता हूँ। जो दौड़ कभी था शुरू किया, उस पर दम भी भरता हूँ। हर रोज ही अपनी काया को, तेरे पर अर्पित करता हूँ। कुछ बी...
    6 वर्ष पहले
  • स्वस्थ जीवन: Healthy life
    "Homeopathic Medicines for Sciatica" - [image: HOMOEOPATHIC REMEDIES FOR SCIATICA] *What is Sciatica?* *Homeopathic remedies for sciatica* *होम्योपैथिक मेडिसिन फॉर साइटिका* Sciatica nerve i...
    6 वर्ष पहले
  • कारवॉं karvaan
    वैदिक शब्‍दों की निर्मिति - 'गौ' शब्‍द - वैदिक काल के शब्‍द बताते हैं कि उनका निर्माण और नामकरण जीवों और वस्‍तुओं की गति के संदर्भ में किस तरह हुआ होगा। वेदों में *गौ *शब्‍द जाने और गति के अर्थ मे...
    6 वर्ष पहले
  • सिताब दियारा
    होलोकास्ट और सिनेमा - रामजी तिवारी - "होलोकास्ट और सिनेमा" को लेकर इधर बीच एक पत्रिका के कुछ लिखा था | सोचा कि इसे सिताब दियारा ब्लॉग के पाठकों के साथ भी सांझा करता चलूँ | ...
    6 वर्ष पहले
  • कुमाउँनी चेली
    कितना मुश्किल है बच्चो ! - दस दिवसीय सेवारत प्रशिक्षण के पश्चात प्राप्त ज्ञान | हमने जाना बच्चों ! कितना मुश्किल होता है फिर से बच्चों जैसा बनना | हमने जाना बच्चों ! कितना उबाऊ ...
    6 वर्ष पहले
  • कलम कवि की
    नया लायें - वो इंतज़ार મેં हैं हम कुछ लिखे हम इन्तज़ार में हैं कुछ नया दिखे पुराना समेट दिया चलो नया लायें ना करेंआवरण नया और भीतर पुराना पाएँ
    6 वर्ष पहले
  • काव्य मंजूषा
    रिश्ते... - ब्लाॅग लिखने से बढ़िया कुछ नहीं...:-) :-) _______________________________ वक़्त की साज़िश से, रिश्ते पनप तो जाते हैं, मगर उनको कहानी बनते, देर नहीं लगती .....
    6 वर्ष पहले
  • एहसास प्यार का..
    सुनो, तुम अब कहानियाँ नहीं लिखना - वो जनवरी का कोई दिन रहा होगा. सुबह से बारिश हो रही थी. लड़की को वैसे तो जनवरी की बारिश खूब अच्छी लगती थी और वो उसे खूब एन्जॉय करती थी, लेकिन आज जाने क्यों...
    6 वर्ष पहले
  • Tere bin
    सूरज लूट गया - विहँस रही है रजनी तारे चमक रहे रातरानी के सानिध्य में मौसम गमक रहे कलियाँ - कलियाँ झूम रही दिशायें मुस्कुराई आनंद के रथ पे हो सवार नाची पुरवाई आगो...
    6 वर्ष पहले
  • हिन्दी साहित्य मंच
    hay this is new post about the product of beauty and skin care - Hair fall Control Shampoo Anti Hair fall Shampoo best shampoo for hair fall and dandruff best shampoo for hair fall and dandruff Best shampoo for hair f...
    6 वर्ष पहले
  • मन का पंछी
    जिंदगी तेरा मेरा रिश्ता बड़ा अजीब है - (फोटो गूगल से साभार) जिंदगी तेरा मेरा रिश्ता बड़ा अजीब है कभी तुम मुझे देख कर हँसती हो तो कभी मैं तुम्हें देख कर हँसता हूँ संग संग तुम्हारे चलना बड़ा ...
    6 वर्ष पहले
  • हर रोज़ एक प्रश्न?
    आज का प्रश्न-493 question no-493 - चँद्रमा की तुलना में सूर्य 40 गुनाा बड़ा है लेकिन दोनों पृथ्वी एक ही जितने नाप के क्यों दिखते हैं?
    6 वर्ष पहले
  • पाल ले इक रोग नादां...
    यह विदाई है या स्वागत...? - एक और नया साल...उफ़्फ़ ! इस कमबख़्त वक्त को भी जाने कैसी तो जल्दी मची रहती है | अभी-अभी तो यहीं था खड़ा ये दो हज़ार अठारह अपने पूरे विराट स्वरूप में...यहीं पह...
    6 वर्ष पहले
  • Mera avyakta
    नदी का खामोश हो जाना - वह निकली ही अकेली थी वह पिघली भी अकेली थी हँसती रहती वो पलपल पवन को सुनाती रहती गीत मधुरिम हो विह्वल मिलाती सुर कोकिला से सदा करती वो कलकल उसका बहते रहने...
    6 वर्ष पहले
  • मेरे पसंदीदा अश्आर
    मिर्ज़ा गालिब की २२१ वीं जयंती पर विशेष - *दोस्त ग़मख़्वारी में मेरी सअई फ़रमायेंगे क्या / ग़ालिब * *दोस्त ग़मख्वारी में मेरी सअ़ई[1] फ़रमायेंगे क्या ज़ख़्म के भरने तलक नाख़ुन न बढ़ आयेंगे क्या* ...
    6 वर्ष पहले
  • FAYSAL'S POETRY
    Sheekhi hain usne mohabbatein mujh se -
    6 वर्ष पहले
  • vikram7
    - तुमने पूछा कौन हैं हम आपके शब्द और प्रश्न सरल और सीधे हैं उत्तर कठिन जटिल है अभिब्यक्ति भाषा और भावनाओं से यह भी बधें होते सीमाओं के दायरे में सुनो जानना ही...
    6 वर्ष पहले
  • औघट घाट
    आंधी की तरह उड़कर एक राह गुजरती है, - आंधी की तरह उड़कर एक राह गुजरती है, यह उन दिनों की बात है। जब गर्मियां शुरू हो गई थी। उस वक्त पतझर शुरू नहीं हुआ था हालांकि, फिर भी पेड़ों से पत्तों के खिरन...
    6 वर्ष पहले
  • Computer Tips & Tricks
    Whatsapp tricks and cheats-किसी के status video को कैसे डाउनलोड करें - नमस्कार दोस्तों hindi me ब्लॉग पर आप का स्वागत है.आज कल दुनिया भर में सबसे अधिक WhatsApp मैसेंजर का उपयोग किया जाता है.WhatsApp मैसेंजर का सबसे अधिक उपयो...
    6 वर्ष पहले
  • नारी , NAARI
    धारा ३७७ को यानी होमोसेक्सुअलिटी को अब क्रिमिनल ओफ्फेंस नहीं माना जायेगा। - कुछ समय से सुप्रीम कोर्ट ने कुछ नए निर्णय लिये हैं या यूँ कहिये जजमेंट दिये हैं धारा ३७७ को यानी होमोसेक्सुअलिटी को अब क्रिमिनल ओफ्फेंस नहीं माना जायेगा। द...
    6 वर्ष पहले
  • My Unveil Emotions
    🟧 (OB 121) सौदागर (लघुकथा) - 🟧. TR KS 5001C सौदागर ” प्रोफेसर सैन और प्रोफेसर देशपांडे सरकारी मुलाजिम हैं, तनख्वाह भी एकै जैसी मिलत है लेकिन ई दुइनो जब से निरीक्षक भइ गए हैं तब से प्...
    6 वर्ष पहले
  • World of an Indian cartoonist!
    Will Kumaraswamy survive as Karnataka CM? - Will Kumaraswamy survive as Karnataka CM?: How long will Kumaraswamy survive as CM of Karnataka? Will BJP be able to pouch JDS/Congress MLAs to form gov...
    6 वर्ष पहले
  • मैं घुमन्तू
    चिंता का एक सबब सिक्किम में - सिक्किम के पहाड़ पर एक स्कूल है, और स्कूल में हैं कुल ढाई सौ बच्चे। इसी स्कूल में सातवीं क्लास में पढ़नेवाले दो बच्चे हमारे भी हैं। दिल्ली शहर की धूल-धक्क...
    6 वर्ष पहले
  • कबिता,आलेख और मैं
    प्यार जीवन की सुन्दर कहानी सी है - प्यार रामा में है प्यारा अल्लाह लगे ,प्यार के सूर तुलसी ने किस्से लिखे प्यार बिन जीना दुनिया में बेकार है ,प्यार बिन सूना सारा ये संसार है प्यार पाने क...
    6 वर्ष पहले
  • मैं , लेखनी और ज़िन्दगी
    प्यार जीवन की सुन्दर कहानी सी है - प्यार रामा में है प्यारा अल्लाह लगे ,प्यार के सूर तुलसी ने किस्से लिखे प्यार बिन जीना दुनिया में बेकार है ,प्यार बिन सूना सारा ये संसार है प्यार पाने क...
    6 वर्ष पहले
  • संकलन
    परेशाँ रात सारी है ...... क़तील शिफाई - * परेशाँ रात सारी है सितारों तुम तो सो जाओहमें ये रात भारी है सितारों तुम तो सो जाओ तुम्हें क्या आज भी कोई अगर मिलने नहीं आयाये बाज़ी हमने हारी है स...
    6 वर्ष पहले
  • Pahaadi stuff !
    एक गढ़वाली कविता- चुष्णा वन्दना - *एक गढ़वाली कविता- चुष्णा वन्दना * *या कविता मेरी सारि चुष्णा पर * *ध्यान लगावा बिंग्यणा मा ,* *सुण्ण तुमुन त टक लगै की* *नी सुण्दै त चुष्णा मा। * *बडो ...
    6 वर्ष पहले
  • हर तस्वीर कुछ कहती है ...
    अटल जी आपको सादर नमन और हार्दिक श्रद्धांजलि - *"मैं ऐसे भारत का सपना देखता हूँ जो समृद्ध और मजबूत है। ऐसा भारत जो दुनिया के महान देशों की पंक्ति में खड़ा हो..."* * - अटल बिहारी वाजपेयी* *भारत के एक...
    6 वर्ष पहले
  • ZEAL
    दलित - आज़ादी के 71 साल हो गए लेकिन देश की माटी से पैदा होने वाला हर नेता, दलित-दलित ही खेलता है आज भी।
    6 वर्ष पहले
  • वीर बहुटी
    - * गज़ल * रहे बरकत बुज़ुर्गों से घरों की हिफाजत तो करो इन बरगदों की खड़ेगा सच भरे बाजार में अब नहीं परवाह उसको पत्थरों की रहे चुप हुस्न के बढ़ते गुमां पर रही...
    6 वर्ष पहले
  • balliabole/ बलिया बोले
    अमर उजाला -
    6 वर्ष पहले
  • हाइकू
    बेटी जब ..... - ठठा पड़ता है भाई .... भौजाई मुंह बनाती है ! मुस्कुराते हैं पिता भी ... माँ वारी जाती है ! महकती है घर में ... बिटिया बनके आती है ! होती है ...
    6 वर्ष पहले
  • दीपक भारतदीप की शब्दयोग-पत्रिका
    दूसरे की फिक्र से कमाते हैं-दीपकबापूवाणी (Doosre ki Fikra se kamate hain-DeepakBapuWani) - *बेकारी के जो सताये हैं,* *राजमार्ग पर चले आये हैं।* *‘दीपकबापू’ दिल बहला लेते* *वादों का पिटारा जो वह लाये हैं।* *---* *वादों के व्यापारी हमदर्द वेश धरेंग...
    6 वर्ष पहले
  • हँसते रहो
    चंद टू लाइनर्स - दिन उजला और .....रात रंगीन है बीवी मायके में..सबकुछ हसीन है
    6 वर्ष पहले
  • SURYAVEDI
    रघबर जेल झाँसी - उनका नाम था रघबर , रखा तो रघुवर होगा पर जो चला सो चला रघबर ही चल पड़ा ! जाति के अहीर थे अहीर होते ही सीधे सादे और सरल थे सो रघबर भी ठेठ अहीर बिल्कुल सीधे ...
    7 वर्ष पहले
  • जिंदगी : जियो हर पल
    जलती धरती - रात आकर मरहम लगाती, फिर भी सुबह धरती जलन से कराहती , पानी भी उबलता मटके में ये धरती क्यों रोती दिनमें ??? मानव रोता , पंछी रोते, रोते प्राणी ढूंढते छांव ...
    7 वर्ष पहले
  • मेरा हमसफ़र
    यादो की नब्ज को मैंने टटोला बहुत ...... - यादो की नब्ज को मैंने टटोला बहुत ! मैं कसूरवार नहीं, मैंने बोला बहुत !! कौन सही, कौन गलत। ..... बड़ा कठिन था तय कर पाना !! मैंने खुद को धर्मकांटे में तोला ब...
    7 वर्ष पहले
  • KAVYA SUDHA (काव्य सुधा)
    कौने चोरवा नगरिया लूटले हो रामा - वह चालीस के आस पास की रही होगी। रंग सांवला पर आकर्षक गठा हुआ शरीर। मांसल शरीर सहज ही किसी को आकर्षित कर सकता था। सहज रूप से मुँहफट “रमेशर वाली” का अस...
    7 वर्ष पहले
  • Rhythm of words...
    जख्म.... - वो जो अक्सर फजर से उगा करते है सुना है दिल से बहुत धुआं करते है। जलता है इश्क या खुद ही जल जाते हैं कलमे में खूब चेहरे पढा करत...
    7 वर्ष पहले
  • ग़ज़ल गंगा
    चार पल की जिंदगी में चाँद सांसो का सफ़र - प्यार की हर बात से महरूम हो गए आज हम दर्द की खुशबु भी देखो आ रही है फूल से दर्द का तोहफा मिला हमको दोस्ती के नाम पर दोस्तों के बीच में हम जी रहे थे भूल ...
    7 वर्ष पहले
  • घुघूतीबासूती
    एक सपने की हत्या - कुछ मैंने की, कुछ तूने की कुछ मिलकर हम दोनों ने की इक सपने की हमने हत्या की । समझौतों का ये जीवन जीया मिलकर गरल कुछ हमने पीया जो करना था वह हमने न किया । ...
    7 वर्ष पहले
  • समय से साक्षात्कार
    टकराव नहीं, आम सहमति से ही तय हो सकता है राम मंदिर का निर्माण - *संतोष कुमार राय* राम जन्मभूमि को लेकर आम लोगों के मन में एकबारगी मंदिर-मस्जिद विवाद और हिंदू-मुस्लिम टकराव की ही बात आती है, जो उसका एक पक्ष है. जबकि, व...
    7 वर्ष पहले
  • भूली-बिसरी यादें
    मैं तेरे आरजू से - मैं तेरे आरजू से सख्त घायल हो गया, इस कदर चाहा की नीम पागल हो गया। रेत का अबंर रातो रात दलदल हो गया, रोया कोई इस तरह की सहरा भी जलधल हो गया। आसुओं क...
    7 वर्ष पहले
  • ચોપડાંપૂજન
    જયંત ખત્રીની "ધાડ" —એક નોંધ ----રાજુ પટેલ - જયંત ખત્રીની "ધાડ" —એક નોંધ https://ekatra.pressbooks.pub/kharabapor/back-matter/%E0%AA%A7%E0%AA%BE%E0%AA%A1-%E0%AA%B5%E0%AA%BE%E0%AA%B0%E0%AB%8D%E0%AA%...
    7 वर्ष पहले
  • यादें...
    जीवन नाम है ...पतझड़ का... - दास्ताँ.... पेड़ से बिछुड़े सूखे पत्ते की तन से उतरे आत्मा रूपी ...कपड़े लत्ते की ... -अकेला जीवन नाम है ...पतझड़ का... फिर पतझड़ में, पत्ता टूटा शाख़ से उसका,...
    7 वर्ष पहले
  • गौरेया
    कभी मेरे घर भी आना गौरैया! - आबिद सुरती - कहां गई गौरैया? क्यों नहीं दिखती गौरैया? सवाल और भी हैं। सवाल सबके लिए हैं। हम पहली बार जिस पक्षी से परिचित हुए थे, वह गौरैया थी। जिस पक्षी के लिए आंगन में...
    7 वर्ष पहले
  • नुक्कड़
    - आलेख विषय- महिला लेखन की चुनौतियां और संभावना -गीताश्री “कोई औरत कलम उठाए इतना दीठ जीव कहलाए उसकी गलती सुधर न पाए उसके तो लेखे तो बस ये है पहने-ओढे, नाचे ग...
    7 वर्ष पहले
  • एक ब्लॉग सबका
    बदलाव की सिर्फ बाते मत कीजिये आगे बढिए और जिम्मेदारी महसूस कीजिये.. सुगना फाउंडेशन - इस जबरदस्त ठण्ड में अगर आपकी अलमारियो और बक्सों में ऐसे कपडे भरे पड़े हैं जो आप कभी भी इस्तेमाल नहीं कर सकते तो उन्हें बाहर निकालिए ... आपके ये बेक...
    7 वर्ष पहले
  • आलोचक
    शरद कोकास की लम्बी कविता 'देह' पर राजेश जोशी की चिठ्ठी - *इस दुनिया में जो कुछ भी घटता है ,वह इस देह पर ही घटता है .* इस केन्द्रीय विचार के साथ रची गई है लम्बी कविता 'देह' जो प्रसिद्ध साहित्यिक पत्रिका 'पहल' क...
    7 वर्ष पहले
  • शरद कोकास
    शरद कोकास की लम्बी कविता 'देह' पर राजेश जोशी की चिठ्ठी - *पहल 104 में प्रकाशित शरद कोकास की लम्बी कविता 'देह' पर राजेश जोशी की चिठ्ठी * प्रिय शरद , बहुत दिन बाद तुम्हारी लम्बी कविता देह को पढ़ा है । हालांकि एक ...
    7 वर्ष पहले
  • अभिव्यंजना
    सर्दी ने ढाया सितम - नस्कार मित्रो। नव वर्षा की शुभकामनाओं के साथ मै सर्दी का एक तौहफा लेकर आई हूँ *सर्दी ने ढाया सितम* ठिठुरती काँपती ऊँगलियाँ माने नहीं छूने को कलम ...
    7 वर्ष पहले
  • banaras ka khana
    shalgam matar ki sookhi subzi - Turnips are not the favourite vegetable of many people I know, including my husband but there are some people who wait for winters so they can eat turnip...
    7 वर्ष पहले
  • Second thoughts First...
    Gift - “First we feel. Then we fall.” ― James Joyce in all cuts and fabrics I wear only funeral blacks in spite the pulse and the heart beat there are moments o...
    7 वर्ष पहले
  • हाशिया
    मोदी को मूडी की शह: आनंद तेलतुंबड़े - *आनंद तेलतुंबड़े अपने इस स्तंभ में मूडीज़ द्वारा मोदी सरकार को दी गई रेटिंग पर चर्चा कर रहे हैं. अनुवाद: रेयाज़ उल हक़* नोटबंदी और जीएसटी पर मोदी सरकार क...
    7 वर्ष पहले
  • Bharati pandit-a poet, writer & astrologer
    - *तुम्हारी सुलू – दूसरा दिन, दूसरा शो * फिल्म के प्रोमो देख-देखकर ही उत्सुकता जाग उठी थी इस फिल्म को देखने की...आखिरकार दूसरे दिन एंट्री ले ही ली थिएटर...
