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बुधवार, मार्च 27, 2013

होली का हुल्लड़ - २

होली का हुल्लड़ है, ज़रा हल्ले से निकले
जैसे भी निकले पर,धड़ल्ले से निकले
हम इश्क़ के ख़ादिम ज़रा बल्ले से निकले
रंगीन शब्दों के गुब्बारे, मेरे गल्ले से निकले
जो बनते थे अपने को गज़ब झल्ले से निकले
अब के जो चढ़ा है रंग, बनके छल्ले से निकले
जिन्होंने ये पोता है रंग लल्ले से निकले
होली के रंग, भंग, तरंग पल्ले से निकले
लाल रंग पींको का भर गल्लों से निकले
जम के रंग लगाओ कोई बच के ना निकले
होली है होली मनाओ धूम मचाओ...
बहुत बहुत शुभकामनायें

होली की ख़्वाहिशें ऐसी



अपने कुछ दोस्तों के लिए होली पर लिखी ग़ज़ल आपके सामने पेश कर रहा हूँ | उम्मीद करता हूँ आपको पसंद आएगी |

हजारों, ख़्वाहिशें, ऐसी,
के हर ख्वाइश पे,
रंग निकले,
वो बच निकले,
लेख प्यारे,
लेकिन,
बच कहाँ, निकले

निकलना, बच के,
पिचकारी, से मेरी
पारुल, शैली, सोचे थे
मगर, रंग डाला
जो मैंने, हाय
गुलाबी
होके वो निकले

होली में नहीं है
फर्क लड़के
और लड़की का
पकड़ रंग देता हूँ
मैं हरा, जहाँ नेहा,
सचिन, दिव्या, विनय
मिल जाएँ

हजारों, ख्वाइशें, ऐसी,
के हर ख्वाइश पे,
रंग निकले,
वो बच निकले,
अभीलेख प्यारे,
लेकिन,
बच कहाँ निकले

चंदा के वास्ते
लाया हूँ पीला
नीला, रचना के
सुर्ख टेटी के
बैंगनी, प्रीती
के लिए

समीर, विष्णु,
को रंग दूं नारंगी
सोचे बैठा हूँ,
मैं भूरा, मृदुला दी
को रंगून
ये कब से सोचे बैठा हूँ

हजारों, ख्वाइशें, ऐसी,
के हर ख्वाइश पे,
रंग निकले,
वो बच निकले,
ऋतुराज प्यारे,
लेकिन,
बच कहाँ निकले

सुनहरा, ख़ाकी, भूरा
सफ़ेद, मैरून, सलेटी
कत्थई, चमकीला रंग दूं
सभी से
खेलूं मैं होली
सभी दोस्तों से
है गुज़ारिश,
‘निर्जन’ बस इतनी
जो खेलें
होली हम मिल के
दिल भी अपने
मिल जाएँ
जहाँ भी रहे
हम दुनिया में
याद, एक दूजे को आयें

हजारों, ख्वाइशें, ऐसी,
के हर ख्वाइश पे,
रंग निकले.....
बहुत निकले मेरे अरमान 
लेकिन रंगीन ही निकले 
हजारों, ख्वाइशें, ऐसी,
के हर ख्वाइश पे,
रंग निकले.....

बुधवार, मार्च 13, 2013

जी क्यों है

कोई ये कैसे बताये, के ये 'जी' क्यों है 
वो जो अपने हैं, वही 'जी' 'जी' करते क्यों है 
यही बातें हैं,  तो फिर बातों में, 'जी' 'जी' क्यों है 
यही होता है तो, आखिर ये, 'जी' होता क्यों है 

एक ज़रा बात बढ़ा दे, तो समझ लें 'जी' को 
उसकी बातों से समझ जायेंगे, हम भी 'जी' को 
इतनी फुर्सत में हैं, समझा तो ज़रा, तू 'जी' को 

शब्द-ए-बर्बाद से,  वाबस्ता है अब तक कोई 
उम्र-ए-दर्द दिया करता है, अब तक वोई  
शब्द जो भूल गए, फिर से सुनाता क्यों है

दिल-ए-उल्फत कहो, या कहो, अफ़सुर्दा
कहते हैं 'जी' का ये रिश्ता है, कसक का रिश्ता 
है कसक का, जो ये रिश्ता, भला कहते क्यों है ...... 