    7 वर्ष पहले
  • शेफ़ा कजगाँवी - شفا کجگاونوی
    - *ग़ज़ल* *____________* कहा हो हम ने कुछ , ऐसा नहीं है कभी तुम ने भी तो पूछा नहीं है *** मिला इन’आम सच कहने का उस को कड़ी है धूप और साया नहीं है *** सिखाया तज्...
    7 वर्ष पहले
  • भावाभिव्यक्ति
    दर-ब-दर - बालिश्त दर बालिश्त गुजरती उम्र, गिनती रही पोरों पे वो पड़ाव ,जो बदलते रहे मायने ज़िंदगी के , यादों की पुनरावृतियां लाती रही सुनामीयां, बस यूँ कटता रहा उबा...
    7 वर्ष पहले
  • हसरतें
    नहीं लगता मन उसके गांव - विवाह कितने साल पहले हुआ इसके लिये उंग्लियो का सहरा लेना पडता है पीछे पलट कर देखना पडता है सीते पिरोते अपने होने के सच को एक बार फ़िर याद करना पडता है सा...
    7 वर्ष पहले
  • दख़ल की दुनिया
    हमारा अपना महिषासुर - गौरी लंकेश एक दैत्य अथवा महान उदार द्रविड़ शासक, जिसने अपने लोगों की लुटेरे-हत्यारे आर्यो से रक्षा की। महिषासुर ऐसे व्यक्तित्व का नाम है, जो सहज ही अपनी ...
    7 वर्ष पहले
  • गुज़ारिश
    चंद्रघंटा माँ ( कुंडलिया ) - मैया तेरा तीसरा ,उज्ज्वल है अवतार। अर्ध चंद्र माथे सजा, घंटे का आकार। घंटे का आकार, चंद्रघंटा कहलाये अस्त्र शस्त्र दस हाथ,पुष्प उज्ज्वल अति *भाये* माँ से...
    7 वर्ष पहले
  • ज़ायका
    आलू और सिंघाड़े के आटे के पराठे - *आलू और सिंघाड़े के आटे के पराठे :* *सामग्री :* *उबला और छिलके उतारा हुआ आलू * *सिंघाड़े का आटा * *सेंधा नमक * *पिसी लाल मिर्च * *बारीक कटी हरी मिर्च * *बा...
    7 वर्ष पहले
  • KookyDom
    - *നടനം* നിനക്കായി, നീയായി രചിച്ച നടനകലയിലെ ഒരു രംഗം മാത്രമാണ് ഞാൻ എൻ്റെ ചുവടുകൾ പിഴച്ചിട്ടില്ല ഓരോ നാദത്തിനും താളത്തിനും ഒത്തൊരുനാളമായി എന്നെ മറന്നു...
    7 वर्ष पहले
  • कविता
    ख्वाव तेरे किरचियाँ बन ... - ख़्वाब तेरी किरचियाँ बन आँखों को अब चुभने लगी गम की आँधियाँ इस तरह ख्वाबों के धूल उड़ा गए मंज़िल पास थी रास्ता साफ था दो कदम डग भरने थे गलतफहमी की ऐसी हवा ...
    7 वर्ष पहले
  • ना जादू ना टोना
    आप भी करोड़पति बनना चाहते हैं? - *करोडपति बनाने की इच्छा किसकी नहीं होती लेकिन धर्म और परम्पराओं के नाम पर या अज्ञानतावश कई बार हम ऐसे विश्वास पाल लेते हैं जिनसे हमें कुछ मिलना तो दूर ...
    7 वर्ष पहले
  • कविताओं के मन से....!!!!
    “ रे मन ” - *रूह की मृगतृष्णा में* *सन्यासी सा महकता है मन* *देह की आतुरता में* *बिना वजह भटकता है मन* *प्रेम के दो सोपानों में* *युग के सांस लेता है मन* *जीवन के ...
    7 वर्ष पहले
  • KISHORE CHOUDHARY
    एक जोड़ी पुराने जूते - जब कहीं से लौटना होता है तब दुःख होता कि यहाँ से क्यों जा रहे हैं. किन्तु कभी-कभी लौटते समय दुःख होता है कि आये क्यों थे. रंग रोगन किये जाने और नया फर्श डा...
    7 वर्ष पहले
  • काहे को ब्याहे बिदेस....
    सभ्य और कुलीन पुरुषों ने उसे ऊँचे दर्जे की वेश्या कहा, इंटेलिजेंट औरतों ने बिम्बों, मोटे दिमाग की आवारा! - वो लम्बी, इकहरे बदन की बेहद खूबसूरत शोख लड़की, अमीर परिवार में पैदा हुई थी. उसने दरवाज़े की आड़ में पिता का हाथ माँ के गाल पर पड़ता सुना और देखा था. जब वह छ...
    7 वर्ष पहले
  • Rajput World
    अनुशासनहीन होती हमारी नई पीढ़ी - वर्ष 1997 में अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा द्वारा दिल्ली के लालकिले पर एक राष्ट्रीय सभा का आयोजन किया गया था। आयोजन से जुड़े लोग बताते है कि उस सभा में देशभर...
    7 वर्ष पहले
  • MUMBAI MADRASI
    Her : 5 - *With a bouquet in his hands he stood at the cemetery gates, anxious like his first date.**He had never visited a graveyard before. But since she had now ...
    7 वर्ष पहले
  • पढ़ते-पढ़ते
    वेरा पावलोवा की दो कविताएँ - *"एल्बम फॉर द यंग (ऐंड ओल्ड)" नाम है वेरा पावलोवा के नए कविता संग्रह का. पिछले कविता संग्रह "इफ देयर इज समथिंग टू डिज़ायर" की तरह इस संग्रह की कविताओं का भ...
    7 वर्ष पहले
  • शब्द संवेदन (shabd samvedan)
    क्षणिका - कसौटियों पर तप तप कर जीवन हुआ कुंदन - कुंदन सीले सपनों से फूटी कोपलों पर रीझे मन मधुकर वृन्दावन #वन्दना
    7 वर्ष पहले
  • प्रेम अकेला कर देता है
    मन का टुकड़ा मनका बनाकर - मन का टुकड़ा मनका बनाकर मनबसिया का ध्यान करूं | प्रेम की राह बहुत ही जटिल है ; चल- चल कर आसान करूं | (१५ जुलाई २०१७, रात्रि )
    7 वर्ष पहले
  • रविकर-पुंज
    रविकर की कुण्डलियाँ - *बानी सुनना देखना, खुश्बू स्वाद समेत।* * पाँचो पांडव बच गये, सौ सौ कौरव खेत। सौ सौ कौरव खेत, पाप दोषों की छाया। भीष्म द्रोण नि:शेष, अन्न पापी का खाया । लस...
    7 वर्ष पहले
  • चलते -चलते...!
    हिन्दी ब्लॉगिंग : आह और वाह!!!...3 - गत अंक से आगे.....हिन्दी ब्लॉगिंग का प्रारम्भिक दौर बहुत ही रचनात्मक था. इस दौर में जो भी ब्लॉगर ब्लॉगिंग के क्षेत्र में सक्रिय थे, वह इस माध्यम के प्रति ...
    7 वर्ष पहले
  • "सच में!"
    - आओ न! नज़दीक! नहीं ! न सही! कम से कम, ख्यालों मे! न न! ख्वाबों में नहीं ! जब से तुम गये, नींद आई ही नहीं।
    7 वर्ष पहले
  • liveandletlive
    ALL INDIA TIMES OF INDIA STORY FOR GST RATES ON GARMENT - http://timesofindia.indiatimes.com/business/india-business/5-gst-for-cotton-yarn-12-for-high-end-clothes/articleshow/58982189.cms
    7 वर्ष पहले
  • कुछ कहानियाँ,कुछ नज्में
    प्रेम करती हूँ तुमसे - यमुना किनारे उस रात मेरे हाँथ की लकीरों में एक स्वप्न दबाया था ना उस क्षण की मधुस्मृतियाँ तन को गुदगुदाती है उस मनभावन रुत में धडकनों का मृदंग बज उ...
    7 वर्ष पहले
  • हरकीरत ' हीर'
    इश्क़ का बीज - लो मैंने बो दिया है इश्क़ का बीज कल जब इसमें फूल लगेंगे वो किसी जाति मज़हब के नहीं होंगे वो होंगे तेरी मेरी मुहब्बत के पाक ख़ुशनुमा फूल तुम उन अक्षरों से मुहब्...
    7 वर्ष पहले
  • My Expression
    डोलिया में उठाये के कहार - *डोलिया में उठाये के कहार * *ले चल किसी विधि मुझे उस पार * *जहाँ निराशा की ओट में * *आशा का सबेरा हो * *तम संग मचलता उजालों का घेरा हो * *जहाँ मतलबी नहीं अप...
    7 वर्ष पहले
  • आधा सच...
    हिंदी ब्लागिंग के कलंक ! - कल से ही सोच रहा हूं कि कम से कम अंतर्रराष्ट्रीय हिंदी ब्लागिंग दिवस पर कुछ तो लिखा जाए, मित्र भी लगातार याद दिला रहे हैं, पूछ रहे हैं कहां गायब है, इन...
    7 वर्ष पहले
  • गूंजअनुगूंज
    ब्लॉग दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं - बहुत अच्छा लग रहा है कि आज हिंदी ब्लॉग जगत में फिर से हलचल तेज़ हुई है। जिन लोगों ने भी इसके लिए प्रयास किए हैं,वे सभी प्रशंसा के पात्र हैं। ब्लॉग विचार अभ...
    7 वर्ष पहले
  • श्री राम की सहोदरी : भगवती शांता
    श्री राम की सहोदरी : भगवती शांता सर्ग-४ - भाग-1 कौशिकी-कोसी सृन्गेश्वर महादेव भगिनी विश्वामित्र की, सत्यवती था नाम | षोडश सुन्दर रूपसी, बनी रिचिक की बाम || मत्तगयन्द सवैया नारि सँवार रही ...
    8 वर्ष पहले
  • रोजनामचा...
    हिंसक किसान आंदोलन की वजह यूपी की कर्जामाफी ! - मंदसौर में किसानों का हिंसक प्रदर्शन ! *हिं*सक किसान आंदोलन के पीछे कांग्रेस की साजिश कहना सौ फीसदी गलत है, क्योंकि देश में कांग्रेस की जो हालत है वो किस...
    8 वर्ष पहले
  • Kanchan Neeraj
    Precocious - Fiona Palmer is unhappily married when a chance meeting with her former teacher plunges her headlong into an affair. But as their obsessive relationship g...
    8 वर्ष पहले
  • लफ्ज़-ऐ-अनिल अयान
    मै अपने दिल की रामकहानी लिखता हूं। - मै अपने दिल की रामकहानी लिखता हूं। अपनी पलकों से बहता पानी लिखता हूं। कविता मेरे अंतर्मन की परिभाषा है। कविता मेरे सपनों की अभिलाषा है। कविता मेरे संबल...
    8 वर्ष पहले
  • Ladli
    परवाह का आँचल !!! - माँ होती है एक साया आसमान जैसे कहीं भी रहो उसकी परवाह का आँचल सदा साथ रहता है !!
    8 वर्ष पहले
  • Ali Sohrab
    भारत में तीन तलाक़ 2002 से ही अवैध, फिर अब इसे कौन लाया? - [image: Image result for तीन तलाक]कई महीने से सुप्रीम कोर्ट में चल रहे ‘तीन तलाक़’ केस में अभी तक कोई नतीजा नहीं निकल पाया है, और यह मुद्दा कई तरह के ध्रुवी...
    8 वर्ष पहले
  • 'समीक्षा
    *हंसराज रहबर की पुस्तक "नेहरू बेनकाब" का अंश क्रमशः - 3 - "मोतीलाल दिलेर तबियत के शाह-खर्च आदमी थे, फिर उन्हें अपने-आप पर यह भरोसा था कि जितना खर्च करेंगे उससे कहीं अधिक बात की बात में कमा लेंगे। नतीजा यह हुआ कि...
    8 वर्ष पहले
  • विक्रम
    - कुछ यूँ ही कुछ तथाकथि‍त साहित्यकार साहित्य में हदय के उद्गार कम मन के कुविचार ,मन की कुंठा ज्यादा लिखतें हैं । ये बहुत ही निंदनीय और शर्म...
    8 वर्ष पहले
  • कहानियो के मन से .....
    तान्या - तान्या *आज **: **दोपहर १ बजे * मैंने सारे बर्तन सिंक में डाले और उन्हें धोना शुरू किया. आज मन कुछ अच्छा नहीं था. सुबह से ही अनमना सा था. कोई भी का...
    8 वर्ष पहले
  • My Creation
    संवेदना तो मर गयी है - एक आंसू गिर गया था , एक घायल की तरह . तुम को दुखी होना नहीं , एक अपने की तरह . आँख का मेरा खटकना , पहले भी होता रहा . तेरा बदलना चुभ रहा , महीन रेत की तरह ....
    8 वर्ष पहले
  • JAGO HINDU JAGO
    हिन्दू नववर्ष की हार्दिक बधाईयां और शुभकामनायें - हम भारतीय नव वर्ष का प्रारम्भ हिन्दू, चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से मानते हैं क्योंकि ? • इस तिथि से ब्रह्मा जी ने सृष्टि का निर्माण प्रारम्भ किया। • मर्या...
    8 वर्ष पहले
  • टूटी हुई बिखरी हुई
    कम्युनिटी हेल्थ में एक अद्भुत नाम डॉक्टर सुभाष - * किंग* जॉर्ज मेडिकल कॉलेज, लखनऊ से 1969 में MBBS करने के बाद डॉक्टर नरेश त्रेहन अमरीका चले गए और उनके साथ पढ़े डॉक्टर सुभाष चन्द्र दुबे गुरुसहायगंज। गुरसह...
    8 वर्ष पहले
  • हमर किछु मैथिली कविता
    फगुआ - एक बरख केर बादे आओत फेर ई पावनि फगुआ कोनटा धयने की बैसल छैं रे बुरबक दिनजरुआ मलपूआ तरकारी संगहि दहि -बाड़ा केर योग काजू किसमिस किदन कहांदन छप्पन तरहक भोग ...
    8 वर्ष पहले
  • TaNuJ-LinesFromHeart
    80 का दशक - किसी हाउसफुल थिएटर में दर्शक रामसे ब्रदर्स की क्लासिक हॉरर फिल्म देख रहे हैं जिसमें एक चुड़ैल पीछे से आदमी की गर्दन पकडती है और लोग डर के मारे काँप जाते है...
    8 वर्ष पहले
  • ज्योतिष -रत्न
    जब मन्त्र जप करना हो - हम अपने -अपने ईष्ट की पूजा तो अवश्य ही करते हैं। कभी ग्रह दोष मिटने के लिए पूजा-पाठ करते हैं तो कभी अपने ईष्ट के करीब रहने के लिए भी पूजन करते हैं। पू...
    8 वर्ष पहले
  • KAAVYA MAALA-POETIC GARLAND
    NAMAAMI SHAARDE - NAMAAMI SHARDE He sharde apni veena se fir prem ka raag jhankrit kardo Bharat ka maan tumhi se hai isko fir aaj alankrit kardo Saahas, s...
    8 वर्ष पहले
  • निर्भीक-आजाद पंछी
    हमारे जीवन का दर्शन ( दिसम्बर-2015 ) - *1* *दिसम्बर 2015** : मोहजीत अपनी देह से भी नष्टो मोहा होते हैं.* *2* *दिसम्बर 2015** : कथनी और करनी में समरूपता रखना ही महान आत्मा का लक्षण है.* *3* *दि...
    8 वर्ष पहले
  • मरासिम
    गम - शाम के साए बढ़ रहे थे ..डूबते सूरज की किरणों ने आसमान का किनारा नारंगी बना रखा था ..परिंदों को अपने अपने ठिकानो पर पहुचने की जल्दी थी ..काश मै भी एक परिंद...
    8 वर्ष पहले
  • मेरी डायरी...
    एक और डायरी पेज -4 - अब उसके कांधों पर सहारे वाले हाथ नहीं रहे। घर का बिखरा सामान जगह पर रखा जा चुका था, मैले कपड़ें धोए जा चुके थे। आते-जाते हर शख्स ने कहा कि सब पहले जैसा हो...
    8 वर्ष पहले
  • अ-शब्‍द
    जब तुम बोल रही थी - सुना मैंने तुम्हें पर वैसे नहीं जैसे तुम कहना चाहती थी कोशिश की मैंने बहुत पर कम नहीं कर पाया अहम आंखे झुका कर नजरें गड़ा कर सुनता रहा तुम्हें तुम बोलती र...
    8 वर्ष पहले
  • लघुकथा क्रान्ति
    रेषम का कीड़ा- कहानी संग्रह - 1. रेशम का कीडा़ हमारे पिता का स्वप्न एक बंगलेनुमा घर में रहने का था, सो उन्होंने शहर के बीच में 7000 स्क्वेयर फीट जगह में बं...
    8 वर्ष पहले
  • भारत दर्शन .....
    ‘फ्रांसीसी संस्‍कृति की खिड़की- पुडुचेरी 'और 'ओरोविला' - 'पुडुचेरी 'और 'ओरोविला' [चित्र को बड़ा देखने के लिए उस पर क्लिक करें]पुडुचेरी जिसे हम सभी पाँडिचेरी के नाम से जानते थे .पुडुचेरी इस राज्य का नया नाम है।भार...
    8 वर्ष पहले
  • my dreams 'n' expressions.....याने मेरे दिल से सीधा कनेक्शन.....
    प्रेम- विवाह से पहले या बाद...... - बदलते दौर में सब कुछ अलग सूरत अख्तियार करता जा रहा है.....यहाँ तक की भावनाएं भी बदल गयी हैं....सोच तो बदली ही है| प्रेम जैसा स्थायी भाव भी कुछ बदला बदला लग...
    8 वर्ष पहले
  • Desires
    मुझे भी अजनबी सा लग रहा है मेरा ये घर... - *मैं अपने घर में ही अजनबी हो गया हूँ आकरमुझे यहाँ देखकर, मेरी रूह डर गयी हैसहम के आरज़ुएँ कोनों में जा छुपी हैंलवें बुझा दी हैं अपनी चेहरों की हसरत...
    8 वर्ष पहले
  • बना रहे बनारस
    हर नन्ही याद को हर छोटी भूल को नये साल की शुभकामनाएं! - सर्वश्वेरदयाल सक्सेना की ये कविता साल 2017 की आगवानी में व्हाट्सऐप ग्रुप से फ़ेसबुक तक घूम रही है। डिजिटल संसार में अपने प्रिय कवियों को विचरते देखना एक सु...
    8 वर्ष पहले
  • गुल्‍लक
    - दून लिटरेचर फेस्टिवल 2016 ---------------------------------- माइक पर राजेश उत्‍साही । मंच पर बाऍं से मनोहर मनु, मुकेश नौटियाल, उदय किरौला, दिनेश चमोला,...
    8 वर्ष पहले
  • म्हारा हरियाणा
    - namste
    8 वर्ष पहले
  • विडियो पैलेस
    Indira Gandhi - Interview - TV Eye - 1978 -
    8 वर्ष पहले
  • feminist poems
    नक्कारखाना समाज - इतना खराब भी नहीं होता समय से पहले बड़े हो जाना सोचना अपने आसपास के लोगों के बारे में गुदगुदे गद्दों की जगह हकीकत की पथरीली ज़मीन पर सो जाना बुरा तो वह भी न...
    8 वर्ष पहले
  • Hot ñ Cool Mails
    Watch online Supergirl, Arrow, The Flash, Legends of Tomorrow Crossover episodes : Heroes vs Aliens - Supergirl, Arrow, The Flash, Legends of Tomorrow Crossover: Heroes vs Aliens! event is almost here. It's all starting from, *Supergirl – Medusa (Monda...
    8 वर्ष पहले
  •  Apparition of M.I.N.E.
    Do me a favor.. - Can you read it for me as I cant gather the strength to revisit the memoirs that have all the powers to trap me in the flood of emotions Of all the good a...
    8 वर्ष पहले
  • Blog-a-Ton
    Vote for your BAT 58 Favorites - Voting ends at 23:59 hrs (IST) on November 13, 2016. Remember, that means time stamp of your comment can be at most 23:59 on November 13, 2016 and not 00:0...
    8 वर्ष पहले
  • anandkriti
    दीपावली के दीप....... - ********************************************* *चलो......फिर से दिवाली का इक जश्न मनाना है* *गिले शिकवे के तिमिर से.....मुक्त मन बनाना है* *अमावस की नि...
    8 वर्ष पहले
  • Life is Just a Life
    सैनिक Sainik - 3 - वो सैनिक है आसमान सी छाती लेकर फिरता है, धरती के हक़ में सुभाष की थाती लेकर फिरता है। वो धागा कितना दृढ़ होगा, जिसे कभी न मिली कलाई, कैसी होगी बहन वो जिसने, ...
    8 वर्ष पहले
  • प्रतीक माहेश्वरी
    सब धंधा है! - भईया, हमारी मानो तो सब बिजनस है, बिजनस। जहाँ आँख गड़ती है, कारोबार ही नज़र आता है। जहाँ चलता हूँ, लोग दर-मुलाई करते हुए पाए जाते हैं। घर-चौराहा-शहर-ऑफिस-संसद...
    8 वर्ष पहले
  • मेरा रचना संसार
    चतुष्पदी - हमें भी साथ तुम्हारा ही रास आता है। तुम्हें भी बीच में अपने न कुछ सुहाता है। मुहब्बतों के ये पल भी हसीन हैं कितने।। हमारे साथ साथ चाँद मुस्कुराता है। ******...
    8 वर्ष पहले
  • छाया चित्र (Chhaya Chitra - Photography)
    Krishan Balram Mandir, Jagatpura, Jaipur - (Akshya Patra) - Janmashtmi - 25th Aug.,2016
    8 वर्ष पहले
  • सद़विचार
    आज का सद़विचार 'सफलता और शांति '' - काम इतनी शांति से करो कि सफलता भी शोर मचा दे !!! - अज्ञात
    8 वर्ष पहले
  • विचार बिन्‍दु
    आत्‍म-साक्षात्‍कार - श्रावण की पूर्णिमा बीते अभी कुछ दिन ही हुए। कल दोपहर से जो पवन सरसरा रही थी, चटक धूप में घुल-मिल जाने के बाद भी उसका एहसास शीतल था। शाम और रात को हवा का स...
    8 वर्ष पहले
  • सुज्ञ
    सेवा कृतज्ञता और क्षमा - एक राजा था। उसने 10 खूंखार जंगली कुत्ते पाल रखे थे। जिनका इस्तेमाल वह लोगों को उनके द्वारा की गयी गलतियों पर मौत की सजा देने के लिए करता था। एक बार कुछ ऐसा...
    8 वर्ष पहले
  • ग़ज़ल गुलदस्ता
    यही सत्ता का उन्माद है यहां. - कहने को हम आजाद हैं यहां. पर कितने ही बरबाद हैं यहां. अपनी ढ़पली अपना राग है. सब बहुत बडे़ उस्ताद हैं यहां. शांतिसेवको में फैली अशांति. होते रोज नये फसाद ...
    8 वर्ष पहले
  • दीपक बाबा की बक बक
    रात भर - रात भर मेघ बरसते रहे रात भर धरती भीगती रही पेड़ों के पत्ते खामोश रहे, रात भर और चांदनी भी मुंह चुराती रही कुछ सुना तुमने.. क्या.. दिल मेरा धडकता रहा रात भर....
    8 वर्ष पहले
  • बतकुचनी
    हम इकट्ठे होते हैं लेकिन सिर्फ तब जब जनाजे उठते हैं... - भाभी जान कैसी हैं आप...? शादी के बाद भाभी तो कई लोगों ने कहा लेकिन भाभी जान...मन में पहला ख्याल यही आया कि इस लड़के के घर में भाभी को वाकई मां का दर्जा दि...
    8 वर्ष पहले
  • "आगत का स्वागत"
    - सुपर-मैन कहानी -सरोज सिंह _______________ थर्ड पीरियड के ओवर होते ही वैभव सुपर-मैन टॉय बैग से निकालकर अमन को दिखाते हुए बोला, "अमन, ये देखो" "वाओ ...
    8 वर्ष पहले
  • इंडियन ब्लोगर्स वर्ल्ड
    What is Facebook marketing Get traffic leads and sales learn in Hindi Urdu - What is Facebook marketing Get traffic leads and sales learn in Hindi Urdu [image: YouTube Demo] Learn More
    8 वर्ष पहले
  • ,
    समझ सके तो ले समझ ,,, -
    8 वर्ष पहले
  • चलें गाँव की ओर
    युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत – श्री विमलेश कुमार त्रिपाठी (देवरिया) - श्री विमलेश कुमार त्रिपाठी जी हाँ, आइए, आप लोगों को मैं श्री विमलेश कुमार त्रिपाठी से मिलवाता हूँ। विमलेश कुमार त्रिपाठीजी नोनापार (देवरिया) के रहने वाले...
    8 वर्ष पहले
  • भड़ास blog
    The worldwide economic crisis and Brexit - Brexit is a product of the worldwide economic recession, and is a step towards extreme nationalism, growth in right wing politics, and fascism. What is t...
    8 वर्ष पहले
  • तितली (बच्चों के लिए ब्लॉग )
    बन्दर का संदेसा - क्या मानव को सूझा फिर से , कौतुक कोई न्यारा या संदेसा लिखकर भेजा, उसने कोई प्यारा कैसा यह नोटिस है मम्मा, मुझको भी बतलाओ पढ़ना लि...
    8 वर्ष पहले
  • Blog World.Com
    इतिहास रच सकती हूँ मैं - मैंने आहुति बनकर देखा, यह प्रेम यज्ञ की ज्वाला है - यह कहना है कानपुर निवासिनी श्री हरीचन्द्र जी और श्रीमती जमुना देवी जी की योग्य सुपुत्री सुषमा कुमारी ...
    9 वर्ष पहले
  • अंजुमन
    बन्नी / विवाह-गीत (लोक-गीत) - गौरा-पार्वती के आगे, शंकर-पार्वती के आगे अपना भाग माँगन जैहें हाँ... सुहाग माँगन जैहें..... बाबा ऐसो वर ढूँढ़ो, मैया ऐसो वर ढूँढ़ो जिनके हों लक्ष्म...
    9 वर्ष पहले
  • अनुभूतियों का आकाश
    प्रश्न अनुत्तरित... - तुमने मेरे लिए क्या किया ये ज्वलंत सवाल गाहे बगाहे जीवन को छलनी करता रहा और मैं आगे और आगे बढ़ता रहा मैंने सोचा वाकई गहरा है ये पूछना तुमने क्या किय...
    9 वर्ष पहले
  • *काव्य-कल्पना*
    तुम्हारी धुन पर नाचे आज मेरे गीत.... - तुम्हारी धुन पर नाचे आज मेरे गीत, कहो तुम हो कहाँ ओ व्याकुल मन के मीत। झंकृत है ये तन,मन और जीवन, हो रहा है ह्रदय नर्तन, थिरक कर कर रही कोशिश, झूमने की आज द...
    9 वर्ष पहले
  • नयी पुरानी हलचल
    The Kapil Sharma Show–Episode 10 -
    9 वर्ष पहले
  • Singhnad
    मौन शाश्त्रार्थ - कई शताब्दियों पहले इटली में पोप ने यह आदेश दिया कि सभी यहूदी कैथोलिक में परिवर्तित हो जाएं अन्यथा इटली छोड़ दें. यह सुनकर यहूदी समुदाय में बहुत रोष व्याप्त...
    9 वर्ष पहले
  • सादर ब्लॉगस्ते!
    अम्मा जी का मृत्यु उत्सव - शाम को 6 बजे अम्मा जी ने अंतिम सांस ली और घर में कोहराम सा मच गया आनन फानन सभी रिश्तेदारों को फ़ोन किये जाने लगे घर के सभी लोग दुखी कम और परेशान ज्यादा दिखा...
    9 वर्ष पहले
  • मोहब्बत नामा
    Muskan (Hindi latest shayri Nazam,Gazal) - * मुस्कान * जिन्दगी में वो हैं तो जीने में है लुत्फो सुरूर , गर नही वो साथ जीने का मज़ा कुछ भी नही . ह...
    9 वर्ष पहले
  • वैतागवाड़ी
    सबद पर दस नई कविताएं - दस नई कविताएं *सबद* पर प्रकाशित हुई हैं. उनमें से एक नीचे है. सारी कविताओं को पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें. *व्‍युत्‍पत्तिशास्‍त्र* एक था चकवा. एक थ...
    9 वर्ष पहले
  • Anil Dayama 'Ekla'
    - मेरे गमों की चादर पर अक्सर मेरी माँ अपने आंसुओं से रफ़ू कर देती है जब सोता हूँ उसकी गोद में सर रख वो आज भी बालों में अंगुलियां रख हँस देती है। एकला।
    9 वर्ष पहले
  • तराने सुहाने
    Chalo Chale Maa - Asha Bhosle, Jagriti Song - Happy Mother's Day to all the viewers and audience. Here is another classics from the film 'Jagriti'. The beautiful song is rendered by Asha Bhosle, compo...
    9 वर्ष पहले
  • पंकज कुमार साह
    मेरी कविताएँ ( अप्रैल 2016 ) - आओ भारत माता की जय बोलते हैं क्या कहा नहीं बोलोगे कोई बात नहीं अपनी मां की ही जय बोल लो क्या कहा वो भी नहीं बोलोगे अरे भाई राम की नहीं रावण की ही जय बोल दो ...
    9 वर्ष पहले
  • आरसी
    - google img. मैदानों पगडंडियों में बिछी घास धूप के थपेड़ों में झुलसती है। कहीं पुआल की शक्ल में धू-धू कर जलती है फिर भी धरती की गहराइयों में छिपा कर रखती ...
    9 वर्ष पहले
  • मेरी छोटी सी दुनिया
    मेला - मैंने वो चक्रधरपुर में लगने वाले सालाना मेले से खरीदी थी. दो लीवर लगे हुए थे उसमें. बाएं वाले लीवर को दबाओ तो पीछे के दोनों पाँव झुक जाते थे, मानो बैठ कर ख...
    9 वर्ष पहले
  • Akela Chana
    Grasshoppers of विदर्भ and बुंदेलखंड - William Somerset Maugham का नाम शायद आपने सुना होगा । अंग्रेजी भाषा के मूर्धन्य नाटक कार , कहानीकार और उपन्यास कार हुए हैं । उनको अंग्रेजी साहित्य जगत म...
    9 वर्ष पहले
  • क्वचिदन्यतोSपि...
    शिवजी के ललाट पर बालचंद्र क्यों हैं ,पूर्णचन्द्र क्यों नहीं? - कौस्तुभ ने पूछा है कि शिवजी के ललाट पर बालचंद्र क्यों हैं ,पूर्णचन्द्र क्यों नहीं? अब सवाल है तो उत्तर भी होना चाहिए। किसी को यह भी लग सकता है कि भला य...
    9 वर्ष पहले
  • Light of Love
    The Light Changes - We were driving back from Shillong in January, when we stopped, hypnotized by this Sun setting in the womb of the mountains. Entire forests were afl...
    9 वर्ष पहले
  • कर्मनाशा
    बचा रहे थोड़ा मूरखपन - *कल रात सोने से पहले कुछ लिखा था वह आज यहाँ साझा है :* आज सुबह - सुबह मनुष्य के सभ्य होते जाने के बिगड़ैलपन की दैनिक कवायद के रूप 'बेड टी' पीते हुए उसे वि...
    9 वर्ष पहले
  • *साहित्य प्रेमी संघ*
    होलिका दहन - होलिका दहन एक हसीना थी बड़ी नाजनीना थी जलवे दिखाती थी सबको जलाती थी करती थी ठिठोली नाम था होली उसको था वरदान कोई भी इंसान उसका संग पायेगा बेचारा...
    9 वर्ष पहले
  • My Memoirs of Mesmerizing Memories
    Localul de evenimente La Rousse - Localul de evenimente La Rousse de prin orasul Timisoara str Closca te asteapta pt. a stabili organizarea la sarbatoarea anului. Localul La Rousse Timiso...
    9 वर्ष पहले
  • " किस्सा और कहानी, ग़ज़ल, गीत और चुटकुला, प्यार और दोस्ती"
    ऑनलाइन रिचार्ज करने के फायदे और तरीके । - फ्री में ऑनलाइन मोबाइल रिचार्ज करे और अपना रिचार्ज का खर्च करे आधा । दोस्तों कलियुग का मतलब कला का युग, अगर आपके पास कला है तो आपके लिए सबकुछ आसान है आजक...
    9 वर्ष पहले
  • Bharat yogi
    great man motivational quotes in hindi महान लोगो के अनमोल विचार - [image: inspirational quotes in hindi] ------------------------------ *Motivational quotes* यंहा आप पढेंगे महान लोगो के अनमोल वचन दोस्तों ये *hindi quotes*...
    9 वर्ष पहले
  • अपना घर
    पापा और बेटी - यहाँ आपको मिलेंगी सिर्फ़ अपनों की तस्वीरें जिन्हें आप सँजोना चाहते हैं यादों में.... ऐसी पारिवारिक तस्वीरें जो आपको अपनों के और करीब लाएगी हमेशा...आप भी...
    9 वर्ष पहले
  • मेरी कुछ हिंदी कवितायेँ
    - जो तुम ग़ुरूर से अपने निकल सको तो चलो रहो न बर्फ़ से जमकर पिघल सको तो चलो ये ज़िन्दगी कई शक्लों में तुमको ढालेगी हरेक शय में अगर तुम भी ढल सको तो चलो जो शख़...
    9 वर्ष पहले
  • पाज़ेब
    पृथ्वी न्यूज़ पेपर ( हास्य रचना ) - हास्य रचना ------ (प्रस्तुत हास्य रचना कल्पना पर आधारित हास्य मात्र है। पृथ्वी से एक समाचार पत्र प्रकाशित होता है, जिसके संवाददाता सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड ...
    9 वर्ष पहले
  • अभिरंजन कुमार का ब्लॉग
    अपनी विचारधारा के बारे में दो टूक - मैं जब सड़क पर पैदल चलता हूं या साइकिल चलाता हूं, तो बाएं चलता हूं, ताकि आती-जाती गाड़ियों से अपनी रक्षा कर सकूं। जब कार चलाता हूं, तो दाएं चलता हूं, ताक...
    9 वर्ष पहले
  • टैस्ट चर्चा मंच
    देश के लिए चिंता के क्षण - आज की चर्चा में आपका हार्दिक स्वागत है तकनीकि समस्या के कारण चर्चा मंच का लिंक कुछ समय के लिए उपलब्ध नहीं है । निरंतरता बनाए रखने के लिए आज चर्चा को वैकल्...
    9 वर्ष पहले
  • सप्तरंगी प्रेम
    प्यार का भी भला कोई नाम होता है ... - तुम मिले तो जिंदगी में रंग भर गए। तुम मिले तो जिंदगी के संग हो लिए। प्यार का भी भला कोई दिन होता है। इसे समझने में तो जिंदगियां गुजर गईं और प्यार आज भ...
    9 वर्ष पहले
  • writer neera jain : neera ki kalam se
    ज़िन्दगी - दिल की सारी बाते... कहनी है तुमसे... जिन बातो को लब्ज़... नही दे पाऊँगी.. वो बाते भी... आँखों से कहनी है.... कुछ भी ना छुपाऊंगी मैं... हर बात अपने दिल की....
    9 वर्ष पहले
  • ब्लॉग"दीप"
    स्वागतम् - मित्रों, सभी को अभिवादन !! बहुत दिनों के बाद कोई पोस्ट लिख रहा हूँ | इतने दिनों ब्लॉगिंग से बिलकुल दूर ही रहा | बहुत से मित्रों ने इस बीच कई ब्लॉग के लि...
    9 वर्ष पहले
  • सोचालय
    कुछ खयाल - चाय के कप से भाप उठ रही है। एक गर्म गर्म तरल मिश्रण जो अभी अभी केतली से उतार कर इस कप में छानी गई है, यह एक प्रतीक्षा है, अकुलाहट है और मिलन भी। गले लगने...
    9 वर्ष पहले
  • .
    हे माँ! -
    9 वर्ष पहले
  • ब्लॉग 4 वार्ता
    मकर संक्रांति 'तीळ गुळ घ्या आणि गोड गोड बोला' ब्लॉग4वार्ता....संध्या शर्मा - *संध्या शर्मा का नमस्कार.........तिल और गुड की मिठास आप सभी के जीवन को मिठास और आनंद से भर दे और मकर संक्रांति के सूर्योदय के साथ एक नए सवेरे का शुभारम्भ ...
    9 वर्ष पहले
  • भारतीय ब्लॉग समाचार
    सत्‍यमेव जयते ! ... (?): सफर 2015 से 2016 का... - सत्‍यमेव जयते ! ... (?): सफर 2015 से 2016 का...: 2016 आ गया। यह साल कैसा होगा, यह तो समय के गर्भ में हैं लेकिन हर कोई अपने अपने अंदाज में इसकी व्याख्या करन...
    9 वर्ष पहले
  • पिताजी
    पिताजी के जन्‍मदिन पर - पिता तो सद्गुणों का पता है : अविनाश वाचस्‍पति - परम पूज्‍य पिता स्‍व; डॉ. दिनेश चन्‍द्र वाचस्‍पति पिता प्रथम कुलपति हैं, बतलाने वाले कादम्बिनी मासिक पत्रिका के प्रधान संपादक शशि शेखर का यह कथन एकदम सच ह...
    9 वर्ष पहले
  • तुम हाँ तुम ....
    सालनामचा : २०१५ - कुछ कतरनें हैं बीतते बरस के शुरुआत की ****** "बाद मुद्दत के जैसे आफताब निकले, तो रौशनी को दरख्तों में बंद कर लेने की आरज़ू रहती है । तेरा प्यार भी कुछ ऐ...
    9 वर्ष पहले
  • Voice of Silent Majority
    कहाँ के थे - थोड़ा बरस के थम गए वो बादल कहाँ के थे आँखों में नमी शेष है आँसू यहाँ पे थे इस माहौल को देखते सोचता हूँ एक बात आदम यहां हैं तो अहरमन कहां पे थे कई बरस हो गए ...
    9 वर्ष पहले
  • फ़िल्म जगत
    खाटू श्याम प्रभु जी के हिन्दी भजन - खाटू श्याम प्रभु जी के हिन्दी भजनों की रिकार्डिंग के दौरान कोलकाता के मुरली स्टूडियो में 14 दिसम्बर 2015 के अवसर पर उपस्थित गायिका प्रतिभा सिंह, मेगा म्य...