वाबस्ता - get stuck/attached
उल्फत - love
अफ़सुर्दा - sad/sorry/dismal/withering

शनिवार, मार्च 09, 2013

होली की उमंग

बसंती फागुनी बयार
प्यार सबको अपार
सजा होली का त्यौहार
मधुमास है आया
मस्ती साथ में लाया
रंगो का त्यौहार
बढे मिलन और प्यार
झूमने वाला है आलम
याद आवत है बालम
रंगो से सजा तन
बौराया हिवड़ा उपवन
मंत्रमुग्ध देह
विचलित स्नेह 
पकवानों की खुशबु
थल्ली हो रु-बा-रु
होली मौका है यार
मिठाई पेल बारम्बार
चटपटे स्नैक्स
सरकारी टैक्स
प्यालों में जाम
बच्चों के एग्जाम
ठंडाई भंग संग  
मस्त चढ़े रंग
इन्द्रधनुषी पेय
आनंद और तरंग
स्वाद के संग
होली की उमंग...

गुरुवार, मार्च 07, 2013

सलाह पार्लर

पोथी पढ़ के जग मुआ, पंडत भया न कोय
इस कलयुगी दौर में, सबरे पंडत होय

सबरे पंडत होय, बैठे तख्ते ताउस पर
करके ऊँची नाक, सिकोड़े भौहें जीवन भर

दिग्गज हैं सरनाम, तुनकते रहते पल पल
दूजे को खुश देख, कलपते रहते जल जल

कलपते रहते जल जल, खून फुकावत हैं अपना
जलन, इर्ष्या, अभिमान, द्वेष, है इनका सपना  

सलाह पार्लर ऑन रहे, होत नहीं कछु काम
'निर्जन' तुमसे कहत रहे, दूर ही से करो प्रणाम

दूर ही से करो प्रणाम, खाते है सबका ये सर
बांचे हर पल प्रस्तावना, करके बकर बकर

मिलत है ऐसे हर जगह, बैठे मुंह बिचकाए
जिसको जितनी चाहियें, सलाह मुफ्त ले जाये

सलाह मुफ्त ले जाये, बात इनकी जो मानी
लंका तुम्हरी लग जाएगी, भरोगे लाला तुम पानी

सुबह हो या शाम, बैठे मिलते दर दर पर
झुण्ड बनाये यारों का, पीटते मॉडर्न चौपड़

पीटते मॉडर्न चौपड़, फांकते रहते गुटके
गट्कें चाय और पान, दिखाते लटके झटके

दिखाते लटके झटके, खाते हैं सबके कान
दूजा जो मेहनत करे, छोड़ें उस पर बान

छोड़ें उस पर बान, बाज़ ये कभी न आते
मोहल्ले में बदनाम, काम कछु इन्हें न भाते

शकुनी मामा कहत रहे, हैं ऐसे लोग महान
भिगो शब्दों से मारिये, बस रहिये सावधान

बस रहिये सावधान, वार पलट कर देंगे
होली है आई पास, बदला यह भी लेंगे

हो जाओ सतर्क, कमर कस लो अब भैया
शब्दों के गुब्बारे चलेंगे, दे दबा दब दैया

दे दबा दब दैया, उठा लो पतवार खेवैया
रंगीन शब्द जल में, तैराओ अपनी नैया

मंगलवार, मार्च 05, 2013

आप, तुम और तू

सुन्दर मनभावन मुख माला
श्यामल श्यामली बाला
मायावी मोहित रंगशाला
लोचन मृगनयनी हाला
अधर मृद मधुशाला
दिव्य व्यक्तित्व मतवाला
कहती हम कहते "तुम", तुम को
क्यों कहते तुम "आप", हो हमको
हम कहते ये आदत अपनी
आप बिगड़ती हैं क्यों इतनी
"आप" शब्द में है अपनापन
"तुम" बेचारा है पानी कम
आप में "आ" से "आना" है
"प" से "पास" बुलाना है
तुम संधि पर जायेंगे
सच सामने पाएंगे
तुम का "तु" कहता तुनक कर
"म" मिजाज़ है खड़ा अकड़कर
तुम अनजाना ही लगता है
और बेगाना भी दिखता है
दिल पर अपने न चढ़ता है
जब दो दिल बतियाएंगे
शब्द दो ही फरमाएंगे
या वो "आप" बुलाएँगे
या "तू" कहकर जतलायेंगे
विचार आपने दिया हमें
शायद वर्णन सही जमें
अपनी राय फरमाइए
आप, तुम और तू का
अंतर बतलाइए