    9 वर्ष पहले
  • मेरी नज़र से
    मील के पत्थर (१२) - चलते चलते .... रास्ते सपनों के हों या कर्तव्यों के ईश्वर का वजूद मिलता है प्रार्थना के बोल अपनी मनःस्थिति के अनुसार निःसृत होते हैं ......... *व...
    9 वर्ष पहले
  • बनारस के कवि और शायर
    सूचना - *मैनें अपने तीन व्यक्तिगत ब्लागों “ग़ज़लों का ब्लॉग”, “गीतों का ब्लॉग” और “रोमांटिक रचनाएं”, ब्लॉग को एक ही ब्लॉग प्रसन्नवदन चतुर्वेदी 'अनघ' में...
    9 वर्ष पहले
  • random clicks
    The reed on top of the mountain... - *Listen to the reed and the tale it tells,How it sings of separation...* *~Rumi*
    9 वर्ष पहले
  • वाह! ज़िंदगी...The Life !
    The Spider -
    9 वर्ष पहले
  • कार्तिक का ब्लॉग
    दीपावली की चित्रावली - *आप सभी को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं |*
    9 वर्ष पहले
  • Blog News
    आयुर्वेदिक चाय - irshad rafik at Dr Irshad - 1 day ago आयुर्वेदिक चाय लाभ-- इस पेय के सेवन से शरीर में स्फूर्ति व मस्तिष्क में शक्ति आती है । पाचनक्रिया में सुधार होता है ...
    9 वर्ष पहले
  • Cg Radio
    याद करें अपना बचपन....हमारी बातों और गीतों के साथ - बचपन बचपन-एक ऐसा शब्द जिसकी मधुर स्मृतियाँ हर जेहन में जीवन भर बसी होती है, जिनको याद करना, कल्पनाओं में स...
    9 वर्ष पहले
  • Hindi Blogs
    मोबाइल पर पढ़ें हिन्दी न्यूज बस 1 मिनट में - *योहो न्यूज़: पढ़ें 1 मिनट में हिन्दी ख़बरें फटाफट*अब आप अपने मोबाइल पर हिंदी में ख़बरें पढ़ सकते हैं--वो भी सिर्फ़ 1 मिनट के अन्दर। जी हाँ, अब अपनी ही भाषा में...
    9 वर्ष पहले
  • ख्वाहिश
    Overburdened with Spirituality - I observed that many times spiritual people including me get so overwhelmed with their wisdom n understanding of life that they start feeling, there can't ...
    9 वर्ष पहले
  • काँव काँव publication ltd
    याद - डॉक्टर साहब गर्मियों की छुट्टियों में आते थे, नीचे शहर से। जैसे सभी लोग आते थे। और चले जाते थे, जब सब लोग चले जाते थे। बस एक दिन और रहकर।
    9 वर्ष पहले
  • "ख़्वाबों का तसव्वुफ़"
    दूरियों के मौसम... - जाने हम किसी बात पे ज़रा मुस्कुरा क्या दिए उन्हें लगा बगैर उनके सुकूँ से जी रहे हैं बदनसीब हैं उन्हें बता भी नहीं सकते हर लम्हा ज़हर के घूँट पी रहे हैं उस...
    9 वर्ष पहले
  • भरत ...
    तू आ भी जा - ‪भरत तिवारी #‎फैज़ाबादी‬ : Poem by Bharat Tiwari #Faizabadi - तू आ भी जा (Richard Diebenkorn, Girl Looking at Landscape, 1957. Oil on canvas) तू आ भी जा कि मिट सकें मायूसियाँ ज़हन से, तू आ भी जा भर ले मुझे मख़मली आग़ो...
    9 वर्ष पहले
  • samandar
    mahangi daal par - मित्रों, आजकल दाल की बढ़ी कीमतों पर बहुत हल्ला मचा है, बात सही भी है। मगर देखने में यह भी आ रहा है कि हल्ला मचाने वाले वह गरीब लोग नहीं हैं जो इससे प्रभावि...
    9 वर्ष पहले
  • OM SAI (लोको चालक )
    Minimum qualification for Asst Loco Pilot in Railway - Minimum prescribed educational qualification for direct recruitment to the post of Assistant Loco Pilot (Diesel/Electric) in Pay Band-1 (Grade Pay:-1900)...
    9 वर्ष पहले
  • रचना रवीन्द्र
    एक रामलीला यह भी - एक रामलीला यह भी यूं तो होता है रामलीला का मंचन वर्ष में एक बार पर मेरे शरीर के अंग अंग करते हैं राम, लक्ष्मण, सीता और हनुमान के पात्र जीवन्त. देह की सक...
    9 वर्ष पहले
  • अक्षर स्पर्श
    लाग्छ अनेक रहस्यहरुको खुलासा हुँदै छ - लाग्छ अनेक रहस्यहरुको खुलासा हुँदै छ घर, आँगन चोक मैदानमा तमासा हुँदै छ मरेको दिन झिल्को काफी हुन्छ तिम्रो मुक्तीलाई अजम्बरी छन् कि कोहि ? कस्को गुनासा ह...
    9 वर्ष पहले
  • सामान्‍य ज्ञान कोश
    भारतीय राज्‍यों के वर्तमान मुख्‍यमंत्री एवं राज्‍यपाल - *राज्‍य * *मुख्‍यमंत्री * *राज्‍यपाल* आन्‍ध्र प्रदेश एन. चन्‍द्रबाबू नायडू ई.एस.एल. नरसिम्‍हन अरुणाचल प्रदेश नाबाम टूकी ज्‍योति प्रसाद राजखोवा असम तरुण...
    9 वर्ष पहले
  • Shabd Setu
    गाय तथा सूअर की चर्बी पर 1857 की क्रान्ति ही नहीं हुयी थी 2017 की भी क्रान्ति होगी - "मुसलमान गऊ मांस न खाएं पर गाय क्या खाये यह हिन्दू बताएं ?... क्या "गाय क्या खाये" इसकी कोई धार्मिक सामाजिक व्यवस्था है ?.... सुपोषित गायें गऊ वंश में अ...
    9 वर्ष पहले
  • तीसरा नेत्र
    - मनुष्यता को बचाने वाले कम नहीं थे कदम कदम डेरे बसेरे थे उनके सड़कें थी गाडियां थी आसमान को छूने वाली आतिशबाजियां थी तरह तरह के घुड़सवार थे बग्घियां थी राजसी ...
    9 वर्ष पहले
  • Zindagi se muthbhed
    अज़ीज़ जौनपुरी : तोड़ दी माला किसी नें - *नाम चरणामृत का लेकर* *विष पिला डाला किसी नें * *जब सुमिरनी हाथ में ली* *तोड़ दी माला किसी नें * *सत्य की इक मूरत गढ़ी थी * *चूर कर डाला किसी ...
    9 वर्ष पहले
  • चहल-पहल
    त्यौहार - मुझे याद है जब हम छोटे थे नवरात्री की अष्टमी से दिवाली की छुट्टियाँ लग जाती थीं। झाबुआ जिले के रानापुर में रहते पहली बार गरबे सीखे थे। दशहरे के दिन से रोज़...
    9 वर्ष पहले
  • UDAY PRAKASH
    जिसके कंठ से पृथ्वी के सारे वृक्ष एक साथ कविता पाठ करते थे : मिगुएल हर्नान्देज़ - मिगुएल हर्नान्देज़ ऐसा कवि नहीं था , जैसा हम अक्सर अपने आसपास के कवियों के बारे में जानते-सुनते हैं. उसका जीवन और उसकी कवितायेँ , दोनों के भीतर संवेदना, अनु...
    9 वर्ष पहले
  • ज्ञान - संसार
    i love govt jobs - The young graduates of India have considerable opportunities affecting their profession. They will have the decision to work in public sector, private sec...
    9 वर्ष पहले
  • समाचार NEWS
    Get the growth from government jobs - This job is meant for you in all times. Every one of us is well-aware of the fact when downturn began, that the international job scenario really went unde...
    9 वर्ष पहले
  • Unmanaa
    THE MOMENT WHEN I WAS REALLY FRIGHTENED - आइये आज आपको मिलवाती हूँ एक नवोदित उभरती हुई रचनाकार से ! यह है वाणी, मेरी पोती, जो कक्षा ९ की विद्यार्थी है ! आज पढ़िए उसका लिखा हुआ यह अनुभव जो उसने कु...
    9 वर्ष पहले
  • वेब मीडिया:Web Mediya
    इन तरीकों से आप अपने एंड्रायड स्मार्टफोन को कर सकेंगे ठीक - आज के टाइम में स्मार्टफोन जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है, इसमें जरा भी परेशानी आएं तो माथे पर शिकन आ जाती है, ऐसे में आप फौरन इसे लेकर सर्विस-सेंटर भागत...
    9 वर्ष पहले
  • ख़ामोशी
    Hellions (2015) Beste Kwaliteit - Watch Movie Hellions Full Streaming. Download Hellions For Free with duration 120 Min and released on 2015-12-31 with MPAA rating is 1. - *Original Ti...
    9 वर्ष पहले
  • Pitt Audio - पिट ऑडियो
    हरिशंकर परसाई - ऑडियो - *मेरी जन्म-तारीख 22 अगस्त 1924 छपती है। यह भूल है। तारीख ठीक है। सन् गलत है। सही सन् 1922 है। ~ हरिशंकर परसाई * (*22 अगस्त 1922* :: *10 अगस्त 1955*) हि...
    9 वर्ष पहले
  • अपनों का साथ
    उसके लिए (सरोकार की मीडिया) - फेसबुक पर एक लेखक वर्ग ऐसा है जो हम जैसी घरेलू लेखिकाओं से बहुत डरता है क्योंकि हमारा लिखा (चाहे थोडा लिखें) तारीफ़ पाता है |ज्यादा की चाह के बिना हम अपन...
    9 वर्ष पहले
  • सर्प संसार (World of Snakes)
    सर्प संसार (World of Snakes) Play Store पर उपलब्ध है! - दोस्तों, अापको जानकर खुशी होगी कि आपका प्यारा '*सर्प संसार (World of Snakes)*' ब्लॉग अब Play Store पर उपलब्ध है, जिसे आप अपने मोबाइल में डाउनलोड करके कभी ...
    9 वर्ष पहले
  • शस्वरं
    मन गुरु में ऐसा रमा, हरि की रही न चाह - ॐ श्री गुरुवे नमः *ॐ ब्रह्मानंदं परमसुखदं केवलं ज्ञानमूर्तिम् ।* * द्वंद्वातीतं गगनसदृशं तत्वमस्यादिलक्ष्यम् ॥ एकं नित्यं विमलमचलं सर्वधीसाक्षीभूतम् । ...
    9 वर्ष पहले
  • उड़ान
    इंतज़ार - जानती थी कि हमारे रिश्ते को भी मिलेगी एक मंजिल और उसके आखिरी मोड़ तक चलूंगी तुम्हारे साथ हां, मंजिल तो मिली पर हाथ छुड़ा लिया तुमने ऐसा तो नहीं सोचा था मैंने ...
    9 वर्ष पहले
  • बैरंग
    चिट्ठियें दर्द फ़िराक़ वालियें - *गेब्रियल गरसिआ मार्क्वेज़ के उपन्यास "क्रॉनिकल ऑफ़ ए डेथ फोरटोल्ड" के कुछ अंश......* वह जैसे दोबारा जी उठी थी। वह मुझे बताती है "मैं उसके लिए पागल हो ...
    9 वर्ष पहले
  • Parul's world
    यादें बरसेंगी... - घिर आये हैं बादल, आज यादें बरसेंगी। तुझे देखने को आँखें, फिर से आज तरसेंगी। आंसू और बूँदें आज, हो जाएंगी एक जैसी। मिल जाएंगी ख़ाक में ...
    9 वर्ष पहले
  • Rahul-dilse-2
    इन का भी काम करना अपना भी काम करना............. - कागज़ की कश्ती में दरिया पार किया देखो हम को क्या क्या करतब आते हैं कौन सा क़हर ये आँखों पे हुआ है नाज़िल एक मुद्दत से कोई ख़्वाब न देखा हमने निगार ए सुभुु स...
    9 वर्ष पहले
  • उसने कहा था...
    सोऽहम् - (परसों, 7 जुलाई को गुलेरी जी की 132वीं जयंती थी. परदादा को याद करते हुए यहां उनकी एक व्यंग्यात्मक कविता, जो 'सरस्वती' पत्रिका में साल 1907 में प्रकाशित हु...
    9 वर्ष पहले
  • श्रीमती सपना निगम (हिंदी )
    तीर्थराज प्रयाग - सपना निगम - यहाँ माझी है नैय्या है पतवार है और गंगा यमुना की बहती धार है प्रयागराज तीरथ त्रिवेणी का संगम बहती यहाँ सत्संग की बयार है इन नदियों के पास मेरे दे...
    9 वर्ष पहले
  • anubuthi
    दो रंग - वह देखो ....देखो अरे देखो तो ज़रा , जन्मा पलको पे एक हंसी सपना , देखो ... निहारो .... सरहाओ, पनपा ... पला....सजा ...संवरा , देखो .... देखो .... अरे देखो तो ...
    9 वर्ष पहले
  • पूज्य पण्डित डॉ0 जयशंकर त्रिपाठी जी व्यक्तित्व एवं कृतित्व
    - * उपत्यका का अंकुर* ...
    9 वर्ष पहले
  • HINDI TAKNEEK 4 U
    Free Broken Link Checker - दोस्तों इस पोस्ट में, में एक वेबसाइट लाया हूँ जिससे आप अपनी वेबसाइट की ब्रोकन लिंक चेक कर सकते हैं और उन्हें ठीक कर सकते हैं वेबसाइट लिंक निचे दी हुई...
    9 वर्ष पहले
  • साझी विरासत
    सामाजिक परिवर्तन का दस्तावेज: ‘छांग्या रुक्ख’ - सामाजिक परिवर्तन का दस्तावेज: ‘छांग्या रुक्ख’ डा. सुभाष चन्द्र, हिन्दी-विभाग, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय पंजाब के दलित जीवन की त्रासदी को व्यक्त करती बलबीर ...
    10 वर्ष पहले
  • NIRAMISH
    Miinimization of Violence is Nonviolence in Itself - Original hindi article at niramish hindi blog : LINK Posted by : Shri Hansraj Sugya Translation by : shilpa mehta Many people say that vegetarian food a...
    10 वर्ष पहले
  • Mushayera
    "फासले इतने न अब पैदा करो" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक') - हौसले के साथ में आगे बढ़ो। फासले इतने न अब पैदा करो। जिन्दगी तो है हकीकत पर टिकी, मत इसे जज्बात में रौंदा करो। चाँद-तारों से भरी इस रात में, उल्लुओं सी ...
    10 वर्ष पहले
  • बच्चों का कोना
    गर्मी मीठे फल है लाती - लाल लाल तरबूजे लाती, गर्मी मीठे फल है लाती. आम फलों का राजा होता, बच्चों को मनभावन लगता. मीठे पके आम सब खाते, मेंगो शेक भी अच्छा लगता. खरबूजा गर्मी में आ...
    10 वर्ष पहले
  • जज़्बात...दिल से दिल तक
    दौर-ए-गर्दिश - लगता है सुलझाने में ही बीतेगी तमाम उम्र उलझी है जिंदगी किसी सवालात की तरह, ज़ाहिर करता है ऐसे पहचानता नहीं मुझे मिलता है हर बार पहली मुलाक़ात की तरह, बदले-...
    10 वर्ष पहले
  • Adhuray Khuwab
    Season My Best Friends -
    10 वर्ष पहले
  • Os ki boond
    रचनाएँ - दोस्तों एवं परिवार के सदस्यों आप सबकी शुभकामनाओं से आज दिल्ली/एनसीआर के अखबार ट्रू टाइम्स में मेरी दो रचनाओं को प्रकाशित किया गया है मैं सम्पादन टीम क...
    10 वर्ष पहले
  • PRESSPALIKA/प्रेसपालिका
    किसानों की आत्महत्या-लोकतंत्र की असफलता-डॉ. पुरुषोत्तम मीणा - किसानों की आत्महत्या-लोकतंत्र की असफलता-डॉ. पुरुषोत्तम मीणा ============================================= आत्महत्या किसी समस्या का समाधान नहीं, लेकिन आत्मह...
    10 वर्ष पहले
  • युग दृष्टि
    रंगून - ए फारबिडेन सिटी - स्वाभाव से मधु लोलुप और रस आखेटक होना, "चरन वे मधु विन्दति" अर्थात चलने वाला ही मधु पाता है वाले नारे को स्वीकार करने के लिए आवश्यक है. मै अपने को उसी प...
    10 वर्ष पहले
  • हरी धरती Hari Dharti
    गाँव का ज़िंदा रहना आपके ज़िंदा होने का सबूत है। - हर एक व्यक्ति के अन्दर एक गाँव होता है । गाँव कोई स्थान विशेष संज्ञा न होकर एक गुणवाचक शब्द है, जिसके अर्थ विस्तृतता में निहित हैं।.गाँव की मर्यादा क्षिति...
    10 वर्ष पहले
  • अखरावट
    ओएलएक्स और क्विकर के दौर में... - *पाखी पत्रिका में लोकप्रिय साहित्य पर आयोजित बहस में यह लेख भी शामिल है. लेखक मानता है कि एक कायदे के लेख में जिस तरह की तर्क-प्रणाली विकसित की जानी चाहिए...
    10 वर्ष पहले
  • " जीवन की आपाधापी "
    आखिर क्या है जिंदगी ??????? .......... >>> संजय कुमार - आखिर क्या है जिंदगी ? कभी धूप , कभी छाँव है जिंदगी कभी सुबह तो कभी शाम है जिंदगी ! कभी गम तो कभी ख़ुशी कभी मायूस तो कभी हंसी है जिंदगी ! कभी उमंग , कभी...
    10 वर्ष पहले
  • परिकल्पना
    हमारा सामाजिक परिवेश और हिंदी ब्लॉग - वर्तमान नगरीय समाज बड़ी तेजी से बदल रहा है। इस परिवेश में सामाजिक संबंध सिकुड़ते जा रहे हैं । सामाजिक सरोकार से तो जैसे नाता ही खत्म हो गया है। प्रत्येक...
    10 वर्ष पहले
  • दिल की बातें
    क्रिकेट विश्व कप 2015 विजय गीत - धोनी की सेना निकली दोहराने फिर इतिहास अब तो अपनी पूरी होगी विश्व विजय की आस | शास्त्री की रणनीति भी है और विराट का शौर्य , धोनी की तो धूम मची है विश्व ...
    10 वर्ष पहले
  • Abhilasha
    महिलाओं को कागजों पर मिले अधिकार, हकीकत में नहीं - भारतीय समाज में स्त्री-पुरुष की बराबर की भागेदारी है, अपने अपने दायरे हैं, अपने अपने क्षेत्र हैं. पुरातन काल में जब राजाओं का राज होता था तब आम स्त्रियों...
    10 वर्ष पहले
  • निरामिष
    गौमांस निषेध को अपना समर्थन दीजिए……… - सात आसान चरण गाय को गौमांस का सामान बनने से बचाने के लिए... 1. Visit the link : 2. Click 'Yes' 3. Click 'Submit' 4. Come back to this post 5. Copy the des...
    10 वर्ष पहले
  • Graffiti
    Meet my Suri! - I have a baby at home. His name is Suryakant, and we call him Suri. Suri is seven months old, and is a healthy and chubby baby. Suri is my elder brother’s...
    10 वर्ष पहले
  • लेखिका
    'मेरा मन उचट गया है त्यौहारों से' - मेरा मन उचट गया है त्यौहारों से… मेरे कान फ़ट चुके हैं सवेरे से लाउड वाहियत गाने सुनकर और फ़ुर्र हो चुका है गर्व। ये कौनसा रंग है मेरे देश का? बिल्कुल ऐसा ...
    10 वर्ष पहले
  • Synergy
    The Go-Getter - The year was 1986. She was 25, a university topper with high ambitions, when she had got married. If she were given a chance, she would have studied more,...
    10 वर्ष पहले
  • ITNI SI BAAT
    ' प्रभु-पत्थर'! -
    10 वर्ष पहले
  • तिमिर-रश्मि
    आया फागुन आया बसंत - *आया फागुन आया बसंत * *सूखे ठिठुरे थे जाड़े भर * *वे पादप भी है बौरमंत * *अनगिन पुष्पों के सौरभ से * *गर्भित होकर ...
    10 वर्ष पहले
  • एक कली दो पत्तियां
    कांच की गोलियां - कई बार सोचा निकाल फेंकूं बदन पर जोंक की तरह लगी कुछ लाल, पीली, गुलाबी कांच की गोलियां उन्हें खींचने के चक्कर में लहूलुहान हो जाती हूं खुद ही कभी ख्याल आत...
    10 वर्ष पहले
  • जय बाबा बनारस ...पुरविया.
    दोस्ती - बचपन के निस्वार्थ दोस्त आजकल कहा मिलते है आज तो दोस्त बस अपने अपने स्वार्थ को पूरा करने तक ही रहते है अब कहा है ऐसे दोस्त की दोस्त के माथे पर आये हुए पसीन...
    10 वर्ष पहले
  • नुक्कड़
    ‘खबर’ से ‘बयानबाज़ी’ में बदलती पत्रकारिता - मीडिया और खासतौर पर इलेक्ट्रानिक मीडिया से ‘खबर’ गायब हो गयी है और इसका स्थान ‘बयानबाज़ी’ ने ले लिया है और वह भी ज्यादातर बेफ़िजूल की बयानबाज़ी. नेता,अभिनेता...
    10 वर्ष पहले
  • appan madhubani
    आधी रात माघ की - *आधी रात माघ की, सड़क किनारे खोपची में * *खेंदरी भीतर से दांत कटकटाने की आवाज आ रही थी* *रात के मरघटी सन्नाटे में गूंज दूर तक जा रही थी* *बदन के थरथर...
    10 वर्ष पहले
  • अस्तित्व
    - अरे फेसबुक,ट्विटर, ब्लॉगजगत के बुद्धिजीवियों! अपनी ईर्ष्या के चलते अपने लहँगे से तो अपना मुँह ना ढाँपो। कल सारे दिन एक न्यूज़ चैनेल fb पर भी चलता रहा। मेरे...
    10 वर्ष पहले
  • Rooh...
    Unsaid. - Been a real long while I posted anything. Maybe because earlier I used to think and share it here and still fell short of words. But life in your Masters, ...
    10 वर्ष पहले
  • मीठा भी गप्प,कड़वा भी गप्प
    कथा सुनो शबाब की - *कथा सुनो शबाब की* *सवाल की जवाब की* *कली खिली गुलाब **की* *बड़े हसीन ख़ाब की* * नया नया विहान था* * घ...
    10 वर्ष पहले
  • लक्ष्य
    जाने आतंकवादी संगठन आई एस आई एस (ISIS) को - बहुत दिनों बाद ब्लॉग पर आने के लिए क्षमा प्रार्थी हूँ. जिस जगह पदस्थ हूँ , वहाँ इंटरनेट कनेक्शन की समस्या है. मोबाइल से लंबी ब्लॉग पोस्ट लिखना दुरूह कार्य...
    10 वर्ष पहले
  • mitanigoth ( मितानी गोठ -छत्तीसगढ़ी ब्लॉग)
    - सिरतोन दाई, मयँ नइ लेवना खायेंव मयँ भोला-सिधवा लइका हौं ,नवा-साल बर आयेंव पहिला नवा-साल हे कहिके केक, बबा हर लाइस ये करतूत हे बिट्टू कका के मोला केक खवा...
    10 वर्ष पहले
  • *ॐ शिव माँ*
    - श्री हनुमत शक्ति-परम वैष्णव,परम भक्त हनुमान जी कलियुग मे सशरीर विराजमान है!एक परम संत श्री नरसिंह बाबा की सच्ची घटना है, ये अंग्रेज के जमाने मे फौज की नौ...
    10 वर्ष पहले
  • स्याही के बूटे .....
    समय का जाल - मैं बीत गयी इक और साल ... लम्हे-लम्हे कुछ ठहरी सी लम्हा-लम्हा ही बढ़ी चली विकट रहा समय का जाल मैं बीत गयी इक और साल ... रोयी तो मुस्कायी भी सपनों की परछाई स...
    10 वर्ष पहले
  • hamaradesht
    Ide Dan Resep Untuk Membuat Gunakan Of A Slow-Cooker As You Bekerja - Jika Anda sedang mencari untuk meningkatkan keterampilan memasak sendiri, kursus penyegaran dalam dasar-dasar mungkin menjadi investasi besar waktu Anda ...
    10 वर्ष पहले
  • CHILAX
    - Band Mutthi Se Girti Ret Ki Manid Woh Chala Gaya Zindagi Se Zarra Zarra Kar Ke..... बंद मुट्ठी से गिरी रेत की मानिंद वोह चला गया जिंदगी से ज़र्रा ज़र्रा कर क...
    10 वर्ष पहले
  • कुश की कलम
    मछली का नाम मार्गरेटा..!! - मछली का नाम मार्गरेटा.. यूँ तो मछली का नाम गुडिया पिंकी विमली शब्बो कुछ भी हो सकता था लेकिन मालकिन को मार्गरेटा नाम बहुत पसंद था.. मालकिन मुझे अलबत्ता झल...
    10 वर्ष पहले
  • SIYANI GOTH
    छत्तीसगढ़ के जन-कवि स्व.कोदूराम "दलित" के 104 वें.जन्म दिन पर विशेष... -अरुण कुमार निगम - 1. 2. * कवि कोदूराम 'दलित' का जन्म ५ मार्च १९१० को ग्राम टिकरी(अर्जुन्दा),जिला दुर्ग में हुआ . आपके पिता श्री राम भरोसा कृषक ...
    10 वर्ष पहले
  • Beyond The Second Sex (स्त्रीविमर्श)
    ऋषभदेव शर्मा के काव्य में स्त्री विमर्श - *शोध पत्र * ऋषभदेव शर्मा के काव्य में स्त्री विमर्श *- विजेंद्र प्रताप सिंह* हिंदी में विमर्श शब्द अंग्रेजी के ‘डिस्कोर्स‘ शब्द के पर्याय के रूप में प...
    10 वर्ष पहले
  • प्रचार
    रोहित शर्मा ने खेली 264 रनों की वनडे मैचों की सबसे बड़ी पारी - भारतीय बल्लेबाज़ रोहित शर्मा ने गुरुवार (13 नवम्बर, 2014) को कोलकाता के ऐतिहासिक क्रिकेट मैदान ईडन गार्डन में श्रीलंका के खिलाफ वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट मैच ...
    10 वर्ष पहले
  • khamoshi (ख़ामोशी)
    सारा जहाँ सो गया जब.... - सारा जहाँ सो गया जब , मैं जागता रहा , क्यों इस भीड़ में मैं खो गया, क्यों ? कहने को तो है , इक दूसरे से , प्यार सबको। जब वक़्त आया तो सबने किनारा किया...
    10 वर्ष पहले
  • साझा
    यादों की चरखी... - *बदलती तारीख के साथ 14 नवंबर भी बदल गया ,लेकिन मेरे बचपन की यादों की चरखी तो खुलती ही जा रही है. जब भी बचपन की बात चलती है , कही '**बचपन' शब्द सुनाई ...
    10 वर्ष पहले
  • प्रसून
    जून 2014 के बाद की गज़लें/गीत (21) चलो-चलो यह देश बचायें ! (‘शंख-नाद’ से) - (सारे चित्र' 'गूगल-खोज' से साभार) चुपके-खुल कर अमन जलाते | खिलता महका चमन जलाते || अशान्ति की जलती ज्वाला से- सुखद शान्ति का भवन जलाते || हिंसा के दुर्दम प...
    10 वर्ष पहले
  • साहित्य प्रसून
    झरीं नीम की पत्तियाँ (दोहा-गीतों पर एक काव्य) (14) आधा संसार (नारी उत्पीडन के कारण) (क) वासाना-कारा (vi) कुबेर-सुत | - (सारे चित्र' 'गूगल-खोज' से साभार) दरिद्रता-दुःख-दीनता, निर्धनता की मार ! कितना पीड़ित विश्व में, है आधा संसार !! पुत्र कुबेरों के कई, कारूँ के कुछ लाल ! ज...
    10 वर्ष पहले
  • साथी
    - बहुत सुकून देती है तुम्हारी मखमली यादें अगर हो सके तो आज दिल की कोई बात कह दे कुछ दिन और गुजर जायेगा तुम्हारी यादों के सहारे …आनन्द विक्रम। ………
    10 वर्ष पहले
  • चाँद पुखराज का
    कमज़ोरी-ए-निगाह ने संजीदा कर दिया , जलवों से छेड़-छाड़ की आदत नहीं रही - ऐसा नहीं कि उन से मोहब्बत नहीं रही जज़्बात में वो पहले-सी शिद्दत नहीं रही सर में वो इंतज़ार का सौदा नहीं रहा दिल पर वो धड़कनों की हुक़ूमत नहीं रही क...
    10 वर्ष पहले
  • 'कागद’ हो तो हर कोई बांचे….
    आहा ! संतरै री फ़ांक्यां अर पौदीनै री गोळ्यां !! - SANTRE RI FAANKYAN AR POUDEENE RI GOLYAN
    10 वर्ष पहले
  • "Safa ki Zubaan"
    वो धूल चढ़ा दुपट्टा - *यूँ तो गुज़र गया है वक़्त,* *कुछ तुम्हारे ही जैसे,* *मगर है कुछ अभी भी,* *जो गुज़रता नहीं,* *खड़ा रहता है यहाँ,* *मेरे साथ चलता है हर कहीं,* *हाँ वही, **धूल**...
    10 वर्ष पहले
  • My lyrics ( अंधड़ से संग्रहित काव्य )
    हम बेवफ़ा तो हरगिज न थे। - *तरुण-युग, वो कालखण्ड,* *जज्बातों के समंदर ने * *सुहाने सपने प्रचुर दिए थे, * *मन के आजाद परिंदे ने* *दस्तूरों के खुरदुरेपन में कैद * *जिंदगी को कुछ सुर...
    10 वर्ष पहले
  • Bombay Ki Raani
    raman mundair - In your dreams you had wings, butterfly wings, wet whispers emerging from a cocoon. In your nightmares you fell, wings aflame like the painting you saw made ...
    10 वर्ष पहले
  • तरन्नउम
    गिरफ्त - *गिरफ्त* शहर की गुमनाम सी एक गली में छत पे किराये वाले २ कमरों के मकान में रहती थी| सभी मकान इतने सटे थे मानो लोकल सिटी बस के सवारी हो ,वो ...
    10 वर्ष पहले
  • पुरवाई
    चम्पक वन में ************दो सखियाँ - *संस्मरण कविता* चम्पक-वन में बैठ सखी संग , कहती सुनती कुछ मन की जीवन की कुछ अपनों की कुछ सपनों की ...
    10 वर्ष पहले
  • बेसुरम्‌
    वह एक ख़ामोश कज़रारी शाम - वह एक ख़ामोश कज़रारी शाम थी जब किसी ने पीछे से कन्धे पर हाथ रखकर खनकती आवाज़ में पूछा था "मेरे साथ चलोगे बाबू!" और उसे बिना देखे मेरे मुँह से अनायास निकला था...
    10 वर्ष पहले
  • आत्‍म-चिंतन
    चिंतन ... - तुम अगर खुले मन से किसी की प्रशंसा नहीं कर सकते, तो कोई तुम्‍हारी कितनी भी प्रशंसा कर ले - तुम उस योग्‍य नहीं. - रश्मि प्रभा
    10 वर्ष पहले
  • नवगीत की पाठशाला
    ७. जंगलों में - कल्पना रामानी - सोच में डूबा हुआ मन जब उतरता जंगलों में। वे हरे जीवन भरे दिन याद करता जंगलों में। कल जहाँ तरुवर खड़े थे ठूँठ दिखते उस जगह। रात रहती है वहाँ केवल नहीं...
    10 वर्ष पहले
  • Main aur Meri Kavitayen
    कविता तुम ... - कहाँ रहती हो कविता तुम कभी तनहाई में बुलाने पर भी नहीं आती, कभी बिन बुलाये आ जाती हो भावों के नुपुर पहन कर, छमा-छम छमछम बरस जाती हो मेरे आँगन में ...
    10 वर्ष पहले
  • वीथी
    रक्षाबंधन - दोहे-हाइकु 2014 - रक्षाबंधन के हाइकु - सुशीला शिवराण १. भेज दी राखी संग भेजी मिठाई टैग हैं भाई। २. नेट पे भेजीं राखी कई हज़ार सूनी कलाई। ३. पावन-पर्व बहना को दे हर्ष भ...
    10 वर्ष पहले
  • Mehaq Jindagi Ki
    एक बिछुड़ना अनूठा सा : अंकित - एक बिछुड़ना अनूठा सा : अंकित ############ भीड़ में, उस दिन तुम ने मुझे अकेला छोड़ दिया था. तेरे बिछुड़े हाथ की तलाश में, मैं कहाँ नहीं गया, मिले मुझे वो परि...
    10 वर्ष पहले
  • गाना - बजाना
    मेहंदी ........ -
    10 वर्ष पहले
  • प्रणय - प्रेम - पथ
    झाँसी की रानी पर आधारित "आल्हा छंद" - झाँसी की रानी पर आधारित 'अखंड भारत' पत्रिका के वर्तमान अंक में सम्मिलित मेरी एक रचना. हार्दिक आभार भाई अरविन्द योगी एवं सामोद भाई जी का. सन पैंतीस नवंबर उ...
    10 वर्ष पहले
  • हास्य-व्यंग
    इंटरव्यू - मैंने इंटरव्यू देखा, मैंने इंटरव्यू सुना, पर यह समझ नहीं आया, वैदिक ने इंटरव्यू लिया, या हाफ़िज़ ने जबरदस्ती दिया.
    10 वर्ष पहले
  • मेरा मैनपुरी
    प्रभाष जोशी जी की जयंती पर विशेष … - आज हिन्दी पत्रकारिता के आधार स्तंभों में से एक स्व॰ श्री प्रभाष जोशी जी की ७८ वीं जयंती है ... इस मौके पर प्रस्तुत है एक विशेष पोस्ट जिस मे मैनपुरी नगर मे...
    10 वर्ष पहले
  • sada-srijan
    जीत की सीढि़यों पर.... - तुम्‍हारी मुस्‍कराहटों पर, अक्‍़सर मैं दूसरों की खुशियाँ देखती हूँ जब तो सोचती हूँ ऐसा करना बस तुम्‍हारे लिये ही संभव था, कहा था तुमने असंभव शब्‍द सिर्फ ड...
    10 वर्ष पहले
  • मेरे एहसास -भाव
    डरती हूं मैं -------------- - *Mjrh gwa eSa * *dYiukvksa ds xxu esa mM+us ls* *D;ksafd vDlj mM+rs mM+rs eSa cgqr mapkbZ ij pyh tkrh gwa* *Hkfo"; ds lq[k&lkxj esa [kks lh tkrh gwa* *...
    10 वर्ष पहले
  • ब्लॉग - चिठ्ठा
    "सर्वश्रेष्ठ हिन्दी ब्लॉग्स और चिट्ठे 2014 - दूसरी कड़ी" की सूची में अपने ब्लॉग को शामिल करवाएँ। - आप सभी को ये जानकर हार्दिक प्रसन्नता होगी कि *"ब्लॉग - चिठ्ठा" "सर्वश्रेष्ठ हिन्दी ब्लॉग्स और चिट्ठे 2014 - दूसरी कड़ी" *की ये दूसरी सूची ( List ) *30 जून,...
    10 वर्ष पहले
  • !! लाल और बवाल --- जुगलबन्दी !!
    कौन........ - कौन रुसवाइयों के लिए ठहरता है ‘बवाल’ ? मौत के वास्ते, दीदार से ही काम निकाल !! *---बवाल*
    11 वर्ष पहले
  • पोलिटिकल जोक्स - Political Jokes
    शाल के बदले साड़ी - *गनीमत है नवाज़ शरीफ साहब ने शराफ़त दिखाते हुये ... साड़ी ही भेजी ... कहीं "टोपी" भेज देते ... तो फिर बवाल होता !!*
    11 वर्ष पहले
  • " अर्श "
    - बस एक शे'र छोड़े जा रहा हूँ फिलहाल लिये… पूरी ग़ज़ल बहुत जल्द हाज़िर करूँगा तेरी आना के सामने मेरी वफ़ाऐं हैं , तखत पे धूल फांकती हुई किताब कोई ! अर्श
    11 वर्ष पहले
  • Sounds of Trinity
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    11 वर्ष पहले
  • प्यारी माँ
    माँ बाप की अहमियत और फ़ज़ीलत - मदर्स डे पर विशेष भेंट इस्लाम में हुक़ूक़ुल ऐबाद की फ़ज़ीलत व अहमियत इंसानी मुआशरे में सबसे ज़्यादा अहम रुक्न ख़ानदान है और ख़ानदान में सबसे ज़्यादा अहमियत वालद...
    11 वर्ष पहले
  • Do Took
    अरी यशोदा - अरी यशोदा, बहुत गुमान है न तुझे अपने आप पर कि तू नटखट कन्हैया की मां है... अरी यशोदा, बहुत गुमान है न तुझे अपने बालक पर कि तेरा लाल जग में सबसे न्यारा है......
    11 वर्ष पहले
  • दर्पण
    तन्हाइयां - अक्सर तन्हाइयां मुझसे पूछती है क्या मिला तुझकोवफा करके हो पूरी हरख्वाहिश येहैजनून उसने पाई हरखुशी औरसकून क्या मिला उसकोमुझसे जफाकरके अक्सर तन्ह...
    11 वर्ष पहले
  • Wings of Fancy
    कथा नहीं यह सत्य है -
    11 वर्ष पहले
  • Alert News
    आजम खां की चुनाव आयोग को खुली चुनोती, जन्तर मन्तर पर ‘जंगी धरने’ का ऐलान - *रामपुर*। उत्तर प्रदेश के नगर विकास मंत्री मो. आजम खां ने कहा है कि चुनाव आयोग ने उनके विरुद्ध कार्रवाई कर देश की दूसरी सबसे बड़ी आबादी मुसलमानों की आ...