सोमवार, मार्च 04, 2013

नई सरकार बनायेंगे

बजट है देखो आया
पब्लिक का बैंड बजाया
जब पांच लाख हो कमाई
दो हज़ार की छूट है पाई
जो एक करोड़ कमाया
१० परसेंट सरचार्ज लगाया
तेल में आग लगाई
सरकार ये बाज़ न आई
गाड़ियाँ कर दीं महंगी
अब पैदल घूमेंगे क्या जी
एग्रीकल्चर के नाम पर
कुछ ही परसेंट बढ़ाये
डायरेक्ट टैक्स कोड के
बिल इंट्रोडयूस कराये
लेडीज का बैंक खुलेगा
नया डेवलपमेंट दिखेगा
करोड़ों का फण्ड बनाया
निर्भया प्रति प्यार जताया
ड्यूटी फ्री गोल्ड कराया
माशूका के दिल को भाया
एक्साइज रेट बढाया
तम्बाकू में आग लगाया
चिमनी अब तो सुधरेंगे
और नहीं बिगड़ेंगे
खाने पर बढ़ गए पैसे
मियां रेस्तरां जाओगे कैसे
एंटरटेनमेंट रूचि दिखाया
ऍफ़ एम्म स्टेशन बढ़वाया
डीजीटाईजेशन के दौर मैं
सेट टॉप बॉक्स मेहंगाया
फाइनेंस मिनिस्टर बौराया
बकवास बजट है लाया
और भी ना जाने क्या
अगड़म बगड़म फ़रमाया
जनता है रोती धोती
इनके कान पे जूं न होती
बजट को मारो गोली
आई अब पास है होली
कांग्रेस को जलाएंगे
होली खूब मनाएंगे
बजट, इन्सान, बस्ता
सबका हाल है खस्ता
अब हम आवाज़ उठाएंगे
जनता को जगायेंगे
देश को बचायेंगे
नई सरकार बनायेंगे...

शनिवार, फ़रवरी 16, 2013

जो फ़ोल्लोवेर मिल जाएँ

ब्लॉग मेरा भी देखकर, ऐसा स्नेह बरसाएँ 
लेखन सफल हो जायेगा, जो फ़ोल्लोवेर मिल जाएँ
जो फोल्लोवेर मिल जाएँ, सोचता रहता है 'निर्जन'
करता इंतज़ार, कब आयेंगे श्रोतागण

लो श्रोता भी आ गए, चक्कर काटें रोज़
सूना फिर भी पेज है, बिन मीठे का भोज
बिन मीठे का भोज, बता देता है 'निर्जन'
आए तो टिपण्णी करें, जो बन जाये बंधन 

प्रेम आपका देख, लिख डालीं कविताएँ
अब आगे क्या और कहूँ, मन में हैं दुविधाएँ 
मन में हैं दुविधाएँ, लिखता रहता है 'निर्जन'
बस खुश हो जाएँ, मिले सबसे अपना मन

ब्लॉग प्रमोशन हेतु ही, फेसबुक पेज बनाए
कुछ मित्र नए हैं ऐड किये, के अनुकम्पा मिल जाए
के अनुकम्पा मिल जाए, विनती करता है 'निर्जन'
ब्लॉग पसंद जो आए, लाइक भी कीजिए रघुनन्दन

जन मानस दिल पैठ को, अग्रीगेटर जाएँ
अनगिनत अग्रीगेटर पर, ब्लॉग रजिस्टर करवाएँ
ब्लॉग रजिस्टर करवाएँ, दिखता भी है 'निर्जन'
ब्लॉग जाग्रति हेतु ही, बैज चिपकाते है त्रिभुवन

सर्च इंजन सबमिशन है, सबसे ज़रूरी काम
चलाना है ब्लॉग अगर, और कमाना है नाम
और कमाना है नाम, जुगाड़ करता है 'निर्जन'
नित नए विजेट और कोड, अपडेट करता है हर पल