    11 वर्ष पहले
  • Yaadein
    Deepak Pandey : Harana Pad Gaya - जिन दरख्तोँ की छाँव मेँ खेलते थे गाँव मेँ काँटे लगे जो पाँव मेँ सहलाये जख्म उसी की पनाह मेँ उन्हीँ दरख्तोँ को अपने हाथ से गिराना पड गया अपने को अपने...
    11 वर्ष पहले
  • चिरंतन . . .
    यहाँ जहाँ हम रहते हैं ... - पृथ्वी, सौर मंडल का एक मात्र ग्रह जहाँ जल है, वायु है, वनस्पति है, जीव है, जीवन है। सूर्य से सही दूरी पर मौजूद, अपनी धुरी पर घूमती पृथ्वी अलग-अलग ऋतुओं, फल...
    11 वर्ष पहले
  • MY LOVE, MY STORIES........
    BOOK REVIEW:- EMBERS OF LIGHT (PART 1) - Name: Embers of Light Author: Abhishek Singh (Abhi) Pages: 369 Genre: Fiction Publication: Konark Publishers *Ratings:-* Story: 4.5/5 Cover: 4/5 Writing ...
    11 वर्ष पहले
  • ज़िन्दगी.....!
    हीरे का कारीगर … - माणिक लाल जी की अस्वस्थता के बाद जब उनके बेटे, अनमोल ने दुकान में पदार्पण किया तो उनकी दुकान की कायापलट की प्रक्रिया शुरू हो गयी । पुराने ढर्रे की दु...
    11 वर्ष पहले
  • मैं ...
    तलाश सम्पूर्ण की ... - 'मैं' *रश्मि प्रभा* एक बार फिर आपके सामने हूँ ...* कैलाश शर्मा जी* के 'मैं' के साथ ... टुकड़े टुकड़े संचित करते जीवन में भूल जाते अस्तित्व सम्पूर्ण का,...
    11 वर्ष पहले
  • Shero-Shayari
    Hindi Shayari - हिंदी शायरी (भाग - 169) - (१) मोहब्बत की हद्द है सितारों से आगे, प्यार का जहाँ है बहारों से आगे, वो दीवानों की कश्ती जब बहने लगी, तो बहते बह गई किनारों से आगे। (२) मोहब्बत करने वालों...
    11 वर्ष पहले
  • एक थी सोन चिरैया .......................
    रोंपा एक नया अफसाना - ज्यों हीं जड़ से उखड़ा पुराना  रोंपा एक नया अफसाना क़ब्र वही थी अब्र नया था लहराता अलमस्त वहाँ महक रहा था लहक रहा था नया नया दफ़न हुआ था जो पुराना कभी तो...
    11 वर्ष पहले
  • काव्यान्जलि
    रंग रंगीली होली आई. - [image: Friends18.com Orkut Scraps] रंग रंगीली होली आई.. रंग - रंगीली होली आई मस्तानों के दिल में छाई जब माह फागुन का आता हर घर में खुशियाली...
    11 वर्ष पहले
  • Dil Ki Zubani
    महिला दिवस - महिला दिवस पर एक महिला की दिल की ज़ुबानी --- उन्मुक्त आकाश मैं उड़ने की चाहत हमेशा से रही हैं दिल में, जिंदगी को अपने दम पर जीने की जिद हमेशा ही की हैं, बेख...
    11 वर्ष पहले
  • आभा - THE SPLENDOR
    *सूर्य ऊर्जा का दोहन - *विज्ञान प्रदर्शनी कोरबा में कलगामार पूर्व माध्यमिक शाला करतला जिला कोरबा द्वारा सम्मिलित मॉडल अपने अधोलिखित उद्देश्यों सहित * *पूर्व माध्यमिक शाला कलगा...
    11 वर्ष पहले
  • "मन दर्पण"
    टुकड़े - सब कुछ साबुत जब दिखता है ऊपर से , बहुत कुछ टूटा होता है अन्दर !! कई टुकड़े ...... स्व-अस्तित्व के, स्वाभिमान के, क्षत-विक्षत भावनाओं के, अपनों ही की- ईर्ष्या...
    11 वर्ष पहले
  • पुनर्नवा
    आतंकवाद पर पाक का दोहरा रवैया - *अंकुर विजयवर्गीय* ---------------------- पाकिस्तान में लोकतंत्र समर्थक आतंकवादियों को पनाह मिलती है, लेकिन सरकार और संविधान को चुनौती देने वाले आतंकवादियो...
    11 वर्ष पहले
  • Hasya Kavi Albela Khatri
    facebook पर TEEN PATTI प्रतिबन्धित करो - *हास्यकवि अलबेला खत्री का पैग़ाम भारत की पंजाछाप सरकार के नाम facebook पर TEEN PATTI प्रतिबन्धित करो *
    11 वर्ष पहले
  • || आकाश के उस पार ||
    आओ रोटी सेंकते हैं - घर बगल में जल रहा है , आओ रोटी सेंकते हैं , एक मुद्दा पल रहा है , आओ रोटी सेंकते हैं | फिर गरीबों की गली में , रात भर रोया कोई , फिर शहर से एक भूखा , खुद-ब-...
    11 वर्ष पहले
  • tumhare saath
    - फिर तुमने परेशान करनाशुरू किया ना.. आखिर तुम्हारी प्रॉब्लमक्या है. 400 - 500 किलोमीटरकी दूरी परबैठे हो, अच्छेभले हो, मैंभी यहाँ चंगीहूँ फिर क्योंमुझे जता द...
    11 वर्ष पहले
  • यादें - अमरेन्द्र शुक्ल -अमर
    देवदूत --- - यही कहीं बाँध कर, छोड़ा था मैंने तुम्हारी यादों को और यही कही तुमने भी, लपेट कर सफ़ेद चादर में, दफनाया था मेरी यादों को, मैं आज फिर से लौट आयीं हूँ, त...
    11 वर्ष पहले
  • deehwara--डीहवारा
    कुकुरमुत्ते - उग गए हैं ढेर सारे कुकुरमुत्ते घर के नाबदान पर छत्ते के छत्ते सोचता हूँ क्या करूँ इनका फ़ेंक दूँ उखाड़कर या फिर छोड़ दूँ यों ही हो जाने के लिए विनष्ट एक दिन च...
    11 वर्ष पहले
  • isha's heart zone
    Writing after an year - Its been a year since I blogged or should I say wrote. I did scribble a few paragraphs here and there, in times of distress, but I would not call it writi...
    11 वर्ष पहले
  • ultapulta
    आइये जानते हैं स्मार्टफोन सुरक्षित रखने की पांच टिप्स - मनोज जैसवाल :सभी लोगो को मेरा प्यार भरा नमस्कार। मेरी पिछली दोनों पोस्टो को अत्याधिक पसंद करने के लिए आप सभी का हार्दिक आभार। आज की पोस्ट में आपको जानकारी ...
    11 वर्ष पहले
  • खलील जिब्रान
    प्रेम - जो मृत्यु छीन लेती है कोई प्राणी लौटा नहीं सकता, जिसे स्वर्ग ने आशीर्वाद दिया है कोई प्राणी दंड नहीं दे सकता, जिसे प्रेम ने एक कर दिया है कोई प्राणी अ...
    11 वर्ष पहले
  • मिर्ज़ा ग़ालिब
    तक़रार - दोनों जहान ले के वो समझे यह खुश रहा यों आ पड़ी शर्म, कि तक़रार क्या करें, थक-थक के हर मुक़ाम पर दो चार रह गए तेरा पता न पाएँ तो नाचार (जाँच) क्या करें, क्या...
    11 वर्ष पहले
  • होकर भी नहीं होना..
    तुम्हारे लिये!! - मैं लिखना चाहता हूँ... एक बेहद सरल कविता इतनी सरल जितना, सरल लिखना स-र-ल इतनी सरल कि मैं अपनी जीवन की कठिनाइयों के साथ भी, जब उस कविता की सानिध्य में ज...
    11 वर्ष पहले
  • हिंदी कविता, मुक्तक, एवं गजल संग्रह
    सूरज पर प्रतिबंध अनेकों - सूरज पर प्रतिबंध अनेकों और भरोसा रातों पर नयन हमारे सीख रहे हैं हॅसना झूठी बातों पर हमने जीवन की चौसर पर दॉव लगाए ऑसू वाले कुछ लोगों ने हर पल, हर दिन मौके ...
    11 वर्ष पहले
  • speakasiaonline.marketing
    - 31 December 2013. Dear SpeakAsians, The year of 2013 has been a watershed in the history of SpeakAsia. The company fought with vigor against all odds ...
    11 वर्ष पहले
  • समाज
    क्रिसमस की हार्दिक बधाइयाँ - *मेरा Exam आज से शुरू हो रहा है इसलिए ये पोस्ट मैं वक़्त से पहले दे रहा हूँ....* *क्रिसमस या बड़ा दिन ईसा मसीह या यीशु के जन्म की खुशी में मनाया जाने वाल...
    11 वर्ष पहले
  • सोची-समझी
    बात मेट्रो के डिब्बों के निर्माण की ही नहीं है ! - इतिहास ग़लत ढंग से पढाया जाता रहा है अब तक मसलन लाल किला दिल्ली का हो या आगरा का गुजरातियों ने ही बनवाया था. गोलकुंडा का किला भी और चार मीनार भी. टीपू स...
    11 वर्ष पहले
  • Hindi Urdu English Poetry
    चंबा शहर से विशेष लगाव था बटालवी को - *माए नी माए मैं इक शिकरा यार बनाया* *औदे सिर ते कलगी ते औदे पैरी झांझर* *ओ चौग चुंगेदा आया,* *इक औदे रूप दी धुप तिखेरी* *दूजा मैहका दा तिरहाया* *तिजा औदा र...
    11 वर्ष पहले
  • क्षितिज का कोना
    हथेली का सूर्य - हथेलियाँ फैलाये , गंगाजल हाथ में लिए , आचमन करते हुए , उगता सूरज हाथों में , प्रतिबिंबित होते देखा , मेरे हाथ में ही प्रकाश है , हाथ से उगेगा सूर्य , ह्...
    11 वर्ष पहले
  • काल चिंतन
    ऐश आराम में नपे आशाराम - ऐश आराम में नपे आशाराम " खबरदार ! आपने यदि शरीर के लिए ऐश- आराम की इच्छा की, विलासिता एवं इन्द्रिय ...
    11 वर्ष पहले
  • घुमक्कडी जिन्दाबाद
    बाजीराव-मस्तानी के अमर प्रेम का गवाह - *लेख: कौशलेन्द्र प्रताप यादव* कमल-कुमुदिनियों से सुशोभित मीलों तक फैली बेलाताल झील के किनारे खडे जैतपुर किले के भग्नावशेष आज भी पेशवा बाजीराव और मस्तानी के ...
    11 वर्ष पहले
  • ब्लॉग प्रसारण
    ब्लॉग प्रसारण: सोमवारीय अंक - *नमस्कार , मैं नीरज कुमार नीर उपस्थित हूँ ब्लॉग प्रसारण के सोमवारीय अंक के साथ आपके लिए प्रस्तुत हैं मेरे द्वारा चुने हुए कुछ लिंक्स . पढ़िए और कमेंट्स क...
    11 वर्ष पहले
  • बिखरे मोती
    भ्रष्ट आचार - स्वतंत्र भारत की नीव में उस समय के नेताओं ने अपनी महत्त्वाकांक्षाओं के रख दिये थे भ्रष्ट आचार फिर देश से कैसे खत्म हो भ्रष्टाचार ?
    11 वर्ष पहले
  • सुख़नसाज़
    माना कि तुम कहा किये और वो सुना किये - *मिर्ज़ा असदुल्ला खां ‘ग़ालिब’ की ग़ज़ल को आवाज़ दी है तलत महमूद ने. * उस बज्म मे मुझे नहीं बनती हया किए बैठा रहा अगरचे इशारे हुआ किये किस रोज़ तोहमते न...
    11 वर्ष पहले
  • Artist in you...
    Devi ~ देवी - .The Devi. Digital painting
    11 वर्ष पहले
  • "सृजन से"...
    - *'सृजन से' हेतु मौलिक साहित्यिक रचनायें हेतु सादर निमन्त्रण * 'सृजन से' पत्रिका पिछले चार सालों से नियमित रूप से प्रकाशित हो रही है और साहित्यिक जगत में...
    11 वर्ष पहले
  • मन का पाखी
    ख़ामोश इल्तिज़ा - तन्वी बालकनी में खड़ी सामने फैले स्याह अँधेरे को घूंट घूंट पीने की कोशिश कर रही थी ,सोचती कुछ ऐसा जादू हो कि वो स्याह अँधेरे में गुम हो जाए और फिर कोई उस...
    11 वर्ष पहले
  • RAMJI .....
    - Group-D posts in NorthEast Frontier Railway Sep-2013 Group-D Northeast Frontier Railway, NFR, Government of India / Ministry of Railways Northeast Fronti...
    11 वर्ष पहले
  • छापा-खाना
    भांग का सेवन - भांग का सेवन लोग-बाग बताते है कि भांग का सेवन करने से आदमी किसी अन्य लोक में पहुँच जाता है*, *लेकिन होली के दिन भांग की ठंडाई पी तो मुझे नींद आ गई*, *और ज...
    11 वर्ष पहले
  • rahgeer
    kahin aur - gali me roya suno bacha ek aur asmaan se takra gai dua ek aur. ashkiq ki iltija ye dua aur, aur baaki aur, vo maula ka jawab phirist me aa gaye ek aur. qa...
    11 वर्ष पहले
  • चिट्ठा चर्चा
    ब्लागिँग सेमिनार की शुरुआत रवि-युनुस जुगलबंदी से - और ये उद्घटान हो गया। उद्घटान नहीँ भाई उद्घाटन हो गया-ब्लागिँग सेमिनार का। वर्धा विश्वविद्यालय के हबीबा तनवीर सभागार मेँ वर्धा विश्वविद्यालत द्वारा आय...
    11 वर्ष पहले
  • बच्चों का कोना
    कभी नानी सुनाती थी कहानी ... - कभी नानी सुनाती थी कहानी एक था राजा , एक थी रानी। कभी -कभी लम्बी रातों की भांति ही , होती थी बहुत लम्बी होती थी कहानी। कहानी बहादुर राजकुमार की और रा...
    11 वर्ष पहले
  • Deepak Jyoti
    -
    11 वर्ष पहले
  • फुर्सत के पल..
    अन्त्याक्षरी - कभी सोचा नहीं था कि इसके बारे में कुछ लिखूँगी: बचपन में सबसे आमतौर पर खेला जाने वाला खेल जब लोग बहुत हों और उत्पात मचाना गैर मुनासिब। शायद यही वजह है कि इ...
    11 वर्ष पहले
  • मन की फुहार....
    भजन . - भजन सत्य घटना पर आधारित यह भजन मेरी गुजारिश है कि एक बार जरूर सुने. भजन सुनने के ऊपर क्लिक करे, आभार......
    11 वर्ष पहले
  • FEELINGS
    ''फासले'' - *मैं जड़ की तरह फैलता गया नीचे हाँ और नीचे कुछ और धसता गया गड़ता गया गहराई में पृथ्वी के सहज गुरुत्वाकर्षण से या तुम्हारे बोझ से पत...
    11 वर्ष पहले
  • Blog parivaar-ब्लॉग परिवार
    - * अपना ब्लाग अभी तक नही इस परिवार मे शामिल नही करवाया क्या.... जी *नमस्कार आप सभी को , अगर आप को यहां दो लाईने ही दिख रही हे तो आप इस ब्लाग परिवार के टाईटल...
    11 वर्ष पहले
  • नुक्कड़वाली गली से...
    - मिटटी था मैं तुमने संभाला हथेली की थपकियाँ देकर गढ़ दिया कच्चा घड़ा गढ़ा ..........तो अच्छा किया पर अपनी आंच की भट्टी में जो पकाया तो कुछ और न बन स...
    11 वर्ष पहले
  • Tirchhi Nazar (अंधड़ से कहानी और लेख संग्रह )
    कार्टून कुछ बोलता है - पप्पू की खाद्य-सुरक्षा ! -
    11 वर्ष पहले
  • संदेश
    दया और न्याय का स्थान - मुसलमानों के लिए यह ज़रूरी है कि वह जान और मान लें कि इस्लाम दया और न्याय का धर्म है. इस्लाम के लिए इस्लाम के अलावा अगर कोई और शब्द इसकी पूरी व्याख्या कर सक...
    11 वर्ष पहले
  • दिल की कलम से...
    बड़ा बेदम निकलता है... - हँसी होंठों पे रख, हर रोज़ कोई ग़म निगलता है... मगर जब लफ्ज़ निकले तो ज़रा सा नम निकलता है... वो मुफ़लिस खोलता है रोटियों की चाह मे डिब्बे... बहुत मायूस हो...
    11 वर्ष पहले
  • शुरुआत हिंदी लेखन से
    प्यारे सपने - आँखो में कुछ सपने ऐसे सजने लगे दिल के तार किसी से जुङने लगे जिंदगी गीत गुनगुनाने लगी दिल से दिल अब मिलने लगे हो गई शुरूआत एक नये रिश्ते की दिल में खुशियों...
    11 वर्ष पहले
  • ज्ञान के मोती
    सगुणोपासना किस हद तक स्वीकार्य है? - ६ २०१३ जून बैंगलुरु आश्रम, भारत /* Style Definitions */ table.MsoNormalTable {mso-style-name:"Table Normal"; mso-tstyle-rowband-size:0; mso-tstyle-colband-...
    11 वर्ष पहले
  • ब्लॉगालय
    'ब्लॉगालय' के साथ जुडें - 'ब्लॉगालय' से जुडें 'ब्लॉगालय' में आप सभी का स्वागत है। नवीन आगमन एवं स्थापित "हिंदी ब्लॉगर" अपने "ब्लॉग" को 'ब्लॉगालय' से जोड सकते है। कृपया अपनी टिप्पणी...
    11 वर्ष पहले
  • Just another story teller
    यथार्थ बोध - माँ की हालत सुबह से ही काफी ख़राब थी, न गले से आवाज़ निकल पा रही थी और न हिलने-डुलने भर की ताकत ही थी। घर में मिलने आने वालों का तांता लगा हुआ था, पिता माँ...
    11 वर्ष पहले
  • शब्दिका
    सार/ललित - सार/ललित छंद १६ व १२ मात्रा पर यति का विधान, पदांत गुरु गुरु अर्थात s s से,, छन्न पकैया पर प्रथम प्रयास / क्रिकेट विषय -----------------------------------...
    11 वर्ष पहले
  • एहसास ...
    - गम हर किसी को मिला है, इस जिन्दगी मे , दर्द के दायरे से बाहर, निकल कर तो देखो। कब तक कैद रहोगे, तन्हाई की जंजीरों मे , आजाद फ़िजा मे तुम सांसे, लेकर तो दे...
    11 वर्ष पहले
  • abhivyakti
    बारिशें -
    11 वर्ष पहले
  • विचारों का दर्पण
    प्रकृति से दो टूक - देवेश हम बूँद बूँद को तरसे तुम वहाँ इतना क्यूँ बरसे हमको मारा बिन पानी उनको मारा पानी पानी में तुम कहते हो ये मेरा प्रतिशोध है मैं कहता हूँ उन निर्दोषों...
    11 वर्ष पहले
  • मुकदीप
    तेरे बिना - सन्नाटा है पसरा तेरे बिना, जग लगता सूना तेरे बिना अब गीत अधर पे आते नहीं हर नग्मा अधूरा तेरे बिना हर ओर उदासी छायी है, कैसी किस्मत ये पायी है, हर पल जहाँ ...
    12 वर्ष पहले
  • . . . . . . . . . . . .आखिरी हर्फ़
    मेरे मन की: तोहफे में मिला आख़िरी हर्फ़ -
    12 वर्ष पहले
  • World's Facts
    Dangerous to Sleep With a Cell Phone - PLEASE SHARE THIS TO EVERYONE ................. It Dangerous to Sleep With a Cell Phone Under Your Pillow: Most experts agree with the warnings to avoid sl...
    12 वर्ष पहले
  • नूतन ( व्यंजनम )
    कच्चे आम की बर्फी - आम मेरा सर्व प्रिय फल है इसलिए मै आमों के साथ कुछ न कुछ नया करती रहती हूँ । इस मौसम मे आम खूब आ रहा है ,कच्चा भी और पका भी । पके आम की खीर आपने अवश्य खा...
    12 वर्ष पहले
  • राजभाषा हिंदी
    रश्मिरथी / द्वितीय सर्ग / भाग 7 ........दिनकर - 'हाय, कर्ण, तू क्यों जन्मा था? जन्मा तो क्यों वीर हुआ? कवच और कुण्डल-भूषित भी तेरा अधम शरीर हुआ? धँस जाये वह देश अतल में, गुण की जहाँ नहीं पहचान? जाति-गोत्...
    12 वर्ष पहले
  • ॐ....प्रीतम साक्षात्कार....ॐ
    हनुमान चालीसा - *।दोहा।।* श्री गुरु चरण सरोज रज, निज मन मुकुर सुधार | बरनौ रघुवर बिमल जसु , जो दायक फल चारि | बुद्धिहीन तनु जानि के , सुमिरौ पवन कुमार | बल बुद्धि विद्या द...
    12 वर्ष पहले
  • शख्स - मेरी कलम से
    Sanjay Pal: Researcher and Link Writer - हर अगला कदम पीछे होता है,और पीछेवाला आगे आता है ..... पिछले कदम की यह अनवरत यात्रा है, स्वाभाविक दृढ़ प्रयास ! हिमालय हो या कैलाश पर्वत ..... ऊँचाई विनम...
    12 वर्ष पहले
  • ARPAN
    Work Life Balance - * Work Life Balance* Life runs around these words 'Success, Wealth, Health, Love, Happiness & family...
    12 वर्ष पहले
  • smshindi
    आपको भी होली की अग्रिम शुभकामनाएं... - * लाल रंग आपके गालों के लिए;* *काला रंग आपके बालों के लिए;* *नीला रंग आपकी आँखों के लिए;* *पीला रंग आपके हाथों के लिए;* *गुलाबी रंग आपके सपनों के लिए;* *सफ़...
    12 वर्ष पहले
  • हिन्दी काव्य मंच
    पूज्य माँ -
    12 वर्ष पहले
  • यशोधरा के गीत
    मुझको सुख मिलता है - -यशोधरा यादव यशो मैं नन्हें पौधों को सींचूँ, मुझको सुख मिलता है जग की सकल वेदना पीलूँ, मुझको सुख मिलता है। नन्हें पौधों में जीवन की आस भरी होती है अभिलाष...
    12 वर्ष पहले
  • Aap Chutiye hain
    agar aap software install karte vakht Next-next click kar k bin dekhe add-ons install karte hain, toh ask tool bar ke searchbox me aapke liye likha hoga ki Aap Chutiye Hain - agar aap software install karte vakht Next-next click kar k bin dekhe add-ons install karte hain, toh ask tool bar ke searchbox me aapke liye likha hoga ki...
    12 वर्ष पहले
  • jeevocracy
    Talk of Girish Pande with Sanjay Gupta on 19-02-2013 -
    12 वर्ष पहले
  • GULDASTE - E - SHAYARI
    - *हो गयी शाम किसीके इंतज़ार में,* *ढल गयी रात उसीके इंतज़ार में,* *फिर हुआ सवेरा उसके इंतज़ार में,* *इंतज़ार ही मुकद्दर बन गयी इंतज़ार में !*
    12 वर्ष पहले
  • "ब्लॉग कलश"
    ब्लॉग संदेश - *करता हूँ तन मन से बंदन * * मैं जन मन की अभिलाषा का,* * अभिनन्दन अपनी संस्कृति का * * आराधना अपनी भाषा क...
    12 वर्ष पहले
  • "यादें"
    गया है.. - चलने की ख्वाइशें बड़ी कमज़ोर हो गईं न जाने कौन साथ मेरा छोड़ गया है ख़ामोश लग रही है काएनात अब मुझे गुफ्तगू के सिलसिले जो तोड़ गया है क़दमों ने इस तरह ...
    12 वर्ष पहले
  • VICHAR mere ,aapke,sabke
    कानून का प्रावधान क्या हो ? - दामिनी चली गई परन्तु देश के माथे पर और कांग्रेस के माथे पर कलंक लगाकर गई।...
    12 वर्ष पहले
  • Nehru Institute of Mountaineering (NIM)
    Preliminary Skiing Course - 2013 - *PRELIMINARY SKIING COURSE* The Nehru Institute of Mountaineering, Uttarkashi is planning to conduct seven days (07 days) Preliminary Skiing course at Day...
    12 वर्ष पहले
  • गंगा-दामोदर ब्लॉगर्स एसोसियेशन
    OBO -छंद ज्ञान / गजल ज्ञान - उर्दू से हिन्दी का शब्दकोश *http://shabdvyuh.com/* ग़ज़ल शब्दावली (उदाहरण सहित) - 2 गीतिका छंद वीर छंद या आल्हा छंद 'मत्त सवैया' या 'राधेश्यामी छंद' :एक ...
    12 वर्ष पहले
  • a splash of colour
    Kundan rangolis - The latest fad is rangolis made out of kundan stones. How could I not try my hand at it? here's a step by step account of how I made my first kundan rangol...
    12 वर्ष पहले
  • परम सत्य
    परम सत्य १९ -
    12 वर्ष पहले
  • गुबार ए दिल
    - *उनसे राहत-ए-नज़र का रिश्ता है.* *यह ना समझो जिगर का रिश्ता है.* *रात कटती सनम के पहलू में,* *खुदा से बस सहर का रिश्ता है.* *जिसमें खुशबू हो रात-रानी सी...
    12 वर्ष पहले
  • परिचय
    परिचय ---शशि पाधा - पर्वत पुत्री जम्मू नगरी बनी थी मेरी जन्म स्थली नदियां-झरने सखि सहेली माँ बाबा की गोद मिली घर में पूजा आरती वंदन ठाकुर द्वारे खुशबू चन्दन पुस्तक ही थी ...
    12 वर्ष पहले
  • कुछ यूँ पढ़ें ...(ब्लॉग बुलेटिन का हिस्सा )
    लिखते हैं शब्द शब्द बिना किसी सांकल के - लिखते वे भी थे लिखती मैं भी हूँ लिखते वो भी हैं पर कुछ शक्स बेपरवाह उन्हें जीते हैं लिखते हैं शब्द शब्द बिना किसी सांकल के नहीं डरते किसी से वे बस ल...
    12 वर्ष पहले
  • blog ki duniya
    - ----छोडो कल की बातें .. कल की बात पुरानी ....
    12 वर्ष पहले
  • भानमती का कुनबा
    स्वप्नो का क्षरण - स्वप्नो का क्षरण .(चर्चा के लिये ) आज जिसे मध्य प्रदेश कहते हैं ,पहले यह क्षेत्र मध्य- भारत कहलाता था .धरती की अंतराग्नि की फूत्कार से रचित रमणीय पठारी भू...
    12 वर्ष पहले
  • सुशीला पुरी
    - पहले -पहल जब धरती कुनमुनाई थी उसकी गोद मे गिरा था बीज वृक्ष होने के लिए तब से बंद हूँ मै तुम्हारी हथेलियों मे, पहले पहल जब हवा जन्मी थी सहेजा था उस...
    12 वर्ष पहले
  • नव - उद्गार
    सृजन - मिलती है सौगाते खिलते मन के फूल , जब माँ जनती है नन्हे से प्रतिरूप . कोमलता से भर दे मन के सब अवकाश , जब गूंजे किलकारी उमड़े मन में अनुराग , लगता मीठ...
    12 वर्ष पहले
  • ॥ भारत-भारती वैभवं ॥
    स्‍वतन्‍त्रतादिवस की शुभकामनाओं के साथ संस्‍कृतजगत् ईपत्रिका का तृतीय संस्‍करण - प्रिय बन्‍धु स्‍वतन्‍त्रतादिवस की पूर्वसंध्‍या पर संस्‍कृतजगत् ईपत्रिका का यह तृतीय संस्‍करण आपके समक्ष प्रस्‍तुत किया जा रहा है । इस पत्रिका में प्राय:...
    12 वर्ष पहले
  • Jharokha (Skylight)
    मै जिन्दा हूँ - साँसों का आना जाना ही जीवन हैतो हाँ मै जिन्दा हूँ ... लबों का मुस्कुराना ही गर हँसी हैतो हाँ मै खुश हूँ ... महक दिल जलने की गर खुशबू हैतो हाँ मै गुलशन हूँ ...
    12 वर्ष पहले
  • Chashmebaddoor
    जब हम इतने छोटे थे - जब हम इतने छोटे थे कि चल तो सकते थे ,पर चलने की समझ नहीं थी,...
    12 वर्ष पहले
  • म्हारो प्यारो राजस्थान
    "जय माँ हिंगलाज" - albela khatri, hingulaj,hinglaj,jaihinglaj,maahingulaj,brahamkshtriy, brahamkhatri,lekhraj khatri,dharajyot, surat
    12 वर्ष पहले
  • In The Mist . . .
    Anna Karenina - Leo Tolstoy . - FAVORITE QUOTES from " All happy families resemble one another, but each unhappy family is unhappy in it's own way ." " By digging into our souls, we ofte...
    12 वर्ष पहले
  • (doors in a window)
    नक़ल - तेरा जाते जाते मुड़ जाना फिर हौले हौले मुस्काना काफी है सपने जगाने को वैसे भी, जानबूझ कर ये ही तो पहल करती हैं तितली हैं, तुझ तक आएँगी फूल समझ कर छा जायें...
    12 वर्ष पहले
  • DEEZDEN
    Moving on from DEEZDEN - Mixed Feelings. Deezden - a spur of the moment blog but surely one that changed everything along the way - 'positively' - and brought beautiful inspirat...
    13 वर्ष पहले
  • Hindi Sandesh World
    - Na chahat hai sitaro ki, Na tamanna hai nazaaro ki, Aap jaisa ek dost mila, To kya zarorat hai hazaaro ki. ना चाहत है सितारोँ की, ना तमन्ना है नजारोँ की, आ...
    13 वर्ष पहले
  • गाने-साने
    जिया हो बिहार के लाला - Jiya ho bihal ke lala - होsss जिया हो बिहार के लाला, जिया तू हजार सालss जिया हो बिहार के लाला, जिया तू हजार साला जिया हो तू भोर-बवाला, जिया तू हजार साला जिया तू हजार..तनी नाची के..त...
    13 वर्ष पहले
  • जज़्बात-कोहरे में कैद ज़िन्दगी..
    जज़्बात -०४ - जज़्बात -०४ दो दिन पहले मेरी रश्मि से बात हुयी जब मैंने सिर्फ इतना मेसेज किया की मेरी तबियत सही नहीं है और मई सिर्फ इतना जानना चाहता हूँ की बात करनी है भी य...
    13 वर्ष पहले
  • Review - अवलोकन
    भाग्य विधाता - मि. डेस्टिनी (1990) - इस ब्लॉग अवलोकन पर आप कुछ हिन्दी (कश्मकश, यह साली ज़िन्दगी), तमिळ (मौन रागम) और बंगला (अनुरनन) फ़िल्मों की समीक्षा और झलकियाँ पहले ही देख चुके हैं। आज प्र...
    13 वर्ष पहले
  • तबस्सुम
    बेबसी - *****मुक्तक********* मैने सिर्फ दुनिया मे इतना ही जाना है. जितना काम किया है उतना ही पाना है. बहुत सी बेबसी होती है यहाँ अयान यह ज़िंदगी सिर्फ बेबसी मे मुस्कु...
    13 वर्ष पहले
  • हास्य-व्यंग्य का रंग गोपाल तिवारी के संग
    मै सोलह श्रृंगार कर ली - क्रीम पोतकर मै सोलह श्रृंगार कर ली काजल लगाकर मै उनको प्यार कर ली मुझे देखकर उनके प्राण पखेरू उड़ गए तब उनकी अंतरात्मा की शांति के लिए मैने हनुमान ...
    13 वर्ष पहले
  • एक अधूरी कविता
    चार पैसे की भूख, एक आने की प्यास - शायद दूध का पैकेट ही खरीद कर दे देना बेहतर होता। एक पैकेट कितने का आयेगा, इसका अंदाज़ा उसे बिल्कुल नही था। महीने भर पहले ही पढ़ाई खत्म हुई थी उसकी। एक तर...
    13 वर्ष पहले
  • मुझे भी कुछ कहना है
    अमर कर दूँ तुझे कुछ इस तरह मैं.... - किया करता हूँ ख़ुद से ही ज़िरह मैं पशेमां किसलिए हूँ इस तरह मैं लगे ख़्वाबों के पंछी फिर चहकने करूँ कैसे उन्हें फिर से ज़िबह मैं लिखो गर लिख सको तो हर...
    13 वर्ष पहले
  • arun kumar nigam tippani
    मेरी टिप्पणी - अपना घर खुद फूँक कर, चला चाँद की ओर मंगल-जीवन ढूँढ्ता , क्यों दिल मांगे 'मोर' क्यों दिल मांगे 'मोर',कौन सी यहाँ कमी है पंच-तत्व उपलब्ध , यहीं पर धूप-नमी है...
    13 वर्ष पहले
  • दर्पण
    एक नजर मेरी बात पर .... - मै पहली बार पोस्ट कर रही हू ,ब्लॉग पढती हूँ ,अभी कुछ दिन पहके वंदना जी की पोस्ट आई थी ,रचना से ज्यादा बोल्ड पाठक हो गए,रचना के भाव यथार्थ वादी थे. वैसे मैं...
    13 वर्ष पहले
  • सत्यार्थ-प्रकाश
    ईश्वर निर्गुण है या सगुण ? - काफी समय से मेरी निष्क्रियता और आलस्य के कारण मेरा लेखन कार्य बंद ही पड़ा है पर अभी हाल ही में मेरी एक पोस्ट सांख्य दर्शन पर एक टिप्पणी में एक बेनामी ने प्...
    13 वर्ष पहले
  • Rozaana
    अमलतास - उसी अमलतास के तले बुलाना था मुझे आखिरी बार? हमारी कहानी का अंत कहीं और भी तो हो सकता था. उस आखिरी मुलाकात को कितनी बार दिमाग में रिप्ले किया होगा मैंने!...
    13 वर्ष पहले
  • ये पन्ने ........सारे मेरे अपने -
    कल रात तुम्हारी याद - कल रात तुम्हारी याद को हम चाह के भी सुला न पाये रात के पहले पहर ही सुधि तुम्हारी घिर कर आई अहसास मुझको कुछ यूँ हुआ पास जैसे तुम हो खड़े व्याकुल हुआ कुछ मन...
    13 वर्ष पहले
  • ******* स्वाद******
    खट्टा मिठा अचार- गोभी ,गाजर,शलजम - सर्दी के मौसम में फूल गोभी, गाजर, शलजम इत्यादि आप चाहेतो लहसुन,प्याज या मटर भी डाल सकते है अगर मटर भी नही चाहते तो नही डाले ये अचार २ तरह से बनता है...
    13 वर्ष पहले
  • "जीवन के रंग मेरी तूलिका के संग"
    गुस्सा - वुस्सा - कितनी बार समझाया है तुमको २ बजे के बाद तुम्हारी खबर नहीं मिलती तो बेचैन हो उठती हूँ मै...सुबह से जाने कितने क़िस्से थे जों तुम्हे सुनाने थे, किचेन में कु...
    13 वर्ष पहले
  • एक नीड़ ख्वाबों,ख्यालों और ख्वाहिशों का
    तुम हम दोनों से प्यार करो ना - तुम मुझे चाँद ना दिखाया करो मै इमोशनल हो जाती हूँ औ घर पर तो बिल्कुल नहीं एक बार जब तुम नहीं थे साथ रात मेरी इससे नज़र मिल गई मै भी इसके साथ तारो में खो ...
    13 वर्ष पहले
  • Prem Path
    - આ ષડરિપુના દેશથી ચાલો દૂર ક્યાંક જઈએ...... એકાદ ઝરણાનાં નુપૂરનો નાદ થઈ વહીએ.... ને એકાદ પતંગિયાની પાંખોનો રંગ લઈ સઘળું આકાશ ચીતરી દઈએ... ચાલો દૂર ક્યાંક જ...
    13 वर्ष पहले
  • लफ्ज़
    - *आरज़ू * *बहुत दिनों से वक़्त के अभाव के कारन मैं अपने विचारों को पंक्तियों में नहीं गढ़ पायी।...
    13 वर्ष पहले
  • UNIQUE AND INTERESTING
    - PAMUKKALE: THE COTTON CASTLE Pamukkale, meaning "Cotton Castle" in Turkish, is a natural site and attraction in south-western Turkey in the Denizli Provinc...
    13 वर्ष पहले
  • Shayar Raj Bajpai ( Dard-e-Dil )
    $$ एक तू ही ना आया $$ - *$$ एक तू ही ना आया $$ * चारो तरफ तस्वीर तुम्हारी नज़र आई.... बेबस है महफ़िलें, तडपती है तन्हाई.... निकलते गए दिन ये सांसे रूठती गयी.... एक तू ही ना आया पूर...
    13 वर्ष पहले
  • गोपाल तिवारी की हास्य कविताएँ
    लोकतंत्र का यह हनन कैसा - जब सारा संसार हीं अपना है तो बोलो डार्लिंग क्यों हमसे दूर सपना है क्या तेरा समानता पर भाषण झूठा था। क्या भोजन खिलाना पाप है जो भूखा था सोंचो तो फिर क्यों ते...
    13 वर्ष पहले
  • ग़ज़ल और कविता कोष :: Gazalz, Kavita Collection
    Hum hai maha thag, ab maut hai ye jaani... - Ek din darwaje par ek khoobsurat mahila ko dekh matha thanaka, poochha kaun ho? Vo Boli, main maut hun, man kiya jor ka thahaka lagaun, par thoda sakuc...
    13 वर्ष पहले
  • *गद्य-सर्जना*
    कवि: एक "तत्क्षण योगी" - एक योगी स्वाध्याय,आत्मचिंतन और इंद्रियों पर नियंत्रण कर स्वयं को मन का स्वामी बना लेता है।मन की चंचलता को स्थिर कर एक कुशल सारथी की भाँति इच्छाओं और कामना...
    13 वर्ष पहले
  • From My Desk
    From My Desk: जागते ख्यालों की रातें - From My Desk: जागते ख्यालों की रातें: रात का वक़्त सोने के लिए होता है और आमतौर पर लोग रात को सोते ही हैं. पर कभी- कभी ऐसा होता है की नींद आती नहीं है या श...