गूगल सर्किल से जोड़ कर, मेसेज करने का रूल
पढ़वाकर अपनी पोस्ट को, प्रशंसा करो वसूल
प्रशंसा करो वसूल, यही तरीका है 'निर्जन'
जो न माने प्यार से, पढ़वाओ जबरन

लिखते हो गर आप भी, ना आएगा काम
पोएम, स्टोरी, आर्टिकल, सब है एक सामान
सब है एक सामान, पते की बात है 'निर्जन'
बेचना है गर मॉल, मार्केटिंग चलेगी स्पेशल

सुनकर गुरुजन वाणी को, फ़ैसला 'निर्जन' लेत
कर्म सदा तू किये जा, मत तू हिम्मत टेक
मत तू हिम्मत टेक, पायेगा तू भी सफ़लता
होगी वाहवाही, भाग जाएगी विफ़लता

गुरुवार, जनवरी 10, 2013

गुलगुले जन्म दिवस की शुभकामनायें

आज जीवन का एक और आनंदमय दिवस बीता | छोटी बेटी जिसे मैं अक्सर गुलगुला, गोलू राम, बम का गोला, जिआन, लालाजी सरीखी उपमाओं से संबोधित कर प्रेमपूर्वक सहज भाव से पुकारता रहता हूँ और वो हंसती और खिलखिलाती, शरारत करती मस्त होकर गजराज की भांति आकर मुझसे लिपट जाया करती है | जी हाँ आज मेमसाब का जन्म दिवस है | ९ जनवरी, ऐसा लगता है के मानो अभी तो छोटी सी वो आई थी मेरी गोद में और आज इतनी बड़ी की भी हो गई  | सुबह से बहुत ही खुश थी | खूब उछल कूद मचा रही थी | हर तरफ़ा धमाचौकड़ी  | मानो आज हाथी की लाटरी लग गई हो |
"आज मेरा हैप्पी बर्थडे है न! हैप्पी बर्थडे टू श्रेया" कहती खुद ही इधर उधर शैतानी करती कूद काद रही थी | जी 'श्रेया' नाम है उसका | आप सोचते होंगे के ये क्या, अजी तो बताये देता हूँ के आज उसने अपने जीवन के ३ वर्ष हर्षोल्लास के साथ सम्पूर्ण किये | सुबह से उसके चेहरे के वो मुस्कान और खिलखिलाहट देखने लायक थी | सुबह से नया सिला हुआ फ्रॉक पहन कर इतरा रही भवरे की भांति गुंजन करती, मुझे और घर के दुसरे सदस्यों को बताती, इठलाती-इतराती मटक रही थी मानो कोई खज़ाना हाथ आया हो | मेरी बड़ी बिटिया के साथ मिलकर न जाने क्या क्या खिचड़ी पका रही थी | हालाँकि वो श्रेया से सिर्फ १ वर्ष बड़ी है पर फिर भी वो ऐसे बर्ताव करती है जैसे न जाने कितनी बड़ी है |
 "श्रेया आज तुम्हारा हैप्पी बर्थडे है | आज तुम्हे केक मिलेगा और गिफ्ट भी | आज शाम को पिज़्ज़ा पार्टी होगी | पापा पिज़्ज़ा लायेंगे | पापा ने बहुत अच्छा डोरेमोन और जिआन वाला केक बनवाया है तुम्हारे लिए | तुम अपना होमवर्क जल्दी से फिनिश कर लो फिर पार्टी होगी पार्टी |"
उत्तर आता है "नहीं आज होमवर्क नहीं करना | कल करुँगी प्रॉमिस | आज तो मेरा बर्थडे है आज हॉलिडे है | होमवर्क का टाइम नहीं है अभी | आजा 'सिद्धि' बहन खेलते हैं |"
बस आज सुबह से यही सब देखदेख कर और सुन सुन कर दिल ख़ुशी के मारे फूला नहीं समां रहा था | दोनों के लिए दिल से दुआएं निकल रही थी के दोनों का प्यार सदैव ऐसे ही बरक़रार रहे | किसी की नज़र न लगे | दोनों की नज़र उतरने का दिल कर रहा था और बालाएं लेने का भी | तो साब इस सब कौतुहल के साथ शाम ने कदम रखा और जी आ गया मेमसाब का केक और होम मेड पिज़्ज़ा का सारा सामान | मैंने घर के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर थोड़ी बहुत सजावट भी की | थोड़े से गुब्बारे और कुछ साजो-सज्जा का सामान सजाया गया | बस हम घर के ही सदस्य थे तो फटाफट टेबल सजा कर केक लाकर रख दिया | कुछ फोटो शोटो भी खींच डाले गए | पर वहां तो जल्दी मच रही थी की केक कब खाने को मिलेगा | जब केक काटने का समय आया तो भोलूराम का मन नहीं माना, जितने मैं मोमबत्तियां लगता उतने में तो श्री गणेश भी हो गया | हाँ जी वो आई और झट से एक ऊँगली लगा कर चख लिया केक को | उसका उतावलापन देख इतनी ज़ोर के हंसी आई के पूछो मत | ज़रा सा गुस्सा भी आया क्योंकि अभी तक केक का फोटो तो लिया ही नहीं था | फिर मैंने सोचा के चलो कोई नहीं नज़र का टीका लग गया केक को | अब अच्छे से होगा सब | तो हुज़ूर मोमबत्तियां लग गईं, छुरी थमा दी गई हाथों में और शमा बुझाने को कहा था तो मोटूराम की तो हवा ही निकल गई | दरअसल वो 'मैजिक कैंडल्स' थीं | आप बुझाते रहिये और वो बुझने का नाम भी नहीं लेंगी |
मेरी ओर देख कर बड़े मासूम अंदाज़ में वो तुरंत बोलीं "यह गन्दी कैंडल है, केक कब खाने को मिलेगा" | बस फिर क्या था, आनन फानन तुरंत केक कटवाया गया और हाज़िर कर दिया गया प्लेट में सजा कर | अभी केक खत्म भी न हो पाया था, फरमाइश आई
"अरे मेरा पिज़्ज़ा कहाँ है, अभी वो भी तो खाना है | जल्दी करो न | वो कब बनेगा ? |" हँसते हँसते लोटपोट होते हुए मैंने कहा, "अरे पहले यह तो फिनिश करो | पिज़्ज़ा भी आ रहा है पहले केक तो खा लो |"
फिर साब क्या था डिनर में पिज़्ज़ा परोसा गया और इस तरह आज का दिन संपन्न हुआ |
बस मेरी दुआ इतनी सी ही है के ऐसे ही हँसते-गाते  खेलत-कूदते ज़िन्दगी के सभी दिन बीत जाएँ तो ज़िन्दगी का सफ़र कैसे कट जायेगा पता भी नहीं चलेगा | भगवन हम सभी पर ऐसे ही अपनी कृपा बनाये रखें और अपना आशीर्वाद देते रहें यही मनोकामना है प्रभु से |
हैप्पी बर्थडे टू यू गोलू, मेरा आज का दिन और जीवन का हर एक दिन सुन्दर बनाने के लिए बहुत बहुत लाड़, प्यार और ढेरों आशीर्वाद | मेरी दो छोटी छोटी गुड़ियाँ, चिडकली, मनभावनी, मनमोहिनी, परियां सदा ऐसे ही चहकती रहो, खिलखिलाती रही, मुस्कुराती रहो और मुझे गुदगुदाती रहो |
बहुत बहुत बहुत ढेरों-मटेरों सारा प्यार और आशीर्वाद |





















राष्ट्र भाषा "हिंदी"

लो जी आज फिर से नींद ग़ाफूर हो गई है आँखों से | अभी अभी बिग बॉस देख कर बैठा था | सोचा क्या करूँ तो पुरानी स्कूल वाली डाईरी खंगालने लग गया | सोचा कुछ तो ऐसा होगा जो मज़ेदार हाथ लगेगा और मैं उससे ब्लॉग पर पोस्ट कर दूंगा | तो ये एक कविता सामने आई | पढ़कर लगा के आजकल के माहौल के मुताबिक सटीक बैठेगी | सो आपके सम्मुख प्रस्तुत है पढ़ें, आनंद लें और बताएं के कैसी लगी?

लाड़ेज़ और जेंटलमैन
इंडिया एक बहुत बड़ी कंट्री है
इसमें मैनी लैंग्वेज बोलने वाले लोग हैं
हम सब इंडिया के सिटीजन हैं
हिंदी हमारी मदर लैंग्वेज है
इसलिए हिंदी बोलना कंपल्सरी है
एंड हिंदी लिखना नेसेसरी है
पर आज की यंग जनरेशन
हिंदी बोलने और लिखने में शर्म फील करती है
जब भी अपना माउथ खोलती है
इंग्लिश में ही बोलती है
किसी पर्सन की पर्सनेलिटी को
अन्ग्रेज़ीअत में तोलते हैं
लेकिन हिंदी के इम्प्रूवमेंट के लिए
हमें डेली लाइफ में उसे करनी है हिंदी
हमें हिंदी को वर्ल्ड वाइड पहुँचाना है
हिंदी में इंग्लिश मिलाकर
उसका मिक्सचर मीन्स हिंगलिश नहीं बनाना है
दैन ओनली भारत माता के
ड्रीम होंगे सच एंड हमारी
मदर लैंग्वेज हिंदी की होगी इज्ज़त...

गुरुवार, दिसंबर 27, 2012

शर्मा से शर्मना नहीं

परीक्षा में नक़ल करते एक छात्र को
अध्यापक ने पकड़ा
हाथों में जकड़ा
फिर घुर्रा कर कहा
बदमाश नकल करता है
शर्म नहीं आती
पढाई के वक्त मरता है
हाथों से कापी ली झपट
लिखने लग गए रपट
छात्र ने पहले अपना नाम
फिर अपने पिताजी का नाम
बतलाया
अध्यापक चूँकि था शर्मा
इसलिए
पीछे शर्मा लगाया
शर्मा सुनकर
पहले अध्यापक घबराये
फिर
मुस्कराए और बोले
अरे तो तुम्ही हो
उन शर्माजी के लाल
जिनके हैं
दो कारखाने
तीन फक्ट्रियां
और
चार हैं निजी अस्पताल
तुमने मुझे
पहले क्यों नहीं बताया
माफ़ी चाहूँगा बहुत
समय गंवाया
लो बेटा किये जाओ नक़ल
अब न दूँगा मैं कोई दखल
कुछ चाहियें तो बतला देना
हिचकिचाना नहीं
शर्मा होकर
शर्मा से शर्मना नहीं...


रविवार, दिसंबर 16, 2012

The Art of Bunking











From the curstal of my yester years i came across this article which i feel every student will like. It describes the art of bunking the classes, school, college and that each and every place where kids don't find things that can catch their attention and bound their hearts to follow the applied rules. They just like to bunk from that place and enjoy their life to its fullest. So here comes the article :

Suffering under the yoke of dictatorship of the teachers and the unbearable educational policy of the Indian Government, the students have little or no option but to 'Bunk'. This is an art which is developed only in the courageous minds with strong will power. 


History

It is generall believed that bunking startedin abot 3000 B.C. with man learning how to count on an ABACUS. In later years, with innovations, inventions and technological know-how, it became more and more popular and spread throughout the world. Recently, it covered the small but prestigious school like mine 'Vidhyapeeth'. It even made headlines in the 'ASYLUM TIMES - BUNKING STRIKES VIDHYAPEETH'.

Conditions

  1. Teacher present in class.
  2. Period si educational. 
  3. Full knowledge of class conditions to bunker. 
  4. There should be ready made excuses.
  5. Excuses should be convincing
Advantages
  1. Pressure on desks and chairs i.e. school property is reduced.
  2. Tension of teachers is reduced.
  3. Bunking is economical - Paper and other stationary is saved thus the national income is increased.
  4. A healthy approach - As students remain fresh and always on the move. 
  5. Promotes friendship and fraternity among those who bunk or want to bunk. 
Disadvantages
  1. None
  2. Can't think of any
  3. I don't know
  4. None, What-so-ever
At this moment I am bunking my class to write this article. If you want consultation on this topic or have any problems, contact - 

I, Me, Myself a.k.a Johny Bhai
A.B - Artium Bunking
Bu. D - Doctor of Bunking
MBA - Masters of Bunking Association
MBBS - Member of Bureau of Bunking Students

बुधवार, अक्तूबर 31, 2012

A Thought

I unbutton you, kiss by kiss.
I untie you, touch by touch.
I unzip you, rib by rib.

- I unfasten you, moment by moment.

Hopeless Romantic

You are watching,
A Romantic movie.

You always knows the kind,
Boy meets Girl,
Girl meets Boy,
Both fall for each other,
Sing around trees,
On daily transport,
Pass all difficulties,
Token break up,
Heart-warming reunion.

The warm, fuzzy feeling
Prevades for hours,
Until you actually feel and think
That.

Actually Love,
Is NEVER like that,
Atleast Not in real life,
It's stylized,
Larger than life,
Obviously a work of fiction,
The cross country road trip,
Would never lead to her
In the end.

You won't bump into each other,
You won't get on the same bus,
You won't get in the same auto,
You won't live in the same colony,
You won't sing and dance on the same road,
You won't repeat the same dialogues in life.

But, then you still sit on your,
Bed, Chair, Sofa or,
In a Theatre,
All Alone,
Wishing,
Hoping,
That it would happen,
To you someday.

-------------------------------------------------------

You are watching,
A Romantic movie.

You always knows the kind,
Boy meets Girl,
Girl meets Boy,
Both fall for each other,
Sing around trees,
On daily transport,
Pass all difficulties,
Token break up,
Heart-warming reunion.

The warm, fuzzy feeling,
Prevades for hours,
Until you actually feel,
And think That.

You snuggle up to your,
Girlfriend, Boyfriend,
Partner or whatever,
And see it’s obviously a work,
Of fiction.

However,
You don’t care.

You share an ‘awwww’ moment,
Maybe a kiss or two,
And then start thinking,
About something else too.

Because you don’t see them,
Wishing it was you.

You look at them,
And see yourself,
And your love.

Because it has happened to you
To a certain extent.


-------------------------------------------------------

You wonder,
Whether these thoughts
Are True,
Whether your 'red italics'
Wishes were correct.

Whether your theory,
will be proved,
Or disproved,
In spectacular style.

Does love in the movies,
Exist,
In the minds of the lovers?

Or is it still just,
A Hopeful Dream,
Of a Hopeless Romantic?

गुरुवार, अगस्त 30, 2012

For Me Love is ....


Love is Aroused
Love is Adoration
Love is Avid
Love is Adult
Love is Autoerotic
Love is Antiseptic
Love is Beautiful
Love is Blue
Love is Care
Love is Caress
Love is Coquettish
Love is Captivating

Love is 'Deep'
Love is Desire

Love is Dare
Love is Eternal
Love is Erotic
Love is Excite
Love is Fondle
Love is Flirtatious
Love is Forever
Love is Gamey
Love is Gold
Love is Gamy
Love is Hot
Love is Horny
Love is Highly Sexed
Love is Happiness
Love is Hunger
Love is Intimate
Love is Infected
Love is Immature
Love is Irreplaceable
Love is Joined
Love is Jazz
Love is Juicy
Love is Kept
Love is Kisses
Love is Lascivious
Love is Lustre
Love is Lustful
Love is Lubricious
Love is Leering
Love is Leering
Love is Lecherous
Love is Luscious
Love is Lewd
Love is Libidinous
Love is Magical
Love is Mature
Love is Natural
Love is Naughty
Love is Nude
Love is Overpowering
Love is Oversexed
Love is Open
Love is Orgiastic
Love is Precious
Love is Prurient
Love is Penetration
Love is Pornographic
Love is Purple
Love is Predicate
Love is Provocative
Love is Quaint
Love is Quiet
Love is Quirky
Love is Quiver
Love is Rare
Love is Racy
Love is Ruttish
Love is Randy
Love is Red Hot
Love is Raunchy
Love is Risque
Love is Stroke
Love is Satisfaction
Love is Sin
Love is Sexual
Love is Salacious
Love is Septic
Love is Spicy
Love is Sexy
Love is Sexed
Love is Steamy
Love is Shared
Love is Starve
Love is Truth
Love is Toothsome
Love is Titillating
Love is Thirst
Love is Unconditional
Love is Unify
Love is Undying
Love is Undress
Love is Upbeat
Love is Understanding
Love is Valued
Love is Valentine
Love is Vixon
Love is Voluptuous
Love is Vivacious
Love is Wind
Love is Want
Love is Warmth
Love is XXXXXX
Love is Yours
Love is Young
Love is Yearning
Love is Zealous
Love is Zatch
Love is Zazzy
Love is Zonked
Love is Zappy
Love is Zany
Love is Zesty