    13 वर्ष पहले
  • स्वप्नदर्शी
    सायंस और सोसायटी - सेन डियागो में प्लांटस एंड एनिमल जेनोम की सालाना मीटींग है, अच्छी किस्मत रही की मीटिंग के दिनों पूरी फुर्सत से मीटिंग अटेंड की, होटल में एक अच्छी बेबी-सि...
    13 वर्ष पहले
  • सरस पायस
    कविता एक सुरीली : रावेंद्रकुमार रवि का नया शिशुगीत - *सभी नन्हे साथियों को ढेर-सारा प्यार!* नए साल में मैं अभी तक सरस पायस पर कोई रचना नहीं सजा पाया था! आज अंतरजाल पर विचरण करते समय मेरी मुलाकात अनुष्का से...
    13 वर्ष पहले
  • हिंदी गुलदस्ता / Hindi Guldasta
    - हिंदी गुलदस्ता से जुड़े सभी मित्रों को नये साल की हार्दिक शुभकामनाएँ। आपका रचनाशीलता आपकी ज़िन्दगी के गुलदस्ते को यूँ ही शोख़-चटख-ख़ुशबूदार बनाए रखे, इसी ...
    13 वर्ष पहले
  • ' हया '
    कभी किरदार भी बदलो - *आदाब ,आप सब को नया साल बहुत बहुत मुबारक हो* . नए साल में कई मुशायरे पढ़े .वक़्त की पाबन्दी ने इन महफिलों की रौनक़ छीन ली है , १२ बजे से पहले मुशायरे ख़त...
    13 वर्ष पहले
  • उल्टा तीर
    शुभ हो नववर्ष - नया वर्ष आ गया; वर्ष 2012 आ गया; पुराना वर्ष 2011 चला गया। इस समय समाचारों में लोगों का उत्साह दिखाया जा रहा है। घर के कमरे में बैठे-बैठे हमें यहां उरई म...
    13 वर्ष पहले
  • स्याह...
    उर्वशी- पंचम अंक - पंचम अंक आरम्भ अहमपि तव सूनावद्य विन्यस्य राज्यम् विचरित्मृग्यूथान्याश्रयिष्ये वनानि - विक्रमोर्वशीयम् क्रन्दंस देशदेशेषु बभ्राम नृपति: स्वयं. - देवीभागवत ...
    13 वर्ष पहले
  • भानुमती का पिटारा
    'लेडिस' से त्रस्त जेंट्स - हमारे देश में एक तरफ तो महिलाओं की बराबर की हिस्सेदारी की बात होती है, तो वहीँ दूसरी ओर महिलायें खुद महिला होने का फायदा उठाती हैं. जी नहीं, ये कोई नारीवाद...
    13 वर्ष पहले
  • www.polastjyotish.blogspot.com
    -
    13 वर्ष पहले
  • हिंदी किताबों का कोना
    दबे पाँव - शेरजंग की शानदार किताब 'मैं घुमक्कड़ वनों का' पढ़ने के बाद उनकी दूसरी किताबों को पढ़ने की भूख लिए-लिए जब मैं मित्र बोधि के घर पहुँचा तो मेरी नज़र उनके ख़...
    13 वर्ष पहले
  • हस्ताक्षर
    मेरी दो नयी पुस्तके - मेरी दो नयी पुस्तके हस्ताक्षर - कविता संग्रह - मूल्य मात्र १०० रूपए हैं वैनिज़िया - कहानी संग्रह - मूल्य मात्र १५० रूपए हैं दोनों पुस्तके एक साथ मांगने प...
    13 वर्ष पहले
  • Godhuli
    अनिकेत - निकेतन - रोक लिया अपने अश्रु की धार को; अनुभव किया जब नियति के प्रहार को, एक सी करुणा थी उनकी आँखों में, एक सा था भाव उनके चेहरे पर, मातृ - पितृ विहीन है जीवन जिनका; ...
    13 वर्ष पहले
  • अनुपमांश
    "ग़ज़ल" - "ग़ज़ल" हवाओ से कह दो बहना छोड दे, भोरो से कह दो मंडराना छोड दे, कलियो से कह दो चटकना छोड दे, बदलो से कह दो गरजना छोड दे, बिजलियो से कह दो चमकना छोड दे, ज...
    13 वर्ष पहले
  • In search of Saanjh...
    गेहूं की अधपकी बालियाँ - सुबह से बारिश हो रही है. आज रह रह कर बहुत दिल कर रहा था के कुछ लिखूं. पर एक अरसे से मैंने कुछ नहीं लिखा है....कुछ भी नहीं. पता नहीं मेरे साथ ये क्यूँ हो...
    13 वर्ष पहले
  • हिन्दू ग्रन्थ
    आवागमन का सिद्धांत दलितों के आक्रोश को कुचलने के लिए बनाया गया था - क्या आपने कभी सुना है कि किसी सवर्ण के बालक ने बताया हो कि पिछले जन्म में वह दलित-वंचित था और उसे सवर्णों ने बहुत सताया। दलितों में और कमज़ोर वर्गों में जब...
    13 वर्ष पहले
  • हिन्दी की बिंदी (*) http://hindikibindi.tk/
    बाबा के आंदोलन के मुद्दे - -यह लेख दैनिक भास्कर से साभार लिया गया है। और ज्यों का त्यों आप सभी के लिया यहाँ पर दिया जा रहा है। आप सभी की टिप्पणियां सादर आमंत्रित है। (बाबा रामदेव के ...
    14 वर्ष पहले
  • चक्रधर की चकल्लस
    आत्मघात से बुरी कोई चीज़ नहीं - —चौं रे चम्पू! पिछले दिनन में कौन सी खबर नै तेरौ ध्यान खैंचौ? —चचा, ख़बरें तो हर दिन देश की, विदेश की, परियों की, परिवेश की और मुहब्बतों के क्लेश की सामने आ...
    14 वर्ष पहले
  • यादें सदा के लिए
    तेरी तस्वीर.....ओम कश्यप - सोचा एक दिन तेरी तस्वीर बना लूँ , हसीन रंगों से अपनी तकदीर सजा लूँ ! मेरा दिल तो कोरे कागज की तरह हैं , इस पर तेरे नाम की लकीरे बना लूँ ! तेरे लिए थे बहुत...
    14 वर्ष पहले
  • बचत बाज़ार
    -
    14 वर्ष पहले
  • ANHAD
    मां : कुछ कविताएं - * मां* *एक* मां के सपने घेंघियाते रहे जांत की तरह पिसते रहे अन्न बनती रही मक्के की गोल-गोल रोटियां और मां सदियों एक भयानक गोलाई में चुपचाप रेंगती रही... *...
    14 वर्ष पहले
  • अभिव्यक्ति...
    प्रकृति और नारी... - मै प्रकृति और नारी मे साम्य कह्ती हू, क्योकि दोनो का सानिध्य प्राप्त है मुझे मै दोनो मै रची बसी, दोनो के साथ रह्ती हू लगती दोनो सखी सहेली सुख मे भी शामिल, ...
    14 वर्ष पहले
  • BHAGIRATHI
    माहताब - माहताब वो हॅंसते हैं तो लगता है हॅंसता हुआ गुलाब, चर्चा है चमन में कि हॅंसी का नहीं जबाब। दिल ले गये मेरा इसका किसे मलाल, सुकू है खिल गया है मेरा अमावस में म...
    14 वर्ष पहले
  • गुलज़ार नामा
    याद किया है तुम्हे - आदतन तुमने कर दिए आदतन हमने ऐतबार किया तेरी राहों में बारहा रुक कर हमने अपना ही इंतज़ार किया अब ना माँगेगे ज़िंदगी या रब ये गुनाह हमने एक बार किया
    14 वर्ष पहले
  • शब्दांजलि
    डा देवव्रत जोशी की एक कविता - बसंत पंचमी लाला जी महाराज के जन्मदिवस पर डा देवव्रत जोशी की एक कविता
    14 वर्ष पहले
  • वीर रस कवितायेँ
    चित्रकार तू चित्र बना दे.. - चित्रकार तू चित्र बना दे, उन सैनिक मतवालों का, मातृभूमि हित बलिवेदी पर शीश चढाने वालों का, वीर सुभाष , महाराणा और छत्रपति शिवाजी का, ...झांसीवाली महारान...
    14 वर्ष पहले
  • लोक-रंग
    गंगिया री, अति दूर समुन्दर - * नैहर की सुधि आई, हो गंगिया नैहर की सुधि आई ! बिछुड़ गईं सब बारी भोरी ! संग सहिलियां आपुन जोरी ऊँचे परवत जनमी काहे नीचे बहि आई ! * उछल-बिछल, बल खाइत ,विर...
    14 वर्ष पहले
  • स्वर-यात्रा
    बीतते बरस लो नमन ! - * बीतते बरस लो नमन ! * जुड़ गया एक अध्याय और , गिनती आगे बढ़ गई ज़रा , जो शेष रहा था कच्चापन , परिपक्व कर गए तपा-तपा . आभार तुम्हारा बरस , कि तोड़े...
    14 वर्ष पहले
  • अंसार संसार
    बोल के लब आज़ाद हैं तेरे - *फैज़ का यह मशहूर इंकलाबी कलाम है , जो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के पक्ष में है , और दुनिया के हर संघर्षशील आदमी के पक्ष में है । * * फ़ैज़ की एक नज़...
    14 वर्ष पहले
  • हमकलम : वह जो मैं नहीं लिख पाया
    फिराक साहब - छ्लक के कम न हो ऐसी कोई शराब नहीं निगाहे-नरगिसे-राना, तेरा जवाब नहीं ज़मीन जाग रही है कि इन्क़लाब है कल वो रात है कि कोई ज़र्रा भी महवे-ख़्वाब नहीं ज़मीन उ...
    14 वर्ष पहले
  • UMRA QUAIDI (उम्र कैदी)
    2. गिरफ्तारी से पूर्व की त्रासदी। - जैसा कि मैं प्रथम किश्त में लिख चुका हूँ कि 01 मई, 1982 को अपहरण, बलात्कार एवं हत्या के आरोप में मुझे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी को भी पुलिस ने ऐ...
    14 वर्ष पहले
  • दुनिया
    सुंदरता स्वास्थ्य के लिए प्रेरित करती है। - हमारा समाज कुछ ऐसा है कि जहाँ पर महिलाओं की सुंदरता को लेकर तरह तरह की बातें बनाई जाती हैं। यही कारण है कि परम्परागत भारतीय समाज में महिलाओं के सजने संवरन...
    14 वर्ष पहले
  • veeranchalgatha
    अनुवाद-- पाती अडिये बाजरे दी मुट्ठ - अनुवाद --पंजाबी पुसतक' पाती अडिये बाजरे दी मुट्ठ्'-- गुरप्रीत गरेवाल --का हिन्दी अनुवाद। अनुवाद के क्षेत्र मे ये मेरा पहला प्रयास है। आशा है आप मेरा उत्साह...
    14 वर्ष पहले
  • हाशिये की आवाज़
    life can be boring without friends - People think that life can be boring without friends , but what of the farmers who starve due to no rain; people think that life can be boring without entert...
    14 वर्ष पहले
  • ब्लागाचार
    आइये अभिवादन करें - मित्रों महत्वपूर्ण यह नहीं है कि हम किसका अभिवादन करें , महत्वपूर्ण यह है कि हम वास्तविक अर्थों में अभिवादनशील बनें क्योंकि एक अभिवादनशील व्यक्ति ...
    14 वर्ष पहले
  • मनः राग
    बार-बार आऊँगा - वाचक - आह, रक्त की प्यास न जाने ,जाग जाग उठती क्यों , जाने क्यों, शैतान उतर कर बार- बार आता है. फिर प्राणों के प्यासे बन जाते हैं भाई-भाई , उसी लाल लोहू से फ...
    14 वर्ष पहले
  • बातें...
    शुरुआत... - चलिए शुरुआत एक बात से करतें हैं...कुछ ही महीने पहले की बात है ... किसी ने मुझसे पुछा था की हमें कभी किसी फकीर को बुरा क्यूँ नहीं बोलना चाह...
    14 वर्ष पहले
  • hindi ke rang liza ke sang
    पहली बारिश और हम तुम.... - आज बहुत कुछ बेहतरीन पढने को मिला . सोनल रस्तोगी जी, डॉ अभिज्ञात जी, रूपचंद्र शास्त्री जी जी कविता, अलबेला खत्री जी द्वारा प्रस्तुत सूक्तियां और...
    14 वर्ष पहले
  • बाजे वाली गली
    ‘तुम्हारे शहर में आए हैं हम, साहिर कहां हो तुम’ - - राजकुमार केसवानी इस दुनिया के दस्तूर इस क़दर उलझे हुए हैं कि मैं ख़ुद को सुलझाने में अक्सर नाकाम हो जाता हूं. पता नहीं क्या सही है और क्या ग़लत. ऐसे में...
    14 वर्ष पहले
  • chanakya ki chinta
    छत्तीसगढ़ फिर हुआ लाल - एक बार फिर छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में सी आर पी एफ के जवान नक्सली हिंसा के शिकार हुए हैं .हर बार ऐसी बड़ी घटना के बाद अफ़सोस जाहिर करने के सिवा हम कुछ नहीं...
    14 वर्ष पहले
  • ज़रा हट के-लाफ्टर के फटके
    तुम्हारे हुनरमंद टैलेंट की तारीफ़ करूँ या फिर उस निर्भीक की दिलेरी भरी जांबाजी की - *[image: kadahi] * *पति (खाना खाते वक्त पत्नी से):* वाह!…क्या टैलेंट दिया है तुमको ऊपरवाले ने..वाह…मज़ा आ गया *पत्नी(फूल कर कुप्पा होते हुए):* क्या हुआ?...
    15 वर्ष पहले
  • Bazm-E-Jagjit
    Dil Mein Ab Dard-E-Mohabbat Ke Sive Kuch Bhi Nahi. / दिल में अब दर्द-ए-मोहब्बत के सिवा कुछ भी नहीं, - दिल में अब दर्द-ए-मोहब्बत के सिवा कुछ भी नहीं, ज़िन्दगी मेरी इबादत के सिवा कुछ भी नहीं । मैं तेरी बारगह-ए-नाज़ में क्या पेश करूँ, मेरी झोली में मोहब्बत के सि...
    15 वर्ष पहले
  • कुन्दकुन्द कहान
    - ૧ 1 ૧ ૦૭-૦૬-૧૯૭૮ બુધવાર જ્યેષ્ઠ સુદ ૨વિ. સં. ૨૦૩૪ 1A ગુજરાતી સાંભળો ડાઉનલોડ ૨ 2 ૧ ૨ ૦૮-૦૬-૧૯૭૮ ગુરૂવાર જ્યેષ્ઠ સુદ ૩વિ. સં. ૨૦૩૪ 1A ગુજરાતી સાંભળો ડાઉનલોડ...
    15 वर्ष पहले
  • गांधीगिरी की नयी जमात
    छोड़ आये हम मेट्रो की वो गलियां..... - डी.टी.सी. की बसों और मेट्रों में क्या समानता है??? आप जरूर मन में ये सोच रहे होंगे के "भलेमानुष, अचानक तुम्हारे दिमाग को क्या हो गया जो डी.टी.सी. बस और म...
    15 वर्ष पहले
  • Whatever happens, always act once more
    -
    15 वर्ष पहले
  • aajtak yahantak
    बोले तू कौनसी बोली ? ७ - कुछ अरसा हुआ इस बात को...पूरानें मित्र परिवार के घर भोजन के लिए गए थे। उनके यहाँ पोहोंचते ही हमारा परिचय, वहाँ, पहले से ही मौजूद एक जोड़े से कराया गया। उसमे...
    15 वर्ष पहले
  • Dakshin Bharat
    पहले चोरी फिर सीनाजोरी - आजकल हमारे देश में अगर कुछ सौ करोड़ का घोटाला हो तो वह घटना समाचार के योग्य नहीं मानी जाती इसलिए जिनको सुर्खियों में आना है वे हजारों करोड़ के घोटाले से जुड़त...
    15 वर्ष पहले
  • ANIL KUMAR SHARMA
    कार्तिक पूर्णिमा - *कार्तिक पूर्णिमा* हिन्दू धर्म के १२ महीनो में कार्तिक का महिना सबसे श्रेष्ठ मना जाता है...
    15 वर्ष पहले
  • मग्गा बाबा का चिट्ठाश्रम
    भरी खोपडी मे कुछ नही समा सकता. - झेन फ़कीर बोकोजू एक पहाड की तलहटी मे टुटे फ़ूटे से झौपडे में रहते थे. वहां तक पहुंचना भी बडा दूभर था. पूरा पहाड चढ कर दूसरी तरफ़ की तलहटी मे उनका झौपडा था....
    15 वर्ष पहले
  • kavita
    उतारूँ कैसे? - इक बोझ-सा है मनमे, उतारूँ कैसे? कहने को बहुत कुछ है, कहूँ कैसे? वो अल्फाज़ कहाँसे लाऊं, जिन्हें तू सुने? वो गीत सुनाऊं कैसे, जो तूभी गाए? लिखा था कभी रेत पे...
    15 वर्ष पहले
  • हिन्दी ब्लॉग टिप्स
    ब्लॉगर पर नई सुविधा- लेबल क्लाउड (label cloud) - ब्लॉगर सेवा के दस साल पूरे होने के साथ ही चिट्ठाकारों को नई सौगातें मिलने का सिलसिला शुरू हो गया है। ब्लॉगर संचालित चिट्ठों पर लेबल क्लाउड की बहुप्रतीक्षित...
    15 वर्ष पहले
  • nanditta
    आजादी कैसी आजादी - खून सने गलियारे देखे भूखे लोगो को बहकाते नेताओ के भाषण देखे गंदी नजरो से बचने को अबलाओं के तन मन देखे धनवानों के गलियारों में भूखे नंगे बच्चे देखे ताकतवर है...
    15 वर्ष पहले
  • APNI BAT
    - आप सभी का इस ब्लाग में स्वागत है आशा करता हूँ कि आप सभी महानुभाव अपने महत्वपूर्ण विचारो से मेरा मार्गदर्शन करेगे तथा मेरा मनोबल बढायेगे
    15 वर्ष पहले
  • प्रयास
    चीनी हिन्दी - आज के अख़बार में पढ़ा कि चीन में अब हर साल दो सौ विद्यार्थी हिन्दी भाषा में ग्रैजुएट हो जाते हैं। और उससे बडी बात यह कि उनके इस हिन्दी के ज्ञान के कारण उ...
    16 वर्ष पहले
  • project work of LTI-1
    सौरव गांगुली - सौरव गांगुली का सन्यास ************************************************** भारतीय क्रिकेट को आक्रामकता के बिल्कुल नए और तीखे तेवर देने वाले पूर्व कप्तान ...
    16 वर्ष पहले
  • E Bazm...
    Main yeh soch kar us ke dar se uthaa tha - Main yeh soch kar us ke dar se uthaa tha Voh rok le gi mujh ko, mana le gi mujh ko Hawaaon mein lehraata aata tha daaman Ke daaman pakad kar bithaa le gi muj...
    18 वर्ष पहले
  • SHYAM 1950 shabd
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  • वटवृक्ष
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  • ब्लॉग जगत के लोकप्रिय ब्लोगर्स
    -
  • Nirjhar Times
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  • Botany world
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  • खामोश पहलू
